हृदय रोग क्या है - हृदय घात (हार्ट अटैक) से कैसे बचें : आंकड़ों अनुसार भारत में प्रति वर्ष लगभग 3 करोड़ लोगों की हार्ट की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं। और औसतन लगभग 2 लाखों हार्ट मरीजों की सर्जरी परफॉर्म की जाती है। हार्ट शरीर का दिन-रात सोये में जागे में लगातार चलने वाली प्राकृतिक अभिन्न अंग है।
दिल का स्वस्थ रहना अति जरूरी है। बढ़ती उम्र के हिसाब से शरीर में कोलेस्ट्रॉल का बढना स्वाभाविक है। क्योंकि जैसे-जैसे 40 साल की उम्र तक पहुंचता है तो दिनचर्या जीवन शैली भी बदल जाती है। जिसका प्रभाव सीधे खान-पान, व्यायाम सम्बन्धित आदतों पर पड़ता है। व्यक्ति ना चाहते हुये भी स्वस्थ निरोग शरीर के लिए संतुुलित पौष्टिक आहार, योगा व्यायाम, सैर इत्यादि नहीं कर पाता। जिसका दुष्प्ररिणाम से कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बढ़ने लगती है।
शरीर दिल की रक्त वाहिकाएं में वसा की परतें धीरे-धीरे जमने लगती है। और दिल की खून वाहिकाएं नसें सही तरीकें से खून संचार नहीं कर पाती। धीरे-धीरे रक्त वाहिकाएं नसें में कोलेस्ट्रॉल इस कदर बढ़ जाता है कि दिल में दर्द या का दौरा पड़ने का खतरा बन जाता है।
दिल का दौरा यानि कि हार्ट-अटैक का मुख्य कारण गलत जीवनशैली और अन्हेल्दी खानपान का काफी हद तक निर्भर है। दिल को स्वस्थ निरोग सुचारू सदाबहार रखने के लिए नित्य योगा, व्यायाम, रोज सुबह शाम सैर करें। और समय-समय हेल्थ चैकअप करवायें। कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रखें। तली भुनी चीजों, सोड़ा पेय, जंकफूड़, धूम्रपान, शराब आदि नशीली मादक चीजों के सेवन से बचें। हमेशा सात्विक भोजन खायें।
दिल का दौरा यानि कि हार्ट-अटैक का मुख्य कारण गलत जीवनशैली और अन्हेल्दी खानपान का काफी हद तक निर्भर है। दिल को स्वस्थ निरोग सुचारू सदाबहार रखने के लिए नित्य योगा, व्यायाम, रोज सुबह शाम सैर करें। और समय-समय हेल्थ चैकअप करवायें। कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रखें। तली भुनी चीजों, सोड़ा पेय, जंकफूड़, धूम्रपान, शराब आदि नशीली मादक चीजों के सेवन से बचें। हमेशा सात्विक भोजन खायें।
बाहर के खाने से परहेज करें। हरी सब्जियों एवं फल, सलाद डाईट में शामिल करें। रात्रि समय पर सोने और सुबह समय पर जागने की आदत डालें। दिनचर्या, खान-पान सही जीवन शैली निर्वारण की एक समय शारणी बनायें। टाईम टेबल के हिसाब चलें।
विश्वभर में सबसे ज्यादा मृत्यु हार्ट अटैक के कारण होती हैं। क्योंकि शरीर में कोलेस्ट्रॉल हिसाब से ज्यादा बढ़ जाना, ब्लडप्रेशर अनियंत्रित, रक्त वहिकाओं में वसा जमने से कलोटिगं होना है। संतुलित आहार, सही दिनचर्या पर ध्यान दें। नियमित रोज सुबह उठकर योगा व्यायाम सैर करें। शरीर को मोटापा वजन बढ़ने से रोकें। उम्मीद है कि आप हमारी उपरोक्त बताये गये बातों पर ध्यान देगें और अनुसरण करें। और स्वस्थ-निरोग-लम्बी आयु व्यतीत कर पायेंगें।
हार्ट अटैक रोकथाम खाद्यपदार्थ / Heart Attack Prevention Foods / Hriday Ghat Roktham Aahar / Heart Attack Rokne wala Aahar
मेथी दाना
दिल के रोगी के लिए मेथी के दानें प्रतिदिन चाबानें से कोलेस्ट्रॉल नियंत्रण में रहता है। और दिल की रक्त वाहिकाएं में वसा परत नही जमने देता। एक शोध के अनुसार 50 ग्राम मेथी दानें बीज रोज खाना शरीर के लिए अति उत्तम माना जाता है। मेथी दाने खाने से दिल ही नहीं पाचन तन्त्र स्वस्थ सुचारू रखने में सहायक है। कई तरह की अन्दरूनी बीमारियों से बचाता है। स्वस्थ व्यक्ति भी मेथी दानों को सब्जी में या चाबने कर खा सकता है। इससे होने वाली कोलेस्ट्रॉल से सम्बन्धित बीमारियों से आसानी से बचा जा सकता है। जैसे कि मोटापा, अचानक वजन बढ़ जाना, हार्ट रोग, डायबिटीज, किड़नी, रक्त विकार, नाना प्रकार की बीमारियों से बचाता है। मेथी दाना सलाद, सब्जियों एवं खाना पकाते बनाते समय अवश्य इस्तेमाल करें।सेब
सेब दिल की बीमारियों के लिए उत्तम फल है। सेब में मौजूद पालीफिनाल, फलेवोनायड व एंटीआक्सीडेन्ट दिल स्वस्थ बनाने में कारगर सिद्व है। रोज सुबह या दोपहर खाने से 2-3 घण्टे पहले एक सेब खाने शरीर स्वस्थ निरोग रहता है। सेव हृदय वहिकाओं सुचारू करने, रक्तचाप नियंत्रण करने और इम्यून सिस्टम मजबूत बनाने का अच्छा स्रोत है।सोयाबीन
सोयाबीन स्वास्थ्य के लिए अति गुणकरी है। सोयाबीन में फाइबर, फैट्स और साथ में ओमेगा-3 की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। इसीलिए सोयबीन शरीर से कोलेस्ट्रॉल कम करता है। सोयबीन के बहुत सारे प्रोडक्ट आजकर बाजार में उपलब्ध हैं जैसे कि सोयबीन पनीर, सोयाबीन दूध, सोयाबीन, पाउडर इत्यादि खाद्य पदार्थ उपलब्ध है। खानपान में सोयाबीन व सोयाबीन से बनी खद्य पदार्थ ज्यदा से ज्यादा उपयोग करना चाहिए। इसलिए सोयाबीन को हार्ट फ्रेंडली सोयाबीन कहा जाता है। सोयबीन हार्ट के लिए रामबाण दवा के रूप में काम करता है।आंवला
आंवला को कच्चा खाने से खून साफ होता है क्योंकि आंवला में विटामिन-सी और अन्य पौष्टिक गुण प्रचुर मात्रा में हैं। आंवला खाने से पेट की आंतों में फालतू चर्बी को नहीं जमने देता। पेट चर्बी हर तरह की बीमारियों की वजह माना जाता है। वैज्ञानिकों के अनुसार जैसे हमारे पेट की स्थिति रहती है वैसी ही शरीर की। आंवला से खून साफ, बालों का काला करना, त्वचा का रूखापन कम करना इत्यादि शामिल हैं। सभी जानते हैं कि आंवला के कई खाद्य उत्पदन बाजार में उपलब्ध हैं। इसलिए हमें आंवले खाने चाहिए। प्राचीन काल में हर घर के आंगन में आवला, आम, नीम एवं जामुन का पेड़ उगाया था। आंवला विटामिन सी के साथ-साथ ऑक्सीजन का एक मात्रा श्रोत है। आंवला कई तरह से शरीर की पोष्टिक गुणों की पूर्ति करता है।ईसबगोल भूसी
ईसबगोल की भूसी खाने से पेट में जमने वाली तैलीय त्वचा को साथ रखता है। ईसबगोल की भूसी दिखने में रेशेदार दिखती है। स्वाद में हर किसी को अटपटी सी लगती है परन्तु ईसबगोल भूसी अत्यन्त उपयोगी एवं गुणकारी है। रेशेदार ईसबगोल सुबह खाली पेट 50 ग्राम की मात्रा पानी के साथ में खाना चाहिए। जिससे पेट साथ रहता है। कोलेस्ट्रॉल के घटाने के साथ -साथ यह कब्ज की बीमारी भी दूर करता है।चना कोलेस्ट्रॉल घटाये
आधा कटोरी चना दानों को रात को पानी में डुबा कर भिगो दें या फिल खाने से 8 घण्टें पहले भिगों दे, फिर बाद में खाने से कोलेस्ट्रॉल नियन्त्रण में रहता है। चना में सेलेनियम, फोलिक एसिड एवं आयरन की मात्रा प्रचुर मात्रा में पाई जाती है। चना खाने से शरीर में बेकार जमें कोलेस्ट्रॉल का हटाती है एवं नियत्रण में रखती है।लहसुन
लहसुन की 5 कलियां छीलकर सबुह उठने के बाद नगलने से रक्त नसों में नही जमने देता जिससे दिल की वहिनाएं स्वस्थ रहती हैं और कोलेस्ट्रॉल नियन्त्रण के साथ-साथ शरीर की नसों में रूकने वाले खराब कोलेस्ट्रॉल को भी हटाता है। आपने अकसर नोटिस किया होगा कि बहुत सारे लोग आपको लहसुन खाने की सलाह देते हैं। हलसुन कोलेस्ट्रॉल के साथ मोटापा एवं सांस की बीमारी भी दूर करता है।नींबू और सलाद
नींबू में प्राकृतिक रूप से एंटीआॅक्सीडेंट गुण मौजूद है। नींबू काॅलेस्टाॅल को कम करने और ब्लडप्रेशर नियंत्रण रखने में सहायक है। सलाद में रोज नींबू निचैड़कर खाना फायदेमंद है। नींबू सलाद दिल की बीमारियों को रोकने में खास सहायक है।तेल
जैतून तेल, सरसों तेल, कलौंजी तेल खाने में इस्तेमाल करें। ज्यादा तेलीय पकावान खाने से बचें। ज्यादा तेलीय पकवान खाने से तेजी से धमनियों वाहिकाओं में वसा जमना शुरू हो जाता है। जोकि एक तरह से हार्ट अटैक का कारण है। तेल सीमित मात्रा में खाने में इस्तेमाल करें।सात्विक, फाइबर युक्त भोजन
नित्य सात्विक भोजन करें। बाहर के खाने से परहेज करें। फाइबर युक्त अनाज, खाद्यपदार्थ डाईट में शामिल करें। फाइबर युक्त अनाज हार्ट विकारों को दुरूस्त करने में सहायक है। बासी खाने से बचें। हमेशा ताजा और सही पका भोजन ही करें।पर्याप्त नींद
रोज 7-8 घण्टे सोना फायदेमंद है। पर्याप्त नींद सोना दिल मस्तिष्क शरीर के लिए जरूरी है। देर तक जागना, कम सोना भी एक तरह से हार्ट, पाचन, किड़नी समस्याओं को आमंत्रण करने के समान है।विश्वभर में सबसे ज्यादा मृत्यु हार्ट अटैक के कारण होती हैं। क्योंकि शरीर में कोलेस्ट्रॉल हिसाब से ज्यादा बढ़ जाना, ब्लडप्रेशर अनियंत्रित, रक्त वहिकाओं में वसा जमने से कलोटिगं होना है। संतुलित आहार, सही दिनचर्या पर ध्यान दें। नियमित रोज सुबह उठकर योगा व्यायाम सैर करें। शरीर को मोटापा वजन बढ़ने से रोकें। उम्मीद है कि आप हमारी उपरोक्त बताये गये बातों पर ध्यान देगें और अनुसरण करें। और स्वस्थ-निरोग-लम्बी आयु व्यतीत कर पायेंगें।