लिवर शरीर का अभिन्न अंग है। स्वस्थ लिवर के बिना जीवन की कल्पना करना भी असम्भव है। लिवर की समस्या लगभग हर 10 में से 3 व्यक्तियों को है। और हर वर्ष लिवर बीमारियों से भारत में सबसे अधिक मौंतें होती हैं। शोध में लिवर की समस्या 25 वर्ष आयु वर्ग में ही शुरू हो जाती है। और 40 वर्ष वर्ग के बाद लिवर से सम्बन्धित बीमारियां अधिक तेजी से बढ़ती हैं। जिसमें फैटी - लिवर, लिवर कैंसर, लिवर संक्रमण, लिवर संकुचलन समस्याएं आम हैं। फैटी लिवर के बाद लिवर कैंसर की समस्या एक गम्भीर विषय है। समय में लिवर कैंसर का उपचार नहीं होने पर व्यक्ति की जान जा सकती है।
अकसर लिवर कोशिकाओं में हीपेटोसेलुलर कार्सिनोमा और कोलेंजियोकार्सिनोमा पित्त नली से संक्रमण शुरू हो जाता है। धीरे-धीरे लिवर कोशिकओं में बढ़ता जाता है और सिरोसिस संक्रमित होकर हेपेटिक / हेपाटोसेलुलर कारसिनोमा यानिकि लिवर कैंसर गांठों के रूप में बदल जाता है।
लिवर में कोशिकाएं अनिंयत्रित होकर विकसित होने लगती हैं। लिवर में बिनाइन और मेलिगनेंट गांठ बननी शुरू हो जाती हैं। जोकि सिरोसिस लिवर कैंसर सक्रमण है। और लिवर के अन्दर आसपास के ऊतकों / Tissues को सक्रमित कर नष्ट करने लगती है। जिसे लिवर कैंसर कहा जाता है।
लिवर कैंसर की जांच
लिवर कैंसर लक्षणों में तुरन्त लिवर फंक्शन (LFT) जांच करवायें। जिसमें कई तरह से सही-सही जांच रिजल्ट आते हैं। जैसकि :
लिवर कैंसर लक्षण उपचार / लिवर कैंसर की जांच / Liver Cancer Symptoms in Hindi / liver cancer ki janch / Liver Cancer Checkup / Liver Cancer kya hai

लिवर में कोशिकाएं अनिंयत्रित होकर विकसित होने लगती हैं। लिवर में बिनाइन और मेलिगनेंट गांठ बननी शुरू हो जाती हैं। जोकि सिरोसिस लिवर कैंसर सक्रमण है। और लिवर के अन्दर आसपास के ऊतकों / Tissues को सक्रमित कर नष्ट करने लगती है। जिसे लिवर कैंसर कहा जाता है।
लिवर स्वास्थ्य जाने के लिए साल में एक बार Health Check up अवश्य करवायें। जांच से शरीर एवं लिवर में होने वाले बदलाव लक्षणों से होने वाली बीमारियों के बारे में आसानी से पता लगाया जा सकता है। और व्यक्ति स्वास्थय के प्रति सचेत हो जाता है। जोकि शुरूआती बीमारियों को जड़ से मिटाने में सहायक है। स्वास्थ्य अनमोल है। स्वास्थ्य के प्रति हमेशा जागरूक रहें।
लिवर कैंसर के प्रकार
लिवर कैंसर मुख्य 5 तरह का होता है।
लिवर कैंसर के प्रकार
लिवर कैंसर मुख्य 5 तरह का होता है।
- हेपेटोसेल्यलर कार्सिनोमा / हेपेटामा
- फाइब्रोलैमेलर एच.सी.सी.
- एंजियोसारकोमा
- कोलेंजियोकार्सिनोमा / एक्स्ट्राहेपाटिक
- हेपेटोबलास्टोमा
- अचानक भूख कम लगना।
- शरीर का वजन घटना।
- पेशाब का रंग बदलना।
- बिना कार्य के थकान महसूस करना।
- शरीर टूटना और आलस्य होना।
- पेट में दर्द और सूजन रहना।
- लिवर में विषाक्त तरल जमना।
- उल्टी और मतली आना।
- लिवर में ट्यूब पित्त नलिकाओं का बनना
- दहिने कंधे, पीठ और हाथों के जोड़ों में दर्द महसूस करना।
- पेट के दायी तरह और नाभि के आसपास दर्द होना।
- त्वचा पर लाल दाने आना और खुजली होना।
- आंखें और त्वचा में पीलापन आना भी लिवर संक्रमण की ओर संकेत करते हैं।
- शराब, धूम्रपान, गुटका, सोड़ा नशीले पदार्थों का सेवन।
- हैपेटाइटिस बी, डी संक्रमण।
- लिवर ऊतकों में सिरोसिस।
- पीलिया अधिक दिनों तक रहना।
- लम्बे समय तक दवाईयों का सेवन।
- जंकफूड, तलीभुनी चीजें एवं अनहेल्दी खाद्यपदार्थ।
- मोटापा बढ़ना।
- किड़नी में पथरी लम्बी समय तक रहना।
- बर्कआउट, योगा, व्यायाम और सैर नहीं होना।
- लगातार नींद में कमी आना।
लिवर कैंसर की जांच
लिवर कैंसर लक्षणों में तुरन्त लिवर फंक्शन (LFT) जांच करवायें। जिसमें कई तरह से सही-सही जांच रिजल्ट आते हैं। जैसकि :
- टोमोग्राफी स्कैन
- अल्ट्रासाउंड
- एम.आर.आई.
- टेस्ला एम.आर.आई.
- सी.टी. स्कैन
- इंडोस्कोपिक रेट्रोग्रेड कोलैजियो पैंक्रिएटोग्राफी
- मैगनेटिक रेसोनेन्स कोलैंजियो पैंक्रिएटोग्राफी
लिवर कैंसर लक्षण होने पर तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क, सलाह जांच करवायें। शुरूआती लिवर कैंसर को आसानी से जड़ से मिटाया जा सकता है। सिरोसिस संक्रमण गम्भीर बीमारी नहीं है। परन्तु समय पर उपचार नहीं करने पर व्यक्ति की जान पर बन आती है।