गोखरू का पौधा मैदानी, पहाड़ी शुष्क, गर्म, नदी किनारे, सड़कों के किनारे, रेतीली जगहों पर पाई जाती है। गोखरू दिखने में चने के पौधे की तरह पत्तियां दिखती है। और फूल पीले रंग में कांटेदार होते हैं। गोखरू फल भी कांटों के मध्य होता है। गोखरू दो तरह से होते हैं। छोटा गोखरू फल और जड़ दोनों ही अचूक दवा का काम करती है। गोखरू स्वाद में हल्का मीठा और चिपचिपा लगता है।
गोखरू का भारत में सभी राज्यों में कई नामों से जाना जाता है। कोई क्षुरक, गोक्षुर, पल्लेरू काया, भखरा, स्वादुकंटक, गोखरू, त्रिन्कटक, सराते, नेरींजील, गोखयूरा, गुखुरा, पखड़ा, नेगगिलु, बेतागोखारू, चोटा, गोक्शूरा, अंग्रजी में Caltrops fruit, Small Caltrops, Land Caltrops कहते हैं। गोखरू आर्युवेद में बहु उपयोगी औषधि है। गोखरू पंसारी दुकान पर या फिर जंगल, सड़के किनारे, रेतीजी जगहों, बंजर जगहों मिल जाती है।

गोखरू रामबाण दवा / Gokhru Medicinal Benefits / Gokhru ke Fayde aur Nuksan

किड़नी विकृति में गोखरू
किड़नी रोग ठीक करने में गोखरू सक्षम है। किड़नी डायलिसिस और किड़नी ट्रांसप्लांट जैसे गम्भीर किड़नी समस्या से छुटकारा दिलाने में गोखरू सफल आर्युवेदिक दवा है। किड़नी विकृति में तेजी से सुधार करने में सक्षम है। जिन लोगों की किड़नी से कोई भी समस्या हैं वे गोखरू का काढ़ा और जड़ जरूर सेवन करें। 30-40 दिनों के अन्तराल में गोखरू अपना जादूई असर से किड़नी विकार मिटाने में सक्षम है।
नपुसकता में गोखरू
वीर्य में कमी, शीध्रपतन, नपुसकता दूर करने में गोखरू बीज पाउडर आधा चम्मच और अश्वगंधा चुटकी भर एक गिलास दूध के साथ रोज सेवन करने से वीर्य शुक्राणुओं की समस्या से निदान में सहायक है।
पेशाब विकारों में गोखरू
Urinary Tract Infection / पेशाब में जलन, पेशाब रूकना, मूत्रघात, सूजन इत्यादि होने पर गोखरू का काढ़ा पीने से शीध्र आराम मिलता है। मूत्र विकारों को जड़ से मिटाने में गोखरू काढ़ा सक्षम है।
पुरानी खांसी में गोखरू
पुरानी से पुरानी खांसी ठीक करने के लिए 50 ग्राम गोखरू उबाल कर रख दें। सुबह शाम गोखरू 1-1 कप गोखरू पेय में 1 चम्मच अदरक पाउडर मिलाकर पीने से हर तरह की खांसी से छुटकारा मिलता है।
गोखरू काढ़ा विधि
400 गोखरू को 3 लीटर पानी में हल्की आंच पर 30 मिनट तक उबालें। ठंड़ा होने पर छान कर साफ कांच के शीशी में रख लें। रोज प्रात खाली पेट और रात के खाने से 1 घण्टे पूर्व 1-1 कप गोखरू काढ़ा पीयें। आर्युवेदिक गोखरू काढ़ा पीने के 1 घण्टे बाद ही कुछ खायें पीयें।
गोखरू से नुकसान
- गोखरू गर्भवती महिलाओं के लिए मना है।
- गोखरू सेवन 8 साल से छोटे बच्चों के लिए मना है।
- गोखरू ज्यादा मात्रा में लेने से पेट पाचन सम्बन्धित समस्याएं हो सकती हैं।
- गोखरू शरीर में तीब्र रक्तसंचार बढ़ाता है।
- गोखरू खास आयुर्वेदिक औषधि श्रेणी में आती है। गोखरू चिकित्सक की सलाह से ही लें।