गर्भावस्था को लेकर बहुत से महिलाओं में संदेह सा बना रहता है। महिला गर्भवती होने पर पहले और दूसरे सप्ताह में कुछ खास लक्षण होने आरम्भ हो जाते हैं। इस दौरान गर्भ ठहरने से भ्रूण विकास होना आरम्भ हो जाता है। गर्भ ठहरने पर क्रोनिक गोडोट्रोपिन होर्मोंनस बनने से महिलाओं में आम लक्षण और बदलाव आना स्वाभाविक है। प्रेग्नेंट होने पर कुछ खास आम लक्षणों से गर्भ ठहरने का पता आसानी लगाया जा सकता है। जिससे महिलाएं होने वाले बच्चे के प्रति जागरूक हो जायें। जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ रहें। और मां स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सके।
गर्भावस्था के सामन्य लक्षण / Early Signs of Pregnancy / Garbati ke Lakshan

पीरियड आना बंद होना
गर्भ ठहरने पर पीरियड़ का आना बंद हो जाता है। यह पहला आम लक्षण है। महिलाओं में हल्की ब्लीड़िग हो सकती है। माहवरी नहीं आने को परी तरह से गर्भ ठहरना नहीं मना जा सकता है। परन्तु आमतौर पर गर्भ ठहरने पर माहवरी बंद हो जाती है। और योनि में ऐंठन की स्थिति बन जाती है।
उल्टी और जी मिचलना
पीरियड़ बंद होने के साथ-साथ महिलाओं में उल्टी और जी मिचलाने के समस्या गर्भ ठहरने की ओर संकेत करते हैं
स्वाद नहीं लगना
गर्भ ठहरने पर मुंह का स्वाद बदल जाता है। खाने-पीने की चीजों का जायका स्वाद पहले से भिन्न लगने लगता है। अधिकत्तर महिलाएं खट्टी चीजें सेवन करना पसंद करती हैं।
गैस कब्ज बनना
गर्भ ठहरने पर पेट गैस और छाती में हल्की जलन के लक्षण भी होते हैं। गर्भ ठहरने से पाचन क्रिया में बदलाव आना और कब्ज रहने की समस्या भी आम लक्षण है।
बार-बार पेशाब आना
अकसर गर्भ ठहरने पर हार्मोंस बदलाव एक आरंभिक प्रक्रिया है। भ्रूण विकास के कारण बार-बार पेशाब आने की समस्या होने लगती है।
स्तनों का आकार बदलना
गर्भ ठहरने पर महिलाओं में प्राकृतिक रूप से स्तनों के आकार में बदलाव होना आम लक्षण है। और स्तनों में दर्द गांठ की समस्या होती है।
थकान, तनाव और चिड़चिड़ापन
अधिकत्तर महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थकान, तनाव और चिड़चिड़ापन समस्या होने लगती है। इस स्थिति में परिवारजन, पुरूर्षों को गर्भवती का खास ध्यान रखना होता है। तनाव चिड़चिडेपन का असर जच्चा-बच्चा दोनों पर पड़ सकता है।
सरदर्द और सांस दिक्कत
गर्भ ठहरने पर सरदर्द और सांस लेने की समस्या भी एक तरह से आम लक्षण है।
यह उपरोक्त लक्षणों से गर्भ ठहरने का पता आसानी से लगाया जा सकता है। परन्तु यदि फिर भी कुछ संदेह होता है तो प्रेग्नेंसी किट, टयूब या घरेलू तरीकों से early pregnancy test भी आसानी से किया जा सकता है। प्रेग्नेंट होने पर समय पर जच्चा-बच्चा केंद्र जांच करवायें। और स्त्री चिकित्सक (एक्सपर्ट) से डाईट चार्ट बनायें। स्वस्थ मां और बच्चे के लिए संतुलित पौष्टिक आहार अति जरूरी है।
गर्भ ठहरने पर पीरियड़ का आना बंद हो जाता है। यह पहला आम लक्षण है। महिलाओं में हल्की ब्लीड़िग हो सकती है। माहवरी नहीं आने को परी तरह से गर्भ ठहरना नहीं मना जा सकता है। परन्तु आमतौर पर गर्भ ठहरने पर माहवरी बंद हो जाती है। और योनि में ऐंठन की स्थिति बन जाती है।
उल्टी और जी मिचलना
पीरियड़ बंद होने के साथ-साथ महिलाओं में उल्टी और जी मिचलाने के समस्या गर्भ ठहरने की ओर संकेत करते हैं
स्वाद नहीं लगना
गर्भ ठहरने पर मुंह का स्वाद बदल जाता है। खाने-पीने की चीजों का जायका स्वाद पहले से भिन्न लगने लगता है। अधिकत्तर महिलाएं खट्टी चीजें सेवन करना पसंद करती हैं।
गैस कब्ज बनना
गर्भ ठहरने पर पेट गैस और छाती में हल्की जलन के लक्षण भी होते हैं। गर्भ ठहरने से पाचन क्रिया में बदलाव आना और कब्ज रहने की समस्या भी आम लक्षण है।
बार-बार पेशाब आना
अकसर गर्भ ठहरने पर हार्मोंस बदलाव एक आरंभिक प्रक्रिया है। भ्रूण विकास के कारण बार-बार पेशाब आने की समस्या होने लगती है।
स्तनों का आकार बदलना
गर्भ ठहरने पर महिलाओं में प्राकृतिक रूप से स्तनों के आकार में बदलाव होना आम लक्षण है। और स्तनों में दर्द गांठ की समस्या होती है।
थकान, तनाव और चिड़चिड़ापन
अधिकत्तर महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थकान, तनाव और चिड़चिड़ापन समस्या होने लगती है। इस स्थिति में परिवारजन, पुरूर्षों को गर्भवती का खास ध्यान रखना होता है। तनाव चिड़चिडेपन का असर जच्चा-बच्चा दोनों पर पड़ सकता है।
सरदर्द और सांस दिक्कत
गर्भ ठहरने पर सरदर्द और सांस लेने की समस्या भी एक तरह से आम लक्षण है।
यह उपरोक्त लक्षणों से गर्भ ठहरने का पता आसानी से लगाया जा सकता है। परन्तु यदि फिर भी कुछ संदेह होता है तो प्रेग्नेंसी किट, टयूब या घरेलू तरीकों से early pregnancy test भी आसानी से किया जा सकता है। प्रेग्नेंट होने पर समय पर जच्चा-बच्चा केंद्र जांच करवायें। और स्त्री चिकित्सक (एक्सपर्ट) से डाईट चार्ट बनायें। स्वस्थ मां और बच्चे के लिए संतुलित पौष्टिक आहार अति जरूरी है।