गर्मी मौसम आते ही फ्रीज, बर्फ पानी या रेफ्रिजेरेटर ठंड़ा पानी पीने से राहत सी मिलती है। ठंड़ा पानी जहां एक ओर शरीर को शीतलता शांति पहुंचाता है। वहीं दूसरी तरफ से विभिन्न समस्याएं उत्पन्न करता है। ठंड़ा पानी पाचन, पित्ताशय, गले, दांतों आदि तरह से दुष्प्रभाव डालता है। ठंड़ा पानी एक तरह से रोगप्रतिरोधक क्षमता कमजोर करता है। ज्यादा ठंड़ा पानी सेहत के लिए हानिकारक है।
ठंड़ा पानी से होने वाले स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव नुकसान / Cold Chilled water Side Effects / Thanda Pani Sehat ke liye Nuksan dayak
ठंड़ा पानी स्वास्थ्य के क्यों हानिकारक है
सामान्य रूप से स्वस्थ शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फाॅरेनहाइट यानिकि 38 डिग्री सेल्सियस तक होता है। शोध अनुसार स्वस्थ शरीर के लिए 22 डिग्री सेल्सियस तापमान वाला पानी पीना सही माना जाता है। 22 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा ठंड़ा पानी शरीर को नुकसानदायक होता है।
कब्ज, अपचन करे ठंड़ा पानी
ठंड़ा पानी एक तरह से पाचन तंत्र को कमजोर करता है। ठंड़ा पानी बड़ी आंत को सिकुड़ती है, और पाचन अम्ल क्षीर - रस को कम करती है, जिससे अपचन, पेट भारी, कब्ज, गैस्टिक जैसी समस्याएं होती हैं। जो लोग ठंड़ा पानी पीने के अधिक आदि होते हैं, उन्हें पेट, अपचन, अन्य रूप से कई बीमारियां जकड़ लती हैं।
हार्ट अटैक रिस्क बढ़ाये ठंड़ा पानी
हार्ट धमनियों का ठंड़े पानी से खास तालुक है। खाने के दौरान और खाने के तुरन्त बाद ठंड़ा पानी हार्ट अटैक खतरा 30 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। ठंड़ा पानी एक तरह से हृदय गति को धीमा करता है। और हृदय धमनियों को अवरूद्ध करता है।
मोटापा बढ़ाये ठंड़ा पानी
ठंड़ा पानी पीने से पाचन प्रक्रिया दक्षता धीमी और अवरूद्ध हो जाती है। पानी पीने के बाद पाचन अम्ल के घुलने पर फैट में बदल देती है। ठंड़े पानी के जगह नाॅमल पानी पीना ज्यादा फायदेमंद है।
सर्दी, जुकाम, कफ, बलगम समस्या उत्पन्न करे ठंड़ा पानी / Cold Water causes of, Cold, Cough, Flu and Sore Throatबाहर से आने पर तुरन्त ठंड़ा पीने पर या खाने के तुरन्त बाद ठंड़ा पानी से सीधे बलगम बनता है। जिसका अहसास व्यक्ति को 1 बाद ही जुकाम, सर्दी, खांसी, ज्वर के रूप में झेलनी पड़ती है। ज्यादा ठंड़ा पानी एक तरह से सीधे गले कंठ पर दुष्प्रभाव डालता है।
दांतों के घातक ठंड़ा पानी
ज्यादा ठंड़ा पानी दांतों मसूड़ों को कमजोर करता है। ठंड़ा पानी पीने से दांत हिलना, दांतों में झंझनाहट, दांत दर्द अल्जाइमर जैसी समस्याए उत्पन्न हो सकती हैं।
भोजन से पौषक तत्त घटाये ठंड़ा पानी
ठंड़ा पानी एक तरह से पाचन अम्ल को प्रभावित कर पाचन तंत्र से खाये आहार से जरूरी पोषक तत्वों को कम कर देती है। जिससे शरीर को समान्तर ऊर्जा नहीं मिल पाती है।
शरीर में झंझनाहट, जोड़ों का दर्द करे ठंड़ा पानी
लगातार ज्यादा ठंड़ा पानी पीने से हाथों, पैरों, पशलियों, कंधे, पीठ पर झंझनाहट समस्या हो सकती है। और पौढ़ वर्ग को घुटनों, जोड़ों के दर्द की समस्या हो सकती है। ठंड़ा पानी भोजन को ग्लूकोस में बदलने के प्रक्रिया विघटित होने पर झंझनाहट, जोड़ों घुटनों, यूरिक एसिड़ समस्या हो सकती है।
आंत रोग, पाइल्स खतरा बढ़ाये ठंड़ा पानी
लगातार ठंड़ा पीनी पीने से पाईल्स, आंतों को रोग होने का सम्भावनाएं अधिक बढ़ जाती हैं। एक तरह से ठंड़ा पानी पेट आंतों में अपचित आहार को मल परत रूप में जमा करने लगाता है। आंतों की परत पर जमने लगता है, जिससे आंतों के विभन्न रोग और बवासीर होने का खतरा बना रहता है।
ठंड़ा पानी पीने में सावधानियां
सामान्य रूप से स्वस्थ शरीर का तापमान 98.6 डिग्री फाॅरेनहाइट यानिकि 38 डिग्री सेल्सियस तक होता है। शोध अनुसार स्वस्थ शरीर के लिए 22 डिग्री सेल्सियस तापमान वाला पानी पीना सही माना जाता है। 22 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा ठंड़ा पानी शरीर को नुकसानदायक होता है।
कब्ज, अपचन करे ठंड़ा पानी
ठंड़ा पानी एक तरह से पाचन तंत्र को कमजोर करता है। ठंड़ा पानी बड़ी आंत को सिकुड़ती है, और पाचन अम्ल क्षीर - रस को कम करती है, जिससे अपचन, पेट भारी, कब्ज, गैस्टिक जैसी समस्याएं होती हैं। जो लोग ठंड़ा पानी पीने के अधिक आदि होते हैं, उन्हें पेट, अपचन, अन्य रूप से कई बीमारियां जकड़ लती हैं।
हार्ट अटैक रिस्क बढ़ाये ठंड़ा पानी
हार्ट धमनियों का ठंड़े पानी से खास तालुक है। खाने के दौरान और खाने के तुरन्त बाद ठंड़ा पानी हार्ट अटैक खतरा 30 प्रतिशत तक बढ़ सकता है। ठंड़ा पानी एक तरह से हृदय गति को धीमा करता है। और हृदय धमनियों को अवरूद्ध करता है।
मोटापा बढ़ाये ठंड़ा पानी
ठंड़ा पानी पीने से पाचन प्रक्रिया दक्षता धीमी और अवरूद्ध हो जाती है। पानी पीने के बाद पाचन अम्ल के घुलने पर फैट में बदल देती है। ठंड़े पानी के जगह नाॅमल पानी पीना ज्यादा फायदेमंद है।
सर्दी, जुकाम, कफ, बलगम समस्या उत्पन्न करे ठंड़ा पानी / Cold Water causes of, Cold, Cough, Flu and Sore Throatबाहर से आने पर तुरन्त ठंड़ा पीने पर या खाने के तुरन्त बाद ठंड़ा पानी से सीधे बलगम बनता है। जिसका अहसास व्यक्ति को 1 बाद ही जुकाम, सर्दी, खांसी, ज्वर के रूप में झेलनी पड़ती है। ज्यादा ठंड़ा पानी एक तरह से सीधे गले कंठ पर दुष्प्रभाव डालता है।
दांतों के घातक ठंड़ा पानी
ज्यादा ठंड़ा पानी दांतों मसूड़ों को कमजोर करता है। ठंड़ा पानी पीने से दांत हिलना, दांतों में झंझनाहट, दांत दर्द अल्जाइमर जैसी समस्याए उत्पन्न हो सकती हैं।
भोजन से पौषक तत्त घटाये ठंड़ा पानी
ठंड़ा पानी एक तरह से पाचन अम्ल को प्रभावित कर पाचन तंत्र से खाये आहार से जरूरी पोषक तत्वों को कम कर देती है। जिससे शरीर को समान्तर ऊर्जा नहीं मिल पाती है।
शरीर में झंझनाहट, जोड़ों का दर्द करे ठंड़ा पानी
लगातार ज्यादा ठंड़ा पानी पीने से हाथों, पैरों, पशलियों, कंधे, पीठ पर झंझनाहट समस्या हो सकती है। और पौढ़ वर्ग को घुटनों, जोड़ों के दर्द की समस्या हो सकती है। ठंड़ा पानी भोजन को ग्लूकोस में बदलने के प्रक्रिया विघटित होने पर झंझनाहट, जोड़ों घुटनों, यूरिक एसिड़ समस्या हो सकती है।
आंत रोग, पाइल्स खतरा बढ़ाये ठंड़ा पानी
लगातार ठंड़ा पीनी पीने से पाईल्स, आंतों को रोग होने का सम्भावनाएं अधिक बढ़ जाती हैं। एक तरह से ठंड़ा पानी पेट आंतों में अपचित आहार को मल परत रूप में जमा करने लगाता है। आंतों की परत पर जमने लगता है, जिससे आंतों के विभन्न रोग और बवासीर होने का खतरा बना रहता है।
ठंड़ा पानी पीने में सावधानियां
- जब भी प्यास लगे, सीधे फ्रीज का ठंड़ा पानी नहीं पीयें। ठंड़े पानी में नाॅमल पानी मिलाकर पीयें।
- पानी एक सांस में नहीं पीना चाहिए, एक-एक घूंट कर पीयें।
- तेज धूप, दौड़ भाग, व्यायाम के तुरन्त बाद ठंड़ा पानी नहीं पीयें। थोड़ी देर आराम कर ठंड़ा पानी नाॅमल पानी में मिलाकर पीयें।
- खाने के दौरान या फिर खाने तुरन्त बाद ठंड़ा पानी पीने से बचें।
- हमेशा 22 डिग्री सेल्सियस तक नाॅमल ठंड़ा पानी पीयें।
- साफ और नाॅमल पानी पीयें। पानी शरीर के लिए जीवन दायक है, और ज्यादा ठंड़ा, दूषित पानी ही शरीर को विभिन्न रोग विकारों से घेर लेती है।
- खड़े होकर पानी पीने से बचें, बैठकर, आराम से पानी पीयें।
- मीठा खाने के तुरन्त बाद ठंड़ा पानी नहीं पीयें।
- पानी पीने में हमेशा सावधानियां बर्तें।
- ठंड़े पानी के वजाय नाॅमल पानी पीना ज्यादा फायदेमंद है।