अमरूद प्रौष्टिक गुणों से भरपूर स्वादिष्ट अमृतफल है। अमरूद सबसे ज्यादा विश्व में भारत में पाया जाता है। एक शोध में पाया गया है कि अमरूद मिटामिनस व मिनरलस का रिच स्रोत माना गया है। Guava / अमरूद में नींबू व संतरे से 5 गुना ज्यादा विटामिनस व मिनरल पाये गये हैं। जोकि त्वचा व शरीर के लिए उत्तम लाभकारी हैं। अमरूद में विटामिन सी, प्रोटीन, कैल्शियम, वसा, साइट्रिक अम्ल, फास्फोरस, पौटेशियम, आयरन लाभकरी गुण पाये जाते हैं। इसलिए जरूरी है कि सप्ताह में दो दिन अमरूद जरूर खायें।
मलेरिया - बुखार की दवा है अमरूद
मलेरिया होने पर अमरूद और सेब को मिलाकर खाने व अमरूद व सेब का मिक्स जूस पीने से मलेरिया बुखार ठीक होता है। बुखार जुकाम होने पर व्यक्ति को अमरूद और सेब दें।
मुंह के छाले ठीक करें अमरूद पत्ते
मुंह में छाले होने पर अमरूद के पत्ते पर थोड़ा सा कत्था लगाकर पान की तरह हल्का आराम से देर तक चबायें, इससे मुंह के छाले शीध्र ठीक हो जाते हैं।अमरूद सम्पूर्ण औषधीय गुणों से भरपूर है, इसी लिए अमरूद फल को अमृत फल कहते हैं। और अफ्रीका में अमरूद को सेब से पुकारा जाता है। सप्ताह में दो दिन अमरूद जरूर खायें, अमरूद शरीर को रोगों से लड़ने में सक्षम तो है ही, अमरूद होने वाले वायरल - संक्रामणों से भी बचाता है। त्वचा, रक्त, पाचन, व आन्तरिक विकारों के लिए अमरूद एक अमृत औषधि है। इसीलिए आर्युवेद में अमरूद को अमृत फल कहते हैं।
अमरूद के औषधीय गुण और फायदे / अमरूद खाने के फायदे / Health benefits of Guava in Hindi / Amrood ke Fayde
पाचन में अमरूद एक दवा
अमरूद में विटामिन ए, फाइबर रिच मात्रा में पाये जाने से पाचन तंत्र के लिए अमरूद खाना उत्तम है। पेट को साफ व गैस समस्याओं में आराम दिलाता है।
आमरूद डायबिटीज मरीज के लिए
डायबिटीज रोगी को पक्का हुआ अमरूद आग में अच्छी तरह से भूनकर हल्का बाहर से जलने दें, फिर ठंड़ा होने पर साफ कर लें, फिर हल्का काला नमक, जीरा, कालीमिर्च मिलाकर खाने से डायबिटीज में आराम मिलता है।
इसी तरह से कच्चे अमरूद के छोटे छोटे टुक्कड़े कर कर रात को पानी में भिगों दें, सुबह बिना कुछ खाये अमरूद पानी छान कर पीयें, इससे डायबिटीज में बड़ा आराम मिलता है। मधुमेह में शुगर नियंत्रण करने में कच्चे अमरूद कारगर है। ज्यादा मीठे पके अमरूद खाने से बचें।
शराब छुड़ाये अमरूद पत्ते
अमरूद में रक्त साफ व निकोटीन कम करने की शक्ति विद्यमान है। अमरूद के कोमल पत्तों को खाने से शराब से छुटकारा मिलता है। जब भी व्यक्ति को शराब की याद आये वे अमरूद पत्ते चबाकर चूसे तो शराब की लत धीरे धीरे छूटने लगती है। उसी तरह से धूम्रपान छुड़वाने में सौंप का अहम भूमिका है, धूम्रपान व्यक्ति जब भी इच्छा जताये तो, थोड़ी सी सौंप चबाकर खाने से धूम्रपान की लत छूट जाती है।
आंखों की रोशनी लिए अमरूद
विटामिन- ए अमरूद में रिच मात्रा में पाया जाता है, जोकि आंखों की रोशनी बढ़ाने में सक्षम है। रटिनोल के लिए अमरूद जाना जाता है। अमरूद व गाजर का मिश्रण जूस पीने से आंखों की रोशनी तेजी से वापिस आने में सहायक है।
फोड़े फुंसियों में अमरूद
शरीर त्वचा विकार, फोड़े फुंसियां होने पर अमरूद कोमल पत्तों को बारीक पीसकर ग्रसित जगह पर लगाने से त्वचा विकार, फोड़े फुंसियां, घमोरिया जल्दी ठीक हो जाती है।
रक्तचाप में अमरूद
पोटेशियम रक्तचाप के लिए अच्छा माध्यम है, जोकि अमरूद में पाया जाता है। केले की तरह अमरूद भी पोटेशियम से भरपूर है। अमरूद खाना एवं अमरूद रस उच्च-रक्तचाप ठीक करने में सहायक है।
जोड़ों दर्द एवं सिर दर्द में अमरूद पत्ते
जोड़ों के दर्द में अमरूद के 8-10 कोमल पत्तों को बारीक पीसकर चुटकी भर काला नमक मिलाकर दर्द जगहों पर पट्टी करें। 2 घण्टे बाद गुनगुने पानी से धो लें। त्वचा सूखने के बाद 100 ग्राम नमक की गठिरी सूती कपड़े रूमाल से बांध कर आग की आंच में हल्का गर्म कर सेकन करें। इससे जोड़ों के दर्द में तुरन्त आराम मिलता है।
खून की कमी दूर करे अमरूद बीज
शरीर में रक्त की कमी दूर करने के लिए अमरूद को बारीक चबाकर खाना चाहिए जिससे कि अमरूद के बीज भी अच्छी तरह पिस जायें, अमरूद के बीजों में आयरन-लौह तत्व अधिक मात्रा में पाये जाते हैं।
बच्चों के लिए अमरूद एक टोनिक
बच्चों को भूख लगने में अमरूद अहम है, बच्चों को अमरूद रोज देने से बच्चों की पाचन भी ठीक रहता है, और पेट में कीड़े वार्म इत्यादि नहीं होते, और बच्चें खाना भी ठीक खाते हैं। चाहें बीज निकाल कर दें।
दांत मसूंड़ो के लिए अमरूद पत्ते
दांतों पर कीड़ा लगने से रोकने और मसूंड़ो की के दर्द सूजन, यानि कि समस्त दांतों मसूंड़ो की समस्या का रामवाण दवा है। अमरूद के हर कोमल पत्ते। अमरूद के पत्तों को सप्ताह में 2-3 बार चबाने से दांतों में किसी तरह बीमारी नहीं लगती। मसूंड़ों की बीमारी में अमरूद के पत्तों का उबाले गुनगुने पानी से कुल्ला करने से मसूंड़े ठीक हो जाते हैं।
अमरूद में विटामिन ए, फाइबर रिच मात्रा में पाये जाने से पाचन तंत्र के लिए अमरूद खाना उत्तम है। पेट को साफ व गैस समस्याओं में आराम दिलाता है।
आमरूद डायबिटीज मरीज के लिए
डायबिटीज रोगी को पक्का हुआ अमरूद आग में अच्छी तरह से भूनकर हल्का बाहर से जलने दें, फिर ठंड़ा होने पर साफ कर लें, फिर हल्का काला नमक, जीरा, कालीमिर्च मिलाकर खाने से डायबिटीज में आराम मिलता है।
इसी तरह से कच्चे अमरूद के छोटे छोटे टुक्कड़े कर कर रात को पानी में भिगों दें, सुबह बिना कुछ खाये अमरूद पानी छान कर पीयें, इससे डायबिटीज में बड़ा आराम मिलता है। मधुमेह में शुगर नियंत्रण करने में कच्चे अमरूद कारगर है। ज्यादा मीठे पके अमरूद खाने से बचें।
शराब छुड़ाये अमरूद पत्ते
अमरूद में रक्त साफ व निकोटीन कम करने की शक्ति विद्यमान है। अमरूद के कोमल पत्तों को खाने से शराब से छुटकारा मिलता है। जब भी व्यक्ति को शराब की याद आये वे अमरूद पत्ते चबाकर चूसे तो शराब की लत धीरे धीरे छूटने लगती है। उसी तरह से धूम्रपान छुड़वाने में सौंप का अहम भूमिका है, धूम्रपान व्यक्ति जब भी इच्छा जताये तो, थोड़ी सी सौंप चबाकर खाने से धूम्रपान की लत छूट जाती है।
आंखों की रोशनी लिए अमरूद
विटामिन- ए अमरूद में रिच मात्रा में पाया जाता है, जोकि आंखों की रोशनी बढ़ाने में सक्षम है। रटिनोल के लिए अमरूद जाना जाता है। अमरूद व गाजर का मिश्रण जूस पीने से आंखों की रोशनी तेजी से वापिस आने में सहायक है।
फोड़े फुंसियों में अमरूद
शरीर त्वचा विकार, फोड़े फुंसियां होने पर अमरूद कोमल पत्तों को बारीक पीसकर ग्रसित जगह पर लगाने से त्वचा विकार, फोड़े फुंसियां, घमोरिया जल्दी ठीक हो जाती है।
रक्तचाप में अमरूद
पोटेशियम रक्तचाप के लिए अच्छा माध्यम है, जोकि अमरूद में पाया जाता है। केले की तरह अमरूद भी पोटेशियम से भरपूर है। अमरूद खाना एवं अमरूद रस उच्च-रक्तचाप ठीक करने में सहायक है।
जोड़ों दर्द एवं सिर दर्द में अमरूद पत्ते
जोड़ों के दर्द में अमरूद के 8-10 कोमल पत्तों को बारीक पीसकर चुटकी भर काला नमक मिलाकर दर्द जगहों पर पट्टी करें। 2 घण्टे बाद गुनगुने पानी से धो लें। त्वचा सूखने के बाद 100 ग्राम नमक की गठिरी सूती कपड़े रूमाल से बांध कर आग की आंच में हल्का गर्म कर सेकन करें। इससे जोड़ों के दर्द में तुरन्त आराम मिलता है।
खून की कमी दूर करे अमरूद बीज
शरीर में रक्त की कमी दूर करने के लिए अमरूद को बारीक चबाकर खाना चाहिए जिससे कि अमरूद के बीज भी अच्छी तरह पिस जायें, अमरूद के बीजों में आयरन-लौह तत्व अधिक मात्रा में पाये जाते हैं।
बच्चों के लिए अमरूद एक टोनिक
बच्चों को भूख लगने में अमरूद अहम है, बच्चों को अमरूद रोज देने से बच्चों की पाचन भी ठीक रहता है, और पेट में कीड़े वार्म इत्यादि नहीं होते, और बच्चें खाना भी ठीक खाते हैं। चाहें बीज निकाल कर दें।
दांत मसूंड़ो के लिए अमरूद पत्ते
दांतों पर कीड़ा लगने से रोकने और मसूंड़ो की के दर्द सूजन, यानि कि समस्त दांतों मसूंड़ो की समस्या का रामवाण दवा है। अमरूद के हर कोमल पत्ते। अमरूद के पत्तों को सप्ताह में 2-3 बार चबाने से दांतों में किसी तरह बीमारी नहीं लगती। मसूंड़ों की बीमारी में अमरूद के पत्तों का उबाले गुनगुने पानी से कुल्ला करने से मसूंड़े ठीक हो जाते हैं।
मलेरिया - बुखार की दवा है अमरूद
मलेरिया होने पर अमरूद और सेब को मिलाकर खाने व अमरूद व सेब का मिक्स जूस पीने से मलेरिया बुखार ठीक होता है। बुखार जुकाम होने पर व्यक्ति को अमरूद और सेब दें।
मुंह के छाले ठीक करें अमरूद पत्ते
मुंह में छाले होने पर अमरूद के पत्ते पर थोड़ा सा कत्था लगाकर पान की तरह हल्का आराम से देर तक चबायें, इससे मुंह के छाले शीध्र ठीक हो जाते हैं।अमरूद सम्पूर्ण औषधीय गुणों से भरपूर है, इसी लिए अमरूद फल को अमृत फल कहते हैं। और अफ्रीका में अमरूद को सेब से पुकारा जाता है। सप्ताह में दो दिन अमरूद जरूर खायें, अमरूद शरीर को रोगों से लड़ने में सक्षम तो है ही, अमरूद होने वाले वायरल - संक्रामणों से भी बचाता है। त्वचा, रक्त, पाचन, व आन्तरिक विकारों के लिए अमरूद एक अमृत औषधि है। इसीलिए आर्युवेद में अमरूद को अमृत फल कहते हैं।