कैंसर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। शरीर में बने कैंसर फोड़ा, घाव, संक्रामण, विकार धीरे-धीरे शरीर को अंदर से क्षीण करता है। समय पर असरदार दवाईयां एवं सही उपचार नहीं मिलने के कारण घातक बन जाता है। परन्तु आधुनकि शोध चिकित्सा विज्ञान की मद्द से कैंसर जैसे घातक बीमारियों विकारों को मात क्योर किया जा सकता है। आर्युवेद में कैंसर जैसे घातक बीमारियों को मात देने में औषधियों विख्यान किया गया है। दवाईयों के साथ-साथ आर्युवेद उपचार व्यक्ति को कैंसर को क्योर करने में मद्दगार है। आर्युवेदिक दवाईयां औषधि तुरन्त असर नहीं करती। परन्तु धीरे-धीरे बीमारी समय अनुसार बीमारियों विकारों को जड़ से समाप्त कर देती है। कई लोग आर्युवेदिक उपचार कुछ समय के लिए लेते हैं। और तुरन्त फायदा नहीं होने पर उचार औषधि सेवन छोड देते हैं। आर्युवेद उपचार तरीके नेचुरल सुरक्षित होते हैं। असर देर से करें। परन्तु बीमारी ठीक होना लगभग सम्भव है। हर तरह के कैंसर में कुछ खास आर्युवेदिक उपचार औषधि का लगातार सेवन करने से बीमारी को क्योर किया जा सकता है। और साथ में अन्हेल्दी नुकसानदायक चीजों जंकफूड, बंद डिब्बों, पैकेट फूड, सोड़ा पेय, बासी खाना, तली-भुनी चीजें, फैटी फूड, शराब, तम्बाकू, नशीली चीजें से परहेज करना अति आवश्यक है।
कैंसर रोधक आर्युवेदिक गोलियां / कैंसर इलाज केआर्युवेदिक गोली / CANCER CURE AYURVEDIC PILLS IN HINDI / CANCER KI AYURVEDIC GOLI
कैंसर रोधक आर्युवेदिक गोलियां बनाने की सामग्री :
- 100 ग्राम कलौंजी
- 10 ग्राम शिमला मिर्च बीज
- 60 ग्राम दाल चीनी
- 50 एम.एल. ताजे शीशम हरे पत्ते का रस
कैंसर रोधक आर्युवेदिक गोलियों बनाने की विधि
कैंसर रोधक काढ़ा बनाने का तरीका निम्न प्रकार से विधि पूर्वक दिया गया है। जोकि इस प्रकार से है:
स्टेप 1 : कलौंजी, दालचीनी, शिमला मिर्च बीज, तीनों को साफ औखली, सिलबट्टा में बारीक पीसकर पाउडर बना लें।
स्टेप 2: शीशम के हरे पत्तों को मिक्सी, औखली में बारीक पीसकर लगभग आधा कप रस निकाल लें।
स्टेप 3 : कलौंजी, दालचीनी, शिमला मिर्च के बने पाउडर में शीशम के हरे पत्तों के रस मिलाकर छोटी छोटी गोलियां बनायें।
स्टेप 4 : शीशम के रस में मिलाकर मिश्रण औषधि की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। गोलियों को हल्की धूप में सुखाकर कांच की शीशी में रख लें।
स्टेप 1 : कलौंजी, दालचीनी, शिमला मिर्च बीज, तीनों को साफ औखली, सिलबट्टा में बारीक पीसकर पाउडर बना लें।
स्टेप 2: शीशम के हरे पत्तों को मिक्सी, औखली में बारीक पीसकर लगभग आधा कप रस निकाल लें।
स्टेप 3 : कलौंजी, दालचीनी, शिमला मिर्च के बने पाउडर में शीशम के हरे पत्तों के रस मिलाकर छोटी छोटी गोलियां बनायें।
स्टेप 4 : शीशम के रस में मिलाकर मिश्रण औषधि की छोटी-छोटी गोलियां बना लें। गोलियों को हल्की धूप में सुखाकर कांच की शीशी में रख लें।
कैंसर रोधक गोलियां सेवन विधि
- रोज सुबह उठकर खाली पेट और रात को खाने से 10-15 मिनट पहले 1-1 गोलियां गुनगुने पानी के साथ सेवन करने से कैंसर क्योर होने में मद्दगार है। लगातार 40-45 दिनों तक सेवन करने से असर कैंसर ग्रसित व्यक्ति को अपने आप पाॅजिटिव रिजल्ट दिखने लगेगा। दालचीनी कलौंजी पाउडर मिश्रण को स्वस्थ व्यक्ति को सप्ताह में 1 बार जरूर सेवन करना चाहिए। दालचीनी कलौंजी मिश्रण का जादुई असर शरीर में आन्तरिक बीमारियां होने से बचाने में सुरक्ष कवच का काम करता है।
- कैंसर में शीध्र क्योर करने के लिए 1 वक्त के खाने में दालचीनी कलौंजी का चुटकीभर पाउडर खाने में मिलाकर खायें। ज्यादा मिश्रण पाउडर सेवन नहीं करें। क्योंकि यह खाने को स्वाद में कड़वाह आती है।
- शीशम के हरे पत्तियों का 1 चम्मच रस सेवन दोपहर को करने से जल्दी फायदा होता है।
- नींम की 2-3 हरी पत्तियां चबाकर निगलने से कैंसर विकारों में तेजी से सुधार करने में सहायक है।