चिकनगुनिया वायरल एक तरह का बुखार है। जोकि संक्रमित Aedes Aegypti मच्छरों के काटने से होता है। चिकनगुनिया बुखार, डेंगू बुखार की तरह होते है। बरसाती पानी जमा होने से मच्छर तेजी से पनपते हैं। चिकनगुनिया महसूस होने पर तुरन्त जांच एंव उपचार शुरू कर दें। चिकनगुनिया वायरल तेजी से अपने आसपास स्वस्थ व्यक्तियों को भी अपने चपेट ले लेता है। तेज बुखार महसूस होने पर सी.बी.सी. टेस्ट द्धारा सफेद रक्त कण और प्लेटलेट्स की स्थिति जांच करवायें। एंटीबाॅडीज ब्लड सेल्स जांच, चिकनगुनिया टेस्ट से चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू की सही स्थिति का पता चलना आसान हो जाता है। चिकनगुनिया, मलेरिया, डेंगू अलग-अलग संक्रमण वायरल हैं, जोकि पूर्ण सही जांच से पकड़ में आते हैं। चिकनगुनिया पाये जाने पर, समय पर रोकथाम और उपचार नहीं होने पर घातक हो सकता है।
चिकनगुनिया बुखार / चिकनगुनिया लक्षण उपचार / CHIKUNGUNYA FEVER SYMPTOMS TREATMENT / CHIKUNGUNYA KA ILAJ / CHIKUNGUNYA BUKHAR KE LAKSHAN, CHIKUNGUNYA FEVER AYURVEDIC TREATMENT / CHIKUNGUNYA SAFETY TIPS
चिकनगुनिया लक्षण
- तेज बुखार का रहना
- बुखार 102 डिग्री तक घटना - बढ़ना
- बुखार के साथ-साथ ठंड लगना
- शरीर त्वचा पर लाल चकते, दाने आना
- बुखार के साथ-साथ शरीर दर्द होना
- जोड़ों मांसपेशियों में दर्द होना
- उल्टी पेट दर्द होना
- शरीर में कमजोरी थकान महसूस करना
- संक्रामण के कारण भूख नहीं लगना
- आंखों में दर्द और कमजोरी महसूस करना
- शरीर अंगों पर आडोमोस लगायें। आडोमोस चिकनगुनिया मच्छरों से काटने से रोकने में सहायक है।
- शरीर पर पूरे कपड़े पहने। संक्रमित मच्छर नाजुक कोमल अंगों को ज्यादा काटते हैं। अधूरे कपड़े पहनने पर मच्छर आसानी से हाथ, बाजू, गला, जांघ, नाजुक अंगों को काटते हैं।
- चिकनगुनिया पीड़ित व्यक्ति का विस्तर, वस्त्र नियमित बदलें। साफ सफाई स्वच्छा बनाये रखें।
- सूखे नींम के पत्तों को 1 कपूर के साथ जलाकर धुआं करें।
- गुड़नाईट, ऑलआउट मच्छर भगाने के लिए इस्तेमाल करें।
- चिकनगुनिया से बचाने में एप्सम साल्ट और नींम के हरे पत्तों के उबले पानी से नहाना फायदेमंद है। त्वचा को मच्छरों से काटने से बचाने में नेचुरल ओडोमोस का काम करता है।
- घर के आसपास, खाली जगहों, कूलर, टंकी, छत, खाली डब्बों इत्यादि पर पानी इक्टठा नहीं होने दें। मच्छरों का लवा अकसर जमा पानी में पनपते हैं।
- आसपास मच्छर महसूस होने पर तुरन्त स्वास्थ्य विभाग को कीटनाशक छिडकाव, फोगिंग के लिए सूचित करें। और आसपास कोई बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया के लक्षण पीड़ित व्यक्ति दिखे, तो शीध्र उपचार और संक्रामण रोकथाम के लिए हेतु नगर निगम एवं सम्बन्धि स्वास्थ्य विभाग को सूचति करें।
- चिकनगुनिया की दवाईयों जररल स्टोर में उपलब्ध होती हैं। दवाईयां डाक्टर एक्सपर्ट जांच सुझाव के बाद ही सेवन करें। चिकनगुनिया में Symptomatic Treatment - Medicines और Ayurvedic Medicines औषधियां ठीक करने में असरदार कारगर सक्षम होती हैं।
पानी सेवन
चिकनगुनिया होने पर खूब पानी पीयें। पानी चिकनगुनिया वायरल को निष्क्रीय करने में सहायक माना जाता है।
पपीता सेवन
चिकनगुनिया होने पर हरा पपीता खाना फायदेमंद है। और पपीते के हरे कोमल पत्तों का 1-1 चम्मच रस सुबह शाम सेवन करने से कमजोर ब्लड प्लेट्स में तेजी से सुधार करने में सहायक हैं।
एलोवेरा मेथी
एलोवेरा मेथी दाना पीसकर सेवन करने से शरीर में कमजोर प्लेटस् में बृद्धि करने में सहायक है। अकसर चिकनगुनिया बुखार से ब्लड सेल्स घट जाते हैं।
रोगप्रतिरोधक रस काढ़ा
गिलोय, तुलसी पत्ते, हरे गेहूं पत्ते, आंवला रस, पतीता हरी कोमल पत्तियां सभी का मिश्रण बनाकर रस सुबह शाम 1-1 चम्मच सेवन करने से चिकनगुनिया बुखार में सुधार होता है।
रिच विटामिनस एंव मिनरलस
विटामिन-सी युक्त, आयरन, इलेक्टक्रेलाइट, ओआररस लेते रहें। फलों का रस, दूधश् दही, लाइट जल्दी पचने वाली चीजें सेवन करें। जोकि शरीर को बुखार से थ्रोमबोसाटोपनिया होने से बचाने में सहायक है।
अंगूर और दूध
शरीर से चिकनगुनिया वायरल नष्ट करने में अंगूर दूध के साथ सेवन करना फायदेमंद है।
गाजर सेवन
चिकनगुनिया होने पर गाजर रस और गाजर सेवन करना स्वास्थ्यवर्धक है। गाजर रक्त की कमी नहीं होने देता साथ में जोड़ों अंगों के दर्द से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
तुलसी नींम अजवाइन
तुलसी, नींम, अजवाइन, का उबला आधा कप पीना पानी चिकनगुनिया में फायदेमंद है। रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है।
लहसुन अदरक लौंग
खाने में हलसुन अदरक लौंग का इस्तेमाल करें। एक तरह से रिच एन्टीबायोटिक और एन्टीबायरल है। बुखार कम करने में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढाने में सहायक है। जोड़ों पर दर्द होने पर लौंग और हलसुन पीसकर दर्द ग्रसित जोड़ों में लगाकर गर्म पट्टी लगाने से दर्द से तुरन्त राहत मिलती है।
अश्वगंधा मुलहठी
अश्वगंधा मुलहठी उबालकर काढ़ा पीने से और चबाकर रस चूसने से चिकनगुनिया बुखार में सुधार करने में सहायक है।
चिकनगुनिया बुखार में प्लेट्स तेजी से बढ़ाये बकरी दूध
बकरी दूध बुखार में रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है। जल्दी ब्लड प्लेट्स बढ़ाने के लिए बकरी दूध के साथ पके पपीता खायें। बकरी का दूध चिकनगुनिया बुखार में प्लेट्स बढ़ाने में अचूक दवा रूप है।
आराम
पूरी तरह से आराम करें। शारीरिक कमजोरी के कारण चिकनगुनिया नाजुक स्थिति में चक्कर, सिर दर्द, थाकान से गिरने का भय बना रहता है। पूर्ण रूप से स्वस्थ होने तक आराम करें।