स्वाइन फ्लू संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्तियों में तेजी से फैल जाता है। अकसर स्वाइन फ्लू मनुष्य और सूअर जानवर दोनों के द्वारा फैलता है। हालांकि स्वाइन फ्लू ज्यादा घातक नहीं है। परन्तु समय पर उपचार नहीं करने पर घातक होता है। स्वाइन फ्लू गर्मी मौसम की अपेक्षा सर्दी मौसम में ज्यादा सक्रीय रहता है। स्वाइन फ्लू के लक्षण महसूस होने पर तुरन्त चिकित्सक से सलाह उपचार करवायें। अपने आसपास किसी भी व्यक्ति को स्वाइन फ्लू लक्षण दिखने पर तुरन्त नजदीक अस्पताल, स्वास्थ्य विभाग को सूचित करें। स्वाइन फ्लू वायरल फैलने से बचायें। स्वाइन फ्लू एक तरह का जानलेवा फ्लू वायरल है। एक बार अगर स्वाइन फ्लू व्यक्ति को हो जाये तो व्यक्ति की स्थिति दयनीय हो जाती है। भविष्य में भी इसी तरह के मिलते जुलते लक्षणों के विभन्न वायरस मानव जाति के लिए खतरा पैदा कर सकते हैं। हमेशा सावधान रहें।

स्वाइन फ्लू क्या है ?
स्वाइन फ्लू एक तरह का संक्रामण रोग है। जिसे स्वाइन फ्लू या H1 N1 Influenza (एच-1 एन-1 इंफ्लूएंजाए) से भी जाना जाता है। स्वाइन फ्लू सूअर जानवर पर होता था। परन्तु समय वातावरण बदलाव में यह Virus मानव जाति के लिए घातक बनकर फैलने लगा है। स्वाइन फ्लू सबसे पहले 2009 में पहचान में आया था। धीरे-धीरे स्वाइन फ्लू में तेजी से प्रबल हो गया है। स्वाइन फ्लू से विश्व संक्रमित है। आंकड़ों अनुसार भारत में भी स्वाइन फ्लू से हर वर्ष हजारों लोगों की मौंते हो रही हैं। और स्वाइन फ्लू व्यापक महामारी रूप लेता जा रहा है। स्वाइन फ्लू एक तरह से सर्दी -जुखाम की तरह वायरल है। जिसका समय पर उपचार करवाना जरूरी है। वरना स्वाइन फ्लू भयानक रूप ले सकता है। अकसर स्वाइन फ्लू मनुष्य और सूअर जानवर दोनों के द्वारा फैलता है। स्वाइन फ्लू एक तरह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलने वाला बुखार - जुखाम बैक्टीरिया वायरल रूप है।
स्वाइन फ्लू लक्षण कारण और उपचार / Swine Flu ke Lakshan / Swine Flu kaise failta hai / Swine Flu ka gharelu upchar / Swine Flu in Hindi

स्वाइन फ्लू क्या है ?
स्वाइन फ्लू एक तरह का संक्रामण रोग है। जिसे स्वाइन फ्लू या H1 N1 Influenza (एच-1 एन-1 इंफ्लूएंजाए) से भी जाना जाता है। स्वाइन फ्लू सूअर जानवर पर होता था। परन्तु समय वातावरण बदलाव में यह Virus मानव जाति के लिए घातक बनकर फैलने लगा है। स्वाइन फ्लू सबसे पहले 2009 में पहचान में आया था। धीरे-धीरे स्वाइन फ्लू में तेजी से प्रबल हो गया है। स्वाइन फ्लू से विश्व संक्रमित है। आंकड़ों अनुसार भारत में भी स्वाइन फ्लू से हर वर्ष हजारों लोगों की मौंते हो रही हैं। और स्वाइन फ्लू व्यापक महामारी रूप लेता जा रहा है। स्वाइन फ्लू एक तरह से सर्दी -जुखाम की तरह वायरल है। जिसका समय पर उपचार करवाना जरूरी है। वरना स्वाइन फ्लू भयानक रूप ले सकता है। अकसर स्वाइन फ्लू मनुष्य और सूअर जानवर दोनों के द्वारा फैलता है। स्वाइन फ्लू एक तरह से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में तेजी से फैलने वाला बुखार - जुखाम बैक्टीरिया वायरल रूप है।
स्वाइन फ्लू कैसे फैलता है
स्वाइन फ्लू से बचने के उपाय
- स्वाइन फ्लू संक्रमण विषाणु छींकते खांसते से हवा में सूक्ष्म बूंद फैल जाती है। सूक्ष्म वायरस हवा में तैरते हुए स्वस्थ व्यक्ति की नांक, मुंह सांस द्वारा, हाथ पर चपकने जैसे संक्रीण माध्यम से शरीर में प्रवेश कर देते हैं। और व्यक्ति स्वाइन फ्लू की चपेट में आ जाता है। स्वाइन फ्लू सूक्ष्म वायरस कई घण्टों तक किसी वस्तु, तरल पदार्थ पर चिपक कर जीवित रहता है।
- स्वाइन फ्लू संक्रामिण व्यक्ति के छींकने खांसने पर।
- स्वाइन फ्लू ग्रसित व्यक्ति के आसपास लापरवाही से रहने पर।
- स्वाइन फ्लू मरीज के साबुन, तौलिया, विस्तर, कपड़े, कम्प्यूटर, कीबोर्ड, मोबाईल छूने और इस्तेमाल करने से।
- स्वाइन फ्लू ग्रसित व्यक्ति के साथ खाने से स्वाइन फ्लू विषाणु आसानी से फैल जाते हैं।`
- अकसर स्वाइन फ्लू वायरस के सूक्ष्म विषाणु वस्तुओं पर चिपक कर 20 घण्टे तक सक्रीय रहते हैं। और वैक्टीरिया विषाणु वस्तुओं पर चिपके रहते हैं, अगर स्वस्थ व्यक्ति गलती से भी छूने के बाद सूक्ष्म वायरस हाथ अगर नांक, मुंह पर लग जाए तो स्वाइन फ्लू वायरस आसानी से शरीर में प्रवष्टि हो जाते हैं। जिसका आभास व्यक्ति को 7-10 घण्टे बाद होता है।
- इम्युनिटी सिस्टम कमजोर व्यक्ति को स्वाइन फ्लू जल्दी अपने चपेट में ले सकता है।
- स्वाइन फ्लू छोटे बच्चों 6 वर्ष वर्ग तक जल्दी चपेट में ले सकता है। बच्चों को स्वस्थ रखने के तरीके अपनायें।
- गर्भवती महिलाओं को स्वाइन फ्लू का खतरा ज्यादा रहता है।
- स्वाइन फ्लू संक्रमण 50 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्तियों पर जल्दी होने सम्भावनाएं रहती है।
- कैंसर, डायबिटीज, हाइपरटेंशन, किड़नी जैसी घातक बीमारियों में स्वाइन फ्लू जल्दी अटैक कर सकता है।
- खांसी
- नांक बहना
- नांक बन्द
- बुखार
- सरदर्द
- गले में खराश
- छाती में दर्द
- सांस लेने में दिक्कत
- उल्टी आना
- ठंड़ लगना
- चक्कर आना
- मांसपेशियों में दर्द खिचाव
- भूख नहीं लगना
- पेशाब लाल, पीली आना
- बुखार 101 डिग्री या अधिक रहना
- बुखार के साथ-साथ नींद की कमी होना।
स्वाइन फ्लू से बचने के उपाय
- स्वाइन फ्लू जांच रिपोर्ट पाॅजिटिव आने पर मरीज को अलग कर दिया जाता है। और स्वाइन फ्लू मरीज को Tamiflu, Oseltamivir, Oseltamivir या Zanamivir दवा और इंजेक्शन दी जाती है। स्वाइन फ्लू क्योर दवा मरीज की आयु, वजन, फ्लू रेशों के हिसाब दी जाती है। स्वाइन फ्लू से स्वस्थ हाने में व्यक्ति को 15-20 दिन तक लग जाते हैं।
- स्वाइन फ्लू से बचने के लिए Nasovac Vaccine दवा 0.5 एम.एल. तक नांक में डालने से 2 वर्ष तक व्यक्ति संक्रमण वायरल से मुक्त रहता है। इंफ्लूएंजा टीका से स्वाइन फ्लू का खतरा नहीं रहता। स्वाइन फ्लू बैक्सीन काफी असरदार मानी जाती है।
- स्वाइन फ्लू से बचने के लिए माॅस्क पहने। मास्क काफी हद तक स्वाइन फ्लू रोकथाम में सहायक है।
- मरीज का साबुन, तौलिया, विस्तर, कपड़े आदि छूने की वस्तुए अलग रखें।
- स्वाइन फ्लू ग्रसित व्यक्ति से लगभग 5 फीट की दूर बनाकर रखें।
- छींक, खांसी आने पर नांक-मुंह पर रूमाल, टिशू रखें। फिर इस्तेमाल टिशू आदि को अखबार में लपेटकर नष्ट कर दें। या कूड़ेदान में डाले।
- अपने आसपास साफ सफाई पर ध्यान दें। गंदगी नहीं फैलने दें गंदगी स्वाइन फ्लू एंव हर तरह की बीमारियों को तेजी से फैलाती है।
- स्वाइन फ्लू ग्रसित व्यक्ति के साथ खाना, सामान, वस्तुऐं शेयर / बांटने से बचें।
- बिना कारण भीड़भाड़ इलाके, माहौल में जाने से दूर रहें।
- हमेशा खाने से पहले हाथों, मुंह को कीटाणुनाशक साबुन से धोयें।
- बाहर के खाने से बचें। घर का बना सात्विक पौष्टिक भोजन करें।
- स्वाइन फ्लू के प्रति जागरूक रहें। और अपने आसपास के व्यक्तियों को जागरूक करें।
स्वाइन फ्लू वायरल बैक्टीरिया निष्क्रीय करने के लिए नेचुरल एंटीबायोटिक, एंटीबैक्टीरियल, प्रोबायोटिक्स चीजें लें। गुड बैक्टीरिया स्वाइन फ्लू वायरल विषाणु बैक्टीरिया नष्ट करने में सक्षम है। और शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता मजबूत बनी रहती है।
150 ग्राम पिसी गिलोय तनें, 10 ग्राम अदरक, 5-6 काली मिर्च, 15-20 तुलसी पत्ते को आधे लीटर पानी में अच्छे से मिलाकर आंच में काढ़ा बनायें। पानी घट-घट कर 1 गिलास रहने पर उतार दें और काला नमक स्वाद अनुसार मिलायें। और काढ़ा छानकर आधा-आधा कप कर दिन में 3 बार गर्म गर्म पीयें। यह फ्लू वायरल नष्ट करने में सहायक है। गिलोय तनों को चबा कर रस चूस सकते हैं। गिलोय अपने आप में एक महा औषधि है।
- अदरक बारीक पीसकर उसमें शहद अच्छे से मिलाकर चबाकर खाना फायदेमंद है।
- अदरक, इलाईची युक्त मसाला चाय पीयें।
- 4-5 तुलसी पत्ते के रोज चबाकर खायें। और तुलसी पत्तों से चाय, काढ़ा, पेय बनायें और पीयें।
- फ्लू वायरल से बचने के लिए लहसुन की 2-3 कली रोज चबायें।
- लहसुन किंचन में सब्जी, दाल में खूब इस्तेमाल करें।
- सलाद में प्याज खूब खायें, और प्याज सलाद में नींबू निचैंड कर खायें।
- गिलोय तनें चाबाकर रस चूसें। गिलोय हर वायरल फ्लू बैक्टीरिया नष्ट करने में सहायक है।
- कपूर जेब, रूमाल में बांध कर रखें। कपूर सुगंध स्वाइन फ्लू असर कम करने में सहायक है।
- आंवला खायें। आंवला मुरब्बा, चटनी, कैंडी वायरल फ्लू रोकथाम में सहायक है।
- चुटकी भर हल्दी पाउडर 1 गिलास गर्म दूध के साथ पीयें। हल्दी दूध पीने के बहुत से फायदे हैं।
- प्रोटीन युक्त रिच खाद्यपदार्थ अंड़ा, मछली, मीट, दूध, दही, बींस, नट्स, सोया फूड्स डाईट में शामिल करें।
- नींबू, संतरा, गाजर, कद्दू, आडू, आम, अनार, हरी पत्तेदार सब्जियां खूब खायें।
- घर का तैयार ताजा सात्विक भोजन करें। बाहर के खाने से बचें।
- बंद डिब्बे, प्लास्टिक बोतल, रेपर की गई फ्लेवर चीजें खाने से बचें। प्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- प्याज और लहसुन पीसकर सोते समय शयन के पास रखें। प्याज लहसुन की गंध स्वाइन फ्लू बैक्टीरिया मिटाने में सहायक है।
- रोज खूब व्यायाम, योगा, रस्सीकूद, हार्डवर्क से पसीना बहायें। पसीना बहाने से रोम छिद्र से एन्डोफीरन बाहर आता है। रक्त संचार कोशिकाएं स्वस्थ रहती हैं।
- सुबह शाम सैर करें। सैर करने से सम्पूर्ण शरीर अंगों की एक्सरसाईज एक साथ हो जाती है। ज्यादात्तर पैदल चलें। वर्कआउट से कैलोरी बर्न होती है। और पसीना भी बहता है। पसीना बहाने से बहुत से फायदे हैं। शरीर संक्रमण, वायरल, बीमारियों से मुक्त रहता है। और रक्त संचार सुचारू प्रवाह होता है। जिससे शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता बरकरार रहती है। जोकि वायरल फ्लू संक्रामण से लड़ने में मद्दगार है।
- इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्राॅग रखें। 7 घण्टे पूरी नींद लें। अकसर पूरी नींद सोने से खाया गया भोजन पाचन और पौषण संतुलित रहता है। और इम्यूनिटी पावर बरकरार रहती है। शोध में पूरी नींद सोना भी इम्यूनिटी सिस्टम मजबूत बनाने में सहायक पाया गया है। स्वाइन फ्लू और अन्य तरह के वायरल संक्रामण रोगों से बचने के लिए इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्राॅग होना जरूरी है।
- तेलीय, तली, भुनी चीजें, जंकफूड़ - सोड़ा पेय, चावल, आईसक्रीम आदि ठंड़ी चीजें, वासी भोजन से परहेज करें। अनहेल्दी खाद्यपदार्थ फ्लू वायरल को बढ़ावा देती हैं।
- साफ सफाई पर पूरा ध्यान दें। आसपास गंदगी, कचड़ा नहीं फैलायें। गंदे दूषित वातावरण में वायरल फ्लू ज्यादा सक्रीय होते हैं। हमेशा स्वच्छ रहें।
- धूम्रपान, शराब, गुटका नशीले मादक पदार्थों के सेवन से बचें। कई लोग सर्दी, जुकाम, फ्लू में शराब इत्यादि का सेवन करना पसंद करते हैं। नशीली चीजें वायरल फ्लू को ज्यादा घातक बनाती हैं। नशीली चीजें स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
150 ग्राम पिसी गिलोय तनें, 10 ग्राम अदरक, 5-6 काली मिर्च, 15-20 तुलसी पत्ते को आधे लीटर पानी में अच्छे से मिलाकर आंच में काढ़ा बनायें। पानी घट-घट कर 1 गिलास रहने पर उतार दें और काला नमक स्वाद अनुसार मिलायें। और काढ़ा छानकर आधा-आधा कप कर दिन में 3 बार गर्म गर्म पीयें। यह फ्लू वायरल नष्ट करने में सहायक है। गिलोय तनों को चबा कर रस चूस सकते हैं। गिलोय अपने आप में एक महा औषधि है।