त्रिफला एक महाऔषधि: त्रिफला एक ऐसी रामबाण औषधि रूप है, जोकि कई बीमारियों को जड़ से मिटाने में सक्षम है। त्रिफला औषधि प्रकृति द्धारा प्रदान किसी उपहार से कम नहीं है। त्रिफला विभिन्न प्रकार के चूर्ण, सिरप और दवाईयां तैयार करने में किया जाता है।
बहुत सी ब्रांडेड कम्पनियों के त्रिफला से बने प्रोडक्ड्स - गोलियां, कैप्सूल्स, सिरप और चूर्ण बाजार में उपलब्ध हैं। त्रिफला का हेल्थ डेस्क में विशेष स्थान है। त्रिफला प्राचीनकाल से ही आर्युवेद में खास हर्बल औषधि रूप में है। त्रिफला औषधि से वैद्य ऋषिमुनि कई बीमारियों का उपचार करते थे। आयुर्वेदिक चिकित्सा में सदियों पहले से त्रिफला का इस्तेमाल होता आया है। त्रिफला चूर्ण आयुर्वेदिक औषधि है। त्रिफला चूर्ण की खुराक के बारे में विस्तार इस प्रकार से है:
त्रिफला क्या है ?
त्रिफला तीन औषधि बहेड़ा, आंवला और हरड़ के सूखे छिलकों का पाउडर मिलाकर बनाया जाता है। यानिकि तीन फलों (बहेड़ा, आंवला और हरड) के मिश्रण को त्रिफला कहा जाता है। त्रिफला औषधि में गैलिक एसिड, एलाजिक एसिड, शेबुलिनिक एसिड, फ्लैवोनोइड्स, पाॅलीफेनाॅल और खनिज तत्व जैसे खास गुण मौजूद हैं। जोकि एंटीबैक्टीरियल, एंटी इंफ्फलैमेन्टरी, एंटीडाइरियल, एंटीबायोटिक और एंटीआक्सीडेंट का रिच स्रोत है। आर्युवेद में त्रिफला को महाऔषधि भी कहा जाता है।त्रिफला सेवन कैसे करना चाहिए
त्रिफला चूर्ण - और काढ़ा दोनों ही सेवन किये जाते हैं।
त्रिफला चूर्ण सेवन विधि / Triphala Churna Vidhi
त्रिफला चूर्ण को गर्म पानी / गौमूत्र / ईसबगोल भूसी / गर्म दूध / के साथ सेवन किया जाता है। त्रिफला चूर्ण दिन में केवल दो बार ही सेवन कर सकते हैं। एक बार में लगभग आधा चम्मच ही त्रिफला चूर्ण सेवन किया जा सकता है।
- एक गिलास दूध, दो चम्मच ईसबगोल भूसी को दो चम्मच गौमूत्र और आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण।
- या
- एक गिलास गर्म पानी और आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
- या
- खुराक के तौर पर सप्ताह में 3 बार 10 ग्राम त्रिफला, 20 ग्राम शहद और आधा गिलास गुनगुना पानी (लगभग 250 एम.एल.) के साथ मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
त्रिफला चूर्ण तैयार करने की विधि
सामग्री अनुपात
यह 6 महीने के लिए चूर्ण तैयार हो जाता है। यदि इतना चूर्ण आप बाजार से खरीदते हैं तो उसकी कीमत हजारों में देने पड़ सकती है। और बाजार के तैयार Triphala Churna की शुद्धता की गांरटी भी नहीं होती। अपने हाथों से शुद्ध और सुरक्षित त्रिफला चूर्ण बना सकते हैं।
या
1 चम्मच त्रिफला चूर्ण, स्वाद अनुसार काला नमक, 1 इंच पिसी अदरक का काढ़ा बनाकर पीयें। त्रिफला काढ़ा ज्यादा असरदार होता है।
- 30 ग्राम हरड़
- 50 ग्राम बहेड़ा
- 70 ग्राम आंवला
- 10 ग्राम सेंधा नमक
- 5 ग्राम सादा नमक
यह 6 महीने के लिए चूर्ण तैयार हो जाता है। यदि इतना चूर्ण आप बाजार से खरीदते हैं तो उसकी कीमत हजारों में देने पड़ सकती है। और बाजार के तैयार Triphala Churna की शुद्धता की गांरटी भी नहीं होती। अपने हाथों से शुद्ध और सुरक्षित त्रिफला चूर्ण बना सकते हैं।
त्रिफला काढ़ा
ताजे बहेड़ा, आंवला और हरड फलों को बारीक पीसकर चुटकी भर काला नमक मिलाकर हल्की आंच में पकाकर गुनगुना होने पर पीयें।या
1 चम्मच त्रिफला चूर्ण, स्वाद अनुसार काला नमक, 1 इंच पिसी अदरक का काढ़ा बनाकर पीयें। त्रिफला काढ़ा ज्यादा असरदार होता है।
त्रिफला का उपयोग और लाभ / Triphala ka upyog, Triphala Chran Benefits, Triphala ek Aushadhi, Triphala churna benefits in hindi
रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ाये त्रिफला
त्रिफला एंटीबायोटिक, एंटीफंगल और एंटी सेप्टिक गुणों का रिच स्रोत है। जोकि बीमारियों को मिटाने में प्रभावशाली औषधि रूप है। और बदलते मौसम में संक्रमण - वायरल, खांसी-जुकाम को मिटाने का अच्छा माध्यम है। लगातार बीमारियों से ग्रसित रहने पर त्रिफला अवश्य सेवन करें। त्रिफला एंटीजन को नष्ट करने और एंटीबाॅडी बिल्ड़िग में सहायक है। त्रिफला सेवन शरीर में पनपने वाले बैक्टीरिया, संक्रमण, कीटाणुओं का सफाया करने का अच्छी कारगर औषधि है। त्रिफला एक तरह से रक्तशोधक है।
पेट बीमारियां मिटाये त्रिफला
गैस - कब्ज, एसिडिटी, अपचन, आंतों में सूजन, कमजोर पाचन जैसी समस्याओं के लिए त्रिफला चूर्ण - काढ़ा खास सहायक है। त्रिफला चूर्ण गौमूत्र, गर्म पानी, गर्म दूध के साथ लेना ज्यादा फायदेमंद है। लम्बे समय से कब्ज और एसिडिटी से ग्रसित व्यक्ति के लिए आधा चम्मच त्रिफला चूर्ण को 2 चम्मच ईसबगोल भूसी गुनगुने पानी के साथ भोजन से 2 घण्टे पहले सेवन करना फायदेमंद है।सर्दी जुकाम खांसी, संक्रमण में त्रिफला
सर्दी जुकाम खांसी होने पर त्रिफला चूर्ण गर्म पानी या गर्म दूध के साथ सेवन करना फायदेमंद है। क्रोनिक कफ बलगम में त्रिफला काढ़ा सेवन ज्यादा फायदेमंद है।रक्त कमी दूर करे त्रिफला
शरीर में रक्त की कमी होने पर रोज दूध के साथ त्रिफला पाउडर सेवन करना फायदेमंद है। त्रिफला तेजी से हीमोग्लोबिन लेवल बढ़ाने में सक्षम है।उम्र बढ़ाये, स्वस्थ रखे त्रिफला
त्रिफला चूर्ण स्वस्थ्य व्यक्ति भी सप्ताह में 2-3 बार सेवन कर सकता है। त्रिफला रिच एंटीआॅक्सीडेंट है, जोकि मृत कोशिकाओं को पुन सक्रीय करने में सक्षम है। और नई रक्त कोशिकाओं का निर्माण करता है। जिससे त्वचा पर झुर्रियां, दाग, वल्स नहीं पड़ते हैं। त्वचा और शरीर सदाबहार जवान दिखता है। और व्यक्ति जल्दी बूढ़ा नही होता है। त्रिफला खास तौर पर कैंसर सेल्स को नष्ट करने में सहायक है।आंखों की रोशनी बढ़ाये त्रिफला
त्रिफला नेत्र ज्योति बढ़ाने का उत्तम स्रोत है। त्रिफला सादा चूर्ण जिसमें नमक नहीं हो। उसे पानी में भिगों कर रखें। फिर आंखें धायें। और त्रिफला चूर्ण गुनगुने पानी के साथ पीयें। त्रिफला आंखों की रोशनी बढ़ाने में आश्चर्यजनक औषधि रूप है।त्रिफला नेचुरल इंसुलिन
डायबिटीज मरीज के लिए त्रिफला चूर्ण काढ़ा किसी औषधि से कम नहीं है। डायबिटीज में त्रिफला प्राकृति इंसुलिन का कार्य करती है। और शर्करा लेवल नियंत्रण में रहता है।मुंह बदबू मिटाये त्रिफला
त्रिफला मुंह की दुर्गंध मिटाने का अच्छा माध्यम है। मुंह दुर्गंध समस्या होने पर एक चम्मच त्रिफला चूर्ण रात को भिगो कर रख दें। सुबह उठकर त्रिफला पानी छान कर पीयें। छने त्रिफला चूर्ण में हल्का नमक मिलाकर मन्जन करें। त्रिफला एक तरह से नेचुरल दंत मंजन की तरह है। मुंह की दुर्गंध पेट समस्याओं दांत रोगों को मिटाने में त्रिफला अचूक औषधि रूप है।मईग्रेन सरदर्द मिटाये त्रिफला
माईग्रेन सरदर्द समस्या में में आधा चम्मच त्रिफला, 4 बूंद नींम रस, 1 इंच गिलाय और 1 इंच अदरक पिसी अदरक को एक गिलास पानी में अच्छे से उबालें, गुनगुना ठंड़ा होने पर गुड़ के साथ पीयें। माईग्रेन सरदर्द मिटाने में त्रिफला काढ़ा सहायक है।रक्त साफ करे त्रिफला
त्वचा एलर्जी, खाज, संक्रमण, रक्त विषाक्त मिटाने में त्रिफला सेवन फायदेमंद है। त्रिफला रक्त साफ करने और दूषित पदार्थ निकालने में खास सहायक है। त्रिफला खास रक्तशोधक औषधि है।त्वचा के लिए त्रिफला
त्वचा से मुहांसे, दाग, झुर्रियां, सनबर्न साईड इफेक्टस मिटाने के लिए त्रिफला चूर्ण कच्चे दूध में भिगों कर रखें सुबह बारीक पीसकर चेहरे पर लेप करें। त्रिफला स्किन पिगमेन्टेशन में सहायक है। त्रिफला चूर्ण पाउडर को शहद के साथ भी त्वचा पर लगा सकते हैं।त्रिफला शीघ्र घटाये वजन घटाये
वजन मोटापा घटाने में त्रिफला के आश्चर्यजनक परिणाम होते हैं। त्रिफला चूर्ण और अजवाइन रात्रि भिगोकर रखें। सुबह उठकर थोड़ा उबाल कर गुनगुना होने पर पीयें। त्रिफला अजवाइन गुनगुना पानी तेजी से मोटापा वजन घटाने का उत्तम माध्यम है।पीलिया में त्रिफला
पीलिया होने पर चुटकीभर त्रिफला पाउडर एक गिलास गन्ने जूस के साथ सुबह-शाम पीना फायदेमंद है। गन्ना जूस और त्रिफला मिश्रण तेजी से पीलिया हटाने में सहायक है।ट्राइग्लिसराइड्स और काॅलेस्ट्राॅल नियंत्रण में त्रिफला
ट्राइग्लिसराइड्स और उच्च काॅलेस्ट्राॅल समस्या में त्रिफला गौमूत्र या गुनगुने पाने के साथ सेवन करना फायदेमंद है। ट्राइग्लिसराइड्स और उच्च काॅलेस्ट्राॅल समस्या में त्रिफला सेवन के प्रभावशाली परिणाम आते हैं। त्रिफला डी.एल.डी. लेवल तेजी से घटाने में सहायक पाया गया है। और गुड़ काॅलेस्ट्राॅल का निर्माण करता है।पाईल्स में त्रिफला पानी
पाईल्स बीमारी में त्रिफला पानी छानकर पीना फायदेमंद है। त्रिफला पानी धीरे-धीरे पाईल्स मस्से नष्ट करने में सहायक है।त्रिफला सेवन में सावधानियां
- गर्भवती महिलाओं के लिए त्रिफला सेवन मना है।
- पांच साल से छोटे बच्चों को त्रिफला नहीं दें।
- दस्त, पेचिश समस्या में त्रिफला सेवन मना है।
- दिन में केवल दो बार ही त्रिफला सेवन किया जा सकता है।
- त्रिफला को चबाकर नहीं खाना चाहिए। त्रिफला गुनगुने पानी, गौमूत्र, दूध या तरल पेय के साथ ही लिया जा सकता है।
- पाईल्स में त्रिफला चूर्ण चबाकर नहीं खायें। त्रिफला पानी छानकर पीना फायदेमंद है।
- गम्भीर नाजुक स्थिति में त्रिफला सेवन चिकित्सक की राय से करें।
- त्रिफला सीमित मात्रा में सेवन करें। अधिक मात्रा में सेवन करने से पेट दर्द, दस्त, उल्टी आदि साइड इफेक्टस हो सकते हैं। त्रिफला एक आयुर्वेदिक औषधि है