आंकड़ों अनुसार भारत वर्ष में 84.6 प्रतिशत पुरूर्षों का दैनिक दिनचर्या अधिक व्यस्त रहता है। जिससे व्यस्त पुरूष वर्ग शरीर फिटनेस, खानपान एवं हेल्दी लिविंग पर ध्यान नहीं दे पाते हैं। आयु बढ़ने पर पुरूर्षों को विभिन्न तरह के रोगों का सामना करना पड़ता है। पुरूर्षों के लिए रोज की व्यस्त दिनचर्या, जीवन शैली में शरीर को फिट निरोग रखना किसी चुनौति से कम नहीं है। धन कमाने के साथ-साथ स्वस्थ निरोग रहने के लिए वक्त निकालना जरूरी है। कुछ खास आदतें पुरूर्षों को स्वस्थ निरोग रखने में खास फायदेमंद है।
जानिए व्यस्त दिनचर्या जीवन शैली के साथ पुरूष वर्ग स्वस्थ निरोग कैसे रहें / Men's Health / Male Health Tips / Purpose ke liye Swasthya Sujhav

सुबह जल्दी उठने की आदत डालें
सुबह जल्दी उठने की आदत डालें। देर रात तक जागने की आदत बदलें। रोज 7 से 8 घण्टे नींद स्वस्थ निरोग शरीर के लिए जरूरी है। पूरी नींद लेने से मस्तिष्क, दिल, लिवर, किड़नी, धमनियां, पाचन तंत्र स्वस्थ निरोग रहती हैं।
तड़के सुबह उठने से दिनचर्या और कार्य दक्षता कुशल, आरामदायक और शरीर अधिक ऊर्जावान बना रहता है। जल्दी उठने से पूरे दिन के दैनिक कार्य आसानी से निपट जाते हैं। और व्यक्ति तनाव मुक्त रहता है।
सुबह सैर करें
सुबह जल्दी उठकर माॅर्निंग वाक पर जायें। सुबह 30-40 मिनट तेज तेज चलकर सैर करें। यूथ वर्ग दौड़ लगा लगायें। सुबह की ताजी हवा शरीर के लिए अति फायदेमंद है। सुबह सैर मस्तिष्क, दिल, फेफड़ों, लिवर, किड़नी, पाचन तंत्र, धमनियों को सुचारू स्वस्थ रखती हैं। सुबह की माॅनिंग वाक पूरे दिन शरीर को ऊर्जावान और सकारात्मक सोच की ओर अग्रसर करती है।
लंच के बाद सैर
आॅफिस, कार्यालय आदि तरह से बैठकर काम करने वाले पुरूर्षों के लिए लंच के बाद 10-15 मिनट टहलना अति फायदेमंद है। Healthy Lunch के बाद टहलने से डाइजेंशन पावर सुचारू और शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा का संचार होता है। लंच के बाद रोज पैदल चलने, टहलने की आदत डालें।
डिनर के बाद सैर स्वास्थ्य
रात्रि डिनर करने के बाद 25-30 मिनट टहले - चले फिरे। रात्रि डिनर के बाद सैर करने से रक्त संचार सुचारू और पांचन तंत्र अच्छा बना रहता है। सोने से 5 मिनट पहले लगभग 1 गिलास पानी जरूर पीयें। इससे रात्रि अच्छी नींद आती है।
अच्छी नींद सोयें
सोने से पहले पांवों को ठंड़े पानी से अवश्य धायें। सोने से पहले ठंड़े पानी से पांव धोने से दिनभर की थकान, मस्तिष्क तनाव दूर हो जाता है। जिससे अच्छी नींद आती है। सोते समय किसी विषय पर नहीं सोचे। शांत मन से लेटें।
खान-पान टाईम टेबल
अधिकत्तर पुरूर्षों का खाने का समय एक जैसा नहीं होता है। सही खान-पान समय सारणी स्वस्थ निरोग शरीर के लिए अत जरूरी है। नियमित समय सीमा पर ब्रेकफास्ट, लंच, डिनर करें। अधिकत्तर पुरूष वर्ग सुबह का नाश्ता नहीं करते हैं सुबह का नाश्ता लंच और डिनर की तरह शरीर के लिए अति आवश्यक है। सुबह नाश्ता 8.00 बजे करें। दोपहर लंच 1.00 बजे लंच करें, और रात्रि डिनर 9.00 बजे करें। समय पर सही खान पान शरीर हार्मोंस एवं तत्वों को संतुलन में रखता है।
दैनिक योगा व्यायाम क्रियाकलाप
नियमित सुबह शाम योगा- व्यायाम और सैर करें। नियमित योगा व्यायाम सैर करना स्वस्थ निरोग लम्बी आयु की पहचान है। जो पुरूष नियमित रूप से योगा व्यायाम सैर करते हैं। वे निरोग लम्बी आयु जीते हैं। हर तरह की बीमारियों से बचने के लिए योगा, व्यायाम, सैर, खेलकूद और बाॅडी वर्कआउट अति जरूरी है।
आलस्य का त्याग करें
आलस्य होने से बचें। दैनिक रूटीन कार्यक्रम का टाइम टेबल बनायें। समय पर खानपान, योगा-व्यायाम, सैर, आजीविका कार्य दक्षता बढ़ायें। आलस्य त्याग करने से शरीर स्वस्थ और कार्य करने की क्षमता - दक्षता प्रबल होती है। जिससे व्यक्ति में मन-एक-चित एकाग्रता जाग्रति होती है। आलस्य त्याग स्वस्थ निरोग शरीर और सफल जीवन शैली की पहचान है। एकाग्रता जाग्रित होने पर व्यक्ति सफलता की बड़ी-बड़ी बुलंदियों को आसानी से छू लेता है।
अनहेल्दी और बाहर के खाने से बचें
जंकफूड, फास्टफूड, सोड़ा पेय, तली भुनी चीजें, बाहर के अन्हेदी खाने से परहेज करें। घर का तैयार सात्विक पौष्टिक भोजन करें। फल, फल रस, सलाद डाईट में शामिल करें। खाने के तुरन्त बाद चाय काॅफी पीने से परहेज करें। खाने के दौरान पानी पीने से बचें। भोजन के 10 मिनट बाद पानी पीयें।
ड्रग, अल्कोहल - नशा त्याग
आंकड़ों अनुसार 90.6 प्रतिशत पुरूष वर्ग नशीले चीजों के व्यसनों में लुप्त हैं। अधिकत्तर पुरूष वर्ग शराब, बीयर, धूम्रपान, गुटका, जर्दा, तम्बाकू, कफ सीरप, फेंसीडिल, कोरेक्स आदि ड्रग-नशा एंव मादक पदार्थों का सेवन करते हैं। नशीली चीजें के व्यसन व्यक्ति को मानसिक रूप से क्षीण और शरीरिक रूप से रोगी बना देती है। नशा व्यसन शरीर के साथ-साथ आत्मा का भी नाश करती है।
नशा - मादक पदार्थों के सेवन करने का दुष्प्रभाव शरीर रोग ग्रस्त होने के साथ-साथ आर्थिक स्थिति बिगड़ना, कार्य दक्षता कम होना और व्यक्ति का सामाजिक वहिष्कार होता है। अधिकत्तर व्यक्ति नशा व्यसनों में फंस कर बीमारियों के साथ आर्थिक रूप से कंगाल निर्धन हो जाते हैं।
यह सत्य है कि अधिकत्तर पुरूष वर्ग पर घर परिवार की बहुत सी जिम्मेदारियां एंव आशाएं जुड़ी होती हैं। धन कमाने-अर्जित करने के साथ-साथ शरीर को स्वस्थ निरोग रखने के लिए समय निकालें। धन अर्जित करने साथ शरीर स्वस्थ रहना जरूरी है। शरीर पर रोग लगने पर व्यक्ति लाखों रूपये गवां देता है। स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है। स्वस्थ निरोग लम्बी आयु को जीयें।