अगर पाईल्स एक बार हो जाय तो। जल्दी से पीछा नही छोड़ती है। अकसर पाईल्स रोग काफी हद तक सही खान-पान पर निर्भर करता है। सख्त अन्हेल्दी खाद्यपदार्थ पाईल्स जख्म को और बढ़ावा देती है। कई बार पाईल्स एक बार ठीक होने के बाद भी 6-7 महीनों बाद दोबारा से सक्रीय हो जाती है। जिसमें व्यक्ति के गूदे की नसों में दर्द, सूजन, दाने आना, पानी आना, फोड़ा, जलन जैसा रूप ले लेता है।
पाईल्स रोग में व्यक्ति दर्द, पीड़ा घबराहट, तनाव से परेशान रहता है। पाईल्स को आम भाषा में फिशर, बवासीर, अर्श, होमोरोइड से पुकारा जाता है। परन्तु पाईल्स पीड़ित व्यक्ति सही खान-पान और दवाईयों उपचार के साथ-साथ परहेज करते तो पाईल्स बीमारी धीरे-धीरे ठीक हो जाती है। और परहेज से खूनी बवासीर, सूखी वबासीर, फोड़ा बवासीर में असानी से आराम पाया जा सकता है। पाईल्स पीड़ित व्यक्ति को दवाईयों उपचार के साथ-साथ खानपान और बवासीर परहेज फूड्स पर विशेष ध्यान देना आवश्यक है।
पाईल्स - बवासीर परहेज फूड्स / बवासीर में परहेज खाना / Piles Foods to Avoid in Hindi / Piles me kya nahi khana chahiye / Avoid Piles Foods
पाईल्स रोग में ये चीजें गलती से भी नहीं खायें, बढ़ सकती पाईल्स समस्या :हरी मिर्च
पाईल्स रोगी हरी मिर्च खाना पूर्ण रूप से बंद कर दें। मिर्च पाईल्स जख्म को दोबारा सक्रीय कर देती है। किचंन में भी भोजन इस्तेमाल में लाल मिर्च के अधिक इस्तेमाल से बचें। अकसर कई बार पाईल्स ठीक होने के बाद मिर्च सेवन से दोबारा सक्रीय हो जाती है।
तीखे गर्म मसालेदार खाना
पाईल्स रोगी तीखा गर्म मसाले, चटपटा खाने से बचें। गर्म मसाले, चटपटा, तीखा खाना पाईल्स को और ज्यादा फैलाती है। और गूदा को जख्म संक्रमण करती है।
सुपारी
पाईल्स रोग में सुपारी, गुटका हर तरह की सुपारी मिश्रण युक्त चीजें सेवन से परहेज करें। सुपारी वबासीर जख्म को दुबारा से सक्रीय करती है।
सौंफ
पाईल्स में सौंफ गलती से भी नहीं चबायें। सौंफ वबासीर मस्स जख्म को बढ़ाती है। और सौंफ से बनी चीजों के सेवन से पूर्ण रूप से परहेज करें। सौंफ का पाउडर गर्म दूध या गर्म पानी में छान कर पी सकते हैं। सीधे सौंफ चबाकर खाने से परहेज करें।
अजवाइन
पाईल्स में अजवान चबाना हानिकारक है। अजवाइन दाने पाईल्स को और ज्यादा घातक बनाती हैं। कई बार पाईल्स ठीक होने के बाद अजवाइन चाबने से दोबारा सक्रीय हो जाती है। अजवान का पाउडर गर्म पानी में छान कर पी सकते हैं।
तली भुनी चीजें
पाईल्स रोग में तली भुनी चीजें पूरी तरह से बंद कर दें। तली भुनी चीजें पाईल्स जख्म को दोबारा से संक्रमित करती हैं।
जीरा
पाईल्स में साबुत जीरा सेवन से परहेज करें। जीरे को पीस कर कई व्यजंन बनायें जाते हैं। जोकि पाईल्स में घातक हैं। जीरा पकवान पाईल्स में आंतों और गूदा को नुकसान पहुंचाते हैं।
अचार
पाईल्स रोग में अचार खाना पूर्ण से बंद कर दें। अचार पाईल्स जख्म को संक्रमण करता है। पाईल्स ठीक होने पर भी अचार सेवन से बार-बार होती रहती है।
शराब, नशीले पेय पदार्थ
पाईल्स में शराब, बीयर, मादक नशीले चीजों के सेवन से बचें। शराब आदि नशीली चीजें पाईल्स जख्म को और ज्यादा बढ़ाती है।
लाल मीट
पाईल्स रोग में मीट, नाॅनवेज खाना पूर्ण रूप से बंद कर दें। लाल मीट पाईल्स सक्रमण को बढ़ावा देती है।
सोड़ा पेय
पाईल्स रोग में सोड़ा - ठंड़ा, हर तरह के बाजार में मौजूद फ्लेवर पेय सेवन से परहेज करें। सोड़ा पेय पाईल्स को बढ़ावा देता है।
मसालेदार तीखा सूप
मसालेदार सूप पीने से बचें। घर पर तैयार किया गया बिना मसाले का सब्जी सूप पीयें। बाजार के बने तीखे चटपटा सूप पीने से बचें।
चाय काॅफी कैफीन
पाईल्स रोग में अधिक चाय काॅफी सेवन से बचें। कैफीन युक्त पेय पदार्थ पाईल्स को बढ़ाती हैं।
चोलाई-साबुदाना लड्डू
पाईल्स में चोलाई और साबुदाना जैसे सख्त अनाज दानों से बनें लड्डू खाने से परहेज करें। साबुत दानों से बनें लड्डू पाईल्स जख्म को ज्यादा बढ़ाते हैं।
सख्त - कठोर चीजें
पाईल्स में कठोर सख्त भोज्यपदर्थों के सेवन से बचें। सख्त चीजें पाचन में गड़बड़ और पाईल्स ग्रसित जख्म को और बढ़ाती हैं।
बेक्ररी चीजें
केक, बंद, ब्रेड, फैन हर तरह के सख्त अन्हेदी बेक्ररी चीजें खाने से परहेज करें। बेक्ररी खाद्य सामग्री पाईल्स रोग को बढ़ावा देती है।
बाहर का खाना
बाहर के खाने पर पूर्ण रूप से परहेज करें। घर का बना सीमित नमक, मिर्च और साफ सफाई से तैयार किया गया सात्विक हेल्दी भोजन खायें। बाहर का अन्हेल्दी खाना पाईल्स को बढ़ाता है।
तीखी खट्टी चीजें
पाईल्स बीमारी में ज्यादा खट्टी चीजों के सेवन से परहेज करें। तीखी खट्टी चीजें पाईल्स जख्म को और ज्यादा संक्रमण करती हैं।