किडनी को रोगों से कैसे रखे दूर ? Kidney Safe Tips in Hindi Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi किडनी को रोगों से कैसे रखे दूर ? Kidney Safe Tips in Hindi - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

किडनी को रोगों से कैसे रखे दूर ? Kidney Safe Tips in Hindi

आज विश्व में सबसे ज्यादा मृत्यु किडनी खराब होने के कारण हो रही है। शरीर में किडनी बहुत महत्वपूर्ण व खास अंग है। दौडभाग, दैनिक दिनचर्या, व्यस्त जीवन शैली, अनैतिक खानपान, नशा, पौषण की कमी, व्यायाम योगा की कमी, आदि कारणों से किडनी की दक्षता क्षमता 8 प्रतिशत से 10 प्रतिशत तक औसतन 35 वर्ष आयु से 50 वर्ष की आयु तक कम हो जाती है। 

शरीर में रक्त को किडनी फिलटर प्योरिफाई का काम करती हैं। रक्त में विकार व रक्त खराब होने पर किडनी का रक्त साफ करने में अहम भूमिका कार्य है।

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पानी पीना
किडनी शरीर में विकार रक्त, दूषित पदार्थ, जहरीला तत्वों को साफ वे निकालने में पानी का मुख्य भूमिका है। रोज सुबह से लेकर रात सोते तक 6-7 गिलास पानी जरूर पीना चाहिए। पानी पाचन तत्रं को साफ व दुरूस्त रखता है, साथ में शरीर का तापमान स्थिर रहता है। स्वच्छ व साफ पानी के फल्राईड की जांच जरूरी करनी चाहिए। दूषित जल किडनी को हानि पहुंचा सकता है। इसलिए स्वच्छ व साफ पानी पीयें। किडनी में पथरी होने पर ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से किडनी पथरी निकल जाती है। स्वस्थ किड़नी के लिए पर्याप्त पानी पीना जरूरी है।

नमक का सेवन कम करें
नमक में सोडियम पाया जाता है, ज्यादा नमक खाने से शरीर का रक्तचात - ब्लड प्रेशर बढ सकता है। सोडियम ज्यादा लेने से किडनी में पथरी बनती है। इसलिए जरूरी है कि नमक हमेशा हल्का ही लें, किडनी स्टोन से बचें।

मूत्र त्याग
पेशाब आने पर रोके नहीं, पेशाब रोकने से किडनी की कार्य क्षमता पर असर पडता है। मात्र 200 एम.एल. पेशाब रोकने से किडनी पर तेजी से दबाव पड़ता है जोकि नुकसान दायक है। पेशाब को ज्यादा देर तक नहीं रोकें।

रोग ग्रस्त स्थित में नियत्रण 
शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट रोग इत्यादि होने पर चिकित्सक से समय-समय पर सलाह व राय लेते रहें। रोगों का सीधा असर किडनी पर पड़ता है और किडनी खराब होने का डर बना रहता है। साल में एक बार किडनी की स्थित जांच जरूर करवायें।

संतुलित आहार
स्वस्थ किडनी के लिए संतुलित व पौष्टिक आहार प्रणाली अहम है। शरीर को महत्वपूर्ण मिनरलस, प्रोटीन, विटामिनस व पोषक तत्वों को संतुलित मात्रा में सेवन जरूरी है। खाने का डाईट चार्ट तैयार करें। शरीर के पोषक तत्वों की पूर्ति के हिसाब से आहार प्रणाली सुनिश्चित करें।

पेय पदार्थ 
बाजार में उपलब्ध फ्लेवर साॅफ्ट ड्रिक्स से बचें। घर में तैयार किया गया ताजे फलों का रस जूस ही शरीर व किडनी को स्वस्थ रखने में सहायक है। ज्यादा से ज्यादा नेचुरल खाद्यपदार्थों, पेय, फलों का सेवन से किडनी पर अतिरिक्त कार्यभार नहीं पड़ता।

दवाईयां सेवन
पेनकिलर, बिना चिकित्सक की सलाह से दवाईयों का सेवन कभी भी नहीं करें। दवाईयों का सीधा असर किडनी पर पड़ता है। अपनी मन मर्जी से मेडिकल दुकान से दवाईयां न लें और न सेवन करें। अच्छी तरह से जांच पड़ताल के बाद ही सेवन करें।

शरीर का मोटापा 
मोटापा को हमेशा नियंत्रण में रखें। मोटापा रोगों का घर व रोगों को निमन्त्रण के बराबर माना जाता है।

नशा करे किडनी खराब 
नशीलों पदार्थों जैसे शराब, धुम्रपान, गुटका, तम्बाकू इत्यादि हर तरह के नशीले पदार्थ किडनी को खराब करने में सहायक है। नशा करने पर किडनी की कार्यभार दक्षता बहुत ज्यादा बढ जाती है। किडनी रक्त से निकोटीन प्योरिफाई साफ करने में ज्यादा कार्य भार से जल्दी खराब हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि नशे से दूर रहें। प्रसिद्ध कहावत है, नशा शरीर, आत्मा, वक्त, पैसा, परिवार, समाज, इज्जत सब कुछ बरर्बाद कर देता है। इसलिये नशे से दूर रहें और स्वस्थ जीवन व्यतीत करें।

व्यायाम - योगा
रोज सुबह शाम व्यायाम व योगा जरूरी है। जोकि किडनी किडनी के अतिरिक्त कार्यभार को कम करने व स्वस्थ रखने में सहायक है। जिस तरह से किडनी शरीर में ब्लड प्योरिफाई रक्त साफ का काम करती है उसी तरह किडनी को स्वस्थ रखने में योगा, मेडिटेेशन, व्यायाम महत्वपूर्ण हैं।

किड़नी स्वस्थ रखें। किड़नी शरीर का अभिन्न अंग है। गुर्दों का सही तरह से काम करना अति जरूरी है। किड़नी विकार महसूस होने पर तुरन्त चिकित्सक से सलाह, किड़नी चैकअप, उपचार करवायें। और साल में एक बार शरीर की जांच अवश्य करवायें। इससे शरीर में पनपने वाले रोगों के बारे में आसानी से पता चल जाता है। और समय पर उपचार आसान रहता है।