सूखी काफल बीज, कायफल छाल, कायफल पाउडर - पंसारी / जड़ीबूटी की दुकान में आसानी से मिल जाती है। कायफल वृक्ष दो तरह के होते हैं। पहली कायफल स्वादिष्ठ हल्की मीठी किस्म के वृक्ष हिमालय क्षेत्रों में पाये जाते हैं, स्वादिष्ट फल छोटे बेर के आकार में गहरे लाल, लाल भूरे, हल्के जामुनी रंग में होते हैं, जिसे स्थानीय लोग बड़े चाव से खाते और बाजार में बेचते हैं। और दूसरी कायफल किस्म कडुवी तीखी होती है। जोकि उत्तर मध्य और दक्षिण भारत में पाई जाती है।
कायफल औषधीय गुणों से भरपूर एक जंगली फल है। कायफल ग्रीष्म ऋतु में होते हैं। कायफल को देव फल से भी जाना जाता है। कायफल छाल स्वाद में कडुवा, तीखा जरूर है। परन्तु कायफल किसी संजीवनी से कम नहीं है। कायफल, फल, छाल, तेल आर्युवेद में खास उपयोग की जाती है। कायफल सैकड़ों बीमारियों को नष्ट करने में सक्षम है। इसी लिए कायफल को आर्युवेद में अद्धभुत चमत्कारी औषधि से जाना जाता है।
कायफल को विभिन्न नामों जैसेकि कट्फल, बाक्समिर्टल, कायफल, कटफल, कुम्भा कायाफल, किरूशिवनी, कार्यछाल, इछालद, गड्डाद, माइरिका, काफल, उदुलबर्क, सापीड़ा, उदल, दारशिषयान, अंग्रजी में Myrica Nagi, Box Myrtle, Myrica Esculenta, Bayberry और Kafal, Katphala, Kaifal, Kaiphal आदि से जाना जाता है। आर्युवेदिक दवा रूप में कायफल से कई टाॅनिक, सिरप, तेल, हेल्दी पेय, टूथपेस्ट, क्रीम आदि तैयार किये जाते हैं। कायफल एक तरह से खास स्वास्थ्यवर्धक गुणों युक्त औषधि रूप है।
कायफल तेल तैयार करने की विधि
शरीर अंगों में दर्द सूजन, गठिया, जोड़ों के दर्द, कंधें की जकड़न, चोट, शरीर में झंझनाहट, सायटिका दर्द जैसे विभिन्न समस्याओं में कायफल तेल से सुबह और रात्रि सोने से पहले मालिष करें। हर तरह के दर्द को जड़ से नष्ट करने में कायफल तेल खास चमत्कारी औषधि रूप है।
लू लगने पर कायफल
गर्मी लू लगने पर कायफल की छाल को बारीक पीस कर 2 चम्मच रस आधा कप पानी में मिलाकर लू ग्रसित व्यक्ति को पिलाने से शीघ्र आराम मिलता है। कायफल गर्मी लू बुखार के प्रकोप को निष्क्रीय करता है।
गुप्त बीमारियों के लिए रामबाण दवा
ताजी कायफल की छाल 2 चम्मच रस को नारियल पानी के साथ पीने से वीर्य स्खलन, नाईट फाॅल, पेषाब में जलन, रूक-रूक पेषाब आने की समस्यों से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
शरीर अंग जलने पर कायफल
शरीर अंग जलने पर कायफल की छाल को बारीक पीस कर लेप लगाना फायदेमंद है। कायफल जली त्वचा को पहले जैसा स्वस्थ सुन्दर बनाने सहायक है।
पौष्टिक कायफल
पके कायफल रिच प्रोटीन, विटामिन, मिनरल तत्वों से भरपूर हैं। पके कायफल दूध के साथ खाने से गैस-कब्ज-अपचन समस्याओं से छुटकारा मिलता है। और शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा बनी रहती है। पके कायफल स्वादिष्ट पौष्टिक होते हैं।
मिर्गी मिटाये कायफल
मिर्गी रोगी के लिए कायफल खास औषधि है। मिर्गी रोगी कायफल चूर्ण गुनगुने पानी में लें, और कायफल के पत्तों या फूल को सूघें।
दांत रोग मिटाये कायफल
दांतों में दर्द, मसूड़ों से खून आना, पाइरिया, कैविटी जैसे गम्भीर समस्याओं में कायफल छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने, कायफल पाउडर से मंजन करने से जल्दी छुटकारा मिलता है। और दांत मजबूत रोगमुक्त रहते हैं।
सर्दी जुकाम कफ बलगम में कायफल
सर्दी - जुकाम, कफ बलगम समस्या में कायफल छाल लेप गले, छाती पर लगायें। और कायफल और सोंठ का काढ़ा पीयें। कायफल चूर्ण शहद के साथ मिलाकर खायें। कायफल सर्दी जुकाम कफ-बलगम दूर करने में खास औषधि मानी जाती है।
दस्त पेचिश लगने पर कायफल
दस्त पेचिश लगने पर कायफल छाल रस और पुदीना रस बूंदें गुनगुने पानी से साथ लेने से बार बार दस्त-पेचिश समस्या से आराम मिलता है। नमक मिर्च वाली चीजें नहीं खायें। दही के साथ चावल खायें।
कान से सम्बन्धित समस्याओं के लिए कायफल
कान दर्द, कान बहने, कांन में मैल जमने, बहरापन होने पर कायफल तेल में पकाकर 2-3 बूंदे कान में डालने से समस्या आराम मिलता है।
भूख बढ़ाये कायफल
भूख कम लगने की समस्या में कायफल खायें। कायफल चूर्ण गर्म पानी के साथ सेवन करना फायदेमंद है।
बांझपन में कायफल
कायफल बारीक पीसकर मिश्री के साथ मिलाकर मासिक धर्म के बाद रोज सुबह शाम दूध के साथ आधा-आधा चम्मच मिलाकर सेवन करें। बांझपन से छुटकारा दिलाने में कायफल दूध मिश्रण सहायक है।
चोट घाव जख्म में कायफल
चोट, घाव, फोड़े के चारों तरफ कायफल छाल रस और हल्दी पाउडर लेप खास रामबाण औषधि है। और कायफल के काढ़े से घाव की साफ सफाई करें। कायफल संक्रमण कीटाणु नाशक है। और तेजी से डेमेज रक्त कोशिकाओं से सूजन, संक्रमण कम कर ठीक करने में सहायक है।
गठिया, जोड़ों के दर्द में कायफल तेल
गठिया, जोड़ों के दर्द, शरीर में अन्य तरह की दर्द जकड़न झंनझंनाहट में कायफल चूर्ण को सरसों तेल में पकाकर मालिश करने से जल्दी छुटकारा मिलता है।
फटी एड्यिों पर कायफल मालिश और लेप
एड़ियों फट जाने पर रोज पावों को गर्म पानी से रगड़कर धायें। फिर कायफल पाउडर, चुटकी भर हल्दी पाउडर और तेल हल्का गर्म कर फटी एड्यिों पर मालिश करें। फटी एड्यिों के लिए कायफल किसी चमत्कारी दवा से कम नहीं है।
अल्सर में कायफल
पके कायफल फल को उबालें, फिर छान कर पानी पीयें। अल्सर बीमारी में पके कायफल उबाल कर पीना खास फायदेंमद है।
डायबिटीज में कायफल
डायबिटीज में घबराहट, पसीना आने, चक्कर आने पर कायफल चूर्ण शरीर पर मले। और कायफल चूर्ण गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। कायफल छाल चूर्ण डायबिटीज मरीज के लिए फायदेमंद है। डायबिटीज मरीज पके कायफल आसानी से खा सकते हैं। परन्तु पके कायफल सीमित मात्रा में खायें।
पाईल्स में कायफल
बवासीर होने पर कायफल चूर्ण, हींग, गाय का घी लेप गुदा घाव मस्सों पर लगाने से मस्सों, जख्म संक्रमण, दर्द से आराम मिलता है। और पके कार्यफल दूध के साथ सुबह शाम खायें। मिर्च, मसाला, तली भुनी चीजें, अचार, सौंफ, चटपटा खाने से बचें। कार्यफल और फल पाईल्स को धीरे-धीरे जड़ से मिटाने में सहायक है।
श्वास दमा में कायफल
दमा मरीज के लिए कायफल छाल काढ़ा पीना फायदेमंद है। कायफल छाल काढ़ा अस्थमा को मरीज के लिए खास औषधि है।
कायफल से सेवन में सावधानियां
- कायफल 300 ग्राम छाल
- सरसों तेल 600 ग्राम
- दालचीनी 30 ग्राम
- कपूर 6 टिकियां
शरीर अंगों में दर्द सूजन, गठिया, जोड़ों के दर्द, कंधें की जकड़न, चोट, शरीर में झंझनाहट, सायटिका दर्द जैसे विभिन्न समस्याओं में कायफल तेल से सुबह और रात्रि सोने से पहले मालिष करें। हर तरह के दर्द को जड़ से नष्ट करने में कायफल तेल खास चमत्कारी औषधि रूप है।
लू लगने पर कायफल
गर्मी लू लगने पर कायफल की छाल को बारीक पीस कर 2 चम्मच रस आधा कप पानी में मिलाकर लू ग्रसित व्यक्ति को पिलाने से शीघ्र आराम मिलता है। कायफल गर्मी लू बुखार के प्रकोप को निष्क्रीय करता है।
गुप्त बीमारियों के लिए रामबाण दवा
ताजी कायफल की छाल 2 चम्मच रस को नारियल पानी के साथ पीने से वीर्य स्खलन, नाईट फाॅल, पेषाब में जलन, रूक-रूक पेषाब आने की समस्यों से छुटकारा दिलाने में सहायक है।
शरीर अंग जलने पर कायफल
शरीर अंग जलने पर कायफल की छाल को बारीक पीस कर लेप लगाना फायदेमंद है। कायफल जली त्वचा को पहले जैसा स्वस्थ सुन्दर बनाने सहायक है।
पौष्टिक कायफल
पके कायफल रिच प्रोटीन, विटामिन, मिनरल तत्वों से भरपूर हैं। पके कायफल दूध के साथ खाने से गैस-कब्ज-अपचन समस्याओं से छुटकारा मिलता है। और शरीर में अतिरिक्त ऊर्जा बनी रहती है। पके कायफल स्वादिष्ट पौष्टिक होते हैं।
मिर्गी मिटाये कायफल
मिर्गी रोगी के लिए कायफल खास औषधि है। मिर्गी रोगी कायफल चूर्ण गुनगुने पानी में लें, और कायफल के पत्तों या फूल को सूघें।
दांत रोग मिटाये कायफल
दांतों में दर्द, मसूड़ों से खून आना, पाइरिया, कैविटी जैसे गम्भीर समस्याओं में कायफल छाल का काढ़ा बनाकर कुल्ला करने, कायफल पाउडर से मंजन करने से जल्दी छुटकारा मिलता है। और दांत मजबूत रोगमुक्त रहते हैं।
सर्दी जुकाम कफ बलगम में कायफल
सर्दी - जुकाम, कफ बलगम समस्या में कायफल छाल लेप गले, छाती पर लगायें। और कायफल और सोंठ का काढ़ा पीयें। कायफल चूर्ण शहद के साथ मिलाकर खायें। कायफल सर्दी जुकाम कफ-बलगम दूर करने में खास औषधि मानी जाती है।
दस्त पेचिश लगने पर कायफल
दस्त पेचिश लगने पर कायफल छाल रस और पुदीना रस बूंदें गुनगुने पानी से साथ लेने से बार बार दस्त-पेचिश समस्या से आराम मिलता है। नमक मिर्च वाली चीजें नहीं खायें। दही के साथ चावल खायें।
कान से सम्बन्धित समस्याओं के लिए कायफल
कान दर्द, कान बहने, कांन में मैल जमने, बहरापन होने पर कायफल तेल में पकाकर 2-3 बूंदे कान में डालने से समस्या आराम मिलता है।
भूख बढ़ाये कायफल
भूख कम लगने की समस्या में कायफल खायें। कायफल चूर्ण गर्म पानी के साथ सेवन करना फायदेमंद है।
बांझपन में कायफल
कायफल बारीक पीसकर मिश्री के साथ मिलाकर मासिक धर्म के बाद रोज सुबह शाम दूध के साथ आधा-आधा चम्मच मिलाकर सेवन करें। बांझपन से छुटकारा दिलाने में कायफल दूध मिश्रण सहायक है।
चोट घाव जख्म में कायफल
चोट, घाव, फोड़े के चारों तरफ कायफल छाल रस और हल्दी पाउडर लेप खास रामबाण औषधि है। और कायफल के काढ़े से घाव की साफ सफाई करें। कायफल संक्रमण कीटाणु नाशक है। और तेजी से डेमेज रक्त कोशिकाओं से सूजन, संक्रमण कम कर ठीक करने में सहायक है।
गठिया, जोड़ों के दर्द में कायफल तेल
गठिया, जोड़ों के दर्द, शरीर में अन्य तरह की दर्द जकड़न झंनझंनाहट में कायफल चूर्ण को सरसों तेल में पकाकर मालिश करने से जल्दी छुटकारा मिलता है।
फटी एड्यिों पर कायफल मालिश और लेप
एड़ियों फट जाने पर रोज पावों को गर्म पानी से रगड़कर धायें। फिर कायफल पाउडर, चुटकी भर हल्दी पाउडर और तेल हल्का गर्म कर फटी एड्यिों पर मालिश करें। फटी एड्यिों के लिए कायफल किसी चमत्कारी दवा से कम नहीं है।
अल्सर में कायफल
पके कायफल फल को उबालें, फिर छान कर पानी पीयें। अल्सर बीमारी में पके कायफल उबाल कर पीना खास फायदेंमद है।
डायबिटीज में कायफल
डायबिटीज में घबराहट, पसीना आने, चक्कर आने पर कायफल चूर्ण शरीर पर मले। और कायफल चूर्ण गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। कायफल छाल चूर्ण डायबिटीज मरीज के लिए फायदेमंद है। डायबिटीज मरीज पके कायफल आसानी से खा सकते हैं। परन्तु पके कायफल सीमित मात्रा में खायें।
पाईल्स में कायफल
बवासीर होने पर कायफल चूर्ण, हींग, गाय का घी लेप गुदा घाव मस्सों पर लगाने से मस्सों, जख्म संक्रमण, दर्द से आराम मिलता है। और पके कार्यफल दूध के साथ सुबह शाम खायें। मिर्च, मसाला, तली भुनी चीजें, अचार, सौंफ, चटपटा खाने से बचें। कार्यफल और फल पाईल्स को धीरे-धीरे जड़ से मिटाने में सहायक है।
श्वास दमा में कायफल
दमा मरीज के लिए कायफल छाल काढ़ा पीना फायदेमंद है। कायफल छाल काढ़ा अस्थमा को मरीज के लिए खास औषधि है।
कायफल से सेवन में सावधानियां
- कायफल ज्यादा सेवन से पेट दर्द और उल्टी की शिकायत हो सकती है।
- कायफल सीमित मात्रा में सेवन करें अधिक मात्रा में लेने से लीवर कमजोर हो सकता है।
- गर्भावस्था के 6 महीने के बाद कायफल चूर्ण सेवन मना है।
- 5 वर्ष से छोटे बच्चों के लिए कायफल चूर्ण मना है।
- कायफल चूर्ण दिन में केवल दोबार ही सेवन की जा सकती है।
- पके कायफल जूस और फल स्वादिष्ट पौष्टिक होते हैं।