पेट अल्सर कैसे होता है ?
अल्सर कई तरह के होते हैं। पेट अल्सर की शिकायत सबसे ज्यादा पाई जाती है। पेट अल्सर होने का मुख्य कारण भोजन को पचाने वाला अम्ल आमाश्य से आतों की परत का क्षतिग्रस्त कर देता है। अकसर आमश्य अम्ल से अल्सर होने के पीछे हेलिकोबेक्टर एच. पायलोरी या पायलोरी नामक अम्ल माना जाता है। पायलोरी हेलिकोबेक्टिर लक्षण खाने पीने की चीजों के माध्यम से आमश्य से पेट में प्रवेश कर जाता है। जिसमें तेज गर्म और ठंड़ी चीजे खाने से लेकर बासी भोजन करने से तक होता है। आतों में अम्ल जम जाता है। अल्सर का दूसरा कारण आमश्य में अम्ल संक्रमण होकर विकार बन जाता है। जिसका असर सीधें बड़ी आंत फिर छोटी आंत पर पड़ता है। अम्ल जमा वाले हिस्सें में हेलिकोबैक्टर संक्रमण विकार कर देता है। और जिससे आंतों में घाव, फोड़ा और संक्रामण हो जाता है। आंतों के घाव, विकार, संक्रमण को अल्सर कहा जाता है। अल्सर विकार महसूस होने पर हेलिकोबैक्टर पायलोरी अम्ल को ज्यादा संक्रामण विकराल होने से बचाना शीघ्र जरूरी है। अल्सर लक्षण महसूस होने पर तुरन्त एक्सपर्ट डाॅक्टर से सलाह उपचार करवायें। अल्सर महसूस होने पर एंडोस्कोपी, जीआई पद्धति द्वारा लाईव डिसप्ले चित्र, एक्स-रे में अल्सर की सही स्थिति की जानकारी प्राप्त करें। अल्सर होने के पीछे एक कारण खान-पान जीवन शैली काफी हद तक मानी जाती है। अल्सर विकार विश्व भर में तेजी से हो रही है।पेट अल्सर / अल्सर के लक्षण / अल्सर ठीक करने के घरेलू तरीके / Ulcer treatment in hindi / Ulcer ka gharelu upay
अल्सर के लक्षण
- तेज पेट दर्द
- उल्टी जैसा महसूस होना
- उल्टी में खून आना
- आमाश्य में छाला पड़ना
- भूख कम लगना
- शरीर का वजन अचानक घटना
- पेट, नाभि में जलन दर्द होना
- पेट में गैस बनना
- पेट दर्द के साथ चक्कर आना
- खट्टे डकार आना
- लैटरीन (मल) का रंग गहरा लाल होना
- लैटरीन में रक्त आना
- लैटरीन का रंग गहरा लाल होना
- लैटरीन में रक्त आना
- लैटरीन में गाढ़ा द्रव आना
अल्सर के कारण
- काॅफी चाय हद से ज्यादा पीना
- मसालेदार चटपटा खाना
- तेज गर्म चीजे खाना
- खट्टी चीजों का लगातार सेवन
- बासी भोजन खाना
- जंक फूड खाना
- सोड़ा ठंड़ा पेय सेवन
- पेट में रेडिएशन होना
- शराब, वीयर नशीले द्रव पीना
- गुटका, मसाला, र्जदा, तम्बाकू, धूम्रपान सेवन से
- लम्बे समय से दवाईयों के सेवन करने से
- 55-60 वर्ष आयु के लोगों की आंते कमजोरे होने से
अल्सर ठीक करने के अचूक घरेलू तरीके:
अल्सर में शहद सेवन
अल्सर में शहद अचूक औषधिक का काम करता है। रोज सुबह शाम 1 चम्मच शहद खाने से पहले सेवन करना फायदेमंद है। शहद सेवन अल्सर घाव जल्दी भरने में खास सहायक है। शहद, दालचीनी को चबाकर भी खा सकते हैं।दालचीनी सेवन
अल्सर विकार होने पर दालचीनी पीसकर पानी में भिगो कर 2-3 घण्टे के लिए रख दें। फिर छानकर पीयें। दालचीनी पानी अल्सर पेट विकार तेजी से मिटाने में खास सहायक है। दालचीनी अल्सर और पेट रोगों में रामबाण दवा है।पत्ता गोभी रस
अल्सर विकार होने पर पत्तागोभी को मिक्सी कर रस छान कर पीना, और पत्तागोभी उबाल कर खाना फायदेमंद है। पत्तागोभी रस सेवन क्षतिग्रस संक्रमिण आंतों को जल्दी ठीक करने में सहायक है। पत्तागोभी अल्सर विकार छुटकारे में सहायक है।मेथी पानी
100 ग्राम मेथी को साफ धो कर 1 लीटर पानी में रात को भिगो कर रख दें। सुबह उठकर 10 मिनट तक उबालें। ठंड़ा होने पर पानी छानकर पीना अल्सर जल्दी ठीक करने में सहायक है। जब भी प्यास लगे मेथी पानी पीयें। जल्दी असर के लिए यह प्रक्रिया लगातार 3-4 करें। अल्सर में मेथी पानी सेवन खास है।नारियल तेल सेवन
अल्सर में कच्चा नारियल पानी पीना और नारियल तेल गुनगुने पानी के साथ सेवन करना फायदेमंद है। नारियल में खास एंटीबैक्टीरियल तत्व मौजूद हैं, जो अल्सर घाव संक्रमण नष्ट करने में सहायक है।आंवला और अनार रस सेवन
पेट में अल्सर विकार होने पर 2-2 चम्मच आंवला रस और अनार रस मिश्रण कर पीने से जल्दी आराम मिलता है। आंवला अनार मिश्रण अल्सर विकार तेजी से ठीक करने में सहायक है।कच्चा केला सेवन
साबुत कच्चे केले को आग में भूनें। जलने पकने पर अन्दर का गूदा ठंड़ा होने पर खाना, कच्चे केला मिश्री, कच्चे केले की बिना मिर्च मसाले वाली सब्जी खाना फायदेमंद है। कच्चा केला अल्सर ठीक करने में सहायक है। अल्सर में कच्चा और पका केला खाना फायदेमंद है।मुलहठी सेवन
मुहलठी को कूटकर 2-3 घण्टे पानी में भिगों कर रख दें। फिर पानी छान कर पीने से अल्सर जल्दी ठीक करने में खास सहायक है।एलोवरा रस
अल्सर होने पर एलोवेरा रस में कुछ बूदें पोदीना मिलाकर पीना फायदेमंद है। एलोवेरा पानी अल्सर में सुबह शाम खाने से पहले पीयें।हल्दी, हींग पानी सेवन
1 गिलास पानी में चुटकीभर हल्दी पाउडर और हींग घोलकर अल्सर में पीना फायदेमंद है। हल्दी हींग मिश्रण अल्सर, चोट, घाव और पेट विकारों से छुटकारे के लिए खास औषधि है।मुनक्का सेवन
पेट में अल्सर समस्या होने पर मुनक्का रात को भिगो कर रख दें। सुबह खाली पेट मुनक्का मसल कर खाने से पेट अल्सर से जल्दी छुटकारा मिलता है।लहसुन कलियां सेवन
सुबह शाम लहसुन की 2-3 कलियों खाना फायदेमंद है। लहसुन को बारीक चबाकर खायें। हलसुन अल्सर संक्राण घाव ठीक करने में सहायक है।पोहा (चूड़ा) पानी
चूड़े पोहा को साफ धोकर 25-30 मिनट तक भिगो कर रख दें। अच्छे से गलने पर मसल कर पानी छानकर पीना अल्सर में फायदेमंद है।जीरा चूर्ण
अल्सर में जीरा भूनकर बारीक पीसकर पानी में 10-15 मिनट भिगो कर रख दें। बाद में छान कर खाने से 5 मिनट पहले सेवन करना फयदेमंद है।हरा पान पत्ता सेवन
अल्सर विकार होने पर पान के पत्ते चबाकर रस चूसना फयदेमंद है। पान पत्ते का रस आंतों के विकारों को दूर करने में खास सहायक है।अजवायन सेवन
अजवायन और अदरक सौंठ को चबाकर रस चूसने से अल्सर से जल्दी निजात दिलाने में सहायक है।अल्सर में सावधानियां
- अल्सर में सौंफ, सुपारी का सेवन मना है।
- अल्सर में गर्म चीजें नहीं खायें।
- अल्सर में नाॅनवेज खाने से बचें।
- अल्सर में सोड़ा पेय, शराब, वीयर, गुटका, तम्बाकू आदि नशीलीें चीजों से परहेज करें।
- अल्सर में दूध सेवन से बचे।