क्षयरोग होने पर दवाईयां सेवन के साथ-साथ खान पान पर ध्यान देना जरूरी है। रिच पौषण डाईट से शरीर में रोगप्रतिरोधक क्षमता बनी रहती है। जोकि शरीर को जीवाणुओं, कीटाणुओं एवं विषाणुओं के संक्रमण से बचाने में सक्षम है। नेचुरल एंटीबायोटिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक चीजें टी.बी. रोग में तेजी से सुधार करने में सक्षम हैं।
जिनमें निम्न कुछ खास खाद्यपदार्थ शामिल हैं। रिच कैलौरी फूडस, रिच प्रोटीन फूड्स, ओमेगा फूड्स, विटामिन ए, सी, ई, सेलेनियम, विटामिन बी कम्पलैक्स और जिंग फूड्स टी.बी. मरीज के उत्तम फूड्स हैं। यह खास योगिक गुण तेजी से क्षयरोग को मिटाने खास हैं।
क्षय रोग में खान पान / टीबी में क्या खाएं और क्या न खाएं / TB me kya khaye aur kya na khaye, TB Rog me Kya Khana Chahiye / Diet Chart for TB Patient
हरी पत्तेदार सब्जियां
टी.बी. रोग में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, सरसों, राई, धनिया, सुआ, मूली पत्ते, बथुआ, चैलाई सेवन करना फायदेमंद है।
सब्जियां
प्याज, शिमला मिर्च, टमाटर, ब्रोकली, नींबू, मशरूम, करेला, खीरा, चुकंदर, अंकुरित चना, मटर टी.बी. मरीज के लिए रिच डाईट सब्जियां हैं।
अनाज
गेहूं - रागी - मंडुआ -जौ युक्त रिच फाइबर आटा, साबूत अनाज, सोयाबीन दाल, काला चना, रवा लड्डू, रागी सत्व, मूंग दाल, रांगी दाल, मसूर दाल, टी.बी. मरीज के फायदेमंद डाईट है।
पौष्टिक फल
पपीता, संतरा, सेब, ब्लूबेरी, चैरी, आम, केला, अनार, अमरूद, आंवला, जामुन, सीताफल सेवन टी.बी. रोग में फायदेमंद फल हैं।
डाईफूड्स
अखरोट, काजू, बदाम, सूरजमुखी बीज, कद्दू बीज, किशमिश टी.बी. मरीज के लिए हेल्दी डाईट में शामिल करना फायदेमंद है।
दुग्ध खाद्यपदार्थ
टी.बी. मरीज के लिए दूध, दही, पनीर, मक्खन सेवन रिच पौषण युक्त दुग्ध खाद्यपदार्थ फायदेमंद हैं।
ग्रीन टी
टी.बी. रोग में चाय, काॅफी की जगह ग्रीन- टी पीना फायदेमंद है।
नारियल पानी
टी.बी. रोग में हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, सरसों, राई, धनिया, सुआ, मूली पत्ते, बथुआ, चैलाई सेवन करना फायदेमंद है।
सब्जियां
प्याज, शिमला मिर्च, टमाटर, ब्रोकली, नींबू, मशरूम, करेला, खीरा, चुकंदर, अंकुरित चना, मटर टी.बी. मरीज के लिए रिच डाईट सब्जियां हैं।
अनाज
गेहूं - रागी - मंडुआ -जौ युक्त रिच फाइबर आटा, साबूत अनाज, सोयाबीन दाल, काला चना, रवा लड्डू, रागी सत्व, मूंग दाल, रांगी दाल, मसूर दाल, टी.बी. मरीज के फायदेमंद डाईट है।
पौष्टिक फल
पपीता, संतरा, सेब, ब्लूबेरी, चैरी, आम, केला, अनार, अमरूद, आंवला, जामुन, सीताफल सेवन टी.बी. रोग में फायदेमंद फल हैं।
डाईफूड्स
अखरोट, काजू, बदाम, सूरजमुखी बीज, कद्दू बीज, किशमिश टी.बी. मरीज के लिए हेल्दी डाईट में शामिल करना फायदेमंद है।
दुग्ध खाद्यपदार्थ
टी.बी. मरीज के लिए दूध, दही, पनीर, मक्खन सेवन रिच पौषण युक्त दुग्ध खाद्यपदार्थ फायदेमंद हैं।
ग्रीन टी
टी.बी. रोग में चाय, काॅफी की जगह ग्रीन- टी पीना फायदेमंद है।
नारियल पानी
क्षयरोग में नारियल पानी पीना फायदेमंद है। कच्चा नारियल रिच विटामिनस मिनरल पौषण स्रोत है।
नाॅनवेज
टी.बी. रोग में मछली सेवन खास तौर पर फायदेमंद है। सलमन, टूना मछली रिच प्रोटीन ओमगा-3 पौषण स्रोत है। अण्डा, चिकन सीमित मात्रा में सेवन करें।
गाजर जूस
क्षयरोग में गाजर सलाद खायें और गाजर जूस में काला नमक मिलाकर पीयें।
नाॅनवेज
टी.बी. रोग में मछली सेवन खास तौर पर फायदेमंद है। सलमन, टूना मछली रिच प्रोटीन ओमगा-3 पौषण स्रोत है। अण्डा, चिकन सीमित मात्रा में सेवन करें।
गाजर जूस
क्षयरोग में गाजर सलाद खायें और गाजर जूस में काला नमक मिलाकर पीयें।
अनार जूस
टी.बी. मरीज के लिए अनार जूस सेवन फायदेमंद है। अनार तेजी से रक्त साफ करने और रक्त की पूर्ति करने अच्छा स्रोत है।
चुकंदर जूस
चुकंदर जूस और सलाद फेफड़ों, किड़नी, लीवर के रिच डाईट है। टी.बी, मरीज के लिए चुकंदर सेवन खास फायदेमंद है।
पाईनएप्पल जूस
क्षयरोग में अनानास जूस पीना फायदेमंद है।
तेल इस्तेमाल
आलिव आयल, शुद्ध संरसों तेल, टी.बी. मरीज के खास है। यह तेल किचंन में खाने में इस्तेमाल करें। अन्य तरह के फैट वसायुक्त तेल इस्तेमाल से बचें। तेल भी हमेशा सीमित मात्रा में इस्तेमाल करें। अधिक तेल उपयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
नेचुरल मसाले
किंचन में भोजन तैयार करते समय अदरक - लहसुन, लौंग, काली मिर्च, ईलायची, धनिया, सेंधा नमक, काला नमक, गर्म मासले इस्तेमाल करें। नेचुरल गर्म मसालों में रिच मात्रा में एंटीबायोटिक, एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक गुण मौजूद होते हैं। जोकि टी.बी. माजूद के खास फायदेमंद हैं।
क्षय रोग में नहीं खाये जाने वाली चीजें
- टी.बी रोग के दौरान रिच कार्बोंहाईड रिफांइड, फैट युक्त खाद्य सामग्री से परहेज करें।
- टी.बी. में धूम्रपान, शराब, गुटका, जर्दा, खैनी, पान मसाला जैसे नशीली चीजों के सेवन से बचें।
- टी.बी. रोग में जंकफूड, फास्टफूड से पूर्णरूप से परहेज करें। जंकफूड और फास्टफूड्स भी एक तरह से अन्हेदी फूड केटेगरी में आता है। जोकि क्षयरोग को बढ़ावा देता है।
- तलीभुनी चीजों से परहेज करें। तली भुनी चीजों का सेवन टी.बी. मरीज के लिए और ज्यादा घातक हो जाता है।
- चाय, काॅफी, सोड़ा पेय से परहेज करें। टी.बी. रोग में काॅफीन सेवन हानिकारक है। चाय की जगह ग्रीन-टी पीयें।
- बंद डिब्बें, पैक्ड पैकेट खाद्य सामग्री सेवन से बचें। बंद पैकेट की चीजों को सुरक्षित करने के लिए कैमिक्ल मिलाया जाता है। प्लास्टिक पैक्ड फूड्स और प्लास्टिक गर्म होने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- चावल, आलू पकवान खाने से परहेज करें।
- हमेशा जूठा खाने से परहेज करें। जूठन खाने से रोग आसानी से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सक्रमित हो जाते हैं।
- भोजन को सही तरह से पका कर खायें। जल्दबाजी में अधपका भोजन खाना भी स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- बासी खाने से बचें। हमेशा ताजा हेल्दी सात्विक भोजन करें।
- शुद्ध, फिल्टर पानी पीयें। साधारण पानी को भी उबाल कर पीयें।
- दूध को हमेशा उबाल कर इस्तेमाल में लायें। दूध में कई तरह कीटाणु विषाणु होते हैं।
- अण्डा, मछली, मांस को हमेशा पूर्ण रूप से पका कर खायें। कच्चा, अधपका मांस भी वायरल संक्रमण का कारण होता है।
- रोज सुबह शाम सैर, योगा, व्यायाम करें। हेल्दी डाईट के साथ साथ सैर योगा व्यायाम भी स्वस्थ्य स्वास्थ्य के लिए जरूरी है।