बालों का झड़ने का कारण व नेचुरल उपाय Natural Solutions for Hair Loss in Hindi Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi बालों का झड़ने का कारण व नेचुरल उपाय Natural Solutions for Hair Loss in Hindi - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

बालों का झड़ने का कारण व नेचुरल उपाय Natural Solutions for Hair Loss in Hindi

गंजापन एवं बालों की टूटने-झड़ने की समस्या आज विश्वभर में लगभग एक तिहाई है। लगभग हर व्यक्ति बालों की समस्या से परेशान है। बाल गिरने की समस्या दिन प्रतिदन बढ़ती जा रही है। यह एक आम समस्या बन कर रह गई है। बालों के टूटने, झड़ने एवं बालों की समस्या खास तौर पर खान-पान, दिनचर्या, सेहत स्वास्थ्य, तरह-तरह कैमिक्लयुक्त सौन्दर्य हेयर केयर तेल, लोशन, रंग, शैम्पू कफी हद बालों पर इस्तेमाल जिम्मेवार माना गया है। औसतन प्रति व्यक्ति के सिर में लगभग 2 लाख तक बाल होते हैं। पूर्ण रूप से स्वस्थ मजबूत सुन्दर बालों का सिर पर होना एक व्यक्तित्व का हिस्सा है। जोकि समाज में अलग ही नजरों से देखा जाता है। स्वस्थ मजबूत सुन्दर बाल एक तरह से सौन्दर्य का हिस्सा है। जानिए बालों के बारे में खास जरूरी बाते।

बालों का झड़ने का कारण व नेचुरल उपाय / Natural Solutions for Hair Loss in Hindi / Baal Jhadne ke Karan aur Upay


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बालों के टूटने झड़ने के कारण 
  • आनुवांशिकता बालों का समय से पहले टूटना व झड़ना एक कारण है। आपने ध्यान दिया होगा कि परिवार में बाल उसी तरह से झड़ते हैं जैसे कि पूर्वजों के दादा -पिता-बेटा के बाल झड़ने का शिलशिला। या फिर आपने ध्यान दिया होगा कि सिर का एक तरफ से बालों का गिरना, गंजापन होना, बालों का उगने का अलग तरीका, इस तरह के बालों की समस्या को आनुवांशिक हेयर लॉस कहते हैं।
  •  हार्मोन असन्तुलन से भी बाल झड़ते हैं, शरीर में 230 हार्मोनस होते हैं जोकि शरीर की अलग अलग कार्यो को नियंत्रण में करते हैं जिससे मेटाबालिजम सतुलन में रहता है। शरीर विना किसी काम से थकना, चिड़चिड़ापन होना, त्वचा शुष्क होना इत्यादि हार्मोन असन्तुलन की पहचान है। जिससे शीध्र बालों का झड़ना टूटना शुरू हो जाता है। हार्मोनस असन्तुलन बालों की समस्याओं का मुख्य कारण है।
  • बालों को भी सभी प्रकार के प्रोटीन, मिनरलस व विटामिनस की आवश्यकता होती है। असन्तुलित पौषक त्वच आहार लेने से भी बालों का टूटना व झड़ना पाया जाता है।
  • दिनचर्या के साथ साथ बालों की देखभाल सही तरह से नहीं करना, धूल मिट्टी के कणों का बालों की जड़ो में जमना, अलग-अलग तरह के तेल व शैम्पू इस्तेमाल करना, रात को दूर तक जागना, धूप में ज्यदा दौड़ भाग करना, बालों को रंगने के लिए कैमिकल कलरों का इस्तेमाल करना। इस तरह से भी बोलों का टूटना झड़ना एक मुख्य कारण है।
  • टेलोजन नामक बीमारी के कारण बाल झड़ते हैं, यह बाल झड़ने की बीमारी पेन-किलर दवाईयां खाने से, लम्बे समय से दवाईयां सेवन करने से, शरीर सर्जरी - विकार से, या महिलाओं को गर्भावस्था के कारण होती है। टेलोजन में शरीर का अचानक वजन शरीर का बजन बढ़ जाता है, या अचानक वजन घट जाता है। साईट इफेक्टस के कारणों से बालों टूटना व झड़ना शुरू हो जाता है और बालों की समस्या बरकरार रहती है।

बालों को झड़ने टूटने से रोकने के उपाय 
बाजार में मौजूद बालों को टूटने झड़ने से रोकने के लिए तेल, शैम्पू, लोशन, इवाईयां मौजूद हैं। ज्यादातर हानिकारक कैमिकलों से बनाई जाती हैं जोकि बालों को तो ठीक नहीं कर पाती, उपर से त्वचा सम्बन्धित बीमारियां दे जाती है। बालों को टूटने झड़ने का सबसे बढि़या प्राकृतिक उपाय है जोकि खाद्य पदार्थों में है। रासायनिकों से बने हेयर प्रसाधनों से बचें, और प्राकृतिक खाद्य सामग्री का उपयोग करें जिनसे बाल ही नहीं अपितु शरीर भी स्वस्थ व सुन्दर निरोग रहेगा। 
  • आहार में सलाद, हरी सब्जियां, फल व अंकुरित अन्न जैसे चना, मूंगी दाल का अंकुरित कर सेवन करें। सोयाबीन, राजमा, अदरक, टमाटर, पालक, अंकुरित दालें व प्याज का सेवन करने से बालों की जड़ों को अन्दर से फाॅलिकस मजबूत करती है। क्योंकि इससे प्रोटीन, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, और आयरन प्रचुर मात्रा में मिलता है।
  • सोयाबीन, राजमा, अदरक, टमाटर, पालक, प्याज व अंकुरित दालें खानें से बालों को किसी प्रकार की कोस्मेटिक हेयर लॉस दवाईयों की जरूरत नहीं पड़ेगी। रिच फूड्स बालों को जड़ से पौषण पहुंचाने में सहायक है।
  • बालों की बढ़ोतरी के लिए प्रोटीन अति आवश्यक है। भारत में बाल झड़ने का आंकड़ा ज्यादा है क्योंकि भारत में आहार सन्तुलित प्रोटीन युक्त कम होता है। लोग ज्यदातर रूटीन खना ही खाते हैं, जैसे कि दाल रोटी, चावल रोटी, दाल ज्यादा खाया जाता है। और दाल पतली होती है। दाल खाना बनाते समय प्रति व्यक्ति के हिसाब ले पकानी चाहिए और रोटी आटा में सोयाबीन पाउडर मिलना चाहिए। और प्रोटीन के लिए नाश्ते में दूध, सोयाबीन पदार्थ, अंकुरित दालें, फल, अण्डा लेना चाहिए। इनमें प्रोटीन प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। यदि आहार सेवन सही ठंग से होगा तो आप बालों को टूटने और झड़ने से आसानी से रोक सकते हैं।
  • बालों को रीठा पाउडर व आंवला रस के मिश्रण से सप्ताह में दो बार धोने से बाल चमकदार काले और घने हो जाते हैं। बालों पर कैमिकल युक्त बने शैम्पू का प्रयोग न करें। बालों को बार-बार धोने से बचना चाहिए। अकसर लोग विज्ञापनों से प्रभावित होकर बालों की सुन्दरता के लिए कैमिकल युक्त दवाओं का प्रयोग करते हैं। जोकि नुकसानदेय है।
  • शैम्पू, कंडीशनर एक ही रखें, बार-बार अलग-अलग कम्पनियां का प्रोडक्स इस्तेमाल ना करें, क्योंकि अलग अलग कम्पनियों के शैम्पू, कंडीशनर में सामग्री मात्रा अलग अलग होती है। जोकि हानिकारक है। स्वस्थ बालों के लिए अजमाई सुरक्षित आर्युवेदिक तेल, शैम्पू, साबुन इत्यादि इस्तेमाल करें।
  • बालों के उत्तम देशी नारियल तेल, सरसों तेल, या घर में बनाया गया आंवला का तेल, या फिर आयुर्वेदिक तेल ही बालों के लिए उत्तम होता है। सप्ताह में 1 बार नारियल तेल, जैतून तेल, तिल तेल, आंवला तेल, बादाम तेल मिश्रण से बालों पर मसाज करें। मिश्रण तेल मसाल बालों के उत्तम माना जाता है। तेल की कम्पोजिशन पढ़-परखकर ही खरीदें। कैमिक्ल युक्त तेल प्रसाधनो से बचें।
  • सप्ताह में एक दिन भृंगराज पाउडर चूर्ण, शंखपुष्पी पाउडर को प्याज के रस में मिलाकर सिर मसाज करें जिससे बालों की जड़ मजबूत होती है। और टूटे हुये बाल दुबारा से उगाने में सहायक है।
  • महिलाओं को हाईपोथोरोडियम होने से हार्मोनस में अस्थिरता आ जाती है। जिसकी वजह से बालों का टूटना झड़ना शुरू हो जाता है, हाईपोथोरोडियम के लक्षण हैं थकान महसूस करना, चिड़चिड़ापन, तनाव में आना, गले में सूजन, चेहरे पर सूजन, अनियमित मासिक, त्वचा में पीलापन व आलस्य का होना हाईपोथोरोडियम की ओर ले जाते हैं। इसके लिए हार्मोन की गोलियां चिकित्सक की सलाह से लें और सम्पूर्ण रूप से सन्तुलित आहार लें। हार्मोन गोलियां सुबह उठकर खाली पेट ही खायें तो ज्यादा जल्दी असर करती हैं। हार्मोन स्थिर होने पर बालों का झड़ना टूटना भी रूक जाता हैं। हार्मोन बदलाव भी बालों की समस्या का एक कारण है।
  • स्वप्रतिरक्षित रोग जिसे हम आटो एमयून डिसओडर भी कहते हैं, स्वप्रतिरक्षित होने पर रोज दिन में दो बार दो चम्मच अश्वगंधा चूर्ण को शहद के साथ सेवन करें तो स्वप्रतिरक्षित रोग से छुटकारा मिलेगा और रोग ठीक होने पर बालों का टूटना रूक जायेगा और पुन नये बाल आने शुरू हो जाते हैं।
  • बारिश में ज्यदा देर भीगने से बचना चाहिए, मिट्टी धूल से बालों को बचाना चाहिए। अगर आपको हेयर लॉस है और आप किसी आंधी, धूल, मट्टी, बारिस से सिर भर गया हो तो तुरन्त शैम्पू कर लें। तुरन्त शैम्पू करने से बालों में होने वाले कई साईट इफैक्टस से बच जायेगें। बालों को गन्दा होने से बचायें। बालों को हमेशा साफ रखें।
  • महीने में दो बार बालों को शुद्व ऐलोवेरा से सिर में मसाज करने चाहिए। और मसाज के एक घण्टे बाद ही बालों को गुनगुने पानी से धोयें। ऐलोवेरा मसाज से बालों में तेजी से बढ़ोतरी होती है। और बालों में चमक लाती है।
  • गीलें बालों पर कंगी न करें, क्योंकि गीले बालों की जड़े नाजुक कमजोर होती हैं और जड़े उलझी रहती हैं। बालों पर तोलिया नहीं रगड़ना चाहिए, बाल सूखने के बाद नारियल तेल से मसाज करनी चाहिए, नारियल तेल मसाज से बालों की जड़े में खून का संचार होता है। और तेल मसाज से नये बाल उगते हैं व बालों को पोषण में सहायक है। महीने में 4 बार सिर मसाज करवानी चाहिए।
बालों का टूटना झड़ना का काफी हद तक हमारे पाचन तन्त्र से भी है, पेट सही न रहने, डिसओडर हाने से, ज्यादा दिनों तक बुखार रहने से, या ज्यादा वक्त तक दवाईयों के सेवन से बालों की जड़े कमजोर हो जाती है। बालों की देखभाल करते रहना चाहिए। कई बार पता नहीं चहता कि बालों के साथ क्या हो रहा है, तो ऐसी स्थिति को जानने के लिए सिर की फोटो क्लिक कर लें। फिर दुबारा क्लिक की गई फोटो से मैच कर लें। अगर कैमिक्ल युक्त पदार्थों को लगाने से बाल ज्यादा झड चुके हों तो चिकित्सक एवं बाल विशेषयज्ञ की सलाह लें। जन्म से गंजापन, गंजापन के लिए बालों का हेयर ट्रांसप्लांट करा सकते हैं। यह महंगा जरूर है परन्तु गंजेपन से हमेशा के लिए छुटकारा पा सकते हैं।