बवासीर होना आजकल आम बात रह गई है। बवासीर, हैमराइड या पाईल्स - आज के वक्त में किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को हो सकती है। अनियमित खानपान, मिर्च मसाला, तीखा, फास्टफूड, जंकफूड, कम सोने से, भोजन सही तरह न पचना, शराब - बीयर - तम्बाकू - गुटका सेवन, उल्टी सीधी चीजों का सेवन इत्यादि कई बवासीर होने के मुख्य कारण हैं।
पाईल्स कोई गम्भीर बीमारी नहीं है। परन्तु पाईल्स ईलाज समय पर लेना जरूरी है। बवासीर दो तरह की होती है, पहली गूदे के बाहर एंव दूसरी गूदे की अन्दर नसों पर।
बवासीर का आर्युवेद सटीक ईलाज /Piles Home Treatment in Hindi / Bawaseer ka Gharelu upay / Piles Ilaj
बवासीर के लक्षण
- गूदे से खून आना
- पाखाने में तकलीफ होना
- पेट सूख जाना
- गूदे के अन्दर नसों में सूजन
- गांठे पड़ना व खून आना
- गूदे पर तेज पीड़ा होना
- रूक रूक कर पाखाने में खून की बूदें आना
- गूदे पर जख्म बनना
- गूदे का फट जाना इत्यादि लक्षण हैं
बवासीर होने के मुख्य कारण
- तेज मिर्च - मसाले वाले भोजन खाना।
- जंक फूड एवं फास्टफूड का ज्यादा सेवन।
- पर्याप्त मात्रा में नींद न ले पाना।
- भोजन का सही तरह से न पचना।
- पेट में गैस, कब्ज समस्या देरी तक रहना।
- गुटका, तम्बाकू, शराब का सेवन करना।
- उल्टी सीधी चीजों का सेवन करना।
- दैनिक दिनचर्या में बदलाव।
- ज्यादा दिनों तक दवाईयों के सेवन से इन्फेक्शन।
- एक्सरसाईज व योगा न करना।
खाने में क्या खायें और क्या न खायें: सबसे पहले व्यक्ति का मिर्च, मसाले, नमकीन, तीखा, खट्टा, फास्टफूड, जंक फूड, कोल्ड, साॅफ्ट ड्रिंक व बाहर की सारी चीजे खाना पीना छोड देना चाहिए। केवल घर का बना खाना खायें। सादा बहुत कम मिर्च मसाले वाले भोजन खाना शुरू करें। हो सके तो नमक मिर्च वाला खाना एक वक्त ही खायें। खाने में हरी पत्ती वाली सब्जी जैसे पालक, राई, सरसों, फल, दूध व तरल चीजें, दालें, दलिया आदि तरल भोजन का सेवन करें। हरी मिर्च से भी पूरी तरह से परहेज करें। पाईल्स रोग के विभिन्न सफल कारगर उपचार विस्तार से दिये गये हैं।
थैक्स ओटी टयूब और टैब्लेटस - कैप्सूलस
पाईल्स रोगी के लिए थैक्स ओटी टयूब और कैप्सूलस अति लाभकरी है। शौच साफ सफाई के बाद गुदा को गर्म पानी से धोयें, फिर टयूब लगायें और सुबह शाम थैक्स ओटी टैब्लेटस खायें। थैक्स ओटी पाईल्स की अचूक दवाई है।
अर्शकल्प कैपसूल
अर्शकल्प कैपसूल बवासीर के लिए उत्तम एवं प्रसिद्व आयुर्वेदिक है। अर्शकल्प कैपसूल के साथ-साथ ऊपर बताये गये भोजन प्रणाली का सेवन करें। इस से बवासीर तुरन्त ठीक हो जाता है। एक सप्ताह तक हल्का मिर्च नमक वाला खाना एक वक्त खायें तो बेहतर है।
जीरा
छांछ - मट्ठा को प्यास लगने पर पीयें, छांछ में 10-15 ग्राम जीरा का पाउडर व हल्का स्वाद के लिए नमक मिला कर तीनों वक्त सुबह, दोपहर, रात को छानकर पीयें। इस प्रक्रिया से बवासीर में बने गुदे के मस्से व नसों की गांठे जल्दी सामान्य ठीक हो जाती है। जल्दी फायदे के लिए जीरा पाउडर कच्ची हल्दी रस के साथ पाईल्स मस्सों, जख्म पर लगाना फायदेमंद है।
नींबू
2 नींबू का पानी सुबह उठकर खाली पेट पीयें, लगातार 2-3 सप्ताह तक करने से बवासीर के ठीक होने के विकल्प ज्यादा होते हैं। एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू निचैंड़ कर पीयें।
दालचीनी चूर्ण एवं शहद
आध चम्मच शहद के साथ चुटकी भर दालचीनी चूर्ण अच्छे से मिलाकर सेवन करने से बवासीर ठीक हो जाती है।
जीरा
छांछ - मट्ठा को प्यास लगने पर पीयें, छांछ में 10-15 ग्राम जीरा का पाउडर व हल्का स्वाद के लिए नमक मिला कर तीनों वक्त सुबह, दोपहर, रात को छानकर पीयें। इस प्रक्रिया से बवासीर में बने गुदे के मस्से व नसों की गांठे जल्दी सामान्य ठीक हो जाती है। जल्दी फायदे के लिए जीरा पाउडर कच्ची हल्दी रस के साथ पाईल्स मस्सों, जख्म पर लगाना फायदेमंद है।
नींबू
2 नींबू का पानी सुबह उठकर खाली पेट पीयें, लगातार 2-3 सप्ताह तक करने से बवासीर के ठीक होने के विकल्प ज्यादा होते हैं। एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू निचैंड़ कर पीयें।
दालचीनी चूर्ण एवं शहद
आध चम्मच शहद के साथ चुटकी भर दालचीनी चूर्ण अच्छे से मिलाकर सेवन करने से बवासीर ठीक हो जाती है।
किशमिश
रोज सोने से पहले एवं सुबह नाश्ता करने के बाद 50-50 ग्राम किशमिश दूध के साथ खाने से बवासीर पीड़ा व सूजन से तुरन्त लाभ मिलता है। किशमिश को 4-5 घण्टे के लिए भिगों कर रखें।
बड़ी इलायची
50 ग्राम बड़ी इलायची को तवें में हल्का लाल भून लें, फिर ठंड़ा होने पर बारीक पीस कर चूर्ण तैयार कर कांच की शीशी में रख लें। सुबह उठकर बिना कुछ खाये पीये बड़ी इलायची चूर्ण को सादे पानी में अच्छे से 5-10 मिनट मिलायें फिर छान कर सेवन करें। इलायची चूर्ण पानी सेवन करने से बवासीर धीरे-धीरे ठीक करने में सहायक है।
इसबगोल
बवासीर में पेट सूख जाने पर, या फिर गूदे में दर्द से छुटकारा पाने के लिए इसबगोल भूसी फायदेमंद है, इसबगोल से पेट साफ रहता है और साथ में दर्द से छुटकारा मिलता है।
जामुन आम चूर्ण
खूनी बवासीर होने पर आम की गुठली और जामुन की गुठली को सूखा कर अन्दर का भाग बारीकी से पीस कर चूर्ण तैयार करें। जामुन एवं आम की अन्दर की गुठली के बने चूर्ण बवासीर में अत्यन्त लाभकारी है।
कलौंजी तेल, बीज
चुटकी भर कलौंजी बीज पाउडर, सब्जी, खाने में इस्तेमाल करें। कलौंजी स्वाद में कड़वी जरूरी है। परन्तु पाईल्स जैसी गम्भीर बीमारियों को ठीक करने में कलौंजी सहायक है। पाईल्स होने पर रोज कलौंजी तेल, सब्जी में, कलौंजी तेल सुबह गर्म पानी के साथ मिलाकर सेवन करें। कलौंजी दानें और कलौंजी तेल बावासीर ठीक करने में सहायक है।
रोज सोने से पहले एवं सुबह नाश्ता करने के बाद 50-50 ग्राम किशमिश दूध के साथ खाने से बवासीर पीड़ा व सूजन से तुरन्त लाभ मिलता है। किशमिश को 4-5 घण्टे के लिए भिगों कर रखें।
बड़ी इलायची
50 ग्राम बड़ी इलायची को तवें में हल्का लाल भून लें, फिर ठंड़ा होने पर बारीक पीस कर चूर्ण तैयार कर कांच की शीशी में रख लें। सुबह उठकर बिना कुछ खाये पीये बड़ी इलायची चूर्ण को सादे पानी में अच्छे से 5-10 मिनट मिलायें फिर छान कर सेवन करें। इलायची चूर्ण पानी सेवन करने से बवासीर धीरे-धीरे ठीक करने में सहायक है।
इसबगोल
बवासीर में पेट सूख जाने पर, या फिर गूदे में दर्द से छुटकारा पाने के लिए इसबगोल भूसी फायदेमंद है, इसबगोल से पेट साफ रहता है और साथ में दर्द से छुटकारा मिलता है।
जामुन आम चूर्ण
खूनी बवासीर होने पर आम की गुठली और जामुन की गुठली को सूखा कर अन्दर का भाग बारीकी से पीस कर चूर्ण तैयार करें। जामुन एवं आम की अन्दर की गुठली के बने चूर्ण बवासीर में अत्यन्त लाभकारी है।
कलौंजी तेल, बीज
चुटकी भर कलौंजी बीज पाउडर, सब्जी, खाने में इस्तेमाल करें। कलौंजी स्वाद में कड़वी जरूरी है। परन्तु पाईल्स जैसी गम्भीर बीमारियों को ठीक करने में कलौंजी सहायक है। पाईल्स होने पर रोज कलौंजी तेल, सब्जी में, कलौंजी तेल सुबह गर्म पानी के साथ मिलाकर सेवन करें। कलौंजी दानें और कलौंजी तेल बावासीर ठीक करने में सहायक है।
हरी पत्तेदार सब्जियां
सब्जियों में पाईल्स होने पर पालक, सरसों, राई, चैलाई, प्याज पत्ते, मेथी पत्ते, मूली पत्ते, चुकंदर खूब खायें। चुकंदर और हरी पत्तेदार सब्जियां पाईल्स - बवासीर ठीक करने का अच्छा माध्यम है। सब्जी में र्मिच इस्तेमाल नहीं करें। हर तरह की मिर्च मशाले तीखा खाने से पूरी तरह से परहेज करें।
हल्दी दूध
पाईल्स होने पर 1 चम्मच कच्ची हल्दी का रस एक गिलास दूध के साथ रोज सुबह शाम सेवन करने से पाईल्स-बवासीर जल्दी ठीक होती है। पाईल्स में कच्ची हल्दी और दूध मिश्रण खास अचूक औषधि है।
अदरक रस और शहद
पाईल्स समस्या में आधा चम्मच अदरक और एक चम्मच शहद मिश्रण रोज सुबह शाम सेवन करना फायदेमंद है। अदरक शहद मिश्रण सेवन पाईल्स जख्म से सक्रामण नष्ट करने में सहायक है।
सब्जियों में पाईल्स होने पर पालक, सरसों, राई, चैलाई, प्याज पत्ते, मेथी पत्ते, मूली पत्ते, चुकंदर खूब खायें। चुकंदर और हरी पत्तेदार सब्जियां पाईल्स - बवासीर ठीक करने का अच्छा माध्यम है। सब्जी में र्मिच इस्तेमाल नहीं करें। हर तरह की मिर्च मशाले तीखा खाने से पूरी तरह से परहेज करें।
हल्दी दूध
पाईल्स होने पर 1 चम्मच कच्ची हल्दी का रस एक गिलास दूध के साथ रोज सुबह शाम सेवन करने से पाईल्स-बवासीर जल्दी ठीक होती है। पाईल्स में कच्ची हल्दी और दूध मिश्रण खास अचूक औषधि है।
अदरक रस और शहद
पाईल्स समस्या में आधा चम्मच अदरक और एक चम्मच शहद मिश्रण रोज सुबह शाम सेवन करना फायदेमंद है। अदरक शहद मिश्रण सेवन पाईल्स जख्म से सक्रामण नष्ट करने में सहायक है।
नींम पत्ती और कच्ची जंगली हरी बेर
पाईल्स होने पर रोज सुबह खाली पेट 10 नींम पत्तियां और 4 कच्ची हरी जंगली बेर को मिलाकर खाने से पाईल्स शीघ्र ठीक होती है। पाईल्स उपचार में नींम और जंगली कच्ची बेर प्राचीनतम औषधि है।
बवासीर कोई बड़ी गम्भीर बीमारी नहीं है, कई लोग बवासीर होने पर अधिक घबरा जाते हैं, और शर्म, लज्जा महसूस करते हैं। बवासीर किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को हो सकता है। मरीज पैसा पानी की तरह बहा लेते हैं, जैसेकि आॅपेरेशन में, लम्बी दवाई रूटीन में इत्यादि तरह से पैसा व वक्त बर्वाद कर बैठते हैं और फायदा कम। बताये गये उपरोक्त नुस्खों उपायों को करके से बवासीर ग्रसित व्यक्ति आसानी से रोगमुक्त होकर स्वस्थ हो सकता है।
बवासीर अगर कई सालों से व ज्यादा पुराना व गम्भीर जख्म हैं तो डाॅक्टर की सलाह लें। रोगमुक्त रहने के लिए रोज योगा, व्यायाम, सैर करें। धूम्रपान, गुटका, शराब नशीले चीजों से दूर रहें, पोष्टिक व सन्तुलित भोजन ग्रहण करें एवं रोगमुक्त स्वस्थ जीवन यापन करें।