ईसीजी टेस्ट को इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम भी कहा जाता है। ECG Test हृदय वहिकाओं में रक्त संचार की कमी, आक्सीजन की कमी, ब्लाॅकेज, ऊतकों की असमान्य स्थिति, सीने में दर्द, सूजन, सांस लेने में रूकावट, हार्ट अटैक लक्षण और हर तरह से हृदय गतिविधियों की स्वास्थ्य जांच के लिए किया जाता है। जिसमें हृदय धड़कने की गति, अटरिया, निलय चैम्बर, बेनट्रिक्लस - धमनियों और हृदय से निकलने वाली तरंगों ECG Interpretation के माध्यम से चिकित्सक हृदय से सम्बन्धित बीमारियों को पता लगा लेते हैं। ECG Machine हृदय के विद्युतीय तंरगों को ग्राफ (ट्रेसिंग लाइन) के रूप में हरे और लाल या काले रंग में दर्शाती है। जिस स्पाइक्स और डिप्स पैटर्न कहा जाता है।
ईसीजी प्रक्रिया-तैयारी क्या है ?
- ईसीज टेस्ट से पहले कार्डियोलाॅजिस्ट / चिकित्सक के दिये गये निर्देशों का पालन करें।
- ईसीज एक साधरण सुरक्षित प्रक्रिया है। शांत और आराम से बिना घबराहट के ईसीजी करवाना चाहिए।
- ईसीजी करवाने से पहले ठंड़ा पानी से परहेज, ठंड़ी चीजें सेवन से परहेज और व्यायाम करने से बचें।
- ईसीजी टेस्ट लेने से पहले चिकित्सक अस्पताल में मुहईया किये गये गाउन, आरामदायक कपड़े पहनने की सलाह दे सकते हैं।
- ईसीजी से पहले शरीर पास से मोबाईल, चाबी, गहने, सिक्के, बेल्ट आदि हर तरह की धातु चीजें ECG Monitor से दूर रखवा देते हैं।
- ईसीजी करवाते समय व्यक्ति को शांत स्थिर रहने की जरूरत होती है। कार्डियोलाॅजिस्ट/चिकित्सक लेटने की सलाह दे सकते हैं।
- शांत स्थिर अवस्था में ईसीजी मशीन इलेक्ट्रकल तरंगें आसानी से सही-सही रिकाॅर्ड करती हैं।
- बीच-बीच में कार्डियोलाॅजिस्ट / चिकित्सक कुछ क्षणों के लिए सांस रोकने, हल्की सांस लेने को भी कह सकते हैं।
- शरीर, छाती साफ सुथरी रखनी पड़ती है, जिससे इलेक्ट्रोड को आसानी से शरीर पर चिपकाया जा सके। और ECG Heart Monitor सही तरह से कर सके।
- ECG Electrodes शरीर पर चिपकाने के लिए जेल/लिक्वड/लोशन लगाया जा सकता है।
- इलेक्ट्रोडस सीने पर लगाये जाते हैं, जिनमें किसी तरह की बिजली नहीं होती है। इलेक्ट्रोड पूर्ण रूप से सुरक्षित है।
- ईसीजी करवाते समय लगभग 12 - 15 इलेक्ट्रोड शरीर पर चिपकाये जाते हैं।
- इलेक्ट्रोड तारें ईसीजी मशीन के साथ जुड़ी होती हैं।
- समान्य ईसीजी टेस्ट में लगभग 10-15 मिनट का समय लग सकता है।
- अन्तिम प्रक्रिया में इलेक्ट्रोड द्धारा भेजी गई इलेक्ट्रिकल तरंगें सादे पेपर पर लाल - हरे या काले रंग में मैप ग्राफ की तरह प्रिट हो जाती हैं।
- ईसीजी जांच पूरी हो जाने पर पैड /इलेक्ट्रोड हो शरीर से अलग कर देते हैं।
- ईसीजी टेस्ट रिपोर्ट से एक्सपर्ट / कार्डियोलाॅजिस्ट / चिकित्सक को हार्ट रोगों की समीक्षा और उपचार - इलाज करने में आसानी रहती है।
ईसीजी टेस्ट कब करवाया जाता है ?
- लगातार उच्चरक्तचाप अनियंत्रित।
- सीने में दर्द रहने पर।
- हृदय धड़कनों का घटना - बढ़ना अनियमित होना।
- छाती में जलन और सांस लेने में तकलीफ होना।
- बिना कार्य किये पसीना आना और घबराहट महसूस होना।
- धमनियों में ब्लाॅकेज, क्लोटिंग की स्थिति पर।
- डायबिटीज अनियंत्रित रहने पर।
- हार्ट सम्बन्धित बीमारियों को जानने के लिए।
- जिम, व्यायामशाला आरम्भ करने से पहले।
- कम आक्सीजन वाले पर्वतीय क्षेत्रों, जगह के दौरे से पहले।
- हार्ट वाल्व में खराबी आने पर।
- हार्ट अटैक के सिम्टमस महसूस होने पर।
- दवाईयों के साईड इफेक्टस का दिल पर दुष्प्रभाव जानने के लिए भी ईसीजी की जाती है।
- हार्ट अटैक आने के बाद हृदय वहिकाओं, मांसपेशियों की स्थति का पता लगाने के लिए।
- हार्ट अटैक के दौरान अस्पताल में उपचार के दौरान।
- ईसीजी टेस्ट कार्डियोलाॅजिस्ट / चिकित्सक के परामर्श के आधार पर रोगों को जानने के लिए किया जाता है।
- ईसीजी जांच कार्डियोलाॅजिस्ट के परामर्श अनुसार किया जाता है।
ईसीजी प्रकार / ECG Reading:
रेस्टिंग 12 लीड ईसीजी
रेस्टिंग 12 लीड ईसीजी को साधारण टेस्ट भी कह सकते हैं। इस टेस्ट में इलेक्ट्रोड हाथ, कलाई, एड़ियों और छाती पर लगाये जाते हैं। रेस्टिंग लीड ईसीजी में 12 तरह से हार्ट मैपिंग रिकाॅर्ड किये जाता है। व्यक्ति शांत लेट कर सामान्य स्थति में टेस्ट करवाना पड़ता है।स्ट्रेंस ईसीजी टेस्ट
स्ट्रेंस ईसीजी टेस्ट को ट्रेडमील टेस्ट से भी पुकारा जाता है। यह टेस्ट व्यक्ति के तनाव स्थिति में, साईकिलिंग, लम्बी दौड़, खास व्यायाम अभ्यास - जिम, लम्बी पैदल यात्रा या पर्वतारोहण आदि शुरू करने से पहले किया जा सकता है। स्ट्रेंस टेस्ट परीक्षण के लिए ट्रेडमिल पर दौड़या जा सकता है। जिसे Treadmill Stress Test Interpretation भी कहा जाता हैहोल्टर माॅनिटर ईसीजी टेस्ट
यह टेस्ट बीमारियों में चक्कर, बेहोशी, रक्तचाप अनियंत्रण, छाती में जलन दर्द, धड़कन बढ़ने-घटने, एनेस्थीसिया आदि बीमारियों की स्थिति में निगरानी के लिए किया जाता है। होल्टर माॅनिटर ईसीजी टेस्ट 24 घण्टे लग सकते हैं। इस टेस्ट में इलेक्ट्रोडस पोर्टेबल बैटरी माॅनिटर को छाती से लगाया जा सकता है। यह 24 HR ECG Monitoring टेस्ट है। हार्ट रोगों को जानने के लिए होल्टर माॅनिटर ईसीजी टेस्ट अच्छा माध्यम है।इवेंट माॅनिटर ईसीजी टेस्ट
अधिक तरह के बीमारियों के लक्षणों को रिकाॅर्ड करने के लिए इलेक्ट्रोड हर समय सीने से जुड़े रहते हैं। यह आटोमेटिकली कार्य करते हैं। और हर मूवमैंट की निगरानी करते हैं। अलग इवेंट रिकोर्डर के लिए बटन दबाया जाता है। इवेंट माॅनिटर से चिकित्सक को रोगों की समीक्षा और पहचाने में सहायता मिलती है।फैटल - सिग्नल ईसीजी टेस्ट
इस टेस्ट में हृदय घड़कने अनियत्रित होने पर किया जाता है। ईसीजी ट्रेसिंग प्रक्रिया में 15 से 20 मिनट तक का समय लग सकता है। कई बार हृदय घड़कन गति मैपिंग के लिए कुछ-कुछ समय बाद भी सिग्नल ईसीजी टेस्ट किया जाता है।कार्डियो पल्मोनरी ईसीजी
यह टेस्ट हृदय और फेफड़ों की गतिविधियों की मैपिंग के लिए किया जाता है। वाल्व लगातार, ट्रेडमिल, इलेक्ट्रोड की मद्द से रक्तचाप, हृदय घड़कन फेफड़ों की गतिविधियों की निगरानी करता है। जिससे Electrocardiogram Waves स्थिति का पता आसानी से लग जाता है।ईसीज उपयोग
- ईसीजी दिल से सम्बन्धित बीमारियों को पहचानने की अच्छी तकनीक है।
- इससे दिल की इलेक्ट्रिकल तंरगों से रोगों की समीक्षा करने में आसानी रहती है।
- ईसीजी के माध्यम से हृदय धमनियों में रक्त संचार की कमी को आसानी से मापा जा सकता है।
- हृदय घड़कन बढ़ने - घटने की असामान्य स्थिति को आसानी से मापा जा सकता है। पुरूष दिल घड़कन 60 से 80 और महिलाआ दिल घड़कन 70 से 90 के मध्य समान्य स्थिति है। परन्तु अधिक कम होने पर रोगों की ओर संकेत है।
- शरीर में आक्सीजन की कमी होने पर हृदय ऊतकों - धमनियों में रूकावट शुरू हो जाती है। ईसीजी टेस्ट से हृदय आक्सीकरण संचार को भी आसानी से मापा जा सकता है।
- शरीर में कैल्शियम, पोटेशियम और आयरन की गड़बड़ी को इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम से भी मापा जा सकता है।
- हार्ट - कार्डिटिस, हृदय सूजन, हृदय दर्द में ईसीजी जांच अच्छा माध्यम है।
- हार्ट पेशेंट का प्रत्यारोपित पेसमेकर के साथ-साथ इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम जांच भी की जाती है। पेसमेकर की सही और गलत दोनों स्थिति की माॅनिटरिंग करता है।
- ट्रेडमिल निगेटिव है, और सिम्टमस असामान्य हैं, तो भविष्य में हार्ट अटैक आने से बचने के लिए समय पर उपचार आसान हो जाता है। हार्ट अटैक से बचा जा सकता है।
- नशा साईड इफेक्टस, हाई ब्लडप्रेशर, फैट, हाई कोलेस्ट्राॅल, डायबिटीज, अनियत्रित हार्ट पल्स का दिल पर होने वाले विभिन्न दुष्प्रभाव आसानी से पता चल जाते हैं। जिससे व्यक्ति समय रहते सर्तक हो जाता है। और बीमारी पकड़ में आने से समय पर सही उपचार मिल जाता है।
- Electrocardiogram / ECG एक तरह से प्रभावशाली तकनीक है। जिससे कार्डियोलाॅजिस्ट / चिकित्सक को रोगों की समीक्षा, पहचानने और उपचार करने में आसानी रहती है।