ज्यादा मिर्च- मसाले युक्त खाना खाने से, शराब गुटका, जंकफूड, सोड़ा पेय आदि बुरी आदतों से वबासीर हो जाती है। वबासीर किसी भी स्वस्थ व्यक्ति को हो सकता है। थोड़ा परहेज ईलाज किया जाय तो वबासीर ठीक हो जाती है।
खूनी वबासीर, सूखी वबासीर, दानों वाली वबासीर तीनों समस्या में दालचीनी तुरन्त असर करती है। 100 ग्राम दालचीनी किंचन में रखें। या दालचीनी के कुछ टुक्कड़े साथ में जेब में सुरक्षित लेकर रखें।
वबासीर में दालचीनी का जादूई असर / Cinnamon for Piles Remedy

दालचीनी सेवन के तरीके
- आधा चम्मच दालचीनी पाउडर गुनगुने पानी में 20-25 मिनट भिगों कर रखें। फिर छानकर पानी निकाल लें। पानी में फिर 1 चम्मच शहद के साथ सेवन करें।
- दालचीनी का 1 टुक्कड़ा चाय पीते समय सुबह, दोपहर, शाम तीनों वक्त मुंह में रखें। चाय की चुस्की के साथ दालचीनी को आराम से चबाकर रस चूसते रहें। इसी तरह से लगातार 3-4 दिन तीनों वक्त दालचीनी चाय के साथ सेवन करें। दालचीनी स्वाद में मीठी स्वादिष्ट होती है। दालचीनी पाईल्स रोग में फायदेमंद है।
- दालचीनी और कलौंजी को बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर कांच की शीशी में रख लें। किंचन में खाना बनाते वक्त चुटकी भर 5 - 7 ग्राम दाल, सब्जी, व्यजंन, पकवान, सूप, इत्यादि में जरूर डाल कर बनायें।चम्मच से न डालें। ज्यादा दालचीनी और कलौंजी पाउडर खाने में डालने से खाना का स्वाद कड़वा हो जाता है। दालचीनी कलौंजी मिक्स वबासीर को तेजी से शीध्र ठीक कर देता है। कलौंजी और दालचीनी मिश्रण सेवन पाईल्स को कैंसर विकार बनने से बचाती है।
- चाय बनाने वक्त चुटकी भर भुना जीरा पाउडर चाय में डालकर चाय बनायें, इसी तरह से रोज जीरा पाउडर वाली चाय सेवन करें, चीनी की जगह शहद का इस्तेमाल करें। जीरा पाउडर चाय में पड़ने से खुशबू आती है। ज्यादा डालने से चाय कड़वी होती है। थोड़ा से डालें। और चाय छानकर पीयें।
- दालचीनी पाउडर और अदरक रोज सब्जी खाने में इस्तेमाल करें। और सुबह रोज थोड़ी सी दालचीनी पाउडर और अदरक खाली पेट सेवन करें।
जीरा पाउडर बनाने की विधि
50 ग्राम जीरा को तबे में भून कर हल्का लाल भूरा करें। फिर तुरन्त ठंडा होने तक ओखनी, साफ पत्थर से पीस लें। कांच की शीशी में सुरक्षित रख लें। जब भी चाय बनायें, नामात्र चुटकी भर जीरा पाउडर चाय में डालें। चम्मच से न डालें वरना चाय का स्वाद कड़वा हो जायेगा। जीरा चाय वबासीर को शीध्र ठीक करने में सक्षम है।
वबासीर में दालचीनी सेवन में सावधानियां
- वबासीर में तुरन्त फायदे केे लिए चाय में दूध इस्तेमाल न करें।
- दालचीनी और कलौंजी पाउडर चुटकी भर ही खाने, चाय में डालें। कलौंजी स्वाद में कड़वी होती है। परन्तु अचूक दवा है।
- जीरा पाउडर चुटकी भर ही चाय में डालें। ज्यादा डालने पर चाय स्वाद कड़वा हो जाता है। और चाय छानकर पीयें।
- पाईल्स में जीरा दाने चाबाकर खाना हानिकारक हो सकता है। जीरा दाने, कठोर चीजें आंतों मलद्वार - गूदा में फंस कर पाईल्स को बढ़ावा देते हैं।
- कलौंजी गर्भवती महिलाओं के नहीं है।
- वबासीर में दालचीनी को सीधे चबाकर नहीं खायें। कठोर दालचीनी टुकड़े नाजुक ग्रसित गुदा को नुकसान पहुंचाते हैं।