कुलत्थ दाल किडनी पथरी को निकालने में सक्षम है। कुल्थ दाल को कई नामों से जाना जाता है। जैसेकि कुलथ, गहथ, खरथी, कुलत्थिका, कुलथी, कुलिथ, कुलथी, डूलगा, कुल्थू और अंग्रेजी में Horse Gram, Macrotyloma Uniflorum आदि नामों से जाना जाता है।
कुल्थ दाल की पैदावार उत्तर भारत, मध्य भारत और दक्षित भारत में ज्यादा होती है। कुल्थ दाल पौष्टिकता से भरपूर एक औषधि रूप भी है। किड़नी स्टोन समस्या होने पर स्टोन तेजी से घटाने में कुल्थ दाल खास औषधि है।
स्टेप 2: लहसुन, कटा प्याज, हींग, धनिया पाउडर, मेथी दाना, नमक, मिर्च के साथ पेस्ट बना लें।
स्टेप 3: मसाले के पेस्ट को थोड़े से तेल के साथ भून लें। फिर पीसी कूटी हुई कुलत्थ दाल को भूने। फिर पानी डालें। कुलत्थ दाल को खुले बर्तन में पकायें। इस तरह से औषधीय कुलत्थ दाल तैयार है। किड़नी स्टान मरीज के लिए कुल्थ दाल पानी और कुल्थ दाल दोनों ही फायदेमंद है। किडनी स्टोन मरीज के लिए यह खास कुलत्थ दाल है।
पथरी में कुलत्थ दाल का पानी (Pathri me Kulthi Daal Pani)
- कुलत्थ दाल दाल रात को साफ धोकर पानी में भिगों कर एक बार उबाल कर रख दें।
- सुबह उठकर खाली पेट कुलत्थ दाल के एक गिलास पानी में 1 प्याज का रस मिलाकर सेवन करने से पथरी गल कर धीरे-धीरे पेशाब के रास्ते बाहर आ जाती है। इसी तरह से कुलत्थ पानी और प्याज रस सुबह उठकर खाली पेट और दिन में 2-3 बार सेवन करें।
पथरी में कुलत्थ दाल के रूप में सेवन विधि
- 100 ग्राम कुलत्थ दाल
- 7-8 लहसुन की कलियां
- चुटकी भर हींग
- आधा चम्मच हल्दी
- 1 चम्मच धनिया पाउडर
- चुटकी भर मिर्च
- चुटकी भर नमक
- लौंग
स्टेप 2: लहसुन, कटा प्याज, हींग, धनिया पाउडर, मेथी दाना, नमक, मिर्च के साथ पेस्ट बना लें।
स्टेप 3: मसाले के पेस्ट को थोड़े से तेल के साथ भून लें। फिर पीसी कूटी हुई कुलत्थ दाल को भूने। फिर पानी डालें। कुलत्थ दाल को खुले बर्तन में पकायें। इस तरह से औषधीय कुलत्थ दाल तैयार है। किड़नी स्टान मरीज के लिए कुल्थ दाल पानी और कुल्थ दाल दोनों ही फायदेमंद है। किडनी स्टोन मरीज के लिए यह खास कुलत्थ दाल है।
पथरी में कुलत्थ दाल के पराठें
- कुलत्थ दाल रात को भिगो कर, उबाल कर रखें। सुबह उठकर कुलत्थ दाल पानी सेवन करें और भिगी कुल्थ दाल को अलग कर दें। कुलत्थ दाल को बारीक कूट कर रखें।
- कुलत्थ दाल पेस्ट में धनिया पाउडर, नमक मिर्च, हींग, मेथी दाना, अजाइन मिलाकर थोडे तेल के साथ भून लें।
- बने कुलत्थ दाल और मसाले भुने पेस्ट को आटे की पेडों में भरकर पराटें सेकें। और मजे से खाईये।
पथरी में कुलत्थ दाल चूर्ण
- 50 ग्राम कुलत्थ बीज
- 30 ग्राम गोशुर बीज
- 40 ग्राम खीरा बीज
सभी को बारीक पीसकर पाउडर बना लें। पथरी होने के दौरान रोज सुबह, दोपहर, शाम एक गिलास पानी में आधा चम्मच पाउडर सेवन करने से पथरी गल जाती है।
पथरी को तेजी से गलाने और मूत्र द्वार से बाहर निकालने में कुलत्थ दाल का पानी, कुलत्थ दाल, कुलत्थ दाल पराठें, कुलत्थ दाल चूर्ण सक्षम है। कुलत्थ दाल को वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद एन्टी-हायपरग्लायसेमिक गुणों से भरपूर माना है। जोकि पथरी स्टोन के लिए रामबाण प्राकृतिक औषधि है।
पथरी को तेजी से गलाने और मूत्र द्वार से बाहर निकालने में कुलत्थ दाल का पानी, कुलत्थ दाल, कुलत्थ दाल पराठें, कुलत्थ दाल चूर्ण सक्षम है। कुलत्थ दाल को वैज्ञानिकों ने रिसर्च के बाद एन्टी-हायपरग्लायसेमिक गुणों से भरपूर माना है। जोकि पथरी स्टोन के लिए रामबाण प्राकृतिक औषधि है।