सत्यनाशी पौधा महाऔषधि Satyanashi Benefits in Hindi Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi सत्यनाशी पौधा महाऔषधि Satyanashi Benefits in Hindi - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

सत्यनाशी पौधा महाऔषधि Satyanashi Benefits in Hindi

सत्यनाशी फूल, पत्ते, दूध, जड़ें, बीज तेल एक अचूक औषधि  : आर्युवेद में सत्यनाशी पौधा एक बहुउपयोगी औषधि रूप है। सत्यनाशी यानिकि सभी प्रकार के रोगों का नाश करने वाला खास वनस्पति। सत्यनाशी पौधा बंजर, नदी किनारे, जगलों, खाली जगहों में पाये जाते हैं। सत्यनाशी पौधा लगभग 3 फीट तक लम्बा होता है। फूल पीले और पत्ते हरे तेज नुकीले होते हैं। और बीज सरसों दानों की तरह होते हैं।

कोमल पत्ते-तने तोड़ने पर दूध जैसा तरल निकलता है। सत्यनाशी पौधा भारत में लगभग सभी राज्यों में पाया जाता है। जिसे अलग-अलग नामों स्वर्णक्षीरी, कटुपर्णी, पीला धतूरा, स्याकांटा, फिरंगीधूतरा, भड़भांड़, काटे धोत्रा, मिल धात्रा, दारूड़ी, चोक, कटसी, भटकटैया पौधा, सोना खिरनी, कुश्मक, शियालकांटा, कुडियोटिट, और अंग्रेजी में Argemone mexicana, Prickly Poppy, Mexican Poppy, Satyanashi से पुकारा जाता है। सत्यनाशी औषधि और तेल रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

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चोट घाव में सत्यनाशी पौधा
चोट घाव ठीक करने में सत्यनाशी फूल, पत्तियों का रस अचूक औषधि मानी जाती है। सत्यनाशी फूल पत्तियों का रस घाव जल्दी भरने में सहायक और घाव को संक्रमित होने से बचाने सहायक है।

पीलिया में सत्यनाशी
पीलिया रोग होने पर आधा चम्मच सत्यनाशी तेल गन्ने जूस के साथ पीने से पीलिया से जल्दी छुटकारा मिलता है। साथ में मूली पत्तियों की सब्जी खायें।

दमा रोग में सत्यनाशी 
सत्यनाशी फूल, कोमल पत्तों से कांटे अलग करे, फिर फूल और कांटे बिने पत्तों को बरीक पीसकर फंक बना लें। रोज सुबह शाम सत्यनाशी आधा चम्मच से कम फंक गर्म पानी के साथ सेवन करने से दमे की खांसी से जल्दी आराम मिलता है। और 1 चम्मच सत्यनाशी तेल मिश्री, गुड़ के साथ खाने से दमा रोग से जल्दी छुटकारा मिलता है।

कुष्ठ रोग रोकथाम में सत्यनाशी 
कुष्ठ रोग फैलने से रोकने में सत्यनाशी सहायक है। सत्यनाशी के फूल, पत्तों और नींम के पत्तों को बारीक कूटकर पानी में उबालें। फिर पानी गुनगुना ठंड़ा होने पर नहायें। आधा चम्मच सत्यनाशी फूल रस दूध के साथ सेवन करें। सत्यनाशी तेल खाने में इस्तेमाल, और कुष्ठ ग्रसित त्वचा पर लगायें। सत्यनाशी पौधा कुष्ठ रोगी के लिए फायदेमंद है।

जलोदर में सत्यनाशी 
जलोदर (पेट, फेफड़ों, शरीर अंगों में पानी भरने पर) समस्या सत्यनाशी असरदार औषधि मानी जाती है। सत्यनाशी के फूल, पत्तों, तनों का ताजा 1-1 चम्मच रस नित्य सुबह शाम सेवन करने से जलोदर समस्या जल्दी ठीक करने में सहायक है। 1 चम्मच सत्यनाशी तेल चुटकी भर सेंधा नमक 1 गिलास गुनगुने पानी के साथ रोज पीयें। और सत्यनाशी पत्तों, तनों से निकला दूध गाय के दूध के साथ मिश्रण कर सेवन करें। शरीर अंगों में पानी भरने पर सत्यनाशी पौधा असरदार घरेलू औषधि है।

आंखों के विकारों के लिए सत्यनाशी 
नजर कमजोर होने पर, मोतियाबिन्दु होने पर सत्यनाशी के दूध को मिश्री, कच्चे दूध के साथ सेवन करना फायदेमंद है। सत्यनाशी दूध और ताजा मक्खन या फिर गाय के घी के साथ मिलाकर आंखों पर सुरमे - काजल की तरह लगाने से अंधापन्न, रतौंदी, आंखों जलन समस्या दूर करने में सहायक है।

मुंह के छालों में सत्यनाशी 
मुंह में छालों की समस्या में सत्यनाशी कोमल डठंल, पत्तियां चबायें। और 10-15 मिनट बाद दही मिश्री खायें। नमक, मिर्च, तीखा खाने से बचें। सत्यनाशी से मुंह के छालों के जलन दर्द में ठंडक शीलता मिलती है। मुंह के छालें तुरन्त ठीक करने में सत्यनाशी, दही मिश्री सहायक है।

तुतलाने-हकलाने पर सत्यनाशी 
हकलाने तुतलाने की समस्या में सत्यनाशी पत्तों - तनों के दूध को जीभ कर लगाना फायदेमंद है। और सत्यनाशी पत्तों का रस बरगद के पत्तों पर लगाकर हल्का 5-7 मिनट सुखायें। फिर खाने के दौरान थाली की जगह बरगद के पत्तों का इस्तेमाल करें। और बरगद के पत्तों पर लगे सत्यनाशी रस पर शहद लगाकर चाटने से बच्चों की तुतलाने-हकलाने की समस्या जल्दी ठीक करने में सहायक है।

बवासीर में सत्यनाशी
बवासीर को ठीक करने में सत्यनाशी एक खास औषधि रूप है। सत्यनाशी जड़, चक्रमरद बीज और सेंधा नमक बारीक पीसकर चूर्ण तैयार कर लें। रोज सुबह शाम चुटकी भर सत्यनाशी मिश्रण चूर्ण दही के साथ खाने से बवासीर घाव ठीक करने और बवासीर सेवन कर सकते हैं।

दांतों के लिए सत्यनाशी 
दांतों में कीड़ा लगने पर सत्यनाशी तने और नींम तने से लगातार रोज दांतून करने से दांतों के कीड़ा, दांत दर्द से जल्दी छुटकारा मिलता है। दांतों के लिए सत्यनाशी तना और नींम तना से एक साथ मिलाकर दांतुन करना खास फायदेमंद है।

गैस कब्ज में सत्यनाशी
गैस कब्ज समस्या में सत्यनाशी जड़ और अजवाइन उबालकर काढ़ा तैयार कर लें। रोज सुबह शाम सत्यनाशी काढ़ा पीने से गैस कब्ज की समस्या मात्र 10-15 दिनों में ठीक करने में सहायक है।

पेट कीड़ साफ करे सत्यनाशी 
पेट में कीड़ों की समस्या होने पर सत्यनाशी जड़ और आधे से थोड़ा कम मात्रा में कलौंजी मिलाकर पीसकर फंक गुनगुने पानी के साथ पीने से पेट के कीड़े शीध्र नष्ट करने में सहायक है।

खाज खुजली में सत्यनाशी 
सत्यनाशी बीज और सत्यनाशी दूध मिश्रण कर ग्रसित खाज खुजली वाली त्वचा पर लगाने से जल्दी आराम मिलता है। सत्यनाशी फूल पत्तों का आधा-आधा चम्मच रस रोज सुबह शाम पीयें। खाज खुजली ठीक करने में सत्यनाशी फायदेमंद है।

गठिया जोड़ों के दर्द में सत्यनाशी तेल 
सत्यनाशी तेल में लहसुन पकाकर अच्छे से मालिश मसाज करने से गठिया जोड़ों के दर्द में असरदार दर्द निवारण है।

पुरूर्षों महिलाओं की अन्दुरूनी कमजोरी दूर करे सत्यनाशी 
पुरूर्षों महिलाओं दोनों की अन्दुरूनी गुप्त बीमारी नपुंसकता, धातुरोग, वीर्य कमजोरी, शुक्राणुओं की गड़बड़ी और निसंतान कलंक दूर करने में सत्यनाशी पौधा एक अचूक प्राचीनकालीन औषधि है। महिलाओं पुरूर्षों के गुप्त रोगों में सत्यनाशी के फूल रस, पत्तियों का रस आधा चम्मच सुबह शाम कच्चे दूध के साथ सेवन करना फायदेमंद है। सत्यनाशी बीज तेल से मालिश और 50 ग्राम सत्यनाशी जड़ों 1 लीटर पानी में हल्की आंच में उबाल कर काढ़ा तैयार करें और रोज सुबह शाम 2-2 चम्मच पीने से जल्दी फायदा होता है। निसंतान दंम्पतियों के लिए सत्यनाशी पौधा अचूक औषधि मानी जाती है। पुरूर्षों महिलाओं के लिए सत्यनाशी सत्यनाशी फूल, पत्ते, दूध, जड़ें, बीज तेल एक अचूक औषधि है।

लिंग कमजोरी दूर करे सत्यनाशी तेल मालिस 
सत्यनाशी बीज तेल मालिस मसाज पुरूर्षों की लिंग स्थिलिता कमजोरी दूर करने में खास सहायक है। सत्यनाशी तेल मालिस कमजोर नसों में रक्त संचार तीब्र और सुचारू बनाये रखने में और लिंगवर्धक में सक्षम है।

पेशाब जलन में सत्यनाशी 
पेशाब में जलन, संक्रामण होने पर सत्यनाशी जड़ों को उबालकर काढ़ा तैयार कर लें। रोज सुबह शाम पीने से पुरानी से पुरानी पेशाब जलन - दर्द समस्या दूर करने में सहायक है।

सत्यनाशी औषधि में सावधानियां
  • सत्यनाशी सेवन गर्भावस्था के दौरान मना है।
  • गम्भीर सर्जरी में सत्यनाशी सेवन मना है।
  • सत्यनाशी सेवन 3 साल से छोटे बच्चों के लिए मना है।