Blood Donation: Raktdaan :: रक्तदान करने से दूसरे व्यक्ति को जीवन दान देने के साथ-साथ अपना भी महत्वपूर्ण फायदा है। रक्तदान से जैसेकि कैंसर, चर्मरोग, बे्रन स्ट्राॅक, हार्ट अटैक, लिवर-सिरोसिस जैसी कई बीमारियां से शरीर मुक्त रहता है। रक्तदान से शरीर में नये रक्तकणों को विकास होता है। जोकि निरोग लम्बी आयु जीने का अच्छा माध्यम है। रक्तदान से बढ़कर और कोई दान नहीं होता है। इसीलिए रक्तदान को महादान भी कहा जाता है। कार्ल लैंडस्टेनर एक महान वैज्ञानिक थे। उन्होंने रक्त समूहों ए.बी.ओ. की खोज करके, एक व्यक्ति का रक्त दूसरे व्यक्ति पर ब्लड ट्राॅस्फर करने की विधि निकाली थी। पहली बार 14 जून 1868 कार्ल लैंडस्टेनर का जन्म दिन वल्र्ड ब्लड डोनर डे के रूप में मनया गया था। तब से हर वर्ष 14 जून को विश्वभर में World Blood Donor Day मनाया जाता है। और लोगों को रक्तदान के लिए प्ररित किया जाता है। जिससे व्यक्ति रक्तदान कर सकें और आपात स्थिति में खून की कमी को पूरा किया जा सके। परन्तु हमारे देश में ब्लड की कमी 35 प्रतिशत तक हर वर्ष आंकी जाती है। और हर साल सफल ईलाज के लिए 10 मिलियन यूनिट रक्त की जरूरत होती है। परन्तु हर बार पूरे साल में मात्र 6 प्रतिशत यूनिट तक ब्लड बैंक होता है।
रक्तदान सम्पूर्ण जानकारी / रक्तदान महादान / Raktdan Sampurn Jankari, Raktdan Mahadan, Raktdaan Jankari
निडर स्वेच्छा से ब्लड डोनेट करें। अगर आज किसी को रक्त की जरूरत है तो कल आपको या आपके परिवार, मित्रजन, परिजन में से किसी को भी रक्त की जरूरत हो सकती है। और होती है। दुर्घटना, रक्तस्राव, आकासमिक ब्लीडिंग, सर्जरी, आपरेशन आदि तरह की विभिन्न बीमारियों विकारों के इर्लाज में रक्त की जरूरत पड़ती है। इसलिए सभी स्वस्थ व्यक्ति को Blood Donate जरूरी करना चाहिए। ब्लड डोनेशन के लिए समाजिक संस्थाएं, हस्पताल, सरकारी और गैर सरकारी संगठन ब्लड डोनेशन कैम्प आयोजित करती हैं। और आपातकाल स्थिति में भी रक्तदान कर दूसरों की जान बचाकर पुण्य का काम कर सकते हैं।
रक्तदान कौन कर सकता है ?
ब्लड डोनेशन 16 वर्ष की आयु से लेकर 50 वर्ष की आयु तक आसानी से किया जा सकता है। रक्तदान करने के लिए औसतन 50 कि.ग्रा. तक वजन जरूरी है। रक्तदान साल में एक बार आसानी से किया जा सकता है। कई स्वस्थ व्यक्ति साल में 2-4 बार भी रक्तदान करते हैं। और हर 56 दिन के अन्तराल में रक्तदान किया जा सकता है। ब्लड डोनेसन से पहले व्यक्ति का वजन, ब्लडप्रेशर, मिनी ब्लड टेस्ट किया जाता है। आमतौर पर 12.1 हीमोग्लोबिन मात्रा से अधिक वाला व्यक्ति आसानी से रक्तदान कर सकता है। अकसर बहुत ही कम व्यक्तियों में 12.1 हीमोग्लोबिन लेवल होता है।
समान्यता पुरूषों में हीमोग्लोबिन लेवल 12.1 जी./डी.एल. से लेकर अधिकत्तम 17.2 जी./डी.एल. होता है। और महिलाओं में 12 जी./डी.एल. से लेकर 15.1 जी./डी.एल. होता है। रक्तदान करने के लिए हीमोग्लोबिन लेवल न्यूनतम 12.5 जी./डी.एल. होना चाहिए। अगर आयु वर्ग आंकड़ों के हिसाब से देखा जय तो:
महिला : 12 से 18 वर्ष तक 12.0 से 14.0 जी./डी.एल. तक होता है।
18 वर्ष से अधिक आयु में 12.1 से 15.5 जी./डी.एल. तक होता है।
महिला : 12 से 18 वर्ष तक 13.0 से 15.1 जी./डी.एल. तक होता है।
18 वर्ष से अधिक आयु में 13.6 से 17.5 जी./डी.एल. तक होता है।
रक्तदान में भ्रांतियां
कई लोग रक्तदान करने से घबराते हैं। रक्तदान से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती है। एक बार में (एक यूनिट) 350 मि.ग्रा. रक्त लिया जाता है। अकसर रक्तदान के 21 से 30 दिनों के अन्दर उतना ही रक्त दोबारा से पूरी तरह बन जाता है। और रक्तदान के बाद ब्लड वाॅल्यूम मात्र 24 से 72 घण्टों में बन कर तैयार हो जाता है। अकसर शरीर में मौजूद 100 प्रतिशत में से 70 प्रतिशत रक्त एक समय पर शरीर में संचार करता है, और बाकी 30 प्रतिशत रक्त इनिशलाइज होता रहता है। और यही 30 प्रतिशत रक्त से 1 यूनिट रक्त अगर डोनेट कर दें तो शरीर पर कोई फर्क नहीं पडता है।
रक्तदान के बाद व्यक्ति पहले जैसे कार्य कर सकता है। रक्तदान से शरीर में किसी भी तरह की कमजोरी, शरीरिक समस्याएं नहीं आती हैं। कई व्यक्ति रक्तदान भ्रांति-गलतफहमी का शिकार रहते हैं। रक्तदान से घबराना नहीं चाहिए। खुद भी रक्तदान करें। और दूसरों को भी रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करें।
रक्तदान कौन नहीं कर सकते ?
हेपेटाइटिस - लिवर, एच.आई.वी., एड्स, सिफिलिस, टी.बी. हार्ट इंजाइना, वेंन्स ब्लाॅकेज, किड़नी, लिवर, मिर्गी, अस्थ्मा, डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों को रक्तदान करने से बचना चाहिए। और जोकि व्यक्ति एन्टीबायोटिक, एस्प्रीन, स्टीरइड, एन्टीथायराॅइड एंव अन्य तरह की बीमारियों में लम्बे समय से दवाईयां ले रहे व्यक्ति को भी रक्तदान करने से बचना चाहिए। शरीर स्वस्थ रहने पर ही रक्तदान करें। और महिलाएं गर्भावस्था, स्तनपान, मासिक बिलीडिंग, एनीमिया के दौरान रक्तदान करने से बचें। महिलाओं का हीमोग्लोबिन लेवल पुरूर्षों के मुकाबले कम होता है। महिलाएं हीमोग्लोबिन लेवल जांच और अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धित जांच के बाद ही रक्तदान करें।
अकसर रक्तदान नहीं करने पर रक्त 45 दिनों के अन्तराल में इस्तेमाल में नहीं आने पर शरीर से अपने आप नष्ट हो जाता है। यह प्रक्रिया हर व्यक्ति के शरीर में 45 दिनों के अन्तराल में होती है। रक्त कणों को जीवन चक्र मात्र 90 से 120 दिन होता है। यह प्रक्रिया व्यक्ति को महसूस नहीं होती है। इसलिए जरूरी है कि रक्त को वेस्ट होने से बचायें। साल में 1 बार रक्तदान कर सकते हैं।
रक्तदान के दौरान सावधानियां ?
रक्तदान करते समय आराम से लेटकर निसंकोच होकर रक्तदान करें। शरीरिक गतिविधियां करने से बचें। रक्तदान के दौरान शरीर पर ढीलापन लायें। शरीर जकड़, कस कर रक्तदान नहीं करें। बरना रक्तदान के बाद चक्कर- जीमिचलाने, पसीना आने, घबराहट की शिकायत हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि रक्तदान के दौरान शांत निसंकोच होकर रक्तदान करें।
रक्तदान के बाद क्या करें ?
रक्तदान करने वाले व्यक्ति को रक्तदान से पहले और रक्तदान के 48 घण्टे के अन्तराल में शराब, धूम्रपान, अन्य तरह से नशे से परहेज करना चाहिए। रक्तदान से पहले दूध, फल, लस्सी सेवन करें। रक्तदान के बाद हरी सब्जियां, फल, फल रस संतुलित आहार डाईट में शामिल करें। इससे शरीर को हाइड्रेड होने में जल्दी मद्द मिलती है।
रक्तदान करने से फायदे / Benefits of Blood Donation, Raktdan karne ke Fayde, Blood Donation Benefits
रक्तदान घटाये हार्ट अटैक रिस्क
रक्तदान से दिल धमनियां सुचारू और स्वस्थ रहती है। धमनियों में जमने वाले काॅलेस्ट्राॅल युक्त वसा से मुक्ति मिलती है। जिससे व्यक्ति को हार्ट अटैक की सम्भानाएं नहीं रहती है। रक्तदान से खून पतला होता है और बिना अवरूद्ध के सुचारू रूप से धमनियों में बहता है।
रक्तदान से नये रक्त कोशिकाओं का निर्माण
रक्तदान करने से शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। और मृत कोशिकाओं पुन जीवित होने लगती है। लम्बी और स्वस्थ आयु जीने के लिए शरीर में नई रक्त कोशिकाओं बनना जरूरी है। यह प्रक्रिया रक्तदान से आसानी से हो जाती हैं। अकसर रक्तदान से बोनमैरी ब्ल्ड सेल्स विकसित होते हैं। जोकि हेल्दी बाॅडी के लिए जरूरी है।
रक्तदान से कैलोरी बर्न
वजन कम करने में कैलोरी बर्न क्रिया एक खास भूमिका होती है। अकसर 1 यूनिक रक्त को डोनेट करने से शरीर से लगभग 650 कैलोरी बर्न हो जाती है। जोकि वजन मोटापा कम करने का उत्तम माध्यम है। जिससे व्यक्ति वजन, गैस, कब्ज, अपचन सम्बन्धित समस्याएं मिट जाती हैं।
रक्तदान कैंसर खतरा मिटाये
कैंसर से बचने के लिए रक्तदान करना फायदेमंद है। रक्तदान से शरीर कोशिकओं में पनपने वाले विषैले दूषित पदार्थ, डेमेज सेल्स निष्क्रीय हो जाते हैं। रक्तदान करने से शरीर में मौजूद दूषित विषैले पदार्थ बाहर आ जाते हैं। रक्तदान एक तरह से बाॅडी रीसायकल करता है। और नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। जोकि कैंसर से बचाने में खास भूमिका है।
लिवर रखे स्वस्थ
रक्तदान लिवर स्वास्थ्य के फायदेमंद है। रक्तदान से लिवर झिल्ली ऊतकों को जमा विषाक्त पदार्थ को जल्दी फिल्टर करने में सहायकता मिलती है। लिवर से सम्बन्धित विभिन्न बीमारियां अपने आप हट जाती हैं।
त्वचा रखे स्वस्थ
रक्तदान से त्वचा सम्बन्धित समस्याएं जैसे कील - मुहांसे, दाग धब्बे, खाज, खुजली, रक्त खराबी, चर्म रोग, छाई, झुर्रियां विकार दूर रहते हैं। त्वचा पर नेचुरल सौंन्दर्य और स्वस्थ रखने में करना अति फायदेमंद है। रक्तदान से त्वचा के डेमेज सेल्स दोबारा सक्रीय होते हैं, नये रक्त सेल्स का विकास हो जाता है, और खराब मृत सेल्स की मरमत हो जाती है।
फ्रीे शरीरिक जांच
रक्तदान करने से व्यक्ति की फ्री में शरीरिक जांच हो जाती है। वजन, हीमोग्लोबिन, ब्लड ग्रुप, काॅलेस्ट्राॅल, ब्लडप्रेशर, एच.बी.एस.ए.जी., एच.आई.वी., हेपेटाइटिस बी, सी, वी.डी.आर.एल., मलेरिया, सिफलिस, एच.सी.वी., एवं बाॅडी स्क्रीनिंग आदि मुफ्त में हो जाती है। यह जांच व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर है। यदि व्यक्ति नहीं करवाना चाहता है। तो अनिवार्य नहीं होता है। रक्तदान करने वाले व्यक्ति की शरीर में पनपने वाले रोगों के बारे में फ्री जांच हो जाती है। सप्ताह के अन्तराल में व्यक्ति को शरीरिक जांच की रिर्पाट, ब्लड डोनर कार्ड, सर्टीफिकेट आदि सौंप दी जाती है। और 1 साल अवधि तक खुद या परिवार में किसी व्यक्ति को रक्त की जरूरत होने पर फ्री में रक्त मिल जाता है।
आत्मविश्वास बढ़ना
Blood Donate करने वाले व्यक्ति का आत्मवश्विास बढ़ जाता है। रक्तदान करने से व्यक्ति में विशेष खुशी होती है। व्यक्ति की समाज में विशेष व्यक्तित्व से पहचान होने लगती है। ब्लड डोनेट करें, स्वस्थ रहें और दूसरों को जीवन दान दें। आपका मात्र 1 यूनिट ब्लड डोनेट से 3 व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है। यानिकि आप 3 लोगों को जीवन दान दे रहे हैं। इसीलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है। रक्तदान करे, स्वस्थ निरोग रहें, और दूसरों को जीवन दान दें।
रक्तदान कौन कर सकता है ?
ब्लड डोनेशन 16 वर्ष की आयु से लेकर 50 वर्ष की आयु तक आसानी से किया जा सकता है। रक्तदान करने के लिए औसतन 50 कि.ग्रा. तक वजन जरूरी है। रक्तदान साल में एक बार आसानी से किया जा सकता है। कई स्वस्थ व्यक्ति साल में 2-4 बार भी रक्तदान करते हैं। और हर 56 दिन के अन्तराल में रक्तदान किया जा सकता है। ब्लड डोनेसन से पहले व्यक्ति का वजन, ब्लडप्रेशर, मिनी ब्लड टेस्ट किया जाता है। आमतौर पर 12.1 हीमोग्लोबिन मात्रा से अधिक वाला व्यक्ति आसानी से रक्तदान कर सकता है। अकसर बहुत ही कम व्यक्तियों में 12.1 हीमोग्लोबिन लेवल होता है।
समान्यता पुरूषों में हीमोग्लोबिन लेवल 12.1 जी./डी.एल. से लेकर अधिकत्तम 17.2 जी./डी.एल. होता है। और महिलाओं में 12 जी./डी.एल. से लेकर 15.1 जी./डी.एल. होता है। रक्तदान करने के लिए हीमोग्लोबिन लेवल न्यूनतम 12.5 जी./डी.एल. होना चाहिए। अगर आयु वर्ग आंकड़ों के हिसाब से देखा जय तो:
महिला : 12 से 18 वर्ष तक 12.0 से 14.0 जी./डी.एल. तक होता है।
18 वर्ष से अधिक आयु में 12.1 से 15.5 जी./डी.एल. तक होता है।
महिला : 12 से 18 वर्ष तक 13.0 से 15.1 जी./डी.एल. तक होता है।
18 वर्ष से अधिक आयु में 13.6 से 17.5 जी./डी.एल. तक होता है।
रक्तदान में भ्रांतियां
कई लोग रक्तदान करने से घबराते हैं। रक्तदान से शरीर में कोई कमजोरी नहीं आती है। एक बार में (एक यूनिट) 350 मि.ग्रा. रक्त लिया जाता है। अकसर रक्तदान के 21 से 30 दिनों के अन्दर उतना ही रक्त दोबारा से पूरी तरह बन जाता है। और रक्तदान के बाद ब्लड वाॅल्यूम मात्र 24 से 72 घण्टों में बन कर तैयार हो जाता है। अकसर शरीर में मौजूद 100 प्रतिशत में से 70 प्रतिशत रक्त एक समय पर शरीर में संचार करता है, और बाकी 30 प्रतिशत रक्त इनिशलाइज होता रहता है। और यही 30 प्रतिशत रक्त से 1 यूनिट रक्त अगर डोनेट कर दें तो शरीर पर कोई फर्क नहीं पडता है।
रक्तदान के बाद व्यक्ति पहले जैसे कार्य कर सकता है। रक्तदान से शरीर में किसी भी तरह की कमजोरी, शरीरिक समस्याएं नहीं आती हैं। कई व्यक्ति रक्तदान भ्रांति-गलतफहमी का शिकार रहते हैं। रक्तदान से घबराना नहीं चाहिए। खुद भी रक्तदान करें। और दूसरों को भी रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित करें।
रक्तदान कौन नहीं कर सकते ?
हेपेटाइटिस - लिवर, एच.आई.वी., एड्स, सिफिलिस, टी.बी. हार्ट इंजाइना, वेंन्स ब्लाॅकेज, किड़नी, लिवर, मिर्गी, अस्थ्मा, डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों को रक्तदान करने से बचना चाहिए। और जोकि व्यक्ति एन्टीबायोटिक, एस्प्रीन, स्टीरइड, एन्टीथायराॅइड एंव अन्य तरह की बीमारियों में लम्बे समय से दवाईयां ले रहे व्यक्ति को भी रक्तदान करने से बचना चाहिए। शरीर स्वस्थ रहने पर ही रक्तदान करें। और महिलाएं गर्भावस्था, स्तनपान, मासिक बिलीडिंग, एनीमिया के दौरान रक्तदान करने से बचें। महिलाओं का हीमोग्लोबिन लेवल पुरूर्षों के मुकाबले कम होता है। महिलाएं हीमोग्लोबिन लेवल जांच और अन्य स्वास्थ्य सम्बन्धित जांच के बाद ही रक्तदान करें।
अकसर रक्तदान नहीं करने पर रक्त 45 दिनों के अन्तराल में इस्तेमाल में नहीं आने पर शरीर से अपने आप नष्ट हो जाता है। यह प्रक्रिया हर व्यक्ति के शरीर में 45 दिनों के अन्तराल में होती है। रक्त कणों को जीवन चक्र मात्र 90 से 120 दिन होता है। यह प्रक्रिया व्यक्ति को महसूस नहीं होती है। इसलिए जरूरी है कि रक्त को वेस्ट होने से बचायें। साल में 1 बार रक्तदान कर सकते हैं।
रक्तदान के दौरान सावधानियां ?
रक्तदान करते समय आराम से लेटकर निसंकोच होकर रक्तदान करें। शरीरिक गतिविधियां करने से बचें। रक्तदान के दौरान शरीर पर ढीलापन लायें। शरीर जकड़, कस कर रक्तदान नहीं करें। बरना रक्तदान के बाद चक्कर- जीमिचलाने, पसीना आने, घबराहट की शिकायत हो सकती है। इसलिए जरूरी है कि रक्तदान के दौरान शांत निसंकोच होकर रक्तदान करें।
रक्तदान के बाद क्या करें ?
रक्तदान करने वाले व्यक्ति को रक्तदान से पहले और रक्तदान के 48 घण्टे के अन्तराल में शराब, धूम्रपान, अन्य तरह से नशे से परहेज करना चाहिए। रक्तदान से पहले दूध, फल, लस्सी सेवन करें। रक्तदान के बाद हरी सब्जियां, फल, फल रस संतुलित आहार डाईट में शामिल करें। इससे शरीर को हाइड्रेड होने में जल्दी मद्द मिलती है।
रक्तदान करने से फायदे / Benefits of Blood Donation, Raktdan karne ke Fayde, Blood Donation Benefits
रक्तदान घटाये हार्ट अटैक रिस्क
रक्तदान से दिल धमनियां सुचारू और स्वस्थ रहती है। धमनियों में जमने वाले काॅलेस्ट्राॅल युक्त वसा से मुक्ति मिलती है। जिससे व्यक्ति को हार्ट अटैक की सम्भानाएं नहीं रहती है। रक्तदान से खून पतला होता है और बिना अवरूद्ध के सुचारू रूप से धमनियों में बहता है।
रक्तदान से नये रक्त कोशिकाओं का निर्माण
रक्तदान करने से शरीर में नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। और मृत कोशिकाओं पुन जीवित होने लगती है। लम्बी और स्वस्थ आयु जीने के लिए शरीर में नई रक्त कोशिकाओं बनना जरूरी है। यह प्रक्रिया रक्तदान से आसानी से हो जाती हैं। अकसर रक्तदान से बोनमैरी ब्ल्ड सेल्स विकसित होते हैं। जोकि हेल्दी बाॅडी के लिए जरूरी है।
रक्तदान से कैलोरी बर्न
वजन कम करने में कैलोरी बर्न क्रिया एक खास भूमिका होती है। अकसर 1 यूनिक रक्त को डोनेट करने से शरीर से लगभग 650 कैलोरी बर्न हो जाती है। जोकि वजन मोटापा कम करने का उत्तम माध्यम है। जिससे व्यक्ति वजन, गैस, कब्ज, अपचन सम्बन्धित समस्याएं मिट जाती हैं।
रक्तदान कैंसर खतरा मिटाये
कैंसर से बचने के लिए रक्तदान करना फायदेमंद है। रक्तदान से शरीर कोशिकओं में पनपने वाले विषैले दूषित पदार्थ, डेमेज सेल्स निष्क्रीय हो जाते हैं। रक्तदान करने से शरीर में मौजूद दूषित विषैले पदार्थ बाहर आ जाते हैं। रक्तदान एक तरह से बाॅडी रीसायकल करता है। और नई कोशिकाओं का निर्माण होता है। जोकि कैंसर से बचाने में खास भूमिका है।
लिवर रखे स्वस्थ
रक्तदान लिवर स्वास्थ्य के फायदेमंद है। रक्तदान से लिवर झिल्ली ऊतकों को जमा विषाक्त पदार्थ को जल्दी फिल्टर करने में सहायकता मिलती है। लिवर से सम्बन्धित विभिन्न बीमारियां अपने आप हट जाती हैं।
त्वचा रखे स्वस्थ
रक्तदान से त्वचा सम्बन्धित समस्याएं जैसे कील - मुहांसे, दाग धब्बे, खाज, खुजली, रक्त खराबी, चर्म रोग, छाई, झुर्रियां विकार दूर रहते हैं। त्वचा पर नेचुरल सौंन्दर्य और स्वस्थ रखने में करना अति फायदेमंद है। रक्तदान से त्वचा के डेमेज सेल्स दोबारा सक्रीय होते हैं, नये रक्त सेल्स का विकास हो जाता है, और खराब मृत सेल्स की मरमत हो जाती है।
फ्रीे शरीरिक जांच
रक्तदान करने से व्यक्ति की फ्री में शरीरिक जांच हो जाती है। वजन, हीमोग्लोबिन, ब्लड ग्रुप, काॅलेस्ट्राॅल, ब्लडप्रेशर, एच.बी.एस.ए.जी., एच.आई.वी., हेपेटाइटिस बी, सी, वी.डी.आर.एल., मलेरिया, सिफलिस, एच.सी.वी., एवं बाॅडी स्क्रीनिंग आदि मुफ्त में हो जाती है। यह जांच व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर है। यदि व्यक्ति नहीं करवाना चाहता है। तो अनिवार्य नहीं होता है। रक्तदान करने वाले व्यक्ति की शरीर में पनपने वाले रोगों के बारे में फ्री जांच हो जाती है। सप्ताह के अन्तराल में व्यक्ति को शरीरिक जांच की रिर्पाट, ब्लड डोनर कार्ड, सर्टीफिकेट आदि सौंप दी जाती है। और 1 साल अवधि तक खुद या परिवार में किसी व्यक्ति को रक्त की जरूरत होने पर फ्री में रक्त मिल जाता है।
आत्मविश्वास बढ़ना
Blood Donate करने वाले व्यक्ति का आत्मवश्विास बढ़ जाता है। रक्तदान करने से व्यक्ति में विशेष खुशी होती है। व्यक्ति की समाज में विशेष व्यक्तित्व से पहचान होने लगती है। ब्लड डोनेट करें, स्वस्थ रहें और दूसरों को जीवन दान दें। आपका मात्र 1 यूनिट ब्लड डोनेट से 3 व्यक्तियों की जान बचाई जा सकती है। यानिकि आप 3 लोगों को जीवन दान दे रहे हैं। इसीलिए रक्तदान को महादान कहा जाता है। रक्तदान करे, स्वस्थ निरोग रहें, और दूसरों को जीवन दान दें।