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गर्भावस्था के दौरान देखभाल Care During Pregnancy in Hindi

गर्भवती महिलाओं के लिए संतुलित पौष्टिक आहार की जरूरत होती है। बच्चे की सही से ग्रोथ और विकास के लिए रिच प्रोटीन विटामिनस, मिनरलस युक्त खाद्यपदार्थ जरूरी हैं। सामान्य अवस्था में स्त्री प्रतिदिन लगभग 2100 कैलोरी ग्रहण करती हैं। परन्तु गर्भावस्था के दौरान 2400 कैलोरी तक विटामिनस, मिनरलस प्रतिदिन लेना जच्चा बच्चा दोनों के लिए फायदेमंद है। समय - समय पर बच्चे की ग्रोथ विकास स्थिति की जांच अवश्य करवायें। जिससे जच्चा बच्चा दोनों की सही देखभाल कर सकें।

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बच्चे की सही ग्रोथ विकास के लिए खायें संतुलित पौष्टिक आहार

गर्भवती महिलाओं के लिए प्रोटीन, फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन युक्त डाईट जरूरी होती है। प्रेगनेंसी के प्रथम तीन महीनों में प्रोटीन, फोलिक एसिड युक्त आहार, फल, सब्जियां डाईट में शामिल करें। गर्भवती महिलायें बाकी महीनों में पूर्ण पौष्टिक कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड, प्रोटीन युक्त डाईट लें। महीने अन्तराल पर जांच अवश्य करवाते रहें। जिससे बच्चे की सही ग्रोथ विकास स्थिति का पता चलता रहता है।

गर्भवती महिलाओं के लिए रिच विटामिनस मिनरलस

मां बच्चे दोनों को स्वस्थ सुचारू स्वास्थ्य और विकास के लिए रिच प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन, फोलिक एसिड वाले चीजें डाईट में शामिल करना आवश्यक है। जिसमें, दूध, दही, पनीर, चीज, अण्डा, सोयाबीन खाद्य पदार्थ, हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, नटस् शामिल करें। केवल पेट भरने वाली चीजें न खायें। रिच प्रोटीन विटामिनस मिनरल डाईट से पेट में पल रहे बच्चे की ग्रोथ विकास सही तरह से हो जाता है।

दवाईयां

प्रेग्नेंसी के दौरान चिकित्सक फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन युक्त गोलियां दवाईयां दी जाती हैं, महिलाओं को समय पर गोलियां और दवाईयां लेना न भूलना चाहिए। ज्यादा समय तक दवाईयों का सेवन न करें। फोलिक एसिड, कैल्शियम, आयरन युक्त दवाईयां लेने की मात्रा, समय चिकित्सक की सलाह जरूर लें। लम्बे समय तक दवाईयां लेने से बच्चे पर दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं।

प्रेग्नेंसी के बाद

प्रेग्नेंसी के बाद भी प्रोटीन, आयरन, कैल्शियम, फोलिक एसिड डाईट और दवाईयां जरूर खानी चाहिए। कई महिलाएं फोलिक एसिड आयरन कैल्शिम युक्त दवाईयां और डाईट बंद कर देती हैं। जिससे शरीर में कमजोरी, खून की कमी से चिड़चिड़ापन, मोटापा, पेट बाहर आना आदि समस्याऐं पैदा हो जाती हैं।

प्रेग्नेंसी के दौरान और प्रेग्नेंसी के बाद भी प्रचुर मात्रा में पौष्टिक संतुलित आहार डाईट में शामिल करें। स्वस्थ बच्चा और मां दोनों के लिए जरूरी है। समय सयम पर चिकित्सक से सलाह जांच जरूर करवायें, जिससे महिलाओं के ब्लड लेवल, ग्रोथ स्वास्थ्य का सही से पता चल सके और जच्चा बच्चा में होने वाले स्वास्थ्य समस्याओं को समय से पहले ठीक किया जा सके। मां बच्चा दोनों स्वस्थ और निरोग रह सकें।