रोजमर्या स्वास्थ जीवन शैली में कुछ बातें ऐसे हैं जोकि व्यक्ति को स्वस्थ और निरोग बना सकती है। इन नियमों को रोज अपनाने से तन, मन, शरीर दुरूस्त, निरोग रखने में सक्षम है।
जीवन अनमोल है। खास बातें हमेशा स्वस्थ रहने के लिए / Life is Precious in Hindi
- खाने के 10-15 मिनट पहले 1 गिलास पानी जरूर पीयें, पानी खाना पचाने और पाचन तंत्र दुरूस्त रखने में सक्षम है।
- तेलयुक्त पकवान कम खायें। तेलयुक्त पकवान खाने के तुरन्त बाद 1 गिलास गुनगुना पानी जरूर पीयें। तेलीय पकवानों से होने वालें पकवान से गला, पाचन दुरूस्त रखने में सक्षम है। और गर्म पानी फैट - मोटापा रोकने में सक्षम है।
- फल सब्जियां बाजार से खरीद कर लाने पर 5 मिनट तक पानी में डुबों कर रखें फिर तुरन्त धायें। इससे फलों सब्जियों से कैमिक्ल गंदगी साफ हो जाती है। फलों, सब्जियों को तरोताजा चमकदार सुन्दर दिखने के लिए कैमिक्लस का इस्तेमाल किया जाता है।
- मीठा पकवान, मीठा ज्यादा खाने से बचें। मीठा किसी न किसी तरह से रोजमर्या के जीवन शैली में अपने आप खाया जाता है। छोटे फंक्शन से लेकर बड़े फंक्शन, त्यौहार, पार्टी, प्रसाद तौर पर, किसी न किसी रूप में व्यक्ति मीठा खा ही लेता है। मीठे से शुगर-डायबिटीज होने के ज्यादा संभावनायें रहती है।
- घर में बाथरूम, रसोई स्वच्छ रखें। ज्यादातर बीमारियों शौचालय, गंदे किंचन से उत्पन्न होती है।
- रात को सोने से 10 मिनट पहले एक गिलास पानी जरूर पीयें। सोते वक्त पानी पीने से पाचन ठीक रहता है। और नींद भी अच्छी आती है।
- खाने में सलाद, हरी सब्जियां, फल, फल जूस, दूध, दही, अंकुरित अनाज पौष्टिक आहर शामिल करें।
- फल, जूस खाने के बाद तुरन्त पानी न पीयें। ऐसा करने से पेट खराब एवं पाचन तंत्र बिगड़ने की संभावनायें ज्यादा रहती है।
- खाने का वक्त समय शारणी बनायें। सही वक्त पर नाश्ता, दोपहर का खाना, रात्रि भोज करें। खाना पेट भरकर न खायें। तरल पदार्थ फल, सलाद, फल जूस, नटस आदि ज्यादा सेवन करें।
- जंकफूड, ठंड़ा सोड़ा, शराब, तम्बाकू, धूम्रपान इत्यादि सेवन से बचें। पेट में केवल खाने वाली पोष्टिक हेल्दी आहार की चीजों के लिए बना है। उदाहरण के लिए जैसे मोटर, गाड़ी, वाहन में केवल पेट्रोल, डीजल ही डालते हैं। पानी नहीं। उसी तरह से पेट में केवल अन्न, फल, जूस, ही डालें। यानिकि हेल्दी पोष्टिक फूडस ही खायें।
- रोज योगा एक्सरसाईज करें, और टहलें फिरे, पैदल ज्यादा चलें। साल में 1-2 बार शरीर की जांच करवायें। जांच से शरीर में होने वाले बदलाव, विकारों के प्रवेश का आसानी से पता चल जाता है।
- कभी भी पेट भर नहीं खायें, भूख से 20 प्रतिशत कम खायें।
- प्लास्टिक बर्तनों में खाने पने की चीजें गर्म नहीं करें। बंद पैकेट खाद्यसामग्री से परहेज करें।
- अधिक तीखा - मिर्चीला - अधिक नमक और अधिक मीठा खानें से बचें। अधिक ठंड़ा पानी पीने से बचें।
- पेट साफ रखें। दो वक्त सुबह शाम बाथरूम (पाखाना) जायें।