शीशम अमूल्य औषधि Dalbergia Sissoo - Sheesham Leaves Benefits in Hindi Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi शीशम अमूल्य औषधि Dalbergia Sissoo - Sheesham Leaves Benefits in Hindi - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

शीशम अमूल्य औषधि Dalbergia Sissoo - Sheesham Leaves Benefits in Hindi

शीशम घरों में ईमारती लकड़ी के लिए विख्यात है। शीशम वृक्ष भारत, नेपाल, लंका, इत्यादि जगहों बहु मात्रा में मिलते हैं। शीशम पेड़ की लम्बाई लगभग 100 फीट के आसपास होती है। शीशम पेड़ आर्युवेद में विशेष खास श्रेणी में रखा गया है। 

शीशम को कई नामों शीशु, शिनसपा, विटी, शीशम, शिसु, अगुरू, बिराडी, शिशावी, प्रारादु, अग्रेजी में Dalbergia Sissoo, Rosewood, आदि नामों से जाना जाता है। शीशम ईमारती लकड़ी के साथ-साथ एक अमूल्य आर्युवेदिक औषधि भी है। शीशम एन्टीआक्सीडेन्ट, वायोकनिन, टेक्टोरिजेनिन, एन्टीफ्ररेटिक, एन्टीफलेमेन्टरी, एन्टीएरेटिक, र्लाविडल, एन्टीपलास्टिमोल, एन्टीडाईहोरियल, एन्टीबैक्टीरियल आदि योगिक तत्वों गुणों से सम्पन पाई गई है। आर्युवेदिक औषधि के रूप में शीशम सफल करगर औषधि है।

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आंखों के लिए शीशम 
आंखों में जलन, आंखें लाल होना, आंखें दर्द होना। इस तरह की समस्या में शीशम के हरे पत्तों को साफ सुथरी जगह बारीक पीसकर 2-3 बूंदे शीशम पत्तियों का रस आंख में डालने से आंखों की समस्या विकारों से तुरन्त छुटकारा मिलता है। प्राचीन वैद्य शीशम का सूरमा आंखों के रोग दूर करने के लिए बनाया करते थे।

कैंसर में शीशम
कैंसर होने पर रोज सुबह शाम शीशम हरे पत्तों का 1-2 चम्मच रस दाल चीनी पाउडर के साथ मिलाकर सेवन करने से तेजी से कैंसर में सुधार होता है। 30-40 दिन लगातार सेवन कर जरूर देंखें। आर्युवेद औषधि असर धीरे धीरे करती है। परन्तु बीमारी जड़ से समाप्त कर देती है।

त्वचा विकार रोग मिटाये शीशम 
त्वचा में दाने, चकते, धब्बे, आदि विकार होने पर शीशम के बीज का तेल ग्रसित त्वचा पर लगाने से त्वचा 10-15 दिनों में दाग मुक्त हो जाती है। सौंन्दर्य प्रसाधनों में शीशम का उपयोग आजकल तेजी से हो रहा है।

कुष्ठ में शीशम का प्रयोग 
त्वचा पर कुष्ठ होने पर शीशम की ताजी कोमल लकड़ी लगभग 600 ग्राम बारीक पीसकर पानी में उबालें। गुनगुना होने पर नहाने से कुष्ठ फैलने से रोकने में सक्षम है।

सर्दी जुकाम, गला खराब में शीशम
सर्दी जुकाम लगने पर शीशम की ताजी हरी पत्तियों को पीसकर 1 गिलास पानी में उबाले। हल्का ठंडा होने पर 2-3 काली मिर्च का पउडर मिलाकर पीने से सर्दी जुकाम 1-2 दिन में ठीक हो जाता है।

हड्डियां टूटने में शीशम अचूक दवा 
हड्डी फैक्चर, टूटने पर दुबारा तेजी से जोड़ने में शीशम लेप सक्षम है। शीशम के हरी पत्तियां, बीज, छाल और कुल्थ दाल बारीक पीसकर लेप लगाने से फैक्चर हड्डी जल्दी जुड़ती है। नये शोध में शीशम फैक्चर हड्डियां जोड़ने में सफल सक्षम पाया गया है।

घुटनो जोड़ों दर्द में शीशम तेल 
जोड़ों घुटनों के दर्द में शीशम के बीज का तेल की मालिश अचूक दवा है। हर तरह के हड्यिों के दर्द में शीशम तेल मालिश शीध्र दर्द निवारण दवा है।

उल्टी दूर करे शीशम 
उल्टी आना, मन मिचलाने पर शीशम के पत्तों का सेवन करने से समस्या का निदान आसानी से होता है।

पाचन शक्ति बढ़ाये शीशम रस 
लीवर कमजोर, पाचन में गडबडी होने पर शीशम के 1-2 पत्ते रोज सुबह खाली पेट चबाकर खाने से पेट पाचन समस्याऐं दूर हो जाती है।

स्त्री-पुरूष अंदुरूनी कमजोरियों में शीशम 
शीशम औषधि स्त्री पुरूष में पाई जाने वाली अंदुरूनी कमजोरियां मिटाने सक्षम पाई गई। शीशम के कई तरह के पेय रस बाजार में आसानी से उपलब्ध हैं।

नोट: अस्थमा और डायबिटीज मरीज शीशम जूस रस का सेवन न करें।