छोटी फर्न खाने में स्वादिष्ट और पौष्टिक गुणों से भरपूर है। फर्न को हिन्दी में फर्न, हरी लुगटा, गुथड़ा, लुंगड़ू अंग्रेजी में Fiddleheads ferns नामों से जानी जाती है। स्वादिष्ट निरोग फर्न हिमाचल, उत्तराखण्ड, झारखण्ड, असम, अरूणाचल इत्यादि पर्वतीय क्षेत्रों में पाई जाती है। फर्न सैकड़ों तरह के रोगों को नष्ट करने में सक्षम है।
फर्न दो तरह के होते हैं। छोटी ड़ठल फर्न और बड़ी पतली फर्न, छोटी हरी फर्न स्वादिष्ट सब्जी बनाई जाती है। फर्न की कई प्रजातियां होती हैं। परन्तु मुख्य रूप से फर्न दो तरह की होती है।
हरी कोमल ड़ठल फन में ओमेगा-3, ओमेगा-6, विटामिन ए, विटामिन बी कम्पलैक्स, विटामिन सी, पोटाशियम, कापर, आयरन, फैटी ऐसिड, सोडियम, फास्फोरस, मैंगनीशियम, कैरोटीन और मिनरलस रिच मात्रा में मौजूद है।

फर्न हर्बल में छुपा प्राचीन आर्युवेद राज / Fiddlehead Fern Benefits in Hindi / Fern ke Fayde

छोटी फर्न और बड़ी फर्न में अंतर पहचानें :
छाटी फर्न
छाटी फर्न बरसात के मौसम जून, जुलाई, अगस्त में प्राकृतिक रूप से मिट्टी से गोलाकार निगलती है। मिट्टी से धीरे धीरे बाहर निकल कर खुलती है। गोलाकार मोटे कोमल ड़ठल की सब्बजी बनाई जाती है। फर्न फैलने पर नहीं खाई जाती है। सब्जी वाली प्रजाति आज विज्ञान की मद्द से खेतों में उगाई जा रही है। आज विश्व भर में हरी कोमल ड़ठल फर्न की मांग तेजी से बढ़ रही है। विज्ञान हरी कोमल ड़ठल फर्न को खास स्वास्थ्यवर्धक, फायदेमंद सिद्व कर चुकी है।
बडी फर्न
बड़ी चैड़ी हरे पत्तेदार फर्न घरों में सजावट के लिए गमलों में उगाई जाती है। बड़ी फर्न खाई नहीं जाती है। बड़ी फर्न को गलती से भी न खायें। बड़ी फर्न खाने से कई तरह के स्वास्थ्य पर नुकसान होते हैं। केवल छोटी कोमल डंठल गोलाकार हरी फर्न की सब्जियों में इस्तेमाल की जाती है। जोकि सब्जी मंडी - सब्जी बाजार में उपलब्ध होती है।
छोटी कोमल डंठल गोलाकार हरी फर्न के औषधीय गुण / Small Ferns Benefits:
डायबिटीज दूर रखे हरी कोमल गोलाकार ड़ठल फर्न
डायबिटीज से दूर रखने में हरी कोमल गोलाकार ड़ठल फर्न रामबाण दवा है। प्राचीन काल में लोग पर्वतीय क्षेत्रों में हरी कोमल गोलाकार ड़ठल फर्न की सब्जी सेवन करते थे, और डायबिटीज जैसी घातक बीमारियों से दूर रहते थे। आर्युवेद में हरी कोमल गोलाकार ड़ठल फर्न का विशेष स्थान है।
लीवर आंतों की बीमारी तुरन्त मिटाये हरी कोमल फर्न
लीवर गड़बड़ को ठीक करने और आंतों में सूजन या आंतों से सम्बन्धित बीमारियों को तुरन्त ठीक करने में हरी कोमल फर्न की सब्जी खाने और हल्की आंच में हरी फर्न गोलाकर ड़ठल उबाल कर खाने से तुरन्त आराम मिलता है।
फर्न की जड़ गांठ ठीक करे फोड़े फुंसिंयां
Fern Plant की जड़ गांठ को बारीक बारीक कूट - पीस कर फोड़े फुंसी वाली जगह के चारो ओर लगाने से फोड़ा फुंसी तुरन्त ठीक हो जाती है। जख्म शीध्र भरने में सक्षम है।
चोट लगने पर पर फर्न गांठ जड़
चोट लगने पर पर फर्न की जड़ गांठ को पीसकर लेप चोट वाली जख्म के चारो ओर लगाने से दर्द से छुटकारा मिलता है। और शीध्र ठीक भी होता है। फर्न जड़ गांठ पेस्ट एक तरह का प्राकृतिक पेन किलर है। लेप लगाने से पहले पीड़ित व्यक्ति को एक गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर जरूर पिलायें।
कैंसर दूर करे फर्न
फर्न की हरी छोटी कोमल गोलाकार डंठल का सेवन हर तरह के कैंसर से लड़ने की सक्षमा प्रदान करता है। छोटी हरी कोमल डंठल फर्न एन्टीआक्सीडेन्ट है। कैंसर पीड़ित व्यक्ति को छोटी कोमल डंठल फर्न की सब्बजी और उबाल कर जरूर दें।
गठिया जोड़ों के दर्द में फर्न
फर्न की जड़ गांठ को बारीक कूटकर लेप जोंड़ों के दर्द गठिया वाले उगलियां पर लगायें। फर्न जड़ गांठ लेप दर्द के साथ साथ गठिया जोंड़ों का दर्द ठीक करने में सक्षम है। और हरी छोटी कोमल डंठल फर्न सब्बजी सेवन से मांसपेशियां और हड्डियां मजबूत बनाने में सहायक है।
आंखों की रोशनी बढ़ाये फर्न
छोटी कोमल रस वाली डंठल फर्न सेवन आंखों की रोशनी तेज करने में सहायक है। फर्न विटामिन सी, विटामिन बी कम्पलैक्स, ओमेगा3 और ओमेगा6 मिनरलस रिच मात्रा में मौजूद हैं।नोट: फर्न की सब्जी और सेवन गर्भवती महिलायें नहीं करें।
विष नाशक फर्न
बिच्छू, कीट, पंतग, कुत्ते, सांप के काटने पर फर्न की जड़ और आम की गुठली का पेस्ट लगाने से विष जल्दी उतरती है। आम गुठली और फर्न जड़ मिश्रण लेप प्रचीनकालीन विषनाशक औषधि रूप है।