डिप्रेशन एक तरह से मानसिक तनाव है। जिसे अवसाद भी कहा जाता है। सुख-दुःख जीवन का एक अहम हिस्सा है। सुख-दुःख जीवन में आते-जाते रहते हैं। दुखद, मनविचलन जैसी घटानाएं अकसर व्यक्ति को तनाव-डिप्रेशन की ओर ले जाती हैं। तनाव डिप्रेशन के दौरान शरीर में एड्रीनलीन, कर्टिसोल, टेस्टोस्टोरोन, सेरोटोनिन हार्मोंस लेवल असंतुलन हो जाता है। अधिक समय तक चिंता फिक्र करने से व्यक्ति गम्भीर डिप्रेशन स्थिति में चला जाता है। हार्मोंस के शरीर में अधिक असंतुलित होने से व्यक्ति डिप्रेशन से पागलपन के दौर में भी जा सकता है। और तनाव अवसाद गम्भीर स्थिति में व्यक्ति आत्महत्या तक उतारू हो जाता है। डिप्रेशन / अवसाद समस्या आजकल इतनी व्यापक हो चुका है कि आम भाषा में इसे "Common Cold" of Mental Illness भी कहा जाने लगा है। गम्भीर डिप्रेशन के लक्षण स्थिति में तुरन्त मनोचिकित्सक से मिले, और समय पर उपचार करवायें।
डिप्रेशन के लक्षण सुझाव / टेंशन को दूर करने के तरीके / Depression Symptoms Treatment Hindi / Tanav ke Lakshan / Tanav se kaise bache / Tension dur karne ka Upay
डिप्रेशन अवसाद के लक्षण
- नाकारात्मक विचार सोच
- लगातार चिन्ता करना
- चिड़चिड़ापन आना
- भ्रम में आना
- अचानक गुस्सा आना
- सहनशीलता कमजोर होना
- गुमसुम, गहरी सोच में रहना
- अकेलापन पसंद करना
- डर, भय लगना
- कम बोलना
- इधर-उधर की बाते करना
- चेहरे पर गुस्सा दिखाई देना
- खुश नही रहना
- छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा करना
- मुंह बनाना
- गुस्से में हाथापाई पर उतार आना।
डिप्रेशन के शरीरिक लक्षण
- आंखे लाल रहना
- सर दर्द होना
- चक्कर आना
- मांसपेशियों दर्द
- दिल धड़कन सामान्य से अधिक धड़कना
- बैठे बैठे पसीना आना
- बिना कार्य के पसीना आना
- ब्लडप्रेशर अनियंत्रण होना
- बिना कार्य के थकावट होना
- सांस लेने और छोड़ने में अन्तर होना
- आंखों की पलके स्थिर रहना
- उल्टी आने की शिकायत
- नाखूनों और हथेली में पीलापन आना
- अचानक डर से शरीर कांपना
- बार-बार पेशाब आना
- नजर एक ही जगह टिकी रहना
डिप्रेशन से बचने के लिए असाधारण तरीके
- डिप्रेशन के समाधान के लिए वजह-कारण ढूढ़े। डिप्रेशन वजह पर घर परिवार दोस्तो से विचार विर्मश करें।
- पसंद न आने वाली छोटी-छोटी बातों को इग्नोर करें।
- किसी बात को दिल में मत लें।
- हमेशा साकारात्मक सोचे।
- अनदेखी, अनसुनी, अफवाह, दूसरों के बहकायें नहीं जायें।
- हर निर्णय खुद नहीं लें। घर परिवार सदस्यों से सलाह सुझाव लें। फिर निर्णय लें।
- गुस्से पर काबू रखें।
- गम्भीर इश्यू, मन विचलन घटनाओं पर ज्यादा ध्यान नही दें।
- खुद की गलतियां ढूढें। अपनी गलतियों पर सुधार-अमल करें।
- अकेला मत रहें। घर परिवार समाज में लोगों से घुल-मिल कर रहें।
- अपने आसपास माहौल को हंसी-मजाक खुशनुमा बनायें।
- चेहरे पर मुस्कार रखें।
- छोटी छोटी बतों में भी खुशी ढूढ़े।
- मन विचलन वाली बीती बातों को भुला दें। वर्तमान पर ध्यान दें।
- भविष्य की चिन्ता नहीं करें। वर्तमान में अच्छा करने की कोशिश करें। भविष्य खुद ही अच्छा होगा। भविष्य की चिन्ता वर्तमान पर छोड़ दें।
- बात-बात में उत्तेजित होने से बचें।
- चीखने चिल्लाने से बचें। भावनाओं में नही बहकें।
- तनाव डिप्रेशन करने वाली अधिक जटिल, गम्भीर, उलझें मामलों को छोड़ देने में ही समझदारी है। उनका उत्तर - हल वक्त आने पर खुद निकल आता है। जटिल गंभीर उलझे मामलों पर ज्यादा ध्यान नहीं दें। जिस बात, विवाद, मामलों का समाधान नहीं होना, उसके पीछे कीमती वक्त बरबाद और फालतू की टेंशन लेने की आवश्यक नहीं होती। समय अपने आप समाधान निकाल देता है।
- हथेलियों को 2-3 मिनट रगड़े, फिर माथे और आंखों पर गर्म हथेली लगायें।
- तालियां बजाएं। तालियां बजाने से रक्तसंचार सुचारू रहता है। जोकि काफी हद तक ब्रेंन तंतुओं को स्वस्थ रखने में सहायक है।
- लम्बी-लम्बी सांसे लेने और सांसे छोड़ने की प्रक्रिया करें।
- योगा असान करें। ओ3म शब्द का उच्चारण करें।
- काम करने के तरीके बदलें। टाईम टेबल के हिसाब से कार्य करें। अतिकत्तर कार्य समय पर करें। आलस्य होने से बचें।
- ठंड़े पानी से नहायें। ठंड़ा पानी पीयें। परन्तुु अधिक ठंड़े पानी से परहेज करें। ज्यादा ठंड़ा पानी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- दूसरों की परेशानियों से सीख लें।
- शराब, धूम्रपान, तम्बाकू इत्यादि मादक नशीली चीजों से दूर रहें। नशा भी डिप्रेशन को बढ़ावा देता है।