नवजात शिशु के लिए शुरूआती पौष्टिक आहार मां का दूध होता है। मां का दूध बच्चे को पोषण पूर्ति के साथ शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का उत्तम स्रोत है। अकसर मां दूध में खास तरह का कोलोस्ट्रम, इम्युनोग्लोबुलिन रिच प्रोटीन पोषण मौजूद होता है।
जोकि नवजात शिशु के लिए अति जरूरी है। मां के दूध के साथ-साथ शिशु को अन्य आहार पोषण भी जरूरी है। नवजात शिशु के लिए पौष्टिक और जल्दी पचने वाले आहार जरूरी हैं। आहार शिशु को चम्मच की सहायता से आराम आराम से खिलायें, पिलाएं।
शिशु के लिए आहार / नवजात शिशुओं के लिए डाईटचार्ट पोषण / Food Chart for Babies in Hindi / Navjat Shishu ke liye Diet Chart / Shishu Diet Chart

6 से 12 महीने शिशु के लिए आहार
शिशु को 6 महीने तक होने पर शरीर को पेट के बल सरकने लगता है। इस दौरान शिशु को रिच पौषण संतुलित मात्रा में जरूरत होती है। जिससे शिशु की समय के साथ सही ग्रोथ हो सके।
- उबली दाल पानी
- उबली चावल मांड की खीर
- बिना मसाले की अच्छे से पकी मसली सब्जी जैसे कद्दू, लौकी, आलू
- फल रस, जैसे संतरा रस, अनार रस, आम रस और पपीता, अंगूर, मसला केला
- नवजात शिशुओं को जल्दी पचने वाले चीजें खिलायें
18 महीने तक शिशु के लिए आहार
शिशु मस्तिष्क और शरीरिक ग्रोथ में 9 से 12 खास माने जाते हैं। जिसमें शिशु में समझने बोलने शक्ति का विकास होता है। शिशु हाथों पैरों के बल चलने और खड़े होने की कोशिश करने लगते है। और शिशु मस्तिष्क में मिनबे्रन मेपामाइन का विस्तार होता है। इस दौरान शिशुओं के लिए मां दूध के साथ रिच पोषण जरूरी है। जैसे कि
- गाजर रस
- पकी हुई पालक
- गेहूं दलिया
- मसले पके अनाज
- हरी सब्जियों का सूप
- उबली हुई मिक्स अरहर और मूंग दाल
- फलों का गूदा
- फल रस
- बिना मसाले की मसली सब्जियां
- चावल मांड खीर
18 से 24 महीने शिशु के लिए आहार
12 से 24 महीने तक शिशु पैरों के बल चलने, बोलने लगता है। इस दौरान शिशुओं बोन्स शरीर पहले से काफी मजबूत विकसित हो जाता हैं। शिशु मां के दूध पर निर्भर नहीं रह सकता है। शिशुओं को अनाज, फल, फल रस, सब्जियां, दलहन युक्त रिच पोषण की जरूरत होती है। जोकि शिशुओं के शरीरिक ग्रोथ के महत्वपूर्ण है। समय के साथ शिशुओं की डाईट में संतुलित आहार शामिल करें। जैसेकि
- सब्जियों का सूप
- रोटी दूध
- खीर
- अखरोट, बदाम
- सब्जियों का सूप
- चावल के साथ मछली सूप
- पौष्टिक अनाज सेरेलेक
- दालें
- फल, फलों का रस
- अण्डे का सफेद हिस्सा
- शिुशुओं के शरीर के शरीर को मजबूत बनने के लिए नियमित बेबी ऑयल मालिश जरूरी है।
शिशुओं के सम्बन्धित जानने वाली जरूरी बातें
- शिशुओं को आहार चम्मच की सहायता से धीरे-धीरे खिलायें और पिलाएं।
- शिशु आहार के बाद मुंह गुनगने पानी से साफ करें। मुंह पर जूठन गंदगी नहीं जमने दें। शिशु मुंह गंदा होने पर मक्खी, परजीवी, संक्रमण, त्वचा एलर्जी का खतरा रहता है।
- शिशुओं को पूरी तरह से पक्का हुआ अनाज, सब्जिया और सूप ही दें। अधपका अनाज शिशुओं नहीं खिलाएं।
- जल्दी पाचन करनी वाली चीजें शिशुओं के आहार में शामिल करें। शिशुओं को कठोर अनाज, खाद्यसामग्री नहीं खिलाएं।
- शिशुओं के लिए संतुलित आहार चार्ट बनाएं। 2-2 घण्टे के अंतराल में शिशुओं को आहार दें।
- नवजात शिशुओं को आहार सीमित मात्रा में खिलाएं-पिलाएं। शिशुओं की पाचन शक्ति सीमित होती है। शिशुओं को ज्यादा आहार उल्टी, अपचन का कारण बन सकता है।
- शिशुओं को मीट, अण्डा, मछली नहीं खिलाएं। अण्डे का सफेद हिस्सा दे सकते हैं। मीट, मछली सूप सीमित मात्रा में दे सकते हैं। मीट, मछली, अण्डा शिशुओं के डाईट में 2 साल बाद सीमित मात्रा में शामिल करें।
- शुरूआती समय में नवजात को दाल सूप, फल रस चम्मच से सीमित मात्रा में पिलाना शुरू करें।
बच्चों को चिप्स, सोड़ा पेय, कुरकुरे, चाॅकलेट, पैकेट बंद अनहेल्दी खाने पीने की चीजें, हर तरह के जंकफूड, बाहर के खाने की आदत मत डालें। बच्चों की डाईट में फल, फलों का रस, हरी सब्जियां, नट्स, अनाज, दलहन रिच पोषक तत्वों युक्त संतुलित आहार शामिल करें।