थायराइड की समस्या महिलाओं पुरूर्षों में आजकल तेजी से बढ़ रही है। थायराइड ग्रंथि गले की नली कंठ के साथ होती है। जिसे थायराइड ग्रंथि कहा जाता है। थायराइड विकार दो तरह से होते हैं। जिन्हें हाइपरथायराइडिज्म और हाइपाथायराइड कहा जाता है। थायराइड समस्या होने पर व्यक्ति का वजन अचानक बढ़ना और अचानक घटना, गले में सूजन दर्द जैसे कई समस्याऐं उत्पन्न होती हैं। थायराइड विकार का मुख्य कारण थायराइड ग्रंथि में हार्मोंनस की गडबड़ी। थायराइड ग्रंथि के हार्मोंनस को नियत्रंण करने वाली ग्रन्थि मस्तिष्क में मौजूद पिटूडटेरी कोशिका होती है। शरीर के विकास के लिए रात में मस्तिष्क पिटूडटेरी कोशिका से एक खास हार्मोंनस छोड़ती है। थायराइड गंथि में हार्मोंनस की कमी-गड़बड़ी के कारण प्रतिरक्षा क्षमता प्रभावित हो जाती हैं। जिससे शरीर में कई दुष्परिणाम लक्षण होने लगते हैं। और व्यक्ति आम भाषा में थायराइड समस्या कहा जाता है। थायराइड समस्या होने के पीछे खानपान दिनचर्या जीवन शैली काफी हद तक निर्भर करती है।

थायराइड के लक्षण महसूस होने पर तुरन्त चिकित्सक (टी.एफ.टी. टेस्ट) द्धारा टी-3, टी-4 और टी.एस.एच. हार्मोंनस की जांच करवायें और सलाह उपचार लें। थायराइड समस्या ज्यादा वक्त तक रहने पर कैंसर, हृदय घात, जोड़ों का दर्द, महिलाओं में गर्भपात जैसी समस्या हो सकती है। थायराइड समस्या होने पर सही उपचार, खानपान, परहेज, सावधानियां ध्यान में रखकर थायराइड विकार को आसानी से ठीक जा सकता है। थायराइड विकार होने पर विटामिन बी-कम्पलैक्स, बिटामिन-डी, कैल्शियम, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, एन्टी इंफ्लेमेन्टरी, एन्टीबायोटिकि युक्त, ओमेगा-3 खाद्यपदार्थ सेवन और योगा, व्यायाम, वर्कआउट, सैर करना फायदेमंद हैं।
थायराइड रोग उपचार / थायराइड की बीमारी का आयुर्वेदिक इलाज / THYROID SYMPTOMS CAUSE TREATMENT IN HINDI / THYROID AYURVEDIC UPCHAR

थायराइड के लक्षण महसूस होने पर तुरन्त चिकित्सक (टी.एफ.टी. टेस्ट) द्धारा टी-3, टी-4 और टी.एस.एच. हार्मोंनस की जांच करवायें और सलाह उपचार लें। थायराइड समस्या ज्यादा वक्त तक रहने पर कैंसर, हृदय घात, जोड़ों का दर्द, महिलाओं में गर्भपात जैसी समस्या हो सकती है। थायराइड समस्या होने पर सही उपचार, खानपान, परहेज, सावधानियां ध्यान में रखकर थायराइड विकार को आसानी से ठीक जा सकता है। थायराइड विकार होने पर विटामिन बी-कम्पलैक्स, बिटामिन-डी, कैल्शियम, फाइबर, मैग्नीशियम, पोटेशियम, एन्टी इंफ्लेमेन्टरी, एन्टीबायोटिकि युक्त, ओमेगा-3 खाद्यपदार्थ सेवन और योगा, व्यायाम, वर्कआउट, सैर करना फायदेमंद हैं।
थायराइड के लक्षण
- गले गर्दन में सूजन और दर्द
- भूख कम लगना
- बिना काम के थकान, कमजोरी महसूस होना
- हाथ पांव कांपना
- बालों का झड़ना
- सांस लेने में दिक्कत
- हृदय गति में परिवर्तन होना
- त्वचा में अचानक रूखापन आना और ठंड लगना
- तनाव होना और पसीना आना
- बार-बार मुंह में थूक बनना
थायराइड के कारण
- दवाईयों का ज्यादा वक्त तक सेवन करने से
- टॉन्सिलस का ज्यादा देर तक संक्रामण रहना
- महिलाओं में मासिक धर्म में बदलाव, गर्भा विकारों से थायराइड होना
- हार्मोनस में अचानक बदलाव
- थायराइड समस्या आनुवाशिक होना
- तम्बाकू गुटका, मसाला जर्दा, धूम्रपान, नशीलें पदार्थों का सेवन
- खांसी, गले में खर्राश लम्बे वक्त तक रहना
- हड्डियों मासंपेशियों का कमजोर पडने पर
- तनाव में रहने से
- गैस, कब्ज, एसिडिटी ज्यादा वक्त तक रहने से
- घातक कैमिक्लस की दुर्गन्ध से और दूषित वातावरण में रहने से।
- भोजन में प्रोटीन ग्लूकोज क्रिया में गड़बड होने से।
थायराइड समस्या से छुटकारा दिलाने वाले आर्युवेदिक खास तरीके :