वायु प्रदूषण समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हवा में दिनप्रतिदिन कार्बन मोनोआक्साइड, हाइड्रो कार्बन, नाइट्रोआक्साइड, बेंजीन, फाॅर्मेल्डिहाइड, मोनोआक्साइड, ट्राइक्लोरोएथीलिन तेजी से वहा में घुल रही है। वायु बारीक छोटे कणों से बना होता है। जिसे पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) / Particulate Matter से जाना जाता है।
सर्वे में पाया गया है कि हवा में 83 प्रतिशत नाइट्रोजन, कार्बन मोनोआक्साइड, हाइड्रो कार्बन, हाइट्रोआक्साइड, बेंजीन, फाॅर्मेल्डिहाइड, मोनोआक्साइड, ट्राइक्लोरोएथीलिन दूषित घुलनशील वायु है। और केवल 17 प्रतिशत आॅक्सीजन मात्र है। वायु में आक्सीजन की मात्रा दिन प्रतिदिन कम होती जा रही है। जोकि एक गम्भीर चिंता का विषय है। जिस प्रकार से वायु प्रदूषण दिनप्रतिदिन बढ़ रहा है। उस हिसाब से घरती में मानव का जीवन संकट की ओर बढ़ रहा है।
वायु प्रदूषण के बारे में लगभग सभी जानते हैं। परन्तु लगभग अधिकत्तर लोग नजरअंदाज कर देते हैं। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए हर व्यक्ति को आगे आना जरूरी हो गया है। अपने आस-पास के दूषित वातावरण को शुद्ध और जीवनदायक बनाना आवश्यक हो गया है।
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मनुष्य आयु घटना
बढ़ते वायु प्रदूषण से जीवन की आयु सीमा घटती जा रही है। औसतन व्यक्ति आयु 70 से 80 वर्ष रह गई है। प्राचीन आर्यवर्त (भारत) में औसतन आयु 140 से 165 वर्ष थी। बदलते पर्यावरण से मौसम में बदलाव, नई-नई बीमारियां संक्रामण बढ़ रहे हैं। जोकि मनुष्य की घटती आयु का मुख्य कारण है। बदलते पर्यावरण मौसम से गम्भीर बीमारिया, वायरल तेजी से फैल रही हैं। शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता तेजी से घट रही है। यह एक गम्भीर चिंता का विषय है।
दूषित वायु के गम्भीर परिणाम संकेत
दूषित वायु के आंकड़ों अनुसार विगत वर्षों में कई दूषित वायु के संकेत और दुष्परिणाम देखे गये हैं। जोकि चिंता का विषय है।
- सर्दी ठंड में बदलाव आना।
- वायरल, संक्रामण का तेजी से बढ़ना।
- बुखार, संक्रामण का जल्दी ठीक नहीं होना।
- रोग प्रतिरोधक क्षमता घटना।
- बालों का टूटना, झड़ना, सफेद, रूसी होना।
- त्वचा - चर्म रोग तेजी से बढ़ना।
- गैस, कब्ज, एसिडिटी, पाचन विकार होना।
- आंखों में जलन और नजर कमजोर होना।
- शरीर अंगों में झंझनाहट, दर्द होना।
- अचानक बेचैनी घबराहट होना।
- मौसम में अचानक परिवर्तन आना।
- गर्मी लू का बढ़ना।
- ओजोन परत कमजोर होना।
- दमा, स्वांस, फेफड़ों के विकार बढ़ना।
- दूषित वायु से कैंसर रोग में बढ़ोत्तरी।
- हार्ट अटैक, मस्तिष्क विकार होना।
सैकड़ो तरह की गम्भीर समस्याऐं तेजी से बढ़ रही हैं। उपरोक्त समस्याऐं धीरे-धीरे मीठे जहर की तरह मानव जीवन को लुप्त की कगार पर ले जा रहे हैं। वायु प्रदूषण एक तरह से मीठा जहर है। जोकि धीरे-धीरे अपने आवेश में ले रहा है। और जिसके दूरगामी असर दिखाई देने लगे हैं।
पेड़ पौधे लगायें
वायु प्रदूषण रोकथाम के लिए घर, आंगन, गमले, खाली पड़ी जगह पर पेड़ पौधे वृक्ष लगायें। वायु को दूषित होने से बचायें। हर वर्ष अपने जन्म दिन के अवसर पर एक पौधा जरूर लगायें। पेड़ पौधे वायु से पार्टिकुलेट मैटर को शुद्धि करने का कार्य तेजी से करते हैं।
घर पर वायु शुद्ध करने वाले पौध
घर पर लगाये जाने वाले पार्टिकुलेट मैटर वायु को शुद्ध करने वाले पौधे खास होते हैं। घर के वातावरण में दूषित वायु से बेंजीन, फाॅर्मेल्डिहाइड, मोनोआक्साइड, हाइड्रो कार्बन, नाइट्रोआक्साइड को शोषित कर शुद्ध वायु बनाने में सहायक है।
स्पाइडर प्लांट
स्पाइडर पौधे घर पर गमले, खाली जगह पर आसानी से लगाये जा सकते हैं। स्पाइडर प्लांट तेजी से दूषित हवा से फाॅर्मेल्डिहाइड पार्टिकुलेट मैटर को वायु से शोष करने में सक्षम है। खूबसूरत स्पाइडर प्लांट घर पर अवश्य लगायें। स्पाइडर पौधे घर की सूबसूरती सजावट के साथ स्वस्थ वायु बनाने में सक्षम हैं। स्पाइडर पौधे एक तरह से दूषित हवा को शुद्ध करता हैं।
बैंबू पाम
बैंबू पाम घर के आसपास वातावरण से दूषित वायु से ट्राइक्लोरोएथीलिन और फाॅर्मेल्डिहाइड तेजी से अवशोषण करने में सहायक है। बैंबू पाम औसतन 3 फीट तक ऊंचाई सीमित रहती है।
एलोवेरा प्लांट
एलोवेरा दूषित हवा से फाॅर्मेल्डिहाइड का अवशोषण तेजी से करता है। एलोवेरा एक तरह से मेडिसिनल प्लाट है। और साथ में वायु शुद्ध, घर की सजावट बनाने में खास है।
चायनीज एवरग्रीन
खूबसूरत चायनीज एवरग्रीन प्लांट को एग्लोनेमा प्लांट से भी पुकारा जाता है। चायनीज एवरग्रीन पौधे ज्यादा नहीं बढ़ते। दूषित वहा को शुद्ध करने में खास सक्षम है।
पीस लिली
पीस लिली को फिलोडेन ड्रो, एलीफेन्ट ऐयर, इवी से नाम से भी पुकारा जाता है। पीस लिली दूषित हवा तेजी से अवशोष करने में सक्षम है। पीस लिली घर पर गमलों में सजावट के साथ वायु शुद्धीकरण में खास हैं।
स्नेक प्लांट
स्नेक पौधे रात में हवा में मौजूद कार्बन डाइआक्साइड, नाइट्रोआक्साइड दूषित हवा को शोषित कर शुद्ध आक्सीजन बनाने में सक्षम है। स्नेक प्लांट को मदर लाॅ टंक से भी पुकारा जाता है। स्नेक प्लांट को घर में छांव वाली जगह पर भी आसानी से रखा जा सकता है। स्नेक पौधों को रोशनी, पानी की कम जरूरत होती है।
घर के आंगन और खाली पड़ी जगह पर लगायें ये खूबसूरत फायदेमंद पेड पौधे। हवा को दूषित होने से बचाने के साथ ठंडी छांव, औषधि, इमारती लकड़ी आदि रूपों में इस्तेमाल होते हैं।
- नींम
- हरड़
- बहेड़ा
- कदम्ब
- शहतूत
- रीठा
- ढाक
- सेंबल
- जामुन
- बरगद
- दूधी
- पीपल
- अमलतास
- लिसोढ़ा
- खिरनी
- बेल
- चिलबिल
- टीक
- विश्तेन्दु
- साजा
- साल
- लिसोदा
- चीड़
- पिलखन
- भिमला
- आम