डिप्रेशन से शीघ्र छुटकारा पाएं / Depression se Chutkara kaise paye, Tanav se Shighra chutkara kaise paye / Tanav se jaldi mukti pane ka tarika / Immediate Depression Relief in Hindi
टेस्टोस्टेरोन सेरोटोनिन हार्मोंस
हमेशा साकारात्मक सोचें। सकारात्मक सोच मस्तिष्क में मौजूद टेस्टोस्टेरोन सेरोटोनिन हार्मोंस को प्रभावित करती हैं। जिनके असंतुलन विघटन से व्यक्ति अवसाद का शिकार बन जाता है। हमेशा अलग से कुछ रचनात्मक करने की सोचें। रचनात्मक सोच मस्तिष्क विकास करने में सक्षम है। और टेस्टोस्टेरोन, सेरोटोनिन हार्मोंस में तेजी से सुधार वृद्धि होती है।
डिप्रेशन - तनाव से बचने के खास उपाय :
शांत मन
जब भी कोई बात विचार विमर्श करें, शान्त मन से सुने फिर सोच समझ कर जवाब दें। हर बात पर मैं, हम, जैसे घमंड शब्दों के इस्तेमाल विचारों से दूर रहें। स्वाभिमानी बनें। हमेशा मधुर बालें। दूसरों के दिलों को ढेस पहुंचाने वाली असंगत बातों विचारों से बचें। क्योंकि एक बार मुंह से निकली बात दोबारा लोटकर नहीं आती है। तुरन्त जल्दबाजी में दिया गया जबाव और गलत निर्णय डिप्रेशन (अवसाद) का एक कारण है। हमेशा शान्ति संगत से काम लें।
विचार-विमर्श
किसी भी बात इशू को बिना सोच, समझ, विचार के परिणाम फैसला पर मत जायें। सकारात्मक और सही बात विचार विर्मश से निर्णय लें। गलत निर्णय लेने से बचें। भ्रम में लिया गया गलत निर्णय भी एक तरह से तनाव (अवसाद) का कारण होता है।
अपने अन्दर के नाकारात्मक (नगेटिव) विचार पहचाने
नेगेटिव सोच को बदलें। मन की गलत धारणा विचार को पहचाने के लिए दिनभर के क्रियाकलाप, दिनचर्या वर्तालाप, विवाद विषय को नोटबुक पर लिखें। वीडियो क्लिप बनायें। आपने किस-किस व्यक्ति से क्या-क्या बात की। बात के दौरान आपस में क्या-क्या सवाल जबाव किये। फिर सभी वर्तालाप विषयों पर पुन विचार करें। इस विधि से व्यक्ति खुद सही सवाल - जबाव वर्तालाप का पता लगा लेता है। धीरे-धीरे नेगेटिव बातों, असंगत बातों में सुधार कर सकारात्मक सोच की तरफ अग्रसर हो जाता है। डिप्रेशन - तनाव, क्रोध, भय से बचने के लिए जल्दी नाकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदलना जरूरी है।
योगा प्राणायाम
डिप्रेशन से बचने के लिए रोज भ्रामरी, कपालभाती, नाड़ी शोधन, अनुलोम विलोम प्राणायाम करें। और रोज सुबह शाम सैर करें। योगा, व्यायाम, सैर, वर्कआउट डिप्रेशन क्रोध, भय से मन शांत करने में सहायक है।
सलाह विचार
डिप्रेशन से बचने के लिए मन बिचलित विचार, तनाव विषयों, गंभीर समस्या एवं नाजुक तरह की मन विचलित तनाव करने वाली बातों, विषयों, समस्याओं को घर, परिवार, दोस्तों के साथ सांझा करें। तनाव मन विचलन विषयों पर खूब चर्चा करें। बातों के आदान-प्रदान से हर छोटी से लेकर गंभीर समस्याओं का समाधान आसानी से निकल जाता है। सलाह विचार आदान-प्रदान हर समस्या का समाधान कर सकता है। व्यक्ति तनाव डिप्रेशन ग्रसित होने से बच जाता है।
मेल-जोल
अकेलापन होने से बचें। घर, परिवार, मित्रों समाज में हमेशा मिलजुलकर घुलमिलकर रहें, और अच्छे लोगों से मेलमिलाप बढ़ायें। दूसरे लोगों की बातों को ध्यान से सुने फिर साकारात्मक सही तरीके से उत्तर दें।
नाकारात्मक सोच से बचें
डिप्रेशन का कारण ढूंढ़े। तनाव, भय, क्रोध, मन विचलित करने वाली बातों वर्तालाप से बचें। हर समस्या को शांत मन से विचार करें। शान्ति से काम लें। नाकारात्मक लोगों की संगत बचें।
नशामुक्त जीवन
डिप्रेशन - तनाव से बचने के लिए शराब, धूम्रपान, तम्बाकू, गुटका नशीलें मादक चीजों के सेवन से बचें। अकसर अधिकत्तर क्राइम, जुर्म व्यक्ति तनाव, भय, क्रोध, असुरक्षित भावना के कारण नशे में करता है। नशा सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। नशा डिप्रेशन, क्राइम, जुर्म का एक कारण है।
सामाजिक कार्य
समय समय पर दान पुण्य, असाहयों की सहायता, सामाजिक कार्य आवश्यक करें। सामाजिक कार्य करना मन चित शान्त पाने का अच्छा माध्यम है। सामाजिक कार्यों को निस्वार्थ भावनाओं से करें। सामाजिक कार्यों में लिप्त होने से व्यक्ति तनाव मुक्त और स्वस्थ रहता है।
असंगत परित्याग
भ्रम, झूठ, असामजिक महौल से बचें। दूसरों की फालतू की बातों पर ध्यान नहीं दें। अपने कार्य से मतलब रखें। फालतू की बातों पर समय नहीं बरबाद नहीं करें। समय अनमोल है। समय की कीमत समझें।
भ्रम, जटिल-गम्भीर- उलझे मामलों का त्याग
तनाव डिप्रेशन करने वाली अधिक जटिल, गम्भीर, उलझें भ्रम मामलों को उसी स्थिति में छोड़ देने में ही समझदारी है। उटिल उलझें मामलों का समाधान वक्त आने पर खुद निकल आता है। जटिल गंभीर उलझे मामलों पर ज्यादा ध्यान नहीं दें। जिस बात-विवाद-भ्रम मामलों का समाधान नहीं होना, उसके पीछे कीमती वक्त बरबाद करना और फालतू की टेंशन लेने की आवश्यक नहीं होती। समय अपने आप खुद हर तरह के भ्रम, उटिल - गम्भीर समस्याओं का समाधान निकाल देता है। भ्रम, गंभीर जटिल मामलों के बारे में ज्यादा सोचना एक तरह से डिप्रेशन वजह है।
भरपूर पर्याप्त नींद
रोज 7-8 घण्टे पर्याप्त नींद लें। भरपूर नींद मस्तिष्क वहिकाओं को स्वस्थ रखने में सहायक है। सोते समय शांत मन रखें। किसी विषय पर सोचना शुरू मत करें। सोते समय किसी विचार विषय पर सोचने पर व्यक्ति भरपूर मधुर नींद से वंचित रह जाता है। आधी नींद डिप्रेशन - तनाव होने का एक कारण है। नींद की कमी से मस्तिष्क विकार, पाचन विकार जैसे गम्भीर समस्याये उत्पन्न हो जाती हैं। भरपूर नींद सम्पूर्ण शरीर को रिलेक्श आराम रिफ्रेश करने में सहायक है।
संगीत मनोरंजन
तनाव (अवसाद) से बचने के लिए अपने मन पंसद गाने सुने, गाने गुनगुनायें। मोबाईल गेम खेलें, टी.वी., कम्प्यूटर में कुछ समय बिताये। सोशल मीडिया संगत विचारो का आदान-प्रदान करें। गीत-संगीत- मनोरंजन एक तरह से डिप्रेशन से दूर रहने का अच्छा माध्यम है। मनोरंजन से व्यक्ति काफी हद तक तनावमुक्त करने और मन बहलाने में सहायक है।
हमेशा साकारात्मक सोचें। सकारात्मक सोच मस्तिष्क में मौजूद टेस्टोस्टेरोन सेरोटोनिन हार्मोंस को प्रभावित करती हैं। जिनके असंतुलन विघटन से व्यक्ति अवसाद का शिकार बन जाता है। हमेशा अलग से कुछ रचनात्मक करने की सोचें। रचनात्मक सोच मस्तिष्क विकास करने में सक्षम है। और टेस्टोस्टेरोन, सेरोटोनिन हार्मोंस में तेजी से सुधार वृद्धि होती है।
डिप्रेशन - तनाव से बचने के खास उपाय :
शांत मन
जब भी कोई बात विचार विमर्श करें, शान्त मन से सुने फिर सोच समझ कर जवाब दें। हर बात पर मैं, हम, जैसे घमंड शब्दों के इस्तेमाल विचारों से दूर रहें। स्वाभिमानी बनें। हमेशा मधुर बालें। दूसरों के दिलों को ढेस पहुंचाने वाली असंगत बातों विचारों से बचें। क्योंकि एक बार मुंह से निकली बात दोबारा लोटकर नहीं आती है। तुरन्त जल्दबाजी में दिया गया जबाव और गलत निर्णय डिप्रेशन (अवसाद) का एक कारण है। हमेशा शान्ति संगत से काम लें।
विचार-विमर्श
किसी भी बात इशू को बिना सोच, समझ, विचार के परिणाम फैसला पर मत जायें। सकारात्मक और सही बात विचार विर्मश से निर्णय लें। गलत निर्णय लेने से बचें। भ्रम में लिया गया गलत निर्णय भी एक तरह से तनाव (अवसाद) का कारण होता है।
अपने अन्दर के नाकारात्मक (नगेटिव) विचार पहचाने
नेगेटिव सोच को बदलें। मन की गलत धारणा विचार को पहचाने के लिए दिनभर के क्रियाकलाप, दिनचर्या वर्तालाप, विवाद विषय को नोटबुक पर लिखें। वीडियो क्लिप बनायें। आपने किस-किस व्यक्ति से क्या-क्या बात की। बात के दौरान आपस में क्या-क्या सवाल जबाव किये। फिर सभी वर्तालाप विषयों पर पुन विचार करें। इस विधि से व्यक्ति खुद सही सवाल - जबाव वर्तालाप का पता लगा लेता है। धीरे-धीरे नेगेटिव बातों, असंगत बातों में सुधार कर सकारात्मक सोच की तरफ अग्रसर हो जाता है। डिप्रेशन - तनाव, क्रोध, भय से बचने के लिए जल्दी नाकारात्मक सोच को सकारात्मक सोच में बदलना जरूरी है।
योगा प्राणायाम
डिप्रेशन से बचने के लिए रोज भ्रामरी, कपालभाती, नाड़ी शोधन, अनुलोम विलोम प्राणायाम करें। और रोज सुबह शाम सैर करें। योगा, व्यायाम, सैर, वर्कआउट डिप्रेशन क्रोध, भय से मन शांत करने में सहायक है।
सलाह विचार
डिप्रेशन से बचने के लिए मन बिचलित विचार, तनाव विषयों, गंभीर समस्या एवं नाजुक तरह की मन विचलित तनाव करने वाली बातों, विषयों, समस्याओं को घर, परिवार, दोस्तों के साथ सांझा करें। तनाव मन विचलन विषयों पर खूब चर्चा करें। बातों के आदान-प्रदान से हर छोटी से लेकर गंभीर समस्याओं का समाधान आसानी से निकल जाता है। सलाह विचार आदान-प्रदान हर समस्या का समाधान कर सकता है। व्यक्ति तनाव डिप्रेशन ग्रसित होने से बच जाता है।
मेल-जोल
अकेलापन होने से बचें। घर, परिवार, मित्रों समाज में हमेशा मिलजुलकर घुलमिलकर रहें, और अच्छे लोगों से मेलमिलाप बढ़ायें। दूसरे लोगों की बातों को ध्यान से सुने फिर साकारात्मक सही तरीके से उत्तर दें।
नाकारात्मक सोच से बचें
डिप्रेशन का कारण ढूंढ़े। तनाव, भय, क्रोध, मन विचलित करने वाली बातों वर्तालाप से बचें। हर समस्या को शांत मन से विचार करें। शान्ति से काम लें। नाकारात्मक लोगों की संगत बचें।
नशामुक्त जीवन
डिप्रेशन - तनाव से बचने के लिए शराब, धूम्रपान, तम्बाकू, गुटका नशीलें मादक चीजों के सेवन से बचें। अकसर अधिकत्तर क्राइम, जुर्म व्यक्ति तनाव, भय, क्रोध, असुरक्षित भावना के कारण नशे में करता है। नशा सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। नशा डिप्रेशन, क्राइम, जुर्म का एक कारण है।
सामाजिक कार्य
समय समय पर दान पुण्य, असाहयों की सहायता, सामाजिक कार्य आवश्यक करें। सामाजिक कार्य करना मन चित शान्त पाने का अच्छा माध्यम है। सामाजिक कार्यों को निस्वार्थ भावनाओं से करें। सामाजिक कार्यों में लिप्त होने से व्यक्ति तनाव मुक्त और स्वस्थ रहता है।
असंगत परित्याग
भ्रम, झूठ, असामजिक महौल से बचें। दूसरों की फालतू की बातों पर ध्यान नहीं दें। अपने कार्य से मतलब रखें। फालतू की बातों पर समय नहीं बरबाद नहीं करें। समय अनमोल है। समय की कीमत समझें।
भ्रम, जटिल-गम्भीर- उलझे मामलों का त्याग
तनाव डिप्रेशन करने वाली अधिक जटिल, गम्भीर, उलझें भ्रम मामलों को उसी स्थिति में छोड़ देने में ही समझदारी है। उटिल उलझें मामलों का समाधान वक्त आने पर खुद निकल आता है। जटिल गंभीर उलझे मामलों पर ज्यादा ध्यान नहीं दें। जिस बात-विवाद-भ्रम मामलों का समाधान नहीं होना, उसके पीछे कीमती वक्त बरबाद करना और फालतू की टेंशन लेने की आवश्यक नहीं होती। समय अपने आप खुद हर तरह के भ्रम, उटिल - गम्भीर समस्याओं का समाधान निकाल देता है। भ्रम, गंभीर जटिल मामलों के बारे में ज्यादा सोचना एक तरह से डिप्रेशन वजह है।
भरपूर पर्याप्त नींद
रोज 7-8 घण्टे पर्याप्त नींद लें। भरपूर नींद मस्तिष्क वहिकाओं को स्वस्थ रखने में सहायक है। सोते समय शांत मन रखें। किसी विषय पर सोचना शुरू मत करें। सोते समय किसी विचार विषय पर सोचने पर व्यक्ति भरपूर मधुर नींद से वंचित रह जाता है। आधी नींद डिप्रेशन - तनाव होने का एक कारण है। नींद की कमी से मस्तिष्क विकार, पाचन विकार जैसे गम्भीर समस्याये उत्पन्न हो जाती हैं। भरपूर नींद सम्पूर्ण शरीर को रिलेक्श आराम रिफ्रेश करने में सहायक है।
संगीत मनोरंजन
तनाव (अवसाद) से बचने के लिए अपने मन पंसद गाने सुने, गाने गुनगुनायें। मोबाईल गेम खेलें, टी.वी., कम्प्यूटर में कुछ समय बिताये। सोशल मीडिया संगत विचारो का आदान-प्रदान करें। गीत-संगीत- मनोरंजन एक तरह से डिप्रेशन से दूर रहने का अच्छा माध्यम है। मनोरंजन से व्यक्ति काफी हद तक तनावमुक्त करने और मन बहलाने में सहायक है।