सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार saap ke katne par prathmik upchar Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार saap ke katne par prathmik upchar - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

सांप के काटने पर प्राथमिक उपचार saap ke katne par prathmik upchar

बदलते मौसम बरसात में सांप बिलों, झाड़ियों, नालों, तालाबों से बाहर आ जाते हैं। घरों के आसपास, स्टोर में, अन्धेरी जगह में सांप आसानी से आ जाते हैं। सांप अचानक सामने आने पर या सांप पैरों से दबने पर या फिर अन्य तरह भयभीय होने पर जीवन रक्षा हेतु सांप व्यक्ति को काट लेता है। 

जिसे सर्पदंश भी कहा जाता है। इंसान से हर जीव भयभीत होता है। जब कभी सांप दिखे उसे छेड़े नहीं और ना ही नुकसान पहुंचाने की सोचें। दूर से अलग हट जायें। सांप के काटने पर तुरन्त प्राथमिक चिकित्सा हेतु अस्पताल ले जायें। 

भारत में लगभग 235 तरह के सांपों की प्रजातियां मौजूद हैं। डब्ल्यूएचओ सर्वे अनुसार हर वर्ष लगभग 80000 लोगों को सांप काटते हैं। जिनमें से 10000 लोग सर्पदंश से मौंते हो जाती हैं। भारत, नेपाल, श्रीलंका, अफ्रीका जैसे कई अविकसित देशों में सर्पदंश प्राथमिक उपचार की कमी से सबसे अधिक मौंते होती हैं। 

सांपों के घातक जहर न्यूरोटाॅक्सिन और हीमोटोक्सि के दुष्प्रभाव निष्क्रीय करने में एंटी वेनीन, एंटीडोट सफल अचूक 'स्नेक बाईट फर्स्ट एड' है।

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सांप के काटने पर क्या करें ?
सांप के काटने पर बिना देरी करे व्यक्ति को प्राथमिक उपचार के लिए तुरन्त नजदीकी अस्पताल ले जायें। झाडफूंक अंधविश्वास करने से बचें। व्यक्ति के दिल से डर निकालें। क्योंकि लगभग 2500 सांप प्रजातियां होती हैं, जिनमें से केवल 11 प्रजातियों के सांप में जानलेवा जहर होता है। बाकी सांपों बहुत धीमा जहर होता है। कई व्यक्तियों की सांप काटने के नाम से ही घबराहट - भय के कारण हार्ट अटैक से मौत हो जाती है। सांप के काटने पर घबराये नहीं, शांति सयंम रखें। सभी सांपों में न्यूरोटाॅक्सिन, हीमोटोक्सि जहर मौजूद होता है। किसी में बहुत ज्यादा तो किसी में बहुत कम। सांप काटने पर व्यक्ति को समय पर एंटी वेनीन, एंटीडोट दवा आवश्यक है। अलग-अलग सांपों में जहर की मात्रा भिन्न होती है। सांप के काटने पर जहर नाकारे नहीं।

जहरीले सांप काटने पर लक्षण 
आंकड़ो अनुसार अधिकत्तर सांप व्यक्ति के हथों पैरों को निशाना बनाते हैं। शरीर अंग पर सांप काटे उस जगह पर समान्तर दूरी पर दो दंत निशान काले रूप में बन जाते हैं। सांप के काटने पर शरीर पर कई दुष्प्रभाव शीध्र आरम्भ हो जाते हैं। सांप जहर सीधे दिल और मस्तिष्क पर पहला दुरूप्रभाव डालता है।

सांप के काटने पर शरीर में होने वाले बदलाव एवं लक्षण 
  • नींद आना
  • सांस लेने दिक्कत
  • अचानक तेज सिर दर्द होना
  • आंखें लाल होना
  • दिल में दर्द होना
  • शरीर में सूजन जलन
  • छाती में तीब्र जलन
  • शरीर पर ठंड़ापन महसूस होना
  • मसूड़ों से रक्त आना
  • रक्त संचार धीमा हो जाना
  • शरीर धीरे-धीरे जकड़ जाना
  • तेज बुखार, शरीर तापमान अनियंत्रित होना।
  • उल्टी आना।
सांप व्यक्ति को कब काटता है ?
  • अचानक गलती से पांव के नीचे सांप दबने पर।
  • सांप को छेड़ने, नुकसान पहुंचाने पर।
  • सांप शरीर से स्पर्श होने पर।
  • सांप अचानक सामने आने पर।
  • सांप जीवन रक्षा हेतु घबराह की वजह से।
  • व्यक्ति शरीर को विशेष गंध आने पर।
  • सांप विचलित और भयभीत होने पर।
  • सांप गुस्से में आने पर।
  • अकसर कई बार सांप छेड़ने पर दोबारा वापस आकर काटता है।
जहरीले सांपों की पहचान
दुनियां में लगभग 2500 तरह के सांप पाये जाते हैं। जिनमें से 11 तरह के सांप कोबरा, करैत, बाईव जैसे सांप घातक जहरीले होते हैं। जोकि बहुत कम काटते हैं। इन 11 तरह के जहरीले सांपों में न्यूरोटाॅक्सिन, हीमोटोक्सि, घातक जहर की मात्रा अधिक मौजूद होती है। जिसका प्रभाव से व्यक्ति की मौंत 10 मिनट से लेकर 5 घण्टे के अन्दर उपचार नहीं होने पर हो सकती है। व्यक्ति की मौंत सांप काटने पर सर्प दंत से छोड़े गये जहर की मात्रा पर निर्भर होता है। कई सांप काटने के दौरान शरीर पर 1-2 एम.एल. तक जहर छोड सकतेे हैं, और कई सांप काटने के दौरान शरीर पर 10 एम.एल. से लेकर 30 एम.एल. तक जहर छोड़ सकते हैं। ज्यादा मात्रा पर जहर शरीर में प्रवेश करने से व्यक्ति की मौंत मात्र 10 मिनट में हो सकती है। घातक जहरीले सांपों के काटने पर व्यक्ति को केवल एंटीवेनीन और एंटीडोट ही बचा सकती है।

सांप के काटने पर यदि व्यक्ति प्राथमिक उपचार अस्पाल से बहुत दूर है तो उस दौरान क्या करें ?
दूर दराज शहर से मीलों दूर, पहाड़ों, जगलों, गांवों, कस्बों जहां अस्पताल, प्राथमिक उपचार व्यवस्था तक व्यक्ति को पहुचाने में घण्टों लग जायें या बहुत दूर हां। ऐसी जगहों पर व्यक्ति को सांप काटने पर दयनीय स्थिति हो जाती है। घबरायें नहीं तुरन्त व्यक्ति को अस्पताल लें जायें। पर्वतीय क्षेत्रों, दूर दराज प्राथमिक उपचार से मीलों दूर बसे और रहने वालों व्यक्तियों को खुद अपने जीवन रक्षा हेतु एंटी वेनीन, एंटीडोट इंजेक्शन और जहर निवारण दवाईयां, या फिर सस्ती असरदार होम्योपैथिक दवा अपने आसपास अवश्य रखनी चाहिए। आपका एक प्रयास किसी पीड़ित व्यक्ति की जान बचा सकता है।

सांप के काटने पर जहर कम करने की विधि-1
स्टेप 1 : तुरन्त लम्बे बाल से सांप के काटे जगह से ठीक दोनो तरफ 4-4 इंच ऊपर नीचे बांध दें। इससे जहर जल्दी से पूरे शरीर में फैलने से काफी हद तक रूक जाता है। लम्बे बाल व्यवस्था नहीं होने पर रस्सी, धागे का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। 5-7 मिनट के डाईट बाधें।
स्टेप 2 : बांधने के बाद, सांप दंत निशान जगह पर बने काले जहर धब्बे कपड़े की सहायता से बाहर की तरह पिचकायें। दूषित रक्त बाहर आने से काफी हद तक सांप जहर असर कम हो जाता है। जिससे व्यक्ति अस्पताल तक सही सुरक्षित ले जाया जा सकता है। दूषित रक्त निकलने पर बांधी जगह खोल दें। क्योंकि ज्यादा देर टाईट बांधने से रक्त संचार रूक जाता है।

सांप के काटने पर जहर कम करने की विधि-2
इंजेक्शन से सुई अलग कर दें। फिर इंजेक्शन का आगे का कुछ हिस्सा काट दें। यह एक तरह से पिचकारी की तरह बन जाता है। फिर सांप के काटे निशानों से इंजेक्शन से दूषित रक्त खींचें। यह प्रक्रिया 2-3 बार ही करें। इस विधि से रक्त में घुला जहर भी काफी हद तक बाहर निकल जाता है। और इस विधि से सांप जहर असर कम हो सकता है।

सांप के काटने पर जहर कम करने की विधि-3
  • सांप काटने के जख्म को साफ ठंड़े पानी से डंक दबाकर कर धायें। इससे काफी मात्रा में डंक से रक्त के साथ जहर बह जाता है।
  • नींबू रस और मिट्टी तेल को रूई में डुबोकर सूजन जगह पर हल्का हल्का मलने से सूजन दर्द और जहर असर कम करने में काफी हद तक सहायक है।
  • हींग और लहुसन पीसकर लेप घाव के चारो तरफ लगाने से विष फैलने से रोकने में सहायक है।
  • काटे जगह पर पुदीना और प्याज पत्तिया घिसने से जहर को धीरे-धीरे निष्क्रीय करता है।
  • अनार के कोमल पत्तों का रस ग्रसित जगह पर खूब मलें। इससे काफी हद तक जहर असर कम होगा।
  • बुखार से बचने के लिए तुसली पत्ते, अदरक, चायपत्ती उबाल कर पीयें। चीनी का इस्तेमाल नहीं करें। यह व्यक्ति को अचेत होने से रोकने और जहर कम करने में सहायक है।
  • लहसुन बारीक पीसकर शहद के साथ लगाने से जहर सूजन कम करने में सहायक है।
इस तरह से उपरोक्त तरीकों से आपतकाल में सांप के जहर को कम किया जा सकता है। जिससे व्यक्ति की जान बच सकती है। परन्तु सांप काटने से ग्रसित व्यक्ति को प्राथमिकता इलाज जरूरी है। कई बार साधारण सांप के काटने से भी शरीर में कई तरह के दुष्प्रभाव जैसेकि लकवा, शरीर में सुन्न पन, आंखों की रोशनी चले जाना, माइग्रेन, हार्ट, किड़नी समस्याएं धीरे-धीरे सामने आ जाती हैं। हर तरह के सांप में जहर होता है। परन्तु जहर अलग-अलग मात्रा में मौजूद होता है। साधारण सांप, बिच्छू के काटने पर जहर को नाकारे नहीं। पूर्ण जांच अवश्य करवायें। जीवन अनमोल है।

जहरीले सांपों के प्रकार और पहचान :

साॅ स्केल्ड वाइपर 
वाइपर सांप की सबसे ज्यादा प्रजातियां होती है। वाइपर सांप भारत सहित एशिया महाद्वीप में काफी पाये जाते हैं। भारत में ज्यादात्तर मौते स्केल्ड वाइपर के काटने से आंकी गई है। जहरीले वाइपर के शरीर पर गोल-गोल छल्ले, बाॅल की तरह और जिगजैग आकृति जैसी बनी होती हैं। जहरीला वाइपर सांप रंग में गहरे भूरे, गेहुंआ भूरे, गहरे मिट्टी रंग की तरह दिखते हैं। वाइपर के काटने पर व्यक्ति की 1 घण्टे के अन्दर मौत हो सकती है। वाइपर का जहर व्यक्ति की दिल, मस्तिष्क पर एक साथ दुष्प्रभाव करता है। जहरीले के काटने पर व्यक्ति नींद, छाती दर्द, आंखे लाल और मुंह से रक्त आना जैसे संकेत होते हैं।

ब्राउन स्नेक
जहरीला ब्राउन स्नेक अकसर बिलों, अन्धेरे में रहना पसंद करता है। ब्राउन स्नेक खुले वातावरण में आना बहुत कम पसंद करता है। ब्राउन-स्नेक दिखने गहरा भूरा और शरीर पर फुटबाॅल की तरह छोटे-छोटे चकते दिखाई देते हैं। ब्राउन स्नेक व्यक्ति को काटने पर 20 मिनट से 1 घण्टे के अन्तराल में ही मौत हो सकती है। ब्राउन स्नेक आस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया में अधिक पाये जाते हैं।

कोबरा
कोबरा सांप की 3 प्रजातियां में न्यूरोटाॅक्सक जहर पाया जाता है। बाकी तरह के कोबरा सांपों जहर ना मात्र होता है। कोबरा सांप जहर थूक के माध्यम से दूर से अपने शिकार पर फेंकता है। कोबरा में काफी जहर थूक रूप में मौजूद होता है। कोबरा एक बार काटने पर फिर से दोबारा काट सकता है। अन्य सांप काटने के बाद तुरन्त भाग जाते हैं। कोबरा सांप का जहर व्यक्ति के हार्ट, किड़नी ब्लाॅक करता है। जहरीले कोबरे के काटने पर व्यक्ति की मौत 40 मिनट से लेकर 2 घण्टे के अन्तराल में हो सकती है। कोबरा भारत, फिलिपीन, नेपाल, लंका, चीन में अधिकत्तर पाये जाते हैं।

सी-स्नेक पानी में रहने वाला जहरीला सांप 
अकसर पानी में रहने वाले सांप कम जहरील होते हैं। उनमें से सी-स्नेक नामक सांप बहुत जहरीला होता है। जो दिखने में गहरे नीले रंग के होते हैं। और शरीर में गोल-गोल रिंग जैसी आकृति बनी होती हैं। सी-स्नेक का भय तालाबों, नदी, समुद्र में काम करने वालों व्यक्तियों को ज्यादा होता है। सी-स्नेक सांप पानी से बाहर नहीं आता। कुछ सांप जलचर और स्थलचर दोनो होते हैं। उनका जहर बहुत कम होता है।

डेथ एडर 
डेथ एडर सांप इंसानी बस्ती से दूर रहना पंसद करता है। डेथ एडर सांप में मौजूद न्यूरोटाॅक्सिन जहर घातक होता है। जहर 1 घण्टे से 5 घण्टे के अन्दर व्यक्ति को मौत की नींद सुला सकता है। डेथ एडर अधिकत्तर आस्ट्रेलिया में पाये जाते हैं। डेथ एडर के जहर को धीमा घातक जहर भी कहा जाता है।

ताइपन सांप 
ताइपन जमीनी घातक जहरीला सांप है। पाइपन जंगलों, झाड़ियों, बिलों में रहना पसंद करता है। ताइपन सांप मनुष्य आवादी से दूरी बनाकर रहना पसंद करता है। पाइपन दिखने में गहरे गेहुंआ काले रंग जैसा होता है। ताइपन लम्बाई कम होते हैं। पाइपन व्यक्ति को काटे तो व्यक्ति की मौंत 15 मिनट से 2 घण्टे के अन्दर हो सकती है। परन्तु ताइपन सांप को जब तक कोई नुकसान, छेड़छाड़ नहीं करें, तब तक ताइपन व्यक्ति को काटता नहीं है। ताइपन को शांत सांप की कहा जाता है। जहरीले ताइपन अधिकत्तर आॅस्ट्रेलिया महाद्वीप में पाये जाते हैं।

रैटल स्नेक 
रैटलस्नेक एक घातक जहरीला सांप है। रैटलस्नेक की लम्बाई लगभग 3 फीट तक होती है। और दिखने में गेहुंआ रंग और शरीर पर हल्के गेहुंआ रग के छल्ले बने होते हैं। रैटलस्नेक जमीन के सतह, गहरे बिलों, ठंड़ी अंधरी जगह में रहना पसंद करता है। यह व्यक्ति को काटने पर मात्र 15 मिनट से 1 घण्टे के अन्तराल में मौत हो सकती है। रेटल स्नेक विशेष रूप से अमेरिका महाद्वीप में पाये जाते हैं।

ताइपन 
ताइपन एक घातक जहरीला सांप है। यह घनी झाड़ियों, अन्धरे में रहना पसंद करता है। पाइपन में न्यूरोटाॅक्सिक जहर अधिक मात्रा होता है। पाइपन के काटने पर व्यक्ति के 3 घण्टे अन्तराल में मौत हो सकती है। ताइपन शरीर दिखने में एक समान रंग गहरे भूरे, भूरा नीला होता है। कई बार मिट्टी जैसे रंग में भी छुपा रहता है।

ब्लैक माम्बा
ब्लैक माम्बा सांप बहुत फुर्तीला चतुर माना जाता है। ब्लैक माम्बा भय असुरक्षित महसूस होने पर शिकार को तेजी से कई बार काट देता है। काटने के दौरान लगभग 300 एम.एल. तक का जहर छोड़ सकता है। जिससे व्यक्ति की मौत 30 मिनट से लेकर 2 घण्टे में हो सकती है। ब्लैक माम्बा के काटने पर एंटीडोट जल्दी असर करता है। ब्लैक माम्बा सांप अकसर मौसम के हिसाब से शरीर रंग बदलता है। और ज्यादत्तर गहरे नीले काले रंग में दिखाई देता है।

टाइगर स्नेक 
टाइगर स्नेक में न्यूरोटाॅक्सिक जहर ज्यादा होता है। इसके काटने पर व्यक्ति की मौत 3 घण्टे के अन्दर हो सकती है। एन्टीवेनीन दवा टाइगर स्नेक जहर को निष्क्रीज जल्दी करता है। टाइगर स्नेक आस्ट्रेलिया में अधिकत्तर पाये जाते हैं।

ब्लू करैत 
ब्लू करैत सांप अपनी ही प्रजातियों के सांपों को खाना पसंद करता है। ब्लू करैत सांप अकसर रात्रि को भ्रमण शिकार करते हैं। ब्लू करैत का जहर उपचार के बाद भी रह सकता है। जोकि व्यक्ति को लकवा, अंधेपन का शिकार बना सकता है। ब्लू करैत का जहर शरीर में धीरे-धीरे असर करता है। जोकि घातक होता है। नीला करैत एशिया महाद्वीप में लगभग सभी जगहों पर पाये जाते हैं। ब्लू करैत अधिकत्तर इंडोनेशिया में पाये जाते हैं। ब्लू करैत के काटने पर शरीर एकदम से नीला पड़ जाता है। और व्यक्ति की मौत 1 घण्टे के अन्दर हो सकती है। सांप के काटने पर जहर मात्रा पर निर्भर करता है।