वबासीर, पाईल्स को आर्युवेदिक तरीकों से भी ठीक किया जा सकता है। पाईल्स में फाइबर रेशायुक्त युक्त तरल पदार्थ, जैंसे फलों का रस, हरी पत्तेदार सब्जियां पालक, सरसों पोष्टिक आहार शामिल हैं।
सामग्री
- 2 लीटर छांछ, मट्ठा
- 50 ग्राम भुना जीरा पाउडर
- 50 ग्राम किशमिश
विधि: 2 लीटर छांछ में 50 ग्राम भुना जीरा पाउडर अच्छे से मिला लें। रोज सुबह, दोपहर, शाम छांछ जीरा पाउडर घोलकर फिर छानकर सेवन करें। 1 घण्टे बाद 6-7 किशमिश जरूर खायें। ऐसा करने से पाईल्स के मस्से धीरे-धीरे ठीक करने में सहायक है।
नोट: मिर्च, मसाले, तली भुनी चीजें, मीट, अचार, चटनी, सौंफ, सुपारी, मछली, गुटका, तम्बाकू, धूम्रपान, शराब, बीयर, सोड़ा पेय सेवन से बचें। केवल सात्विक शुद्ध शाकाहारी भोजन करें।
दही हरी पत्तेदार सब्जियां
पाईल्स होने पर सुबह शाम खाने में दही का सेवन करें। सब्जियों में हरी पत्तेदार पालक, सरसों, राई पत्ता, तौरी रेशेदार सब्जियां खायें।ठंड़ा दूध और किशमिश
दूध गर्म कर ठंड़ा करें। फिर 1 गिलास दूध में 8-10 किशमिश मसलकर 5-7 मिनट गलने के लिए छोड़ दें। फिर दूध किशमिश मिश्रण पीयें। लगातार दूध किशमिश मिश्रण पेय पीने से पाईल्स से जल्दी छुटकारा मिलता है।हरी धनिया रस
पाईल्स बीमारी में रोज सुबह आधा कप हरी धनिया पत्तियों का रस पीयें। धनिया पत्तियों का रस सेवन पाईल्स ठीक करने में सहायक है। लम्बे समय तक पाईल्स रहने पर धनिया पाईल्स जख्म को कैंसर बनने से रोकने में सहायक है।नोट: मिर्च, मसाले, तली भुनी चीजें, मीट, अचार, चटनी, सौंफ, सुपारी, मछली, गुटका, तम्बाकू, धूम्रपान, शराब, बीयर, सोड़ा पेय सेवन से बचें। केवल सात्विक शुद्ध शाकाहारी भोजन करें।