फेफड़े शरीर को अन्य अंगों की तरह अभिन्न अंग है। फेफड़ें का शरीर में आक्सीजन और रक्त शुद्धीकरण मुख्य कार्य है। फेफड़ों के बारे में खास आश्चर्यजनक तथ्य इस प्रकार से हैं।
फेफड़ों के बारे आश्चर्यजनक तथ्य Lungs Facts in Hindi / Phepdo ke bare me Tathya / Facts about Human Lungs / Amazing Facts About Lungs
- फेफड़ें सांस द्वारा ली गई वायु - हवा से कार्बन डाईआक्साइड से शुद्ध कर आॅक्सीजन शरीर अंगों में पहुंचाते हैं।
- दहिने और बायें फेफड़ों के आकार में अन्तर होता है।
- बांया फेडड़ा दहिने फेफड़े से थोड़ा छोटा होता है। क्योंकि हृदय का कुछ अंश बांये फेफड़े की तरफ होता है।
- एक व्यस्क व्यक्ति के फेफड़ों का वजन लगभग 1.3 किलोग्राम (2.9 पाउंड) तक होता है।
- मनुष्य एक फेफड़ें के बिना भी जीवित रह सकता है। संसार में कई लोग 1 ही फेफड़े के साथ जी रहे हैं।
- फेफड़ों के रोगों को Pulmonology / पुल्मोनोलाॅजी कहा जाता है।
- दोनों फेफड़ों के मध्य चलने वायुमार्ग की लम्बाई लगभग 1500 मील (2400 किमी) तक होती है।
- आराम मुद्रा में व्यक्ति लगभग 12-20 बार प्रति मिनट सांस लेता है।
- फेफड़ों में 300 से लेकर 500 छोटे छोटे Alveoli / एल्वीओली होते हैं। एल्वीओली फेफडों में छोटी छोटी हवा की थैलियां कोशिओं के रूप में होती हैं। जोकि आॅक्सीजन को छानकर कार्बन डाईआॅक्सीइड अलग करती हैं। एल्वीओली हमेशा सांस लेने छोड़ने के दौरान कार्य करती हैं।
- फेफडे़ असंख्य Capillaries / केशिलरी कोशिकाओं यानिकि पतली रक्त वहिकाओं से घिरा हुआ है। जोकि शरीर की सबसे पतली रक्त वहिकाएं मानी जाती हैं।
- अस्थमा रोग फेफड़ों प्रभावित करता है। अकसर अस्थमा के दौरान वायुमार्ग संक्रमित होकर संकीर्ण हो जाती है। संकीर्ण वायुमार्ग से सांस में रूकावट खांसी अस्थमा है।
- फेफड़ें छाती रिव में सुरक्षित घिरे होते हैं। फेफडे़ रीढ़ की हड्डी / Spinal Cord और छाती की हड्डी / Chest Rib से जुडे़ होते हैं।
- फेफड़ें प्रति साल लगभग 9.5 टन आॅक्सीजन लेते हैं।
- डायफ्राम फेफड़ों को सांस लेने और सांस छोड़ने में मद्द करता है। डायफ्राम अकसर फेफड़ों के नीचे (Dome Shaped Muscles) गुम्बद की तरह मांसपेसियों का बना होता है।
- धूम्रपान, गैस दुर्गंध फेफड़ों के कैंसर का मुख्य कारण है।
- अनुलोम विलोम प्राणायाम, सैर फेफड़ों को स्वस्थ रखने का उत्तम उपाय है।
- फेफड़ों के लिए Pneumonia / निमोनिया रोग घातक है। निमोनिया रोग फेफड़ों के आॅक्सीजन लेने प्रणाली को प्रभावित करता है।