Reetha or Ritha : रीठा के औषधीय पौधे लगभग पूरे भारतवर्ष में पाये जाते हैं। रीठा को अरीठा से भी पुकारा जाता है। रीठा का उपयोग साबुन, शैम्पू, तेल, डिटेरजेंट, मैटल क्लिीनिंग, हाउस क्लिीनिंग से लेकर ब्यूटी प्रोड्क्स तैयार करने किया जाता है।
रीेठा सफाई एजेंट और मेडिसिन दोनों तरह से इस्तेमाल होता है। आमतौर पर रीठा से बने प्रोड्क्स काफी प्रचलित हैं। रीठा फल दाने आंवले के आकार से थोड़ा छोटे होते हैं। रीठा सूखने पर बीज अन्दर ही अलग हो जाता है। बाहारी छिलका सख्त हो जाता है, फिर छिलका - बीज अलग - अलग कर दिया जाता है।
बीज और छिलका तेल, पाउडर, शैम्पू, मेडिसन, ब्यूटी प्रोड्क्स तैयार करने में किया जाता है। रीठा से बने नैचुरल प्रोड्क्स की मांग विश्व स्तर पर तेजी से बढ़ रही है। रीठा का उपयोग बड़ी-बड़ी कम्पनियां ब्रांडेड प्रोड्क्स तैयार करने में करती हैं।

रीठा पौधे लगभग 18 से 20 मीटर तक ऊंचे होते हैं। रीठा रंग में गहरे गेहुंआ या गहरे भूरे रंग में होते हैं। स्वाद में तीखा कड़वा होता है। फल 2-3 गुच्दे में आपस में जुड़े होते हैं। पत्ते गूलर के पत्तों की तरह होते हैं। रीठा की दो प्रजातिंया होती है। पहली प्रजाति सापीन्टूस् मूकोरोस्सी और दूसरी प्रजाति सापीन्टूस् त्रीफ़ोल्यातूस् है।
रीठा उपयोग / Wonder Benefits And Uses of Reetha (Soapnut)
- रीठा छिलकों को उबालकर दर्द निवारण सेकन काढ़ा बनाना।
- रीठा छिलके काढ़े से बालों को धोना।
- रीठा पाउडर और आंवला पाउडर पेस्ट बालों पर लगाना।
- रीठा तेल से त्वचा और बालों पर मालिश।
- रीठा छिलका भून कर सेवन करना।
- रीठा कोमल पत्ते सेवन करना।
- कच्चा हरा रीठा सेवन।
- रीठा नींम दंत मंजन करना।
रीठा प्रयोग से फायदे / Soapnut / Reetha se Fayde / Reetha Benefits
- त्वचा से पिंपल्स और ब्लैक हेड्स मिटाने में रीठा खास सहायक है।
- एजर्जी, एक्जिमा, सोरायसिस स्किन समस्याओं में रीठा फायदेमंद है।
- शिशुओं में डायपर, सख्त कपड़ों के चकत्ते, रेशों को तुरन्त ठीक करने रीठा लाभदायक है।
- बालों की कमजोरी, और दोमुखी बालों, हेयर फाॅल को रोकने में रीठा पाडडर और आॅयल खास फायदेमंद है। रीठा बालों के लिए रिच हेयर टाॅनिक है। रीठा में विटामिन ए, डी, ई, सी एक साथ मौजूद है।
- जूॅ और डैंड्फ होने पर रीठा पाउडर पेस्ट और रीठा तेल लगाना फायदेमंद है। रीठा बालों को मजबूत, मुलायम और सिल्की बनाने में खास सहायक है।
- रीठा प्राकृतिक रूप से डिटजैंट है। रीठा साफ सफाई प्रभावशाली डिटजैंट है। इसके अलावा रीठा साबुन, क्रीम, रासायनिक डिटजैंट तैयार करने में किया जाता है।
- पाईल्स बीमारी में रीठा अचूक औषधि है। सूखे रीठे के बीज अलग कर दें। रीठा छिलको को तबे या लोहे के बर्तन में अच्छे से भूने, रीठे जलने पर चूर्ण कांच शीशी में रख लें। रोज सुबह शाम 10 ग्राम भुनी रीठा पाउडर, 15 ग्राम बबूल कत्था 15 ग्राम मक्खन के साथ सेवन करें। मात्र 10-15 दिनों में पुरानी से पुरानी पाईल्स ठीक करने में सहायक है।
- रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में कच्चे रीठा फायदेमंद है। कच्चे रीठा एक तरह रिच एंटीआॅक्सीडेंट है। कैंसर, कोलेस्ट्राॅल, नसों की ब्लाॅकेज रोकने में सहायक है। रीठा साल्मोनेलो और ईकोली रोग घटकों को रोकता है। और संक्रमण रोगों को शरीर से दूर रखने में सहायक है।
- डायबिटीज में कच्चे रीठा बीज और कोमल पत्ते सेवन करना फायदेमंद है। डायबिटीज मरीज के लिए रीठा नेचुरल इंसुलिन की तरह है।
- रीठा छिलके और अंकुरित आम की गुठली पेस्ट बिच्छू, सांप, कुत्ते के दंत विष निकालने में सहायक है।
- गठिया, जोडों के दर्द में रीठा तेल, नमक को गर्म पानी के साथ मिलाकर ग्रसित अंगों पर सेकन करें। यह एक तरह से नेचुरल दर्द निवारण है।
- बालों को मुलायम, मजबूत, सुन्दर बनाने में रीठा काढ़ा से बाल धोना फायदेमंद है, और रीठा काढ़ा से गठिया, जोड़ों के दर्द सूजन जगह पर खूब सिकाई करें। रीठा अचूक औषधि रूप है।
- दांतों में दर्द, जाड़ दर्द , दांतों पर कीड़ा लगने की समस्या में रीठा छिलका पाउडर और नींम बीज छिलका पाउडर से दांतुन करना फायदेमंद है। नींम और रीठा दांतों की बीमारियों को जड़ से मिटाने में सहायक है।
- रीठा तेल, बीज, कोमल पत्ते - माइग्रेन, सुरोसिस, एक्लोरोसिस, साल्मोनेलो, साल्वेशन और मिर्गी में फायदेमंद है।
रीठा उपयोग में सावधानियां
- रीठा को आंखों में लगने से बचायें। रीठा आंखों के लिए हानिकारक है।
- रीठा सेवन 5 साल से छोटे बच्चों के लिए मना है।
- रीठा सेवन गर्भावस्था में मना है। रीठा गर्भपात करा सकता है।
- थायराइड में रीठा सेवन नहीं करें।
- एक दिन में केवल 15 से 20 ग्राम तक रीठा सेवन किया जा सकता है।
- अधिक मात्रा में रीठा सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है।