स्वादिष्ट पौष्टिक तुरई को विभिन्न नामों तोरी, तोरइ, नेनुआ, ग्वदडी, वनस्पति नाम लुफ्फा एक्युटेंगुला, Zucchini . Ridge Gourd, Luffa Jhinga, Tori, Turi से पुकारा जाता है। शरीर में रक्त बढ़ाने, प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के साथ-साथ विभिन्न तरह की बीमारियों को मिटाने में औषधि रूप है। स्वादिष्ट तोरी सब्जी व्यंजन सभी का मन पसन्दीदा है। तुरई में फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन बी कम्पलेक्स, विटामिन के, प्रोटीन, पोटेशियम, आयरन, बीटा कैरोटीन, फोलेट, कैल्शियम, मैग्नीशियम, ल्यूटिन, जेक्सैथिन और जरूरी मिनरलस पोषक तत्व मौजूद हैं। तोरी को निरोग सब्जी भी कहा जाता है।
स्वास्थ्यवर्धक पौष्टिक निरोग तुरई / तोरी / तोरई खाने के फायदे / Benefits of Ridge Gourd Tori Vegetable For Health Hindi / Turai ke Fayde / Tori Ki Sabji Ke Fayde
रक्त बढ़ाये तुरई
शरीर में रक्त की कमी होने पर रोज तुरई की सब्जी खायें, तुरई जूस, सूप पीयें। तुरई हीमोग्लोबिन लेवन तेजी से बढ़ाने में सहायक है।शरीर से टाॅक्सिन निकाले तुरई
तुरई खाने से शरीर से विषाक्त पसीने, मल-मूत्र माध्यम से आसानी से निकल आते हैं। तुरई गर्मी - मौसम में शरीर को अन्दर से शीतलता प्रदान करने में सहायक है।आंखों की रोशनी बढ़ाये तुरई
तुरई में विटामिन सी, ई, बीटा कैरोटीन, ल्यूटिन, जेक्सैथिन की मात्रा में मौजूद है। तुरई आहार में शामिल करने से आंखों की रोशनी तेजी से बढ़ती है।रक्त साफ करे तुरई
जिन लोगों के रक्त दूषित खाज - खुजली - दाद, कोलन कैंसर है। उनके लिए तुरई सब्जी, कच्ची तुरई जूस, और तुरई सूप पीना फायदेमंद है। तुरई रक्त साफ करने में सक्षम है। तुरई सब्जी सलाद सूप जूस सेवन रक्त विकार, कैंसर विकार जैसी विकारों को शरीर में नहीं पनपते देती है।फैटी लिवर कम करे तुरई
लिवर बीमारियों में तुरई सब्जी, सूप, तुरई रस सेवन फायदेमंद है। तुरई की 2-3 बूदें नाक में डालने से पीलिया जल्दी ठीक करने में सहायक है। लिवर समस्याओं में तुरई की सब्जी, सूप, रस सेवन करें।वजन नियंत्रण करे तुरई
तुरई मोटापा - वजन घटाने में सहायक है। तुरई में लगभग 95 प्रतिशत पानी और 25 प्रतिशत नेचुरल कैलोरी और फाइबर मौजूद है। तोरी पाचन शक्ति बढ़ाती है।हड्डियों मजूबत करें तुरई
तुरई में मौजूद मैग्नीशियम, ल्यूटिन, जेकैक्टीनिन, कैल्शियम, विटामिन के मौजूद है। जोकि हड्डियों को मजबूत रोगमुक्त बनाने में सहायक है।गठिया दर्द सूजन कम करे तुरई
गठिया, यूरिक एसिड बढ़ने पर तुरई सब्जी सूप सेवन करना फायदेमंद है। तुरई में विटामिन सी, फाइबर, बीटा कैरोटीन, विटामिन बी कम्पलैक्स एक साथ मौजूद है। तुरई गाउट रोकथाम में सहायक है।बालों को काला करे तुरई
सफेद बालों को काला करने के लिए ताजी तुरई के छोटे-छोटे टुक्कड़े कर छांव में सुखायें। फिर सप्ताह में 3 बार सूखे तुरई टुक्कड़ों को जैतून तेल में पकायें। फिर छानकर ठंड़ा होने पर बालों पर मालिश - मसाज करें। तुरई बालों को नेचुरली काला करने में सहायक है।हृदय स्वस्थ रखे तुरई
तुरई उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्राॅल नियत्रंण करने में सक्षम है। तुरई में घुलनशील फाइबर मौजूद है। जोकि एल.डी.एल. -एच.डी.एल. स्तर, उच्च रक्तचाप के खतरे को नियंत्रण में रखता है। तुरई हृदय स्वस्थ रखने में सहायक है।डायबिटीज नियंत्रण करे तुरई
डायबिटीज मरीज के तुरई अति फायदेमंद है। तुरई एक तरह से प्राकृतिक इंसुलिन का काम करती है। तुरई में पेप्टाईड्स पाये जाते हैं। लगातार तुरई सब्जी सेवन करने वाले व्यक्ति को डायबिटीज सम्भावना नहीं के बराबर रहती है।त्वचा रोगों मिटाये तुरई
सोरायसिस, एक्जिमा, कील, मुहांसे, फंगल जैसे विकारों में तुरई सब्जी खाना, तुरई बेल रस लगाना लाभकारी है।पाचन शक्ति बढ़ाये तुरई
पाचन शक्ति बढ़ाने में तुरई फायदेमंद है। तुरई आसानी से पाचन करती है। गैस कब्ज एसिडटी ग्रसित व्यक्ति के लिए तुरई खास सब्जी है।तुरई के अन्य फायदे
- किड़नी स्टोन समस्या में तुरई बेल की 4 चम्मच रस को गाय के ताजे दूध के साथ पीना फायदेमंद है। किड़नी स्टोन मरीज के लिए तुरई बेल रस गाय दूध किसी दवा से कम नहीं है।
- गर्मी लू लगने पर तुरई जूस में नींबू निचैड़कर पीना फायदेमंद है। और प्याज सलाद खायें। लू गर्मी के दुष्प्रभाव को कम करने में तोरी फायदेमंद है।
- शरीर पर फोड़ा - बालतोड़, फुंसियां होने पर तुरई की गांठ पीसकर पेस्ट लगाना फायदेमंद है। और तुरई बेल गांठ रस फोड़े फुंसिंया मिटाने में सहायक है।
- सफेद बालों को काला करने के लिए सूखी तुरई सब्जी को जैतून या नारियल तेल में पका का लगाने से सफेद बाल काले करने में सहायक है।
- पेशाब में जलन इंफेक्शन समस्या में तुरई का जूस पीयें और तुरई सब्जी खूब खायें। पेशाब इंफेक्शन जलन मिटाने में तुरई फायदेमंद है।
- त्वचा पर चकत्ते धब्बे पड़ने पर तुरई बेल रस गाय दूध से बने मक्खन मे मिलाकर लगाना फायदेमंद है। तुरई बेल रस मक्खन त्वचा से चकत्ते धब्बे मिटाने में सहायक है।
- आंख में फूल, पोथकी पड़ने पर तुरई के कोमल पत्तों की 1-2 बूदें रस डालना फायदेंद है।
- पाईल्स बीमारी में खूब तुरई सब्जी खायें। और तुरई जूस में बैंगन पकायें। ठंड़ा होने पर गुड़ के साथ मिलाकर खायें। यह विधि पाईल्स मस्से दर्द जख्म जल्दी ठीक करने में सहायक है।
- तुरई सूखने पर ब्रश रूप में बोर्ड, फर्श, लकड़ी आदि की साफ सफाई में इस्तेमाल किया जा सकता है।
- पेट पाचन सम्बन्धित विकारों को दूर करने के लिए ताजी तोरी में काली मिर्च, सेंधा नमक मिलाकर पीना फायदेमंद है। यह खास पेय सेवन वजन नियत्रंण, कब्ज, गैस, अपचन समस्याओं में फायदेमंद है।