सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस कारण लक्षण उपचार Cervical Spondylosis in Hindi Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस कारण लक्षण उपचार Cervical Spondylosis in Hindi - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस कारण लक्षण उपचार Cervical Spondylosis in Hindi

सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस एक तरह का पीठ के ऊपरी हिस्से, गर्दन के जोड़ों, कंधों, मांसपेशियों पर होने वाला असहनीय दर्द सुन्न-सूजन - झुनझुनाहट, नसों का दबना जैसे मिलते जुलते लक्षण हैं। अकसर सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस समस्या गलत जीवन शैली, दिनचर्या, शरीर अंगों का गलत क्रियाकलापों और आयु बढ़ने के साथ-साथ शरीर में कैल्शियम - आयरन - विटामिन बी कम्पलैक्स, मैग्नीशियम की कमी की वजह से गर्दन और रीढ़ हड्डी - स्पाइन पर सीधे दुष्प्रभाव करती है। जिससे व्यक्ति सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस से ग्रसित हो जाता है।
सर्वाइकल दर्द आरम्भ गर्दन और स्पाइन के आसपास जोड़ नसों से ही आरम्भ होती है। समय पर इलाज नहीं होने पर धीरे-धीरे सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस के दुष्प्रभाव दर्द-सुन्न-सूजन शरीर में फैलने लगते हैं। सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस लक्षण महसूस होने पर तुरन्त सर्वाइकल टेस्ट करवायें। सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस समस्या से बचने के लिए खास बातों जानना और उनपर अमल करना जरूरी हो जाता है।

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सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस के प्रकार

  • गर्दन दर्द
  • गला गर्दन जकड़न
  • सर्वाइकल सरदर्द
  • माइलोपैथी सर्वाइकल
  • रेडीकुलोपैथी सर्वाइकल
  • स्पाॅन्डिलाइटिस सर्वाइकल 

गर्दन दर्द

गलत तरीके से सोने से गर्दन नसें दब जाना, अचानक तीब्र झींक- खांसी आने से, गर्दन पर अतिरिक्त दवाब भार पड़ने से, खड़े और झुकते वक्त अचानक गर्दन मुड़ने से और पुरानी गर्दन चोट से सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस समस्या हो सकती है।

गला गर्दन जकड़न

अचानक उठते वक्त गर्दन मुड़ना, सुबह हड़बड़ाहट में उठते समय गर्दन कंधें जोड़ से खिसक जाना, मोबाईल, कम्प्यूटर, टीबी के आगे गर्दन झुकाकर, ज्यादा ऊपर कर व्यस्त रहने से गला गर्दन जकड़न सर्वाइकल की समस्या अकसर होती है।

सर्वाइकल सरदर्द

गर्दन के ठीक निचले हिस्से का तीब्र सर्वाइकल दर्द भी अकसर एक तरह से सरदर्द बन जाता है। कई बार सर्वाकल दर्द गर्दन से सिर तक फैल जाता है।

माइलोपैथी सर्वाइकल

सर्वाइकल माइलोपैथी गर्दन से लेकर रीढ़ की हड्डी तक को प्रभावित कर देता है। जिसमें मांसपेशियां ऐठन-जकड़न, हाथ, पैरों, एड़ियों, शरीर में झुनझुननाहट (झुनझुनी) होने लगती है। माइलोपैथी सर्वाइकल नाजुक स्थिति में मांसपेशियों, पाचन तंत्र, शरीर जोड़ों को प्रभावित करता है। माइलोपैथी सर्वाइकल एक नाजुक स्थिति मानी जाती है।

रेडीकुलोपैथी सर्वाइकल

रेडीकुलोपैथी सर्वाइकल स्थिति में गर्दन दर्द के साथ हाथों की हथेली, पांवों के नीचे दर्द, सुन्न होना पाया जाता है। रेडीकुलोपैथी सर्वाइकल व्यक्ति को रात और सुबह के समय में ज्यादा महसूस होती है। कई बार व्यक्ति गहरी नींद से जाग उठता है।

स्पाॅन्डिलाइटिस सर्वाइकल

गर्दन दर्द के साथ पीठ, कंधें, पसलियों, उगलियों में झनझनाहट होना एक तरह से स्पाॅन्डिलाइटिस सर्वाइकल का लक्षण है। धीरे-धीरे गर्दन से शरीर अंगों में दर्द सुन्न समस्या फैलने लगती है। यह नाजुक स्थिति होती है। और स्पाॅन्डिलाइटिस सर्वाइकल में व्यक्ति शरीर अंगों में अचानक होने वाली बदलाव से काफी परेशान -अनजान रहता है।

सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस के कारण

  • गर्दन मांसपेशियों में मोच आने से।
  • गर्दन नसों के दबने पर।
  • कठोर और ज्यादा ऊंचे तकिए का इस्तेमाल करना।
  • सोने की गलत पाॅजिशन से।
  • गर्दन जोड़ों की विकसित होने से।
  • शरीर में कैल्शियम, आयरन, विटामिन बी कम्पलैक्स, मैग्नीशियम की कमी होना।
  • भारी वस्तु उठाने से।
  • गर्दन झुकाकर पढ़ने, मोबाईल, टीबी, कम्प्यूटर पर ज्यादा देर व्यस्त रहने से।
  • गर्दन हडिडयों में पुरानी चोट के कारण। 
सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस निवारण उपाय :

सिकाई

सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस सूजन समस्या में गर्दन पर गर्म पानी 10-15 मिनट बाद सुबह-शाम सिकाई करने से दर्द से आराम मिलता है। एक लीटर पानी में 2 चम्मच नमक, लगभग 50 ग्राम अदरक बीरीक पीसकर उबालें। हल्का ठंड़ा होने पर पानी में सूती कपड़ा डुबों कर सिकाई करें। और सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस में दिन में 1 बार ठंड़े पानी से भी सिकाई करना फायदेमंद है।

गाय के घी से मालिश

सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस दर्द समस्या में दिन में 2 बार ग्रसित जोड़ों पर देशी घी से मालिश करना फायदेमंद है। गाय के घी सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस दर्द लुब्रिकेट करने में सहायक है।

खान-पान परहेज

सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस दर्द समस्या में खट्टा, नमकीन, तली भुली चीजें, जंकफूड, दालें, सूजी, चावल, आलू खाने से परहेज करें। फाइबर, कैल्शियम, आयरन युक्त हरी सब्जियां, आटा, कम मीठे फल डाईट में शामिल करना फायदेमंद है। तीखे मीठे रसेले फलों के सेवन से बचें।

करेला, अदरक और नीम फूल पेय

करेला रस, अदरक रस और नीम फूलों का रस सुबह-शाम 2-2 चम्मच सादे पानी के साथ सेवन करने से सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस दर्द समस्या से शीध्र आराम मिलता है।

सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस में एन्टी-इंफ्लेमेन्टरी

किंचन में खाना बनाने में पुदीना, अदरक, हल्दी, लहसुन, मेथी, अश्वगंधा, तुलसी पत्तों, जैसे रिच एंटी इंफ्लेमेन्टरी खाद्यपदार्थ जरूर शामिल - इस्तेमाल करें।

औषधि मसाज

सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस दर्द सूजन से आराम पाने के लिए जैतून तेल में लहसुन पकाकर ठंड़ा होने पर अच्छे से मालिश करें। और फिस आॅयल से भी दिन में 1-2 बार मसाज करें। सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस दर्द - सूजन - झनझनाहट समस्या ठीक करने में जैतून लहसुन तेल और मछली तेल अचूक मालिश अचूक औषधि रूप है।

सेब सिरका लहसुन रस

5-6 चम्मच सेब सिरका में 3-4 लहसुन पीसकर गर्म करें। ठंड़ा होने पर ग्रसित जगहों पर मालिश करें। सेब सिरका लहसुन सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस सूजन, दर्द, झुनझुनाहट ठीक करने में सहायक है।

योगा, व्यायाम

सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस दर्द से आराम के लिए ताड़ासन, पदमासन, सिद्धासन करना फायदेमंद है। सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस दर्द निवारण योगा-आसन नियमित करें। रोज सुबह शाम सैर करें। वजन पर नियंत्रण रखें।

शरीर मुद्रा पर ध्यान

गर्दन झुकाकर, गलत तरह से सोने, बैठने, अचानक गर्दन मुड़ाने से बचें। सोते समय आरामदायक कम ऊचें तकिए का इस्तेमाल करें। ऊचें तकिए इस्तेमाल से बचें।

तकिए का इस्तेमाल

सोने समय आरामदायक और समान्तर तकिए का इस्तेमाल करें। ऊंचे और कठोर तकिए इस्तेमाल करने से बचें। सही पाॅजिशन में सायें। गलत तकिया, सोने के गलत तरीके भी एक तरह से सर्वाइकल स्पाॅडिलोसिस समस्या होती है।