कमर दर्द की समस्या एक आम समस्या है। लगभग 10 प्रति व्यक्ति में से 2 व्यक्ति को कमर दर्द की समस्या रहती है। और पुरूर्षों के मुताबिक महिलाओं में कमर दर्द की समस्या ज्यादा आंकी गई है। कमर दर्द रहने के पीछे कई मुख्य कारण हैं। काॅमन बैकपैन विस्तार से निम्न प्रकार से हैं।
कमर दर्द के प्रकार और निवारण / कमर दर्द के उपाय / Back Pain Treatment Hindi / Kamar dard ke karan lakshan / Kamar dard ke upay
मोटापा वजन बढ़ने पर कमर दर्द
शरीर का वजन मोटापा बढ़ने से अकसर कमर दर्द की शिकायत रहती है। शरीर मोटाप वजन बढ़ने पर शरीर का वजन अनियंत्रित होकर रीढ़ की हडडी पर सीधे असर पड़ता है। जिससे कमर दर्द की शिकायत रहती है। और ज्यादा मोटापा वजन बढ़ने से शरीर की हडिडयां कमजोर बनती है।निवारण : मोटापा वजन बढ़ने से होने वाले कमर दर्द शिकायत के लिए रोज रस्सीकूद, योगा-व्यायाम, पार्क में पाईप पकड़ कर लटक कर हाथ-पांव सीधे नीचे की तरफ करें। और सुबह शाम खूब सैर, वाकिंग, योगा व्यायाम करें। शरीर वजन की जांच 1 या 2 महीनें के अन्तराल में अवश्य करें। शरीर वजन मोटापा नियंत्रण में रखना जरूरी है। जिससे व्यक्ति कमरदर्द और अन्य बीमारियों से मुक्त होकर, शरीर को आसानी से स्वस्थ निरोग रख सके। ज्यादा मोटापा सैकड़ों बीमारियों का घर है। हमेशा शरीर का वजन शरीर लम्बाई के अनुपात में होना चाहिए। जिससे व्यक्ति की स्वस्थ स्थिति का पता आसानी से चलता है।
निवारण : बैठकर काम करने से होने वाले कमर दर्द से बचने के लिए हमेशा सही आसन पर बैठें। शरीर की आकृति हमेशा 90 डिग्री पर सीधे रखें। छुककर नहीं बैठें। सीधे होकर बैठें। गलत तरीके से बैठने से बचें। बैठकर काम करने की मुद्रा को सुधारें।
निवारण: छुककर उठने और वजन उठाते समय गर्दन हमेशा सीधे रखें। छुककर उठते समय गर्दन अचानक ऊपर होने से मेरूदण्ड (रीढ़) पर सीधा असर पड़ता है। जोकि कमरदर्द का मुख्य कारण है। कमर दर्द से बचने के लिए हमेशा झुककर उठते वक्त गर्दन सीधा आगे की तरफ रखें। और उठते समय पीठ को अंग्रजी एस अक्षर या फिर सी अक्षर की आकृति में नहीं मुड़ने दें। आराम से उठें, जल्दीबाजी में उठने सेे बचें।
निवारण : मशीनों उपकरणों से होने वाले कमर दर्द से बचने के लिए हमेशा सावधानियां बरतें। शरीर ज्यादा कसकर और अधिक लचीला नहीं रखें। शरीर में ज्यादा ठीलापन होने से बचें। आलस्य के साथ मशीनों उपकरणों से कार्य नहीं करें। मशीनों उपकरणों से अलस्य के साथ कार्य करने से कमर दर्द के साथ-साथ अन्य शरीरिक चोट भी लग सकती है। मशीनों उपकरणों से कार्य करते वक्त शरीर की एक्सरसाईज ज्यादा होती है। व्यक्ति मशीनों उपकरणों हिसाब से शरीर आकृति बनाता है। शरीर मुद्रा पर विशेष ध्यान दें। एक्टिव होकर कार्य करें।
निवारण : ज्यादा फैशनेबल टाईट कपड़े, ऊंची एडियों के शैडल, जूत, चप्पल पहनने से बचें। शरीर पर पर्याप्त आरामदायक कपड़े पहनें। आरामदायक कपड़े, शैंडल, जूते, चप्पल पहनने से कमर दर्द और मांसपेशियों के खिंचाव से शरीर आसानी से बचा रहता है। टाईट तंग फैशन पहनावा एक तरह से कमर दर्द मांसपेशियों खिंचाव का एक मुख्य कारण है।
निवारण: पढ़ते, लिखते, टीबी, अखबार, पत्रिका, मोबाईल इत्यादि क्रिया कलाप के दौरान सही मुद्रा में बैठें। लेटकर, झुककर बैठने से बचें। पढ़ने लिखते समय टेबल कुर्सी और पर्याप्त उजाले का इस्तेमाल करें। अकसर कई बार व्यक्ति कम रोशनी के कारण भी झुककर कार्य करता है। विस्तर, जमीन पर बैठकर, लेटकर लिखने, पढ़ने, स्क्रीन वाॅच से बचें। एक ही मुद्रा में ज्यादा देर तक नहीं बैठें। शरीर को हमेशा एक्टिव रखें।
निवारण: सोने से 10 मिनट पहले हमेशा हाथों, पावों को ठंड़े पानी से जरूर धायें। ठंड़े पानी से हाथों पैरों को धोने से दिनभर चलने फिरने से शरीरिक थकान, पैरों में हल्का दर्द जकड़न तुरन्त उतर जाती है। जिससे व्यक्ति काफी रिलेक्स महसूस करता है। फिर सीधे मुद्रा में पीठ के बल लेंटे। हाथों को सीधे सही मुद्रा में रखें। हाथों को पेट पर, छाती पर, गर्दन के नीचे नहीं रखें। पांव, गर्दन, पैर मुड़ाकर सोने की आदत से बचें।
निवारण: कैल्शियम, आयरन विटामिनस मिनरलस की कमी से होने वाले कमर दर्द से छुटकारे के लिए रोज दूध पीयें, हरी पत्तेदार सब्जियां खायें और फलों का जूस सेवन जैसेकि अनार, गाजर, मौंसमी, अनानाश का जूस पीयें। इससे तेजी से शरीर में पौषण की कमी दूर हो जाती है। खासकर महिलाओं के लिए कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, फाॅलिक एसिड विटामिनस मिनरलस युक्त खाद्यपदार्थ जरूरी हैं। पौष्टिक संतुलित आहार कमरदर्द, रक्त की कमी, पाचन, हृदय, किड़नी, जोड़ों के दर्द, कर्क, पित्त, सम्बन्धित कई बीमारियों शरीरिक कमजोरी दूर करने में दूध, फलों का रस हरी सब्जियां सेवन फायदेमंद है। प्रेग्नैंसी के दौरान वजन नियंत्रण में रखें। बैठते वक्त तकिए और पीठ किसी चीज पर टिका पर बैठें। जिससे प्रेगनेंसी बैकपैन से आसानी से बचा जा सकता है।
बैठकर काम करने से कमर दर्द
कई लोगों को कमर दर्द की शिकायत बैठकर काम करने से भी होती है। जैसैकि ऑफिस में कुर्सी पर बैठकर काम करने वाले व्यक्ति, कढ़ाई सिलाई बुनाई, गाड़ी चलाने वक्त सीट बेल्ट से, अचानक कुर्सी एवं जमीन से उठने से होने वाला कमर दर्द है।निवारण : बैठकर काम करने से होने वाले कमर दर्द से बचने के लिए हमेशा सही आसन पर बैठें। शरीर की आकृति हमेशा 90 डिग्री पर सीधे रखें। छुककर नहीं बैठें। सीधे होकर बैठें। गलत तरीके से बैठने से बचें। बैठकर काम करने की मुद्रा को सुधारें।
वजन उठाने से होने वाला कमर दर्द
कई व्यक्तियों अचानक हल्का पुल्का वजन उठने से भी कमर दर्द समस्या हो जाती है। जैसेकि किंचन में पानी बर्तन बाल्टी उठाने से, बैग किताब उठाते वक्त, जमींन पर गिरी वस्तु अचानक उठाते वक्त और युवा वर्ग में जिंम कसरत से कमर दर्द है।निवारण: छुककर उठने और वजन उठाते समय गर्दन हमेशा सीधे रखें। छुककर उठते समय गर्दन अचानक ऊपर होने से मेरूदण्ड (रीढ़) पर सीधा असर पड़ता है। जोकि कमरदर्द का मुख्य कारण है। कमर दर्द से बचने के लिए हमेशा झुककर उठते वक्त गर्दन सीधा आगे की तरफ रखें। और उठते समय पीठ को अंग्रजी एस अक्षर या फिर सी अक्षर की आकृति में नहीं मुड़ने दें। आराम से उठें, जल्दीबाजी में उठने सेे बचें।
मशीनों उपकरण से होने वाला कमर दर्द
कई लोग जो फैक्ट्री में मशीनों उपकरणों के माध्यम से कार्य करते हैं। असावधानी के साथ मशीनों उपकरणों से कार्य करना कमर दर्द एक कारण है।निवारण : मशीनों उपकरणों से होने वाले कमर दर्द से बचने के लिए हमेशा सावधानियां बरतें। शरीर ज्यादा कसकर और अधिक लचीला नहीं रखें। शरीर में ज्यादा ठीलापन होने से बचें। आलस्य के साथ मशीनों उपकरणों से कार्य नहीं करें। मशीनों उपकरणों से अलस्य के साथ कार्य करने से कमर दर्द के साथ-साथ अन्य शरीरिक चोट भी लग सकती है। मशीनों उपकरणों से कार्य करते वक्त शरीर की एक्सरसाईज ज्यादा होती है। व्यक्ति मशीनों उपकरणों हिसाब से शरीर आकृति बनाता है। शरीर मुद्रा पर विशेष ध्यान दें। एक्टिव होकर कार्य करें।
ज्यादा फैशनेबल बनने से कमर दर्द
शरीर में असुविधाजनक आपत्तिजनक तंग कपड़े पहनना भी कमर दर्द का एक कारण। जैसेकि फैशनेबल डाईट कपडे़ पहनना, ऊंची एड़ियों के शैडल, जूते, चप्पल पहनना, जींस - शर्ट - टी-शर्ट चिपके टाईट कपडे़ कमर दर्द का कारण है। जिससे शरीर मांसपेशियां खिंचने से सीधे असर मेरूदण्ड (रीढ़ हडडी) पर पड़ता है।निवारण : ज्यादा फैशनेबल टाईट कपड़े, ऊंची एडियों के शैडल, जूत, चप्पल पहनने से बचें। शरीर पर पर्याप्त आरामदायक कपड़े पहनें। आरामदायक कपड़े, शैंडल, जूते, चप्पल पहनने से कमर दर्द और मांसपेशियों के खिंचाव से शरीर आसानी से बचा रहता है। टाईट तंग फैशन पहनावा एक तरह से कमर दर्द मांसपेशियों खिंचाव का एक मुख्य कारण है।
लिखते पढ़ते और स्क्रीन वाॅच मिद्रा में कमर दर्द
पढ़ते लिखते समय, टीबी देखते समय, लेट कर - झुककर अखबार, पत्रिका, मोबाईल आदि असुविधाजनक मुद्रा में रहना भी कमर दर्द का एक कारण है।निवारण: पढ़ते, लिखते, टीबी, अखबार, पत्रिका, मोबाईल इत्यादि क्रिया कलाप के दौरान सही मुद्रा में बैठें। लेटकर, झुककर बैठने से बचें। पढ़ने लिखते समय टेबल कुर्सी और पर्याप्त उजाले का इस्तेमाल करें। अकसर कई बार व्यक्ति कम रोशनी के कारण भी झुककर कार्य करता है। विस्तर, जमीन पर बैठकर, लेटकर लिखने, पढ़ने, स्क्रीन वाॅच से बचें। एक ही मुद्रा में ज्यादा देर तक नहीं बैठें। शरीर को हमेशा एक्टिव रखें।
गलत मुद्रा में सोने की आदत से कमर दर्द
गलत तरीके से सोने की आदत भी कमर दर्द का एक कारण है। जैसेकि शरीर तिरछी अकृति दहिना- बांयें तरफ रहकर सोना, कमर मुड़ाकर सोना, पांव मोड़कर सोना, दोनों हाथों कों गर्दन के नीचें रखकर सोना, तनाव में करवटे बदलने से सोने आदि सोने के गलत आदतों से कमर दर्द होना एक कारण है।निवारण: सोने से 10 मिनट पहले हमेशा हाथों, पावों को ठंड़े पानी से जरूर धायें। ठंड़े पानी से हाथों पैरों को धोने से दिनभर चलने फिरने से शरीरिक थकान, पैरों में हल्का दर्द जकड़न तुरन्त उतर जाती है। जिससे व्यक्ति काफी रिलेक्स महसूस करता है। फिर सीधे मुद्रा में पीठ के बल लेंटे। हाथों को सीधे सही मुद्रा में रखें। हाथों को पेट पर, छाती पर, गर्दन के नीचे नहीं रखें। पांव, गर्दन, पैर मुड़ाकर सोने की आदत से बचें।
महिलाओं में कैल्शियम आयरन फाॅलिक एसिड की कमी से कमर दर्द
बहुत से लोगों को कमर दर्द का कारण शरीर में कैल्शियम, आयरन, फाॅलिक एसिड, विटामिनस, मिनरलस पौषण की कमी से होता है। इस तरह की कमरदर्द समस्याऐं महिलाओं ज्यादा पाई जाती हैं। जैसेकि कमर के निचले हिस्से में दर्द, मध्य कमर दर्द, गर्दन रीढ़ के निचले हिस्से में दर्द होना, पीठ के अग्रति हिस्से में दर्द। महिलाओं इस तरह के कमरदर्द का कारण मासिक धर्म में अनिमियता, रक्तस्राव, स्वेत प्रदर, रक्त की कमी और अन्य तरह की आन्तरिक शरीरिक कमजोरियों का होना कमरदर्द का कारण है। और प्रेग्नैंसी के दौरान वजन अनियंत्रण भी कमरदर्द का एक कारण है।निवारण: कैल्शियम, आयरन विटामिनस मिनरलस की कमी से होने वाले कमर दर्द से छुटकारे के लिए रोज दूध पीयें, हरी पत्तेदार सब्जियां खायें और फलों का जूस सेवन जैसेकि अनार, गाजर, मौंसमी, अनानाश का जूस पीयें। इससे तेजी से शरीर में पौषण की कमी दूर हो जाती है। खासकर महिलाओं के लिए कैल्शियम, आयरन, प्रोटीन, फाॅलिक एसिड विटामिनस मिनरलस युक्त खाद्यपदार्थ जरूरी हैं। पौष्टिक संतुलित आहार कमरदर्द, रक्त की कमी, पाचन, हृदय, किड़नी, जोड़ों के दर्द, कर्क, पित्त, सम्बन्धित कई बीमारियों शरीरिक कमजोरी दूर करने में दूध, फलों का रस हरी सब्जियां सेवन फायदेमंद है। प्रेग्नैंसी के दौरान वजन नियंत्रण में रखें। बैठते वक्त तकिए और पीठ किसी चीज पर टिका पर बैठें। जिससे प्रेगनेंसी बैकपैन से आसानी से बचा जा सकता है।
कमरदर्द निजात के लिए योगासन
कमर दर्द से शीध्र आराम पाने के लिए कुछ खास योगा व्यायाम हैं। जिन्हें लगातार करने से पुराना से पुराना कमरदर्द ठीक हो जाता है। नित्य योगासन व्यायाम करने से कमरदर्द की शिकायत नहीं होती है।- मकरासन
- भुजंगासन
- हलासन
- मर्कटासन
- मयुरासन
- चक्रासन
हर तरह के कमर दर्द में तुरंत राहत के उपाय
- कमर दर्द होने पर पार्क में पाईप, झूलें की पाईप, बिम्ब आदि पकड़कर 4-5 लटकें और पांव नीचे की तरफ झटकायें। पाईप पकड़कर लटकने से कमरदर्द से जल्दी आराम मिलता है।
- कमरदर्द होने पर तैराकी करें और साईकिल चलायें। तैरने साईकिल राईडिंग से पूरे शरीर की पूर्ण एक्र्ससाईज एक साथ हो जाती है। कमरदर्द, मांसपेशियों के खिचाव से जल्दी आराम मिलता है।
- कमरदर्द होने पर पीठ के बल लेटकर रीढ़ हड्डी, कमर पर आयल मसाज करवायें। मसाज करने से मांसपेशियां, नसें खिचाव मुक्त हो जाती हैं। मांसपेशियों के खिचाव कमरदर्द शीध्र ठीक हो जाता है।
- कमरदर्द से आराम पाने के लिए प्लास्टिक बोतल में गर्म पानी भरकर सिकाई करें। या फिर नमक की पोटली बांध कर आग आंच में दूर से गर्म कर सेकन करें। गर्म सेकन से काफी हद तक कमरदर्द से आराम मिलता है।
- सोने में आरामदायक विस्तर, तकतपोश, बेड़ का इस्तेमाल करें। पंलग, चारपाई एंव झूलेदार विस्तार में सोने से बचें। सोने के लिए सीधे ठोस लकड़ी बेड़ ही चुनें। जमीन में सोने से बचें।