खर्राटों के कारण-उपचार Stop Snoring in Hindi Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi खर्राटों के कारण-उपचार Stop Snoring in Hindi - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

खर्राटों के कारण-उपचार Stop Snoring in Hindi


दिन की शारीरिक और मांसिक थकाव दूर करने के लिए चैन की नींद सोना अति आवश्यक है। रात को सोये में अचानक खर्राटें आने से आसपास गहिरी प्यारी नींद में सोये व्यक्तिों की नींद खुलने से परेशान हो जाते हैं। खर्राटों के दौरान नाक छिद्र तलवे हिस्से में पेट की हवा वाधित होती है। जिससे स्वास में अथिरता आती है। और खर्राटों के रूप में जोर-जोर से आवाज आनी शुरू हो जाती है। खर्राटों का आना कोई बीमारी नहीं, परन्तु शरीर बीमारियों के आने का संकेत है। नांक छिद्रों का ब्लॉक होना यानिकि शरीर में आन्तरिक रोग पनपना। जिसे व्यक्ति दिनचर्या खानपान बदलाव से खर्राटों की समस्या से छुटकारा आसानी से पाया जा सकता है। और खर्राटों आने की शर्मिंदी से आसानी से बचा जा सकता है। खर्राटों आने के बारे मिथ भ्रम से बचें और खर्राटें आने की समस्या को घरेलू सुरक्षित तरीकों ठीक करने में सक्षम है।

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खर्राटें आने के कारण 
  • शरीर का मोटापा वजन वढ़ना
  • गलें में खराश होना
  • नांक बन्द होना 
  • टॉन्सिल्स या गिल्टी होना 
  • जीभ का मोटा होना 
  • रक्तचाप बढ़ना 
  • सांस लेने में तकलीफ
  • गले में दर्द और तकलीफ 
  • नांक छिद्रों का ब्लॉक होना
  • सोये में गर्दन मुड़ना
  • तकिया से गर्दन दब जाना
  • धूम्रपान, शराब, नशीलें मादक पदार्थों के सेवन से 
खर्राटों की जांच के लिए डायनैमिक एम.आर.आई. से थूक, सोने का तरीका, सांस लेने का तरीका, जीभ की सक्रीय सांस अन्दर-बाहर की स्थिति की जांच की जाती है। खर्राटों के जांच कारण सोते वक्त कन्टीनुअस एयरवे प्रेशर मशीनों द्वारा की जाती है। जिससे स्लीप स्टडी, स्लीप एन्पिया, ऑब्स्ट्रक्टिव स्लीप जैसे खर्राटों के अलग-अलग किस्मों का पता आसानी से चल जाता है। और खर्राटों को रोकने के लिए गले में सोम्नोप्लास्टी सर्जरी की जाती है। जोकि रेडियोफ्रीक्वेन्सी तकनीक से की जाती है। खर्राटें समस्या में आर्युवेद घरेलू तरीकों अपनाकर सर्जरी से बचा जा सकता है। और खर्राटें आने की समस्या से धीरे-धीरे करके छुटकारा पाया जा जाता है। खर्राटों की समस्या लगातार रहने से हार्ट, फेफडे, ब्लडप्रेशर, लीवर खराब जैसी की गम्भीर समस्या हो सकती है। खर्राटों की समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। तुरन्त शरीर एक्टिव चुस्त करना जरूरी है। लगातार खर्राटें आना रोगों विकारों का शरीर में पनपने का संकेत देते है। शरीर को स्वस्थ रखना जरूरी है।

खर्राटें आने से रोकने के सटीक उपाय 
  • रात को ज्यादा खाने से बचें। पेट भर कर मत खायें। सीमित खाना खाने से खर्राटें आने से बचा जा सकता है। सीमित खाने से भोजन पाचन क्रिया में आसानी रहती है। जोकि एक खर्राटों का कारण माना जाता है।
  • रात को खाने के बाद 15-20 मिनट टलने। टहलने से शरीर कण्ठ, कोशिकाओं एंव वहिकाओं को सुचारू सक्रीय होने में मददगार है।
  • शहद में मौजूद एन्टीमाइक्रोबियल और एन्टीइंफलैमटरी गुण काफी हद तक खर्राटों को रोकने में सहायक है। सोने से 5-7 मिनट पहले 1 चम्मच शहद को गुनगुने पानी में पीने से खर्राटें आने की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
  • सोने से पहले नांक में उगली की सहायता से 2-3 सरसों तेल की बूदें डालने से खर्राटें आने से रोकने में सहायक है।
  • रोज सुबह शाम अनुलोम-विलोम प्राणायाम, कपालभाति करने से खर्राटे आने समस्या से निजात मिलता है। नांक के छिद्र सक्रीय हो जाते हैं। सोने से पहले जीभ का 15-20 बार बाहर अन्दर और मोडने से खर्राटों आने की समस्या काफी हद तक छुटकारा मिलता है।
  • रोज सुबह उठकर ब्रश करने के बाद और रात खाना खाने के बाद जीभ को साफ करें। जिससे जीभ पतली और साफ रहती है। जीभ मोटी होना भी खर्राटें आने का कारण है।
  • खर्राटें आने की समस्या को जल्दी ठीक करने के लिए खास आर्युवेदिक पेय पीने से जल्दी फायदा सम्भव है।
  • 1 गाजर, 1 नींबू रस, 3 चम्मच अदरक रस, 100 ग्राम सेब सभी को मिक्सी कर फ्रीेज में रख लें। रोज रात सोने से 20 मिनट पहले हल्का गुनगुना गर्म कर 1 कप पेय सेवन करने से खर्राटों से छुटकारा पाने में सहायक है।
  • रात को सोते समय मीठा, आईसक्रीम, ठंड़ा पानी पीने से बचें। कुछ लोगों का खर्राटों का कारण सोने से पहले मीठा, दूध, आईसक्रीम, ठंड़ा पानी पीने वजह से भी होता है।
  • खर्राटों की समस्या होने पर कुछ दिन तक तकिए का इस्तेमाल छोड़ दें। तकिए के जगह चादर मोड़कर सिर के नीचे रखें। यह तरीका खर्राटों आने से रोकने में सहायक है।
  • धूम्रपान, शराब का सेवन ना करें। धूम्रपान और शराब सेवन खर्राटों आने का एक कारण होता है।
  • गले में टॉन्सिल्स या गिल्टी होने से भी खर्राटों की समस्या होती है। टॉन्सिल्स या गिल्टी होने पर रोज कच्चा करेला सुबह खाली पेट खाना 10-15 दिनों में टॉन्सिल्स, गिल्टी समस्या दूर हो जाती है। रोज सुबह और रात सोने से पहले गुनगुने नमक पानी से गर्रारा करें। चावल, ठंडी चीजों का सेवन टॉन्सिल्स या गिल्टी के दौरान बर्जित है।
  • रिच वसा और प्रोटीन वाले खाद्यपदार्थों का सेवन कुछ समय के लिए कम करने से खर्राटों की समस्या को रोकने में सहायक है। दुग्ध खाद्यपदार्थ, तेलीय चीजें, तली भुनी चीजें गला खराब करने में सहायक होते हैं, जोकि खर्राटों का एक कारण है।
  • सोते वक्त सीधे पीठ के बल सोयें। उल्टा, तिरछा, हाथ गर्दन के नीचें रखकर, हाथ पेट के नीचें रखकर ना सोयें। सही पोजिशन में सोयें। सायें में शरीर की गलत स्थिति भी एक तरह से खर्राटों का कारण होती है।
  • शरीर का वजन मोटापा होने से भी खर्राटों का एक कारण है। रोज व्यायाम, योगा, शुबह शाम सैर करें।
  • साइनस, नांक गलें का छिद्र सूखने, होने से खर्राटों की समस्या होती है। सोने से पहले पानी को गर्मकर भाप-स्टीम लें। स्टीम-भाप खर्राटों साइनस के वजन से खर्राटों को रोकने में सहायक है।
  • धूम्रपान, शराब, नशीली चाजों के सेवन से बचें। नशीली मादक वस्तुओं का सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।