प्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक : आज विश्व पर्यावरण प्लास्टिक के बहु इस्तेमाल से प्रभावित है। जिसे प्लास्टिक प्रदूषण भी कहा जाता है। प्लास्टिक वस्तुएं, कप, प्लेट्स, डिस्पोजल, बोतल, प्लास्टिक बर्तन, पाॅली लिफाफे, पाॅलिथीन, बैग, खिलौंने, पैकिंग खाद्य सामग्री, रोजमर्या की चीजों और अन्य तरह से विभिन्न जरूरतमंद वस्तुओं में प्लास्टिक ज्यादा इस्तेमाल से धरती पर जीवन के लिए खतरा बनता जा रहा है। फ्रांस, यूरोप जैसे कई विकसित देशों ने प्लास्टिक इस्तेमाल पर प्रतिबन्ध लगा दिया है। प्लास्टिक एक ऐसा घातक पदार्थ जोकि जलने पर भी पूर्ण रूप से नष्ट नहीं होता है। जोकि भूमि उर्वकता, पर्यावरण के लिए घातक है। शोध अनुसार हर साल हजारों टन पाॅलिथीन - प्लास्टिक वस्तुएं समुद्र में समा जाती हैं। जोकि पर्यावरण के लिए घातक होती जा रही हैं। शोध अनुसार समुद्र में प्लास्टिक की मात्रा दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। जोकि आने वाले 500 सालों में वातावरण को पूर्ण रूप से प्रभावित करेगी। और जिससे धरती पर जीवन रहना असंभव सा हो सकता है। समय रहते पाॅलिथीन प्लास्टिक वस्तुओं के उपयोग पर नियंत्रण जरूरी है।
प्लास्टिक वस्तुएं इस्तेमाल में सावधानियां / और प्लास्टिक वस्तुएं इस्तेमाल से स्वास्थ्य पर होने वाले गम्भीर दुष्प्रभाव / प्लास्टिक प्रदूषण / Plastic Harmful Effects in Hindi / Plastic Pradushan / Harmful Effects of Plastic uses / Plastic Istemal ke Nuksan
प्लास्टिक चीजें जलने, पिघलने, पर रसायन अभिक्रिया करने पर तीब्र दुर्गंध विघटन उत्पन्न होती है, और खाने-पीने की चीजों में आसानी से घुल जाती है। जिससे स्वास्थ्य पर सैंकड़ों तरह से दुष्प्रभाव डालती है। आंकड़ों अनुसार प्लास्टिक कैमिक्ल फैक्टरी - कारखानों में काम करने वाले अधिकत्तर वर्करस विभिन्न तरह के बीमारियों से ग्रसित हो जाते हैं। जबकि स्वास्थ्य सुरक्षा हेतु विभिन्न तरह रसायन रोधी यंत्र, मास्क, तरीके उपलब्ध हैं। परन्तु प्लास्टिक, कैमिक्ल रसायन दुष्प्रवाह रोकना असम्भव सा होता जा रहा है। जोकि एक गम्भीर विषय है।
प्लास्टिक एक धीमा जहर
- प्लास्टिक से बनी चीजें एक तरह से पालीमर हैं। जिसमें नायलाॅन, क्लोराइड, पौलीस्टाइरीन, पौलीथाईलीन, फीनोलिक, यूरिया फार्मेल्डिहाईड, बी.पी.ए. बायस्फेनाॅल, प्थालेट्स नामक घातक कैमिकल इस्तेमाल किये जाते हैं।
- प्लास्टिक चीजें गर्म होने पर डाइआक्सिन, बाइसफेनोल-ए, बी.पी.ए. विषैला रसायन पदार्थ - गैस छोड़ती हैं। घातक डाइआक्सिन प्लासिटक बोतल, डिब्बे, बर्तन, में रखी पैक्ड खाद्य पदार्थ आसानी से घुल जाती है। जोकि शरीर में हाॅर्मोंन एवं कोशिकाओं पर सीधे दुष्प्रभाव डालता है। प्लास्टिक इस्तेमाल एक तरह से स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
- घर से लेकर ऑफिस तक प्लास्टिक की विभिन्न तरह के कप, प्लेटस, डिस्पोजल, वाटर बोतल, टिफिन, बर्तनों और अन्य तरह के आक्रर्षक बर्तन वस्तुएं इस्तेमाल में दिखाई देती हैं। कई लोग अनजाने में भोजन, पेय सामग्री प्लास्टिक बर्तन में रखकर माइक्रोवव में गर्म करते हैं, चूल्हे गैस आंच प्लास्टिक बर्तन रखने की आदत होती है। या फिर प्लास्टिक पैक्ड खाद्य सामग्री धूप, तापिस, अन्य तरह से गर्म होने पर सैंकड़ों तरह से विषैले रसायन पदार्थ छोड़ता है। जोकि आसानी से खाने पीने की चीजों में घुल-मिल जाती हैं।
- प्लास्टिक रसायन के दुष्प्रभाव धीरे-धीरे विभिन्न रोगों के रूप में शरीर में प्रवष्टि होने लगते हैं। जिसका पता व्यक्ति को काफी समय बाद घातक बीमारियों के रूप में चलता है।
- अकसर पैकेज्ड पेय, खाद्य सामग्री और अन्य तरह से खाने पीने की चीजों में प्लास्टिक गुणवत्ता के लिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडडर्स बी.आई.एस. की तरफ से आई. एस. 14543, आई.एस. 15410, आई. एस. 13428, पी.ई.टी, पी.एस, पी.पी. आदि रिर्माक जारी करवाती है। परन्तु हर तरह के क्वालिटी प्लास्टिक चीजें भी गर्म - हीट होने पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
प्लास्टिक गर्म होने पर इस्तेमाल से स्वास्थ्य पर होने वाले दुष्प्रभाव
- प्लास्टिक के दुष्प्रवाह से 32 तरह के कैंसर
- कब्ज- एसिडटी, अपचन, फूडपाईंजनिंग
- हृदय रोग
- मस्तिष्क विकार, तनाव, उत्तेजना
- फैटी लीवर
- मूत्र इंफेक्शन
- डाइबिटीज 2 टाईप
- पुरूर्षों में स्पर्म गुणवत्ता घटाना
- महिलाओं में प्रेग्नेंसी, पीरियड़ में घातक
- एलर्जी एंव त्वचा रोग
- हेयर फाॅल
- हड्डियों के रोग
- शरीर में झनझनाहट
- मोटापा
- थाईरायड
- अस्थमा
- साइनस
- टी.बी.
- गले में इंफेक्शन
- होर्मोंस विकार
प्लास्टिक रसायन शरीर पर सैंकड़ों तरह से दुष्प्रभाव कर सकता है। कई विकसित देशों ने प्लास्टिक इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा चुकें हैं। परन्तु भारत जैसे कई विकाशील देशों में प्लास्टिक का इस्तेमाल तेजी से हो रहा है। जोकि स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए हानिकारक घातक बनता जा रहा है।
प्लास्टिक इस्तेमाल में जरूरी खास सावधानियां
- चाय, काॅफी, सूप, गर्म पानी, गर्म पेय, गर्म भोजन अन्य तरह के गर्म खाने-पीने की चीजों के सेवन के लिए प्लास्टिक के कप, गिलास, कटोरी, प्लेट्स, बर्तनों का इस्तेमाल नहीं करें। खाने पीने की गर्म चीजें प्लास्टिक के सम्पर्क में आने से रसायन छोड़ना शुरू कर देती है।
- प्लास्टिक पैक्ड खाद्य - पेय सामग्री गर्मी तापिस दे दूर रखें। प्लास्टिक पैक्ड सामग्री गर्म होने पर गलती से भी नहीं खायें पीयें।
- बच्चों के पानी की बोतल, दूध की बोतल, स्कूल टिफिन आदि में प्लास्टिक बर्तनों का इस्तेमाल ज्यादा समय तक नहीं करना चाहिए। प्लास्टिक बर्तन अपने आप कुछ समय बाद रासायनिक अभिक्रिया करने शुरू करते हैं। प्लास्टिक की जगह स्टील बोतल, टिफिन का इस्तेमाल करना ज्यादा सुरक्षित है।
- प्लास्टिक बर्तन के इस्तेमाल दुष्प्रभाव से बच्चों में भूख की कमी, मानसिक तनाव, शरीरिक ग्रोथ में रूकावट और अन्य तरह के रोग हो सकते हैं। प्लास्टिक बाइसफेनोल-ए तत्व बच्चों के मस्तिष्क पर ज्यादा दुष्प्रभाव डालता है। कई स्कूलों में प्लास्टिक की बोतल, टिफिन पर प्रतिबंध लग चुका है।
- पाॅलिथीन में खाने, पीने की चीजें पैक नहीं करें। अकसर कई बार व्यक्ति अनजाने में ढ़ाबे, होटल से चाय, काॅफी, दाल, सब्जी, अन्य तरह से खाने पीने की चीजंे पाॅलिथीन में पैक कर ले जाते हैं। जोकि पूर्ण रूप से हानिकारक है।
- पानी बोतल, डिस्पोजन इस्तेमाल कर तोड़ दें दोबारा इस्तेमाल नहीं करें। और प्लास्टिक एक बार पिघलने पर दोबारा इस्तेमाल नहीं करें।
- प्लास्टिक टिफिन, प्लास्टिक बर्तनों को माइक्रोवव, चूल्हे आंच में नहीं रखें। प्लास्टिक गर्म होने पर घातक बी.पी.ए. बायस्फेनाॅल, प्थालेट्स नामक रसायन प्रक्रिया करता है। जोकि स्वास्थ्य पर गम्भीर दुष्प्रभाव करती है। प्लास्टिक दुष्प्रभाव से 32 तरह के कैंसर जैसे रोग होते हैं।
- गर्म होने वाले प्लास्टिक बर्तनों की जगह तांबे, स्टील, कांस्य, चीनी मिट्टी, कांच, लोहे के बर्तनों का इस्तेमाल करना ज्यादा सुरक्षित है।
- समय पर घर किंचन में प्लास्टिक बर्तनों वस्तुओं को बदलें। 2 साल से ज्यादा समय तक प्लास्टिक बर्तन इस्तेमाल नहीं करें। पानी बोतल, टिफिन, कटोरियां, प्लेट्स को 1 साल से ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
- किंचन, फ्रीज में इस्तेमाल होने वाली प्लास्टिक की पुरानी बोतल, डब्बे, वस्तुएं अधिक समय तक इस्तेमाल नहीं करें। समय पर बदलते रहें।
- अनाज, दाल, चीनी, आटा, मसाले, अचार, दूध, दही अन्य तरह की खाद्य सामग्री प्लास्टिक डब्बों बर्तनों की जगह स्टील, कांच, चीनी मिट्टी, तांबे के बर्तनों में रखना ज्यादा सुरक्षित है।
- ज्यादा दिनों तक खाद्य सामग्री प्लास्टिक डब्बों बर्तनों में नहीं रखें। अधिक समय तक खाद्य सामग्री प्लास्टिक में पैक होने पर भी रसायन दुष्प्रवाह छोड़नी शुरू कर देती है। जोकि खाने पीने की चीजों में घुलने लगती है।
- लम्बे समय से प्लास्टिक पैक्ड पेय, खाद्य सामग्री के इस्तेमाल से बचें। क्योंकि प्लास्टिक पैक्ड बंद सामग्री गर्म तापमान से आपस में रसायन घुल जाते हैं।
- हमेशा अच्छी क्वालिटी के बी.एफ.ए., बी.एफ.आर. फ्री और पी.ई.टी. गुणवत्ता वाली प्लेट्स, कप, डब्बे, बर्तन आदि वस्तुएं इस्तेमाल कर सकते हैं।
- प्लास्टिक बोतल, कप, प्लेट्स गैस, चूल्हे, माइक्रोवेव में नहीं रखें। प्लास्टिक बर्तन गर्म तापिस होने से बचायें।
- किंचन में खाना तैयार करते समय प्लास्टिक प्लेट्स और प्लास्टिक बर्तनों से गर्म खाने को ढ़कने से बचाएं। कई लोग अनजाने में गर्म खाने पीने की चीजों को प्लास्टिक प्लेट्स से ढंक देते हैं।
- छोटे बच्चों को प्लास्टिक बोतल से दूध पिलाने से बचें। और बच्चों को मुंह के प्लास्टिक खिलौंने, रबड - टीथर देने से बचें। फल के टुक्कडे, रोटी टुक्कडा, गाजर, खीरा बच्चों दें।
- बच्चों की देखभाल करें। प्लास्टिक के खिलौंने वस्तुएं बच्चों के मुंह जाने से दांत मसूड़ों और सेहत के लिए हानिकारक है। दांतों का ब्रश भी 3 महीने के बदल देना चाहिए। पुराना ब्रश भी दांतों के लिए हानिकारक होता है।
- अचार, साॅस, दही, चटनी, खट्टी चीजें, पेय पदार्थ प्लास्टिक बर्तनों की जगह कांच, चीनी मिट्टी के बर्तनों में रखना ज्यादा सुरक्षित है।
- गर्मी मौसम में प्लास्टिक के जूते चप्पल नहीं पहने। गर्मी मौसम में प्लास्टिक जूते चप्पल दुष्प्रभाव आसानी से त्वचा के माध्यम से शरीर में प्रवेश करते हैं।
- गर्भवती महिलाएं को प्लास्टिक बर्तनों, वस्तुओं का इस्तेमाल बंद कर देना चाहिए।
- बाजार में प्लास्टिक की विभिन्न तरह के निम्न गुणवत्ता के बर्तन एंव वस्तुएं मौजूद हैं। जिनके इस्तेमाल से बचें। हमेशा सुरक्षित मानक मार्क प्लास्टिक वस्तुएं ही खरीदें।
प्लास्टिक के प्रकार - पहचान और प्लास्टिक वस्तुएं तैयार करने में इस्तेमाल:
पाॅलिथिलीन टेरेफथलेट (PET) इस्तेमाल
Polyethylene Terephthalate तरह का प्लास्टिक फूड्स एण्ड ड्रग्स में इस्तेमाल लिया जाता है। जैसे कि साॅफ्ट ड्रिंक, ठंड़ा पेय, पानी बोतल, केचन, अचार, मक्खन, बटर, दवाईया पैकिंग, फाइबर क्लोथ, खाद्य सामग्री पैकिंग के लिए किया जाता है।
हाई डेंसिटी पाॅलिथिलीन (HDPE) इस्तेमाल
High Density Polyethylene तरह प्लास्टिक का इस्तेमाल दूध, दही, पानी, अचार, पेय पदार्थ पैकिंग, पाइपें, सीट्स, कबर में किया जाता है।
पाॅलीविनाइलीडीन / पाॅलीबटलिन क्लोराइड (PVDC) इस्तेमाल
Polybutylene Chloride तरह के प्लास्टिक का इस्तेमाल मसाले, साॅस, चिप्स, जंकफूड्स, बैकरी खाद्य सामग्री पैकिंग, खास तरह के इंजीनियरिंग वस्तुएं बनाने में किया जाता है।
लो डैसिटी पाॅलिथिलीन (LDPE) इस्तेमाल
Low Density Polyethylene तरह के प्लास्टिक का इस्तेमाल फर्नीचर, खिलौंने, लैब वस्तुएं, प्लास्टिक बैग, गर्मी रोधी प्लास्टिक वस्तुएं बनाने में इस्तेमाल किया जाता है।
पाॅलिथिलीन (PP) इस्तेमाल
Polyethylene-PP प्लास्टिक का इस्तेमाल फिल्म सीट, एक्सेसीरीज वस्तुएं, क्लीनिंग, फास्र्ट एड प्राॅडक्ट्स और विभिन्न तरह की वस्तुएं तैयार करने में किया जाता है।
पाॅलिथिलीन (PS) इस्तेमाल
Polyethylene PS तरह के प्लास्टिक का इस्तेमाल डिस्पोजल, कप, प्लेट्स, पैकेजिंग, फूड कंटेनर्स, सीडी, बाॅक्स, ब्रश, और विभिन्न तरह के कठोर प्लास्टिक वस्तुएं तैयार करने में किया जाता है।
पाॅलिथिलीन (O, BPA) इस्तेमाल
Polyethylene O, BPA तरह के प्लास्टिक का इस्तेमाल इलैक्ट्राॅनिकस वस्तुएं, चश्मा, कंटेनर्स, वायर, पाईप, हीट रोधी वस्तुएं तैयार करने में किया जाता है।
प्लास्टिक की वस्तुओं पर ISI, RIC, BFA, BFR, IS-15410, IS-13428, PET, PP, PS, BPA Free Plastic भारतीय मानक ब्यूरो (बी.आई.एस.) मार्क अवश्य देखें। घटिया गुणवत्ता प्लास्टिक वस्तुएं, खाद्य सामग्री पैंक्ड वस्तुएं खरीदने और इस्तेमाल करने से बचें। टुप्लीकेट मिक्स प्लास्टिक और घटिया क्वालिटी के प्लास्टिक इस्तेमाल स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। हमेशा ध्यान रखें - किसी भी तरह के प्लास्टिक को गर्म - हीट कर इस्तेमाल नहीं करें। असुरक्षित तरीके और निम्न गुणवत्ता प्लास्टिक इस्तेमाल करने पर कैंसर से लेकर विभिन्न तरह के सैंकड़ों रोग हो सकते हैं।