डेंगू वायरल विश्व में सबसे पाया जाता है, डेंगू वायरल मादा मच्छर के काटने से होता है। आंकड़ों अनुसार डेंगू वायरल 1 साल में लगभग 8-10 करोड़ लोगों को होता है। डेंगू के बारे में अकसर आपने समाचार पत्रों, टीबी चैंनलों, सोशल मीडिया, पोस्टर, विज्ञापन आदि के माध्यम वक्त वक्त पर कुछ न कुछ जानकारी आती रहती है। डेंगू बुखार वायरल मादा मच्छर के काटने से होता है। जिन्हें जिसे एडीज इजिपटी से भी पुकारा जाता है। डेंगू के मच्छर अकसर दिन में ही ज्यादा सक्रीय होते हैं। डेंगू होने पर प्लेट्स की मात्रा अचानक शरीर में कम होने लगती है। जिसे थ्रोमबोसाटोपनिया कहा जाता है और समय पर ईलाज न होने पर व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है। जिससे व्यक्ति गभींर स्थिति में पहुंच जाता है। डेंगू बुखार महसूस होने पर तुरन्त डाॅक्टर को उपचार हेतु दिखायें।
डेंगू बुखार के लक्षण कारण उपचार / डेंगू बुख़ार के लक्षण / CAUSES, SYMPTOMS AND TREATMENT OF DENGUE HINDI / DENGUE FEVER PRECAUTIONS / DENGUE KE LAKSHAN

डेंगू मच्छरों के बारे में रोचक तथ्य
- घर में कूलर, टंकी, छत में बेकार पड़े टायर, डिब्बे इत्यादि वस्तुओं में पानी जमा न होने दें। डेंगू मच्छर अकसर इन्हीं जगहों पर जल्दी पनपता है।
- डेंगू मच्छर अकसर घर के कोनों, पर्दों के पीछे, बेड के नीचे, याकि नली होल, छांव और अन्धेरे जगहों पर छुपे रहते हैं।
- स्थिर पानी में ही डेंगू मच्छर अपना लावा अण्डा छोड़ते हैं। जोकि सप्ताह भर में वायरल मच्छर बनकर तैयार हो जाते हैं।
- डेंगू मच्छर आकार में अन्य मच्छरों से बड़ा होता है। बारीकी से देखा जाय तो शरीर में धारियां, पीले चैड़ी चीते जैसे चकते, हल्की रेखायें दिखाई देती है।
- डेंगू मच्छर के अण्डे लगभग 8-10 महीनों तक जीवित रहते हैं। घर के अन्दर बाहर, छत, कूलर, खली टंकी, असापास कहीं भी ज्यादा दिनों तक पानी जमा न होने दें।
- डेंगू के मच्छर अपने अण्डे लावा के आसा पास लगभग 100-150 मीटर के दायरे में ही भ्रमण संक्रामण फैलाते हैं।
- डेंगू मच्छर का लावा अण्डा लगभग सूखे में भी 180 दिनों तक जीवित रहते हैं।
- डेंगू मच्छर के काटने के 48 घण्टे के अन्तराल में बुखार आना शुरू हो जाता है।
- डेंगू मच्छर जमीन से मात्रा 1-2 मीटर तक ही उड पाते हैं। डेंगू मच्छर की उड़ने की क्षमता कम होती है।
- 10. डेंगू मच्छर दिन में कम और रात ज्यादा काटते हैं। डेंगू घातक जान लेवा वायरल बुखार है।
- बुखार आना
- बुखार के साथ साथ ठंड लगना
- सरदर्द होना
- बदन दर्द होना
- मांसपेशियों में दर्द होना
- सांस में कंपकपाहट होना
- बुखार उतरना और फिर बुखार आना
- त्वचा में हल्के लाल रंग के निशान पड़ना
- बुखार से शरीर का टूटना
- अचानक बुखार के साथ पसीना आना
- भूख नहीं लगना
- तेज बुखार से नांक से खून आना
- बुखार के साथ साथ पेट खराब होना
- घर के आसा पास कूलर, छत की टंकी, खाली पड़े डब्बों, बेकार पड़े टायरों, टूटे गमलों आदि चीजों में पानी जमा नहीं होने दें।
- मच्छर महसूस होने पर सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल अवश्य करें।
- घर के आसा पास जमा पानी में तुरन्त मिट्टी तेल या कीटनाशक दवा का छिड़काव करें।
- शरीर पर पूरे कपड़े पहने, डेंगू मच्छर अकसर बाहों, जांघ, गाल, छाती कोमल अंगों पर ज्यादा काटते हैं।
- मच्छर भगाने वाले लिक्विड, ओडोमोस इत्यादि का इस्तेमाल करें। बाजार में बहुत सारी मच्छर मार दवाईयां लिक्विड इत्यादि चीजें मौजूद हैं।
- घर के आंगन में एक नींम का पौधा जरूर लगायें। इससे कई फायदें हैं, नींम के पेड़ की छाया, दवा के रूप में हरे पत्ते और बीज, नींम डठंल दातुन के लिए, नींम के पेड़ की सुगन्ध हवा से मच्छर नजदीक नहीं आते।
- घर में तुलसी के पौधे लगायें। तुलसी पेड़ की खुशुबू से मच्छर दूर रहते हैं।
- सूखे नींम के पत्ते और कपूर का धूंआ करने से मच्छर तुरन्त भाग या मर जाते हैं।
- पपीते के पत्तों का रस और पीपल के कोमल पत्तों का रस मिलाकर सेवन करने से डेंगू वायरल निष्क्रीय होता है। तेजी से डेंगू में सुधार होता है। पपीते और पीपल के पत्तों में पाया जाने वाला खास तत्व डेंगू नाशक है।
- ऐलावेरा जूस में मेथी दानों को पीसकर पीने से प्लेटस् सेल्स तेजी से वृद्धि होती है। अकसर डेंगू से सेल्स प्लेटस कम हो जाते हैं।
- प्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें। शरीर में पानी की कमी नहीं होने दें। संतुलित आहार खायें और हल्का व्यायाम योगा करें।
- बकरी दूध बुखार में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। जल्दी ब्लड प्लेट्स बढ़ाने के लिए बकरी दूध के साथ पके पपीता खायें। बकरी का दूध डेंगू बुखार में प्लेट्स बढ़ाने में अचूक दवा रूप है।
डेंगू होने पर अचूक कारगर काढ़ा
डेंगू बुखार होने पर तुरन्त डाॅक्टर से सलाह उपचार करवायें। डेंगू मच्छर पहचान होने पर तुरन्त स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। ग्रसित जगहों पर कीटनाशक छिड़काव करवायें। आधुनिक समय में स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय - समय पर मच्छर नाशक छिड़काव, गैस निकासी की व्यवस्था की गई है। मच्छर महसूस होने पर तुरन्त शिकायत दर्ज करवायें।
- 20 ग्राम गिलाय पीसकर
- 12-15 तुलसी पत्ते पीसकर
- 5 काली मिर्च
- 3-4 नींम की पत्तियां
- 5-6 चम्मच पपीते की पत्तियों का रस
- 4-5 हरे गेहूं के पौधे
- 3 चम्मच आंवला रस
डेंगू बुखार होने पर तुरन्त डाॅक्टर से सलाह उपचार करवायें। डेंगू मच्छर पहचान होने पर तुरन्त स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। ग्रसित जगहों पर कीटनाशक छिड़काव करवायें। आधुनिक समय में स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय - समय पर मच्छर नाशक छिड़काव, गैस निकासी की व्यवस्था की गई है। मच्छर महसूस होने पर तुरन्त शिकायत दर्ज करवायें।