साइनस लक्षण इलाज sinus lakshan ilaj Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi साइनस लक्षण इलाज sinus lakshan ilaj - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

साइनस लक्षण इलाज sinus lakshan ilaj

Sinus Infection (Sinusitis) : साइनस एक तरह से शरीर की खोपड़ी में जमा हवा वाली खाली जगह है। जिसे साइनस कैविटी से जाना जाता है। साइनस प्रणाली नांक से ली गई सांस हवा को नमी बनाने और सिर को हल्का करने का कार्य करती है। साइनस प्रणाली सिर के माथे, सिर के पीछे, आंखों के पिछले नीचे भाग, गले के पिछले भाग में होती है। 

साइनस प्रणाली का ग्रसित विकार होने का मुख्य कारण संक्रामण, फंगल, बैक्टीरिया, वायरल एवं ठंडी ए.सी हवा, ठंडी बर्फीले चीजें सेवन, धूम्रपान, कैमिक्ल तेज दुगन्ध गैस है। और नांक सांस नली, वहिकाओं में रूकावट के कारण झिल्ली श्लेष्म जमना शुरू हो जाता है। नांक बन्द, नांक से सांस लेने में रूकावट, सिर दर्द, माथे पर दर्द, सर्दी लगातर रहना, नांक छिद्रों से नांक में पीला, हरा कफ जमना, ज्वर रहना, सूघंने पर गन्ध महसूस न होना, त्वचा कर रंग बदल जाना जैसे मिले जुले लक्षणों को साइनोसाइटिस बीमारी कहा जाता है।

साइनसाइटिस खास तौर पर दो तरह से होती है। एक साधारण साइनस विकार और दूसरा गम्भीर साइनस। साधारण साइनस में शुरूआती स्थिति में नांक में कफ जमना, सांस लेने में दिक्कत होना आदि लक्षण होते हैं। और दूसरी गम्भीर साइनस स्थिति में नांक नली, वहिकाए बन्द होकर माथे, आंखों के निचले हिस्से में सूजन दर्द के साथ गम्भीर रोग आरम्भ हो जाता है। 

साइनस संक्रमण के पीछे व्यक्ति का खान-पान दिनचर्या काफी हद तक जिम्मेवार है। संतुलित पौष्टिक भोजन, योगा व्यायाम स्वस्थ और निरोग शरीर के लिए जरूरी है। साइनस संक्रमण से भारत में लग-भग एक-चैथाई लोग ग्रसित हैं। साइनोसाइटिस का इलाज सर्जरी, एंटीबायोटिक दवाईयों और आर्युवेदिक तरीकों माध्यमों से किया जाता है। परन्तु आर्युवेद तरीकों से साइनोसाइटिस संक्रमण से बिना सर्जरी के छुटकारा पाया जा सकता है। आर्युवेदा में साइनोसाइटिस बीमारी को दृष्ट-प्रतिश्याय से पुकारा जाता है।

साइनस रोग लक्षण इलाज / Sinus Rog Lakshan ilaaj (Sinus ka Ayurvedic ilaaj) 

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साइनस के लक्षण / Symptoms of Sinus
  • लगातार नांक बन्द
  • नांक से सांस लेने में रूकावट होना
  • सिर दर्द रहना
  • माथे पर दर्द रहना
  • नांक छिद्रों से नांक में पीला, सफेद, हरा कफ जमना और निकलना
  • माथे, आंखों के निचले भाग, गले में सूजन रहना
  • सर्दी जुकाम लम्बे समय तक लगातर रहना
  • हल्का ज्वर रहना
  • सूघंने पर खुशबू, गन्ध महसूस नहीं होना
  • त्वचा का रंग बदलना
  • दांतों मसूड़ों में हल्का दर्द जकड़न महसूस करना

साइनस लक्षण की जांच / Sinus ki Jaanch

साइनस लक्षण लगने पर तुरन्त चिकित्सक से सलाह उपचार करवायें। साइनस की सही स्थिति का पता सिर-चेहरा एक्सरे, सी.टी. स्कैन, एम.आर.आई. जांच प्रक्रिया से आसानी से पता चला जाता है।
इंफेक्शन होने पर : एन्टीबायोटिक दवा, क्रीम इस्तेमाल की जाती है।
दर्द होने पर : दर्द होने पर दर्दनाशक दवाईयां, क्रीम इस्तेमाल की जाती है।
नांक छिद्र बन्द: नांक बन्द होने पर एलर्जी निवारण दवाईयां, क्रीम दी जाती है।
कफ जमने पर : साइनस में कफ जमने पर कफ पतला कर निकालने के लिए दवाईयां, क्रीम इस्तेमाल की जाती है।
नांक में सूजन एवं नांक हड्डी बढ़ने सर्जरी: साइनस से नांक की हड्डी में टेड़ापन, सूजन, गांठ पड़ने, सूजन से नांक छिद्र बन्द होने पर सर्जरी की जाती है।
नांक छिद्र ब्लाॅक होने पर कफ स्राव निकासी : नांक छिद्र बंद होने पर आधुनिक तकनीक के माध्यम से स्कल्प पर जमा कफ -स्राव नली पाईप से निकाला जाता है।
साइनस में स्टंट : साइनस में स्टंट के माध्यम से भी उपचार किया जाता है। स्टंड टेक्नोलोजी से साइनस कफ, कैविटी को मात्र 30 से 40 मिनट में निकाला जा सकता है। गंभीर समस्या में को फिक्स भी किया जा सकता है। यह साइनस स्थिति और चिकित्सक सुझाव पर निर्भर करता है। साइनस स्टंट विधि काफी कारगर फायदेमंद है।

इस तरह से में विभिन्न आधुनिक तकनीक उपलब्ध हैं।


साइनस बीमारी का आर्युवेदिक इलाज / Home remedies for Sinus, Prevention Tips for Sinus 

नियमित तड़के सुबह उठना और सैर 
साइनस पीड़ित व्यक्ति को सुबह जल्दी उठना और रोज 25-30 मिनट सैर करना फायदेमंद है। सुबह की ताजी ठंडी हवा साइनस विकार कम करने में सक्षम है।

साइनस होने पर प्रातकालीन योगा आसन
रोज सुबह उठकर अनुलोम-विलोम, सिद्धासन, बांसुरी योगा आदि योगा व्यायाम करने से साइनस समस्या से छुटकारा दिलाने में सहायक है।

लम्बी सांसे लेना 
सुबह प्रातःकाल उठकर योगा मुद्रा में बैठ जायें। फिर नांक से धीरे-धीरे लम्बी सांस लें। और कुछ क्षण रूक कर सांस धीरे-धीरे मुंह से छोड़े। कपालभाती, अनुलोम विलोम की तरह लम्बी सांसें ले, फिर छोड़े। इस विधि को लगातार 8-10 मिनट रोज करने से साइनस बीमारी से छुटकारा दिलाने में सहायक है।

विटामिन-सी और विटामिन-ए युक्त आहार 
पोष्टिक आहार में विटामिन-सी और विटामिन-ए, युक्त चीजें शामिल करें। जैसे कि आंवला, मौंसमी, संतरा, नींबू, अमरूद, अनार, हरी मिर्च, अनार इत्यादि विटामिनसी-सी, ए युक्त चीजें आहार में जरूर शामिल करें। इससे सफेद रक्त कणों में वृद्धि होती है। और श्लेष्मा झिल्ली निरोग होते हैं। विटामिन सी, ए रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सक्षम है। साथ में रिच एंटीबायोटिक बन जाता है।

तुलसी-लहसुन-प्याज-विक्स भाप लेना 
तुलसी पत्तों, लहसुन, प्याज को विक्स के साथ अच्छे से कूटकर उबले गर्म पानी में डालकर नांक मुंह से Steam भाप लें। तुलसी पत्ते, लहसुन, प्याज, विक्स से बनी भाप मिलकर एक अचूक औषधि की तरह काम करती है। यह विधि रोज सुबह शाम करें। तुलसी, लहुसन, प्याज, विक्स भाप स्टीम साइनस बीमारी को जल्दी ठीक करने में सहायक है।

अदरक गुड़, लहसुन मसाले सेवन 
साइनस विकारे से बचाने के लिए रोज सुबह शाम 1 चम्मच गुड़ और अदरक का मिश्रण खाना में फायदेमंद है। किंचन में खाने बनाने में अदरक, लहसुन, इलायची, दालचीनी, एंटीबायोटिक मसालों का इस्तेमाल करना फायदेमंद है।

तिल, नारियल, सूरजमुखी तेल मालिश
रोज सुबह शाम तिल तेल, नारियल तेल और सूरजमुखी तेल को मिश्रण कर साइनस दर्द ग्रसित जगह पर लगाने से दर्द सूजन से जल्दी आराम मिलता है।

सूजन दर्द निवारण लेप
अदरक सौंठ पाउडर, लौंग पाउडर, को तुलसी हरे पत्तों के रस में मिलाकर मिश्रण साइनस सूजन दर्द वाली जगहों पर मिश्रण लेप हल्की मलने और लेप लगाने से साइनस विकार से जल्दी छुटकारा मिलता है।

अदरक तुलसी इलायची की चाय
रोज सुबह शाम अदरक तुलसी इलायची की बनी चाय सेवन करने से साइनस संक्रमण से बचाव और आराम मिलता है। यह एक तरह से रिच एंटीबायोटिक मिश्रण चाय बन जाती है। अदरक तुलसी इलायची की बनी चाय साइनस का रामबाण इलाज  है।

एंटी-एलर्जी पेय 
1 गिलास दूध में आधा चम्मच हल्दी और 1 चम्मच अदरक रस मिलाकर सुबह शाम पीयें। दूध, हल्दी, अदरक मिश्रण साइनस एलर्जी विकार को ठीक करने में सहायक है।

पानी और तरल चीजों का सेवन 
साइनस से बचने के लिए रोज 5-8 लीटर तक पानी अवश्य पीयें। ठंडा बर्फीला पानी पीने से बचें। गर्म स्टीम पानी से नहायें। सैकड़ों तरह की बीमारियां दूषित पानी पीने और इस्तेमाल से होती हैं। फलों का रस और प्र्याप्त मात्रा में पानी, तरल चीजें सेवन करना फायदेमंद है।

ठंडी तेज हवा से परहेज 
साइनस विकार को कम करने लिए ए.सी., कूलर, पंखें की हवा को सीमित रखें। तेज ठंड़ी हवा साइनस विकार को बढ़ाने में सहायक है। तेज ठंडी हवा लेने से बचें। इलैक्ट्रोनिक हवा यत्रों से कुछ दूर में बैंठे। बिल्कुल सामने ना बैठें।

ठंडी बर्फीली चीजों से परहेज 
बर्फीली चीजों, जैसे, आईसक्रीम, ठंड़ा पेय, ठंड़ा पानी, बर्फ वाली चीजों के सेवन से बचें। ठंड़ी बर्फीली चीजों के सेवन से साइनस बीमारी तेजी से बढ़ रही है।

हाथ-नांक साफ सफाई
साइनस संक्रमण कीटाणुओं, वायरल, बैक्टीरिया से बचने के लिए एंटीबायोटिक साबुन का इस्तेमाल करना फायदेमंद है। कुछ भी खाने से पहले हाथों को एंटीबायोटिक साबुन साबुन से साफ कर धायें। Nose Blocking /नांक छिद्रों को साफ रखें। नांक में स्त्राव कफ आने पर तुरन्त साफ करें। स्त्राव कफ नांक गले में नहीं जमने दें। कुछ लोग नांक साफ करने में शर्म महसूस करते हैं और नांक गले की गंध कफ स्त्राव को निगल देते हैं। जोकि पूर्ण रूप से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।

एलर्जी वाली चीजों से दूरी 
बाॅडीस्प्रे, स्मोकिंग धुआं, किंचन गैस, भुनी चीजों की गंध, कैमिक्ल गंध, धूल, सुगन्धित इत्र इत्यादि, जिन भी चीजों से एलर्जी होती है, उन चीजों से दूरी बनाकर रखें।

अदरक शहद लेप 
अदरक सौंठ पाउडर को शहद में गर्म कर माथे सूजन ग्रसित जगह पर हल्की हल्की मालिश करें। अदरक सौंठ शहद लेप साइनस धीरे-धीरे मिटाने में सहायक है।

अध पकी रोटी लहसुन रस लेप
रोटी को एक तरफ पकायें। फिर 3-4 चम्मच लहसुन रस अध पके रोटी की तरह लगाकर हल्की गर्म रोटी माथे पर लगायें। अधिक गर्म नहीं लगायें। यह साइनस सूजन दर्द, नांक बंद समस्या दूर करने में सहायक है।

धूम्रपान साइनस 
धूम्रपान करने वाले व्यक्ति को साइनस समस्या सबसे ज्यादा आंकी गई है। धूम्रपान साइनस विकार होने का एक मुख्य कारण है।

अजवाइन 
साइनस में अजवाइन पत्तियों का रस निचोड़कर चाय में पीयें। अजवाइन रात को भिगोंकर रखें सुबह एक कप अजवाइन पानी छान कर पीयें। और अजवाइन तेल से नाक, माथे, सिर पर मालिश करें। अजवाइन साइनाइटिस उपचार में काफी फायदेमंद है। अजवाइन राइनस कीटाणुओं नष्ट कर नांक साइनस कफ बाहर निकालने में सहायक है।

टमाटर 
साइनस में आधा कप टमाटर रस में एक नींबू निचैड़ कर थोड़ी सी नमक मिलाकर पीना फायदेमंद है। टमाटर साइनस कफ जमने से रोकने में सहायक है। टमाटर सूप और टमाटर सलाद भी नींबू निचैड़ कर लें।

नीलगिरी तेल
एक कटोरी तेज गर्म पानी में दो चम्मचं नील गिरी तेल मिलायें। फिर सूती कपड़े में भिगोंकर नांक माथे पर सेंकन करें। नीलगिरी तेल युक्त गर्म पानी से गर्मा-गर्म सिकाई करने से साइनस ब्लाॅकेज से जल्दी आराम मिलता है।

सेब सिरका सिकाई 
रोज सुबह उठकर 1 कटोरी गर्म पानी में लगभग दो चम्मच सेब सिरका डालकर मिलायें। फिर नांक, माथे, आंखों के नीचें सिकाई करें।

पुदीना तेल 
पुदीना तेल गर्म पानी में डालकर भाप लें। पुदीना तेल भाप साइनस कफ और नांक ब्लाॅकेज हटाने में सहायक है।

नींबू बाम गर्रारे करना 
साइनस जीवाणुओं को नष्ट करने के लिए सुबह उठकर गर्म पानी में नींबू बाम पत्तियां डालें। हल्का गुनगुना रहने पर नींबू बाम पानी से गर्रारा करें। नींबूबाम पानी गर्रारा साइनाइटिस जीवाणुओं को तेजी से नष्ट करने में सहायक है।

उपरोक्त बताये गये नुस्खे नित्य बदल - बदल कर करें। एक बार में ही सारे नुस्खे नहीं अजमायें। साइनस सर्जरी और साइनस गम्भीर स्थिति में एक्सपर्ट चिकित्सक की सलाह जरूर लें।