पाईल्स होना आजकल आम बात हो गई है, बवासीर होने के कई कारण हैं जैसे जंकफूड, सोड़ा, शराब, नशीले मादक पेय, मिर्च मसालों का ज्यादा सेवन इत्यादि कई कारण हैं। पाइल्स कोई बड़ी बीमारी नहीं परन्तु वक्त पर सही उपचार न किया जाय तो पाइल्स लाईफ टाइम रहती है। नीचे बताई गई बातों को अगर सही से ध्यान में रखा जाय तो वबासीर 30 - 45 दिनों के अन्दर ठीक हो जाती है। पाईल्स सर्जरी करनी की जरूरत नहीं पड़ती।
पाईल्स बवासीर का 45 दिनों का अचूक आर्युवेदिक कोर्स (Piles 45 Days Course in Hindi)
कलौंजी, दालचीनी, भुना जीरा पाउडर, दहीं, छांछ मिश्रण सेवन बवासीर संक्रमण ठीक करने में सहायक है। और साथ ही बवासीर गूदा जख्म मस्स को कैंसर फोड़ा होने से बचाने में सहायक है।

पाइल्स में यें निम्न चीजें नहीं खाये
- हरी मिर्च और लाल मिर्च दोनो तरह की मिर्च बवासीर में और जख्म घातक बनाती है। पाईल्स में मिर्च से परहेज करें।
- जंक फूड सोड़ा कोल्ड पेय सेवन बवासीर के दौरान बिल्कुल न करें। जंकफूड सोड़ा पेय पाचन को प्रभावित करता है। पाचन का सीधा सम्बन्ध वबासीर को बढ़ावा है।
- तली भुनी चीजें, मीट, मछली, अण्डा, बवासीर ठीक होने तक जरूर परहेज जरूर करें।
- शराब, बीयर, तम्बाकू, धूम्रपान इत्यादि किसी भी तरह का मादक नशीले पदार्थों के सेवन से परहेज करें। गुटका, नशीली मादक चीजें पाईल्स को ज्यादा घातक बनाती हैं।
- खट्टे फलों, खट्टे खाद्यपदार्थ, बाहर के खाने से परहेज करें।
पहला तरीका : रोज जब भी चाय कॉफी पीयें तो, भुना जीरा पाउडर वाली चाय कॉफी पीयें।
विधि: 200 ग्राम जीरा को तबे पर हल्का लाल होने तक भूने। फिर तुरन्त औखली पत्थर में बारीक पीसकर पाउडर कांच की शीशी में रख दें। जब भी चाय पीयें उसमें आधे से कम चम्मच जीरा पाउडर मिलाकर चाय बनायें। फिर चाय छान कर पीयें।
चुटकीभर भुना बारीक जीरा पाउडर दहीं, छांछ के साथ मिलाकर सेवन करें। जीरा, बारीक पाउडर बिना दहीं छांछ के साथ सेवन नहीं करें। खाली जीरा चबाना, और जीरा पाउडर पाईल्स में मना है। जीरा पाउडर सीमित मात्रा में दहीं, छाछ में डालें।
दूसरा तरीका : 50 ग्राम कलौंजी और 100 ग्राम दालचीनी छिलके को औखली में बारीक कूट पीसकर कांच की शीशी में रख लें। या फिर रोज सुबह शाम दालचीनी कलौंजी एक साथ चबाकर रस चूसे।
आधा दालचीनी कलौंजी पाउडर मिश्रण को 1 गिलास पानी में 2 घण्टे घोलकर छोड़ दें। फिर छान कर पीयें। दालचीनी और कलौंजी पाडर पानी सेवन पाईल्स को तेजी से ठीक करता है। और पाईल्स को कैंसर फोड़ा बनने से बचाने सहायक है।
रोज नाश्ते, दोपहर, रात के खाने, सब्जी आदि में चुटकी भर कलौंजी दालचीनी पाउडर मिलाकर लगातार 40-45 दिनों तक सेवन करें। 7-10 दिनों में ही वबासीर ठीक होने लगता है। परन्तु कोर्स पूरा करें। एक बार कोर्स पूरा होने पर वबासीर दुबारा होने की संभावनाऐं नहीं के बराबर रहती है।
तीसरा तरीका : दालचीनी के छिलके अपने साथ जेब में रख कर ले जायें। दिन में 2-3 बार दालचीनी छिलकों को बारीक चबाकर रस चूसे। दालचीनी पाउडर किंचन में खाना तैयार करते समय इस्तेमाल करें।
विधि: 200 ग्राम जीरा को तबे पर हल्का लाल होने तक भूने। फिर तुरन्त औखली पत्थर में बारीक पीसकर पाउडर कांच की शीशी में रख दें। जब भी चाय पीयें उसमें आधे से कम चम्मच जीरा पाउडर मिलाकर चाय बनायें। फिर चाय छान कर पीयें।
चुटकीभर भुना बारीक जीरा पाउडर दहीं, छांछ के साथ मिलाकर सेवन करें। जीरा, बारीक पाउडर बिना दहीं छांछ के साथ सेवन नहीं करें। खाली जीरा चबाना, और जीरा पाउडर पाईल्स में मना है। जीरा पाउडर सीमित मात्रा में दहीं, छाछ में डालें।
दूसरा तरीका : 50 ग्राम कलौंजी और 100 ग्राम दालचीनी छिलके को औखली में बारीक कूट पीसकर कांच की शीशी में रख लें। या फिर रोज सुबह शाम दालचीनी कलौंजी एक साथ चबाकर रस चूसे।
आधा दालचीनी कलौंजी पाउडर मिश्रण को 1 गिलास पानी में 2 घण्टे घोलकर छोड़ दें। फिर छान कर पीयें। दालचीनी और कलौंजी पाडर पानी सेवन पाईल्स को तेजी से ठीक करता है। और पाईल्स को कैंसर फोड़ा बनने से बचाने सहायक है।
रोज नाश्ते, दोपहर, रात के खाने, सब्जी आदि में चुटकी भर कलौंजी दालचीनी पाउडर मिलाकर लगातार 40-45 दिनों तक सेवन करें। 7-10 दिनों में ही वबासीर ठीक होने लगता है। परन्तु कोर्स पूरा करें। एक बार कोर्स पूरा होने पर वबासीर दुबारा होने की संभावनाऐं नहीं के बराबर रहती है।
तीसरा तरीका : दालचीनी के छिलके अपने साथ जेब में रख कर ले जायें। दिन में 2-3 बार दालचीनी छिलकों को बारीक चबाकर रस चूसे। दालचीनी पाउडर किंचन में खाना तैयार करते समय इस्तेमाल करें।
चौथा तरीका : रात को एक मुट्ठी किशमिश दूध में भिगों कर रख दें। सुबह उठकर किशमिश दूध में मसलकर सेवन करें। दूध में भिगोये किशमिश सेवन पाईल्स ठीक करने में खास सहायक है।
पांचवां तरीका : ब्रेकफास्ट और लंच करने से पहले आधी कटोरी सादी दही खायें। दही सेवन तेजी से पाईल्स ठीक करने में सहायक है।
थैंक्सओटी ट्यूब और टैब्लेट
पनेसिया की थैंक्सओटी ट्यूब क्रीम को गूदा पर लगायें और टैब्लेट सुबह शाम खायें। थैंक्सओटी ट्यूब और टैब्लेट पाईल्स में उत्तम मानी जाती हैं।
उपरोक्त बताये गये पांच तरीके रोज लगातार 45 दिनों तक करें। इससे पुरानी से पुरानी खूनी और सूखी वबासीर ठीक हो जाती है। वबासीर ऑपरेशन सर्जरी से बचने का सबसे अचूक सस्ता आर्युवेदिक है। आर्युवेदिक इलाज फायदेमंद और कारगर सिद्ध होता है। असर धीरे धीरे होता है, परन्तु बीमारी जड़ से समाप्त हो जाती है।