खाद्य पदार्थों, फलों, सब्जियों में रसायनों कैमिक्लों का छिड़काव, दूध सैन्थिक मिलावट पाया जाना, मीठा का ज्यादा सेवन होना, आज कल आम बात है। बदलते खान पान से घातक बीमारियां संक्रामण, वायरल, इत्यादि शरीर में आसानी से अपना घर बना लेती है। डायबिटीज, कैंसर, दमा, जोड़ों दर्द गठिया आदि बीमारियां उम्र से पहले होनी शुरू हो गई है। अधुनिक जीवन में व्यक्ति खान पान, व्यायाम, फिटनेस पर ध्यान नहीं रख पाता। कुछ खास बातें इस प्रकार से हैं, जोकि शरीर को रोगों से बचाने में सक्षम हैं।
स्वस्थ निरोग रहने के खास हेल्थ टिप्स / Swasth Nirog Rahne ki Liye Swasthya Sujhav / Healthy Living Tips
सही पूरी नींद
रोज 7-8 घण्टे की नींद लें। पर्याप्त नींद पाचन और मस्तिष्क को संतुलन बनाये रखती है।
पाचन तंत्र
रोज रात को सोने से 10 पहले 1 गिलास पानी जरूर पीयें। इससे नींद भी अच्छी आती है और पाचन ठीक रहता है। सुबह उठकर 1 गिलास गुनगुना पानी पीयें। 15-20 मिनट बाद चाय आदि पीयें।
मसाला चाय
अदरक सौंठ, इलाईची, भुना जीरा और दालचीनी बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर कांच की शीशी में रख लें। रोज किंचन में चुटकी भर चाय मसाला डालकर चाय बनायें। रोज सुबह शाम मसाला चाय पीयें। चीनी की जगह नेचुरल शहद का इस्तेमाल करें। खुद और पूरे परिवार को संक्रामण, वायरल, रोगों से दूर रखें।
पोष्टिक सलाद
रोज खाने में सलाद जरूर खायें, सलाद में 1 नींबू निचैड़ना न भूलें। नींबू पाचन और पेट सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
फल पौषण
फलों को बाजर से लाने के बाद 10 मिनट तक पानी में डुबों कर रखें और अच्छे धोयें। आजकल कच्चे फलों को कैमिक्ल रसायनों से पकाया जाता है। विना धाये फल बीमारियों की जड़ है। फल धोने के बाद फिर सेवन करें या फ्रिज में रखें। रोज या 1 दिन छोड़कर फल जरूर खायें। फल खाने के तुरन्त बाद पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से पेट खराब होने के ज्यादा चान्स रहते हैं। कई लोग पपीता, तरबूज, आम, अगूंर इत्यादि खाने के बाद पानी पी लेते हैं फिर दोष पाचन तंत्र को देते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, सरसों, राई, सप्ताह में 2 बार जरूर खायें। हरी पत्तेदार सब्जी खाने से सबसे ज्यादा फायदा आंखों को होता है। जो व्यक्ति सप्ताह में दो बार हरी पत्तेदार सब्जी खाये तो जल्दी चश्मा लगना नहीं के बाराबर होता है। हरी पत्तेदार सब्जी खाने से रक्त बढ़ाने में सक्षम है। सभी सब्जियां अति जरूरी है। परन्तु हरी पत्तेदार सब्जी शरीर को निरोग रखने और स्वास्थ्यवर्धक है।
घरेलू अमृत किंचन मसाला
किंचन में खुद किंचन मसाला बनाकर रखें। बाजार में मिलना वाले मसाले में ज्यादातर मिलावट होती है। किंचन मसाला रोगों बीमारियों से लड़ने में सक्षम है। अगर बीमारियां हैं तो तुरन्त ठीक हो जाती हैं।
किंचन मसाला विधि
लहसुन का सेवन
सप्ताह में 2-3 दिन लहसुन की चार-पांच कलिंया सुबह उठकर जरूर निगलें। इससे पेट साफ और गैस पाचन ठीक करने में सक्षम है। और रोज सुबह, दोपहर, रात किंचन में सब्जी, दाल, पकवन आदि बनाते वक्त में लहसन जरूर डालें। लहसुन के सैकड़ों फायदें हैं।
हल्दी दूध सेवन
हल्दी दूध मिश्रण सेवन करना शरीर के लिए फायदेमंद है। हल्दी दूध शरीर में पनपने वाले रोगों, जमा विषाक्त को जड़ से नष्ट करने में सक्षम है। और शरीर को अन्दर से स्वस्थ निरोग रखने में सक्षम है। स्वस्थ व्यक्ति को भी महीने में 2-3 बार हल्दी दूध सेवन करना चाहिए।
मन शान्ति और शरीर फिटनेस
ज्यादातर लोग काम काजी होते हैं। फ्री वक्त जैसे लंच टाइम, रात को खाने बाद, टहले फिरे, सीढ़ियां चढें, घर की छत में टहलें। पैदल ज्यादा चलें। तडके सुबह उठकर हरी घास में नंगे पाव 10 मिनट चलें। नंगे पांव चलने से पांव के नीचे बने जोड पाईन्टस सक्रीय हो जाते हैं जोकि मस्तिष्क और रक्त संचार सक्रीय रखने में अति उत्तम है। रोज सुबह शाम 20-25 मिनट योगा व्यायाम जरूर करें।
अकसर बहुत कम लोग सही खानपान, दिनचर्या को जानते हैं। उपरोक्त बताई गई बातें स्वस्थ और निरोग शरीर के लिए अति उत्तम हैं। अजमा के जरूर देखें। अपनी राय, विचार, स्वस्थ्य फायदें हमें ईमेल द्वारा भेजें। हमें हर महीने कई पाठकों की ईमेलें आती हैं और खुशी होती है कि पाठकों को हमारी स्वास्थ लेखों से फायदा हो रहा है।
पाचन तंत्र
रोज रात को सोने से 10 पहले 1 गिलास पानी जरूर पीयें। इससे नींद भी अच्छी आती है और पाचन ठीक रहता है। सुबह उठकर 1 गिलास गुनगुना पानी पीयें। 15-20 मिनट बाद चाय आदि पीयें।
मसाला चाय
अदरक सौंठ, इलाईची, भुना जीरा और दालचीनी बराबर मात्रा में पीसकर पाउडर कांच की शीशी में रख लें। रोज किंचन में चुटकी भर चाय मसाला डालकर चाय बनायें। रोज सुबह शाम मसाला चाय पीयें। चीनी की जगह नेचुरल शहद का इस्तेमाल करें। खुद और पूरे परिवार को संक्रामण, वायरल, रोगों से दूर रखें।
पोष्टिक सलाद
रोज खाने में सलाद जरूर खायें, सलाद में 1 नींबू निचैड़ना न भूलें। नींबू पाचन और पेट सम्बन्धी समस्याओं से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
फल पौषण
फलों को बाजर से लाने के बाद 10 मिनट तक पानी में डुबों कर रखें और अच्छे धोयें। आजकल कच्चे फलों को कैमिक्ल रसायनों से पकाया जाता है। विना धाये फल बीमारियों की जड़ है। फल धोने के बाद फिर सेवन करें या फ्रिज में रखें। रोज या 1 दिन छोड़कर फल जरूर खायें। फल खाने के तुरन्त बाद पानी नहीं पीना चाहिए। ऐसा करने से पेट खराब होने के ज्यादा चान्स रहते हैं। कई लोग पपीता, तरबूज, आम, अगूंर इत्यादि खाने के बाद पानी पी लेते हैं फिर दोष पाचन तंत्र को देते हैं।
हरी पत्तेदार सब्जियां
हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, सरसों, राई, सप्ताह में 2 बार जरूर खायें। हरी पत्तेदार सब्जी खाने से सबसे ज्यादा फायदा आंखों को होता है। जो व्यक्ति सप्ताह में दो बार हरी पत्तेदार सब्जी खाये तो जल्दी चश्मा लगना नहीं के बाराबर होता है। हरी पत्तेदार सब्जी खाने से रक्त बढ़ाने में सक्षम है। सभी सब्जियां अति जरूरी है। परन्तु हरी पत्तेदार सब्जी शरीर को निरोग रखने और स्वास्थ्यवर्धक है।
घरेलू अमृत किंचन मसाला
किंचन में खुद किंचन मसाला बनाकर रखें। बाजार में मिलना वाले मसाले में ज्यादातर मिलावट होती है। किंचन मसाला रोगों बीमारियों से लड़ने में सक्षम है। अगर बीमारियां हैं तो तुरन्त ठीक हो जाती हैं।
किंचन मसाला विधि
- 20 ग्राम दालचीनी
- 20 ग्राम जीरा
- 10 ग्राम लौंग
- 10 ग्राम काली मिर्च
- 100 ग्राम धनियां दानें
- 5 ग्राम तेज पत्ता
- 5 ग्राम छोटी इलाईची
- 10 ग्राम बड़ी इलाईची
- 15 ग्राम अदरक सौंठ
- 5 ग्राम कलौंजी
लहसुन का सेवन
सप्ताह में 2-3 दिन लहसुन की चार-पांच कलिंया सुबह उठकर जरूर निगलें। इससे पेट साफ और गैस पाचन ठीक करने में सक्षम है। और रोज सुबह, दोपहर, रात किंचन में सब्जी, दाल, पकवन आदि बनाते वक्त में लहसन जरूर डालें। लहसुन के सैकड़ों फायदें हैं।
हल्दी दूध सेवन
हल्दी दूध मिश्रण सेवन करना शरीर के लिए फायदेमंद है। हल्दी दूध शरीर में पनपने वाले रोगों, जमा विषाक्त को जड़ से नष्ट करने में सक्षम है। और शरीर को अन्दर से स्वस्थ निरोग रखने में सक्षम है। स्वस्थ व्यक्ति को भी महीने में 2-3 बार हल्दी दूध सेवन करना चाहिए।
मन शान्ति और शरीर फिटनेस
ज्यादातर लोग काम काजी होते हैं। फ्री वक्त जैसे लंच टाइम, रात को खाने बाद, टहले फिरे, सीढ़ियां चढें, घर की छत में टहलें। पैदल ज्यादा चलें। तडके सुबह उठकर हरी घास में नंगे पाव 10 मिनट चलें। नंगे पांव चलने से पांव के नीचे बने जोड पाईन्टस सक्रीय हो जाते हैं जोकि मस्तिष्क और रक्त संचार सक्रीय रखने में अति उत्तम है। रोज सुबह शाम 20-25 मिनट योगा व्यायाम जरूर करें।
अकसर बहुत कम लोग सही खानपान, दिनचर्या को जानते हैं। उपरोक्त बताई गई बातें स्वस्थ और निरोग शरीर के लिए अति उत्तम हैं। अजमा के जरूर देखें। अपनी राय, विचार, स्वस्थ्य फायदें हमें ईमेल द्वारा भेजें। हमें हर महीने कई पाठकों की ईमेलें आती हैं और खुशी होती है कि पाठकों को हमारी स्वास्थ लेखों से फायदा हो रहा है।