डायबिटीज यदि व्यक्ति को एक बार हो जाये तो जीवनभर रहती है। परन्तु खास आर्युवेदिक चूर्ण से शुरूआती डायबिटीज को आसानी से नियंत्रण कर जड़ से मिटाया जा सकता है। और डायबिटीज ग्र्रसित व्यक्ति भी शुगर लेवल को नियंत्रण में रख कर आसानी से स्वस्थ महसूस कर सकता है।
डायबिटीज मरीजों के लिए बाजार में दवाईयों का बड़ा बाजार उपलब्ध है। दवाईयां, चूर्ण, सिरप, इंजेक्शन काफी महंगे दामों में बेचे जाते हैं। लगभग 35 प्रतिशत शुगर मरीज ही उत्तम चूर्ण दवाईयों लाभ ले पाते हैं। परन्तु व्यक्ति घर पर ही आसानी से शुगर नियंत्रक चूर्ण तैयार कर सकता है। जोकि काफी कारगर सिद्ध है। चूर्ण सामग्री आसानी से पंसारी की दुकान में उपलब्ध होती हैं।
डायबिटीज मरीज के लिए खास प्राचीन वैद्य ऋषि चूर्ण / Diabetes Churna Vidhi
डायबिटीज बैद्य चूर्ण विधि
- 150 ग्राम जामुन गुठली
- 40 ग्राम विजयसार पेड़ की छाल
- 70 ग्राम करेला बिना बीज वाले
- 40 ग्राम मेथी दाना
- 20 ग्राम नींम
- 30 ग्राम त्रिफला
- 20 ग्राम दालचीनी
- 30 ग्राम गिलोय
कुल 400 ग्राम
चूर्ण तैयार विधि
उपरोक्त 8 सूखी चीजों को औखली में बारीक पीसकर चूर्ण बना लें। फिर कांच शीशी में रखकर लगभग एक बार 3-4 घण्टे धूप देकर छांव में रख दें। रोज सुबह खाली पेट चूर्ण गर्म पानी के साथ सेवन करें। चुटकीभर चूर्ण गर्म पानी में 5-6 मिनट के लिए मिलाकर छोड दें। फिर गुनगुना ठंड़ा होने पर पीयें। आर्युवेद में डायबिटीज मरीज के लिए यह वैद्य ऋषि चूर्ण अमृत औषधि की तरह है।
शुरूआती डायबिटीज को जड़ से मिटाने का उत्तम माध्यम है। और जो व्यक्ति डायबिटीज ग्रसित हैं। उनके लिए किसी जीवनदायनी औषधि से कम नहीं है। यह चूर्ण शर्करा लेवल को नियंत्रण में रखने का खास प्राचीन वैद्य ऋषि चूर्ण है। शुगर चूर्ण बाजार में काफी महंगें दामों में मिलता है। परन्तु व्यक्ति खुद घर पर ही खास शुगर वैद्य ऋषि चूर्ण कम दाम के साथ अच्छी गुणवत्ता पर तैयार कर सकता है।