फैटी लिवर क्या है ?
Liver (यकृत) लिवर शरीर का अभिन्न अंग है। लिवर शरीर में किड़नी की तरह फिल्टर का काम करती है। स्वस्थ लिवर के बिना जीवन की कल्पना करना भी असम्भव है। लिवर कोशिकाओं में ज्यादा मात्रा में ग्लूकोज, वसा, प्रोटीन, एल्बुमिन और ट्राईग्लिसराइड दूषित पदार्थों का इक्ट्ठा होना फैटी लिवर बीमारी कहलाता है। लिवर में फैट सूजन दर्द संक्रमण को (Steatohepatitis) स्टीएटोहेपेटाइटिस (एन.ए.एस.एच.) भी कहा जाता है। जिसे आम भाषा में फैटी लिवर (यकृत विकार) से जाना जाता है।
अकसर फैटी लिवर में यकृत (लिवर) में ग्लूकोज, ट्राईग्लिसराइड, वसा, प्रोटीन, एल्बुमिन मिश्रण दूषित पदार्थ कोलेस्ट्राॅल रूप में जमा हो जाता है। फैटी लिवर में लिवर ग्लूकोज, वसा, ट्राईग्लिसराइड को सही तरह से फिल्टर नही कर पाती। और एल्बुमिन बिलीरूबिन स्तर बढ़ जाता है। जोकि धीरे-धीरे लीवर में जमा होने लगते हैं।
फैटी लिवर कारण लक्षण और उपचार / Fatty Liver Causes Symptoms in Hindi / Fatty Liver ke lakshan / Fatty Liver ke karan / Fatty Liver ka Upchar

फैटी लिवर समस्या 5 से 8 प्रतिशत तक लगभग सभी व्यक्तियों में मौजूद होता है। परन्तु फैटी लिवर स्तर 15-20 प्रतिशत तक बढ़ना घातक हो जाता है। और बढ़े फैटी लिवर का समय पर उपचार नहीं होने पर गम्भीर रूप ले लेती है। जोकि शरीर के अन्य अंगों को भी प्रभावित करती है। जांच आंकड़ों अनुसार फैटी लिवर हर 10 में से 1 व्यक्ति में पाई गई है।
हैपेटाटिस बी, सी, सिरोसिस, फैटी लिवर ग्रस्त होने पर तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क सुझाव जांच करवायें।
फैटी लिवर के लक्षण
- तेज पेट दर्द और जलन
- आंखों के सफेद हिस्सा पीला होना
- त्वचा नाखूनों पर पीलापन होना
- गर्दन, छाती, पीठ त्वचा पर धब्बे-चकते बनना
- भूख बिल्कुल नही लगना।
- चक्कर आना और उल्टी में रक्त आना
- अचानक खुजली और दाने आना
- पसलियों के नीचे हिस्से और पेट के ऊपर दहिने हिस्से में दर्द रहना
उपरोक्त तरह के मिलते-जुलते Fatty Liver Symptoms की ओर संकेत करते हैं।
फैटी लिवर के कारण
फैटी लिवर के मुख्यतय कई कारण माने जाते हैं। जिनमें एल्कोहल, निकोटीन, सोड़ा पेय, धूम्रपान, जंकफूड, फास्टफूड, तली भुनी चीजें, अधिक मीठा मिर्च नमक तीखा खाना, अधिक वसा प्रोटीन लेना, अनहेल्दी डाईट, योगा व्यायाम वर्कआउट की कमी और दिनचर्या - जीवन शैली का खराब होना जैसे कारण खास तौर पर माने जाते हैं।
फैटी लिवर में जांच
हैपेटाटिस बी, सी, सिरोसिस, फैटी लिवर ग्रस्त होने पर निम्नलिखत टेस्टों से लिवर स्वास्थ्य जानकारी हांसिल कर सकते हैं।
- ईलास्टोग्राफी
- अल्ट्रासाउंड
- रक्त जांच
- सीटी स्कैन
- एम.आर.आई.
- लिवर बायोप्सी
- फाइब्रोस्कैन
- ईलास्टोग्राफी से लिवर सिरोसिस, फैटी लिवर और लिवर कैंसर जैसे विकारों का आसानी से पता चल जाता है।
- पेशाब जांच कल्चर, रूटीन विधि द्वारा भी Fatty Liver Level और Fatty Liver Side Effects का पता लगाया जा सकता है।
फैटी लिवर में फायदेमंद आहार
- ताजे फल और फलों का रस
- हर्बस
- हरी सब्जियां
- कच्ची फलियां
- दुग्ध खाद्यपदार्थ
- वनस्पिति तेल
- फाइबर युक्त अनाज
- नट्स
- अण्डा, सल्मन मछली
फैटी लिवर में परहेज आहार
- शराब, बीयर
- धूम्रपान, कैमिक्ल दुर्गंध
- सोड़ा पेय, ठंड़ा पेय पदार्थ
- अधिक मात्रा में नमक, चीनी, मीठा खाना
- चावल
- आलू पकवान
- डब्बे बंद खाद्य सामग्री
- जंकफूडस, फास्टफूड्स
- तलीभुनी, तेलीय चीजें
- लाल मीट, चिंकन
- अधिक वसा - प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ
- ज्यादा मात्रा के वसा कैलौरी युक्त आहार
फैटी लिवर में फायदेमंद योगा व्यायाम
सैर, दौड़ना, रस्सीकूद, नाचना, अनुलोम-विलोम, कपालभाती, चेस्ट प्रेस-कल्र्स, शोल्डर प्रेसेस, चेस्ट प्रेस इन्क्लाइन, पेट के बल लेटकर और पेट पर असर पड़ने वाले योगा व्यायाम फैटी लिवर दर्द सूजन जमा विषाक्त दूषित पदार्थ घटाने और बाहर निकालने में सहायक है।
फैटी लिवर लक्षण में तुरन्त चिकित्सक से सम्पर्क एंव जांच करवायें। समय रहते फैटी लिवर उपचार जरूरी है। वरना लिवर में अधिक संक्रमण घातक - जानलेवा हो जाता है।