सायाटिका लक्षण उपचार Sciatica in Hindi Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi सायाटिका लक्षण उपचार Sciatica in Hindi - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

सायाटिका लक्षण उपचार Sciatica in Hindi

सायाटिका जिसे नाड़ी रोग से भी जाना जाता है। सायाटिका मेरूदण्ड नसों से होकर पैरों नसों मांसपेशियों में तेज दर्द, कंपन, झनझनाहट, करंट की तरह महसूस होने वाला रोग सायाटिका है। सायाटिका सर्दियों ठंड मौसम में ज्यादा तंग करती है। पैरों पंजों से लेकर कूल्हे तक दर्द झनझनाहट होना सायाटिका लक्षण है । सायाटिका रोग में आर्युवेद उपचार के साथ-साथ परहेज से दर्द निवारण करने में सक्षम है। सायाटिका रोग ठीक करने में कार्बोहाइड्रेट, कैल्शियम, एन्टीऑक्सीडेन्ट, एन्टीबायोटिक, एन्टीसेप्टिक, एन्टीएन्फलेमेन्टरी, विटामिन -ए, विटामिन-सी, विटामिन-बी कम्पलैक्स, पौटेशियम, मैग्नीशियम, प्रोटीन, वास, आयरन, फोलिक एसिड, जिंक, कॉपर इत्यादि योगिक तत्वों का मिश्रण सहायक है। और रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने, रक्त संचार तीब्र एवं रक्त संचार सुचारू करके सायाटिका दर्द नष्ट करने में सक्षम पाये गये हैं। कई लोग सायाटिका होने पर करंट, झटके इत्यादि लगवाते हैं, जोकि पूर्ण रूप से फायदेमंद नहीं हैं। सायाटिका रोग लक्षण होने पर तुरन्त डॉक्टर एक्सपर्ट से परामर्श उपचार करवायें। साइटिका लक्षण ज्यादा समय तक रहने से गम्भीर रूप ले लेती है। जिससे पैर, शरीर अंग अपंग, चलने फिरने में असहाय, लकवा इत्यादि हो सकता है।

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सायाटिका के मुख्य लक्षण
  • कमर से पैरों एडी नसों मांसपेशियों में झनझनाहट।
  • पैरों सुन्न हो जाना।
  • रात को सोये में अचानक पैरों में ऊपर से नीचे की तरफ और नीचे नाड़ी से ऊपर जांघ कमर नसों में दर्द झनझनाहट तेज दर्द होना।
  • नसों का जकड़ जाना और चलने में दर्द होना।
  • पैरों पसलियों में अचानक बैठे बैठे दर्द होना।
  • पैरों पंजों से लेकर कूल्हे तक दर्द झनझनाहट होना।
  • नसों मांसपेशियों में तनाव खिचाव दर्द होना। 
सायाटिका रोग दर्द निवारण सटीक उपाय 
  • 1 गिलास दूध में 8-10 लहसुन पीसकर हल्की आंच में उबालें। हल्का ठंड़ा होने पर सेवन करने से सायाटिका रोग ठीक करने में सक्षम है। रोज लहसुन दूध पीयें।
  • रोज सुबह शाम आधा-आधा कप आलू और गाजर मिश्रण कर उसमें आधा नींबू निचैड़ कर घोल रस बना कर पीने से सायाटिका जल्दी ठीक होता है।
  • पारिजात यानि कि हारसिंगार के 5-6 पत्ते पीसकर और चुटकी भर केशर डालकर 2 गिलास पानी में हल्की आंच में 5 मिनट उबालें। ठंडा होने पर छानकर सुबह-दोपहर-शाम पीने से सायाटिका में तेजी से सुधार होता है।
  • अदरक सौंठ पाउडर, लौह भस्म बारीक चूर्ण, विशतन्तुक वटी पीसकर, त्रिकटु पाउडर सभी चारों चीजों को बारीक पीस घोट कर सुबह शाम सेवन करने से सायाटिका ठीक करने में सक्षम है।
  • 20 ग्राम सहजन के ताजे फूलों को 1 लीटर पानी में हल्की आंच में उबाल कर काढ़ा बनायें। काढ़ा सुबह शाम पीने से सायाटिका रोग ठीक करने में सक्षम है।
  • लहसुन, लौंग, शहद को गाय के दूध में सेवन करने से सायाटिका रोग जल्दी ठीक करने में सक्षम है।\
  • चाय की जगह ग्री-टी पीयें। और अन्नानास, सेब, बेर खाना फायदेमंद है।
  • 1 चम्मच शहद और 1 नींबू को 1 गिलास पानी में रोज पीयें। और सलाद में 1 नींबू निचैंड़ कर खायें। सायाटिका ठीक करने में शहद, नींबू सलाद सहायक है।
  • खाने में लहसुन, हल्दी, अदरक, काली मिर्च का इस्तेमाल जरूर करें। लहसुन, हल्दी, अदरक, काली मिर्च सायाटिका ठीक करने में सहायक है।
  • अधा चम्मच मेथी दानों और आधा चम्मच अजवाइन को बारीक पीसकर रोज सेवन करने से सायाटिका रोग ठीक होने में सक्षम है।
  • आधा कटोरी सरसों के तेल में 10-12 लहसुन कलियों कूटकर डालें। फिर 5-7 मिनट तक हल्की आंच में पकायें। हल्का गुनगुना ठंड़ा होने रोज सुबह और रात सोने से पहले मालिश करें।
  • रोज योगा व्यायाम आसन करें। सायाटिका रोग के दौरान भुजंगासन, मत्स्यासन, मकरासन, वज्रासन फायदेमंद हैं।
  • सायाटिका रोग के दौरान ऊंची एडी सैडल, चप्पल, जूते नहीं पहनने चाहिए।
  • सायाटिका दर्द होने पर रोज सुबह शाम 1 लीटर पानी में 1 चम्मच नमक डालकर उबालें। फिर सूती कपड़े से सेकन करें। इससे दर्द से आराम मिलता है।
  • कमर के बल झुक कर काम न करें। और भारी बोझ सामान न उठायें।
  • ज्यादा आरामदायक कोमल विस्तर गददों में न सोयें।
  • बाथरूम में इग्लिस टॉयलेट सीट इस्तेमाल करें।
  • सायाटिका रोग के दौरान गर्म गुनगुने पानी से नहायें। नहाने में ठंड़े पानी का इस्तेमाल नहीं करें।