नीम के फायदे Neem Benefits in Hindi Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi नीम के फायदे Neem Benefits in Hindi - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

नीम के फायदे Neem Benefits in Hindi

नीम के उपयोग : नींम प्राचीन काल से ही भारत में विख्यात है, आर्युवेद में नींम की अलग ही पहचान है। नींम स्वाद में कड़वा जरूरी है, परन्तु सम्पूर्ण औषधीय गुणों से भरपूर है। नींम के पेड़ की छाव में बैठने का आन्नद ही कुछ और है। घर के आंगन में नींम का पेड़ होना, यानि कि मच्छर मलेरिया व अन्य तरह के संक्रामण से छुटकारा। 

नींम के पेड़ की हवा ही वातावरण को शुद्व कर देती है। आपने ध्यान दिया होगा कि नींम के पेड़ पर न तो कीड़ा लगता है न ही किसी तरह की बीमारी। क्योंकि नींम में छिपे हैं हजारों औषधीय गुण। नींम आर्युवेद अचूक औषधि है। नींम से कई तरह की क्रीम, लोशन, दवाईयां बनाई जाती है।
 
नींम हर्बल का उपयोग विभिन्न प्रकार से प्रयोग किया जाता है जैसे कि एन्टीसेप्टिक फेस क्रीम, टूथपेस्ट, गैस्टिक चूर्ण, दातुन, आरगेनिक साबुन आदि। नींम का सेवन शरीर को व दांतो को तरह तरह के बैक्टीरिया से बचाता है, नींम एन्टीबायोटिक है। कहते हैं जो व्यक्ति रोज सुबह खाली पेट व शाम को खाने के बाद नींम के तीन-तीन पत्ते चबाकर खाये उसे पूरी आयु में कभी कभी रोग नहीं लगते है। पहले बडे़ बुर्जुग लोग नींम का दातुन एवं 2-3 रोज नींम की पत्तियां चबा कर खाते थे और लम्बी आयु तक स्वस्थ जीवन यापन कर पाते थे। नींम प्राचीन काल से ही एक खास आर्युवेदिक औषधि है।

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एलर्जी होने पर नींम
नींम एलर्जी से परेशान व्यक्ति के लिए नीम किसी रामबाण दवा से कम नहीं। नींम की हरी कोमल पत्तियों को बारीक पीसकर छोटी छोटी गोलियों बना कर धूप में सुखा कर कांच की शीशी में रख लें, एजर्ली होने पर रोज प्रातःकाल एक चम्मच शहद में डुबो कर एक गोली निगल लें, एक घण्टे तक चाय काॅफी इत्यादि न पीये और न ही कुछ खायें, इसी तरह से लगातार 20-30 दिन करने पर एलर्जी से छुटकारा मिलता है।

डायबिटीज में नींम
मधुमेह होने पर रोज सुबह नींम की पत्तियों की गोलियों का सेवन करने से फायदा होता है। और नींम की गोलियां इंसुलिन बनाने में मद्द करती है। और साथ में मधुमेह नियंत्रण में रहता है और 6 महीने लगातार खाने से डायबिटीज ना के बाराबर रहती है।

खून साफ करे नींम
खून की खराबी के कारण त्वचा में कई रोग पैदा हो जाते हैं, नींम की पत्तियों की गोली का खाली पेट सेवन और साथ में नींम की पत्तियों को गर्म पानी में उबाले पानी से नहाने से रक्त साफ होता है। नींम शरीर को संक्रमण से बचाता है, नीमं में एन्टीबायेटिक गुण प्रचुर मात्रा में पाये जाते हैं।

त्वचा पर चिकन पाॅक्स धब्बे करे साफ नींम
चिकन पाॅक्स हाने से व्यक्ति के त्वचा चेहरे पर कई बार लम्बे समय के लिए धब्बे पड़ जाते हैं। नींम के कोमल हरे पत्तों का रस निकाल करे 10-15 दिनों तक नींम पत्तों के रस से मसाज करें, इससे चिकन पाॅक्स धब्बे समाप्त मिट जाते हैं। या फिर नींम तेल से ग्रसित त्वचा पर मालिश करें। नींम तेल और नींम पत्तों का रस त्वचा के खास औषधि है।

दांतों दर्द में नींम
पायरिया होने पर मसूड़ों से हल्का खून आने लगता है। जिससे दांतों में दर्द, दांतों का हिलना, दांत कमजोर पड़ जाते हैं।

पायरिया होने पर नींम
नींम के दातुन, तने से दांते साफ करें, और नींम के हरे पत्तों का काढ़ा बनाकर रोज तीनों वक्त कुल्ला करें। इससे शीध्र ही पायरिया ठीक हो जाता है। नींम पत्ते, लौंग, बबूल, नमक, इलाईची बारीक पीस कर पाउडर से दांत साफ करें। दांतों के समस्त विकारों को दूर करने में खास नींम पेस्ट फायदेमंद है।

मुहांसो दूर करे नींम
नींम के हरे पत्तों व नींम के बीज को पीसकर लेप चेहरे पर लगाने से मुंहासों से छुटकारा मिलता है। और नींम के पत्तों के रस और नीम तेल से चेहरे पर 5 मिनट हल्की मसाज रोज सुबह शाम करें, इससे मुहांसे जल्दी ठीक हो जाते हैं और मुंहासों के दाग धब्बे भी मिट जाते हैं। नींम से कई तरह के सौन्दर्य प्रसाधन बनाये जाते हैं।

सर्दी जुकाम में नींम
जुकाम सर्दी कफ होने पर नींम के पत्तों का पाउडर, काली मिर्च व अदरक मिलाकर खाने से जुकाम कफ शीघ्र ठीक हो जाता है। नींम एक औषधि है।

वातावरण शुद्ध करे नींम पेड
घर के आंगन में एक नींम का पेड़ जरूर लगाये नींम के पेड़ का घर के आंगन में होना किसी औषधि से कम नहीं, नींम का पेड़ वातावरण को शुद्व करने में अहम है, नींम के पेड़ के आसपास मच्छर कभी भी नहीं होते। नींम के हवा मात्र से मच्छर कीट पतंग दूर रहते हैं। नींम से मच्छर मलेरिया का खतरा नहीं रहता। नींम सक्रामण रोगो को रोकने में सहायक है। प्राचीन काल में हर घर के आंगन में एक नींम का पेड़ जरूर होता था।

मच्छर भगाये नींम
नींम की सूखी पत्तियों का धूआं मच्छर व कीट पतंग को घर के आसपास नहीं ठहरने देता। नींम के पत्तों का धूंवा वातावरण दूषित नहीं करता बल्कि शुद्व करने में सहायक है।

नींम तेल औषधि
नींम के तेल से सुबह शाम दो बार मलिस करने से चर्म रोगों से छुटकारा मिलता है, नीम तेल त्वचा को संक्रामण होने से बचाता है। नींम के तेल व नींम के पत्तों का रस चेचक से छुटकारा दिलाने में सहायक है।

मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया में नींम
मलेरिया होने पर व्यक्ति को नींम की छाल 50 ग्राम, 50 ग्राम अदरक की सैंठ बारीक पीसकर काढा बनाकर पीने से मलेरिया जल्दी ठीक होने में सहायक है।

वाबासीर में नीम
वबासीर होने पर नींम के बीज को बारीक पीस कर पाउडर गुनगुने पानी के साथ खाने से वबासीर में आराम मिलता है। एक घण्टे बाद किशमिश दूध पीयें। मिर्च तली भुनी, जंकफूड, फास्टफूड से दूर रहें, 20-30 दिनों में वबासीर 80 प्रतिशत ठीक हो जाती है। साथ में पाईल्स आयुवेदिक कैप्सूल दूध में खाने से वबासीर 100 प्रतिशत ठीक हो जाती है। या थैंक्स ओटी क्रीम, टैब्लेटस लें। वबासीर 100 प्रतिशत ठीक हो जाती है। यह भी काफी कारगर दवा है। 
या नींम हरी कोमल पत्तियां चबाकर खायें और कुछ देर बार कच्ची जंगली हरी बेर खायें। यह खास अचूक प्राचीनकालीन पाईल्स का उपचार है।

नींम का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें, चाहे पत्तियां चबाकर खाये, नींम पानी से नहायें, नीम गोलियां का सेवन करें, डंठल से दातुन करें, किसी न किसी तरह से नींम का उपयोग जरूर करें। नींम में हजारों औषधीय गुण छुपे हुये हैं। Neem Upyog औषधीय गुणों का फायदा उठायें और रोग मुक्त व स्वस्थ रहें।