महिलाओं में होने वाली आम स्वास्थ्य समस्याएं Female Common Diseases in Hindi Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi महिलाओं में होने वाली आम स्वास्थ्य समस्याएं Female Common Diseases in Hindi - Health Tips in Hindi, Protected Health Information, Ayurveda Health Articles, Health News in Hindi

महिलाओं में होने वाली आम स्वास्थ्य समस्याएं Female Common Diseases in Hindi

बदलते दौर में महिलाओं की जीवन शैली दिनचर्या बहुत बदल चुकी है। घर-परिवार से लेकर आॅफिस, बाहर के कार्यों को सम्भालते हुए स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। जिसकी वजह से विभिन्न बीमारियों और तनाव से ग्रसित हो जाती हैं। पुरूर्षों की तुलना में महिलाओं में स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याएं अधिक रहती हैं। जिन्हें नाकारा नहीं जा सकता है। समय पर प्रचलित स्वास्थ्य सम्बन्धित समस्याओं का निवारण जरूरी है। महिला परिवार की मुख्य डोर होती है।

महिलाओं में प्रचलित स्वास्थ्य समस्याएं / Female Common Diseases / Mahilaon me Swasthya Samasyayen


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शरीर में रक्त की कमी

90 प्रतिशत महिलाओं में रक्त की कमी पाई जाती हैं। शरीरिक कमजोरी, चक्कर आने, थकान महसूस करने, भूख कम लगने पर तुरन्त चिकित्सक से सलाह लें। शोध अनुसार भारत हर 5 में से 2 महिलाएं अनीमिया / हीमोग्लोबिन से ग्रसित हैं। पुरूर्षों की तुलना में महिलाओं में रक्त कमी ज्यादा आंकी गई।

असाधारण समस्याएं

सिर दर्द, चक्कर आना, चिड़चिड़ापन, सांस लेने में दिक्कत, कमर दर्द और पाचन तंत्र में गडबड़ी की समस्याएं महिलाओं प्रचलित बीमारियां हैं। जोकि तनाव, खराब दिनचर्या, वर्कलोड और संतुलित पोषण की कमी की वजह से माना जाता है। इस तरह की छोटी-छोटी समस्याओं को नकारा नहीं जा सकता है।

काॅलोस्ट्राॅल और ब्लडप्रेशर अनियंत्रण

दिन प्रतिदिन महिलाओं में काॅलोस्ट्राॅल और ब्लडप्रेशर अनियंत्रण समस्या आम होती जा रही है। हर 10 में से 4 महिलाओं को काॅलोस्ट्राॅल और ब्लडप्रेशर अनियंत्रण की समस्या है। जोकि चिन्ता का विषय है।

ब्रेस्ट कैंसर

आयु बढ़ने के साथ-साथ महिलाओं में स्तन कैंसर और स्तन गांठ बनने की समस्या आम होती जा रही है। बेस्ट कैंसर, ब्रेस्ट ट्यूमर, डीएथीलसिबेस्ट्राॅल मेडिसिन, मासिक धर्म गड़बड़ी, म्यूटेशन, अन्हेल्दी खान-पान और खराब जीवनशैली है।

हड्डी रोग (आस्टियोपोरोसिस)

महिलाओं में 40 वर्ष उपरान्त हड्डियों में कमजोरी, हड्डियों का विकास में रूकावट, हड्डियां फ्रैक्चर और हड्डियों में दर्द की समस्या आरम्भ हो जाती है। जोकि महिलाओं में व्यस्त दिनचर्या, शारीरिक वर्कआउट की कमी और संतुलित भोजन की कमी एक मुख्य वजह है।

आयरन, कैल्शियम, फाॅलिक एसिड, विटामिन - मिनरल

महिलाओं में प्रचलित बीमारियों का एक मुख्य शरीर में आयरन, कैल्शियम, फाॅलिक एसिड, विटामिन - मिनरल, खनिज तत्वों पर्याप्त पोषण की कमी है। जिससे महिलाओं को विभिन्न बीमारियों आसानी से घेर लेती हैं।

मासिक धर्म में गड़बड़ी

अधिकत्तर महिलाओं में मासिक धर्म की गड़बड़ी, देर तक बिलीड़िग, स्वेतप्रदर, धातु रोग, योनि संक्रमण जैसी प्रचलित समस्या रहती है। जिससे महिलाओं में नजर कमजोर, रक्त की कमी, त्वचा एलर्जी, चेहरे पर छाई, दाग, मुहांसे, भूख कम लगना, थकान, कमर दर्द, सिर दर्द, हड्डियों जोड़ों में दर्द, आदि कमजोरियां होने लगती हैं।

महिलाओं में तनाव

शोध अनुसार महिलाओं में पुरूर्षों की तुलना में अधिक तनाव रहता है। महिलाओं में घर परिवार की अधिक जिम्मेवारी, वर्कलोड, मानसिक प्रताड़ना, शोषण और असंतुलित खान पान की वजह तनाव का एक मुख्य कारण है। शोध अनुसार लगभग 15 मिलियन महिलाएं डिप्रेशन से ग्रसित है। महिलाएं अन्दर ही अन्दर स्वाभाविक रूप से तनाव में रहती हैं। परन्तु फिर भी अधिकत्तर महिलाएं तनाव, दुःख, इमोशन को छिपाये रहती है। महिलाओं को समझें, तनाव से बाहर निकालें और जोकि बातें उलझनें हैं, उन्हें आपस में बांटे - विचार विर्मश करें।

इम्यून सिस्टम कमजोर

महिलाओं में इम्यून सिस्टम कमजोर होने से बुखार, जुकाम, सरदर्द, पीठ दर्द, हड्डियों में दर्द, थकान, चिड़चिड़ापन जैसी छोटी-बड़ी बीमारियां होना स्वाभाविक है। अकसर इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर बीमारियां आसानी से शरीर पर अटैक करती हैं। कमजोर इम्यून टिश्यू रोगों को रोक नहीं पाते हैं।

योनी संक्रमण

वेजाइना इंफेक्शन एक तरह से योनी में जलन, खुजली, रेडनेस, एबनाॅर्मल डिस्चार्ज बदबू, त्वचा संक्रमण है। वेजाइना इंफेक्शन एक्सट्रीम इलनेस, तंग कपड़े, साफ सफाई कमी, सेक्सुअल क्रिया, स्वेतप्रदर, एक मुख्य कारण है। इस तरह की छोटी छोटी समस्याओं को नाकारे नहीं, तुरन्त महिला एक्सपर्ट से सलाह लें।

पर्याप्त नींद

अधिकत्तर महिलाएं पर्याप्त नींद नहीं ले पाती हैं। स्वस्थ शरीर के लिए लगभग 7 घण्टे की नींद जरूरी है। पूर्ण नींद लेने से मस्तिष्क, धमनियां और शरीर पूर्ण रूप से काफी हद तक स्वस्थ रहता है। बदलते दौर में व्यस्त दिनचर्या के साथ पूर्ण नींद भी जरूरी है। नींद की कमी से सरदर्द, गैस, कब्ज, अपचन, तनाव और विभिन्न तरह की बीमारियां आसानी से शरीर को घेर लेती हैं।

मेटाबाॅलिक सिंड्रोम

शरीर को संतुलित पोष्टिक आहार की कमी, योगा व्यायाम नहीं कर पाना, खराब जीवन शैली की वजह से मेटाबाॅलिक सिंड्रोम समस्या तेजी से बढ़ रही है। इंन्सुलिन स्तर असामान्य, फैट्स अनियंत्रित, कार्बोहाइड्रेट इमबेलेन्स, हार्मोंस में बदाव के कारण शरीर में मोटापा बढ़ना, अचानक कमजोरी होना, शरीर विकृति, वसा जमना, गुप्त रोग होना, त्वचा एलर्जी, ब्लडप्रेशर, ग्लूकोज, थायराइड जैसी कई गम्भीर मेटाबाॅलिक समस्याए उत्पन्न हो जाती है।

हृदय स्वास्थ्य

महिलाओं में हृदय सम्बन्धित बीमारियां दिन प्रति तेजी से बढ़ रही हैं। जोकि पुरूर्षों की तुलना में लगभग 30 अधिक है। जोकि व्यस्त जीवन शैली की वजह से स्वास्थ्य पर ध्यान नहीं दे पाती हैं। महिलाओं में उपरोक्त प्रचलित बीमारियों को नाकारे नहीं। बीमारियों के लक्षणों का समय पर चिकित्सक / महिला एक्सपर्ट की सलाह और उपचार जरूरी है। महिलाएं परिवार की मुख्य कड़ी है। महिला स्वास्थ्य, खान-पान, दिनचर्या और होने वाली छोटी-बड़ी हर समस्याओं पर विशेष ध्यान देना अनिवार्य है। महिला के बिना समृद्ध और खुशहाल परिवार की कल्पना भी नहीं की जा सकती।